
कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना (3) के करीब रेस्क्यू टीमें पहुंच गई हैं। करीब 170 फीट गहराई में मौजूद टीम के कमांडर का दावा है कि जल्द ही चेतना को निकाल लेंगे। करीब 10 फीट की सुरंग खोद रही 6 जवानों की टीम को 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। वहीं, 7 दिन से बोरवेल में फंसी चेतना की कंडीशन को लेकर सब अधिकारी चुप हैं। वहीं, जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने दावा किया है कि ये राजस्थान का सबसे मुश्किल ऑपरेशन है। शनिवार को चेतना के परिवार-ग्रामीणों ने भी प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। 7 दिन से चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार (23 दिसंबर) दोपहर दो बजे चेतना खेलते हुए बोरवेल में गिर गई थी। वह करीब 150 फीट की गहराई में फंसी थी। चार देसी जुगाड़ के बाद उसे केवल 30 फीट ही ऊपर खींचा जा सका था। बोरवेल में गिरने के बाद से उसे पानी तक नहीं पहुंचाया जा सका है। मंगलवार (24 दिसंबर) शाम से वह कोई मूवमेंट भी नहीं कर रही है। अधिकारी बीते कई दिनों से उसके कैमरे की इमेज या विजुअल को भी नहीं दिखा रहे हैं। प्रशासन पर उठ रहे सवाल, गुढ़ा बोले – लेट कर दिया पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ाने कहा- बच्ची को बचाने में सभी लगे हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने लेट कर दिया। अगर घटना के तुरंत बाद ही ऑपरेशन युद्ध स्तर पर शुरू हो जाता तो इसका रिजल्ट हम ज्यादा बढ़िया देखते। जो तैयारी पिछले तीन दिन में हुई है, वो 6 दिन पहले होनी चाहिए थी। जिला कलेक्टर को तीन दिन लग गए यहां पहुंचने में, ये शर्म की बात है। अब देखिए रेस्क्यू से जुड़े PHOTOS… चेतना के रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… बोरवेल में गिरी चेतना को बचाने में 4 लापरवाही:29 घंटे चमत्कार के भरोसे थे अधिकारी; ऐसी चूक से 6 साल में 40 से ज्यादा मौतें
कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना (3) के करीब रेस्क्यू टीमें पहुंच गई हैं। करीब 170 फीट गहराई में मौजूद टीम के कमांडर का दावा है कि जल्द ही चेतना को निकाल लेंगे। करीब 10 फीट की सुरंग खोद रही 6 जवानों की टीम को 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। वहीं, 7 दिन से बोरवेल में फंसी चेतना की कंडीशन को लेकर सब अधिकारी चुप हैं। वहीं, जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने दावा किया है कि ये राजस्थान का सबसे मुश्किल ऑपरेशन है। शनिवार को चेतना के परिवार-ग्रामीणों ने भी प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। 7 दिन से चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार (23 दिसंबर) दोपहर दो बजे चेतना खेलते हुए बोरवेल में गिर गई थी। वह करीब 150 फीट की गहराई में फंसी थी। चार देसी जुगाड़ के बाद उसे केवल 30 फीट ही ऊपर खींचा जा सका था। बोरवेल में गिरने के बाद से उसे पानी तक नहीं पहुंचाया जा सका है। मंगलवार (24 दिसंबर) शाम से वह कोई मूवमेंट भी नहीं कर रही है। अधिकारी बीते कई दिनों से उसके कैमरे की इमेज या विजुअल को भी नहीं दिखा रहे हैं। प्रशासन पर उठ रहे सवाल, गुढ़ा बोले – लेट कर दिया पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ाने कहा- बच्ची को बचाने में सभी लगे हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने लेट कर दिया। अगर घटना के तुरंत बाद ही ऑपरेशन युद्ध स्तर पर शुरू हो जाता तो इसका रिजल्ट हम ज्यादा बढ़िया देखते। जो तैयारी पिछले तीन दिन में हुई है, वो 6 दिन पहले होनी चाहिए थी। जिला कलेक्टर को तीन दिन लग गए यहां पहुंचने में, ये शर्म की बात है। अब देखिए रेस्क्यू से जुड़े PHOTOS… चेतना के रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… बोरवेल में गिरी चेतना को बचाने में 4 लापरवाही:29 घंटे चमत्कार के भरोसे थे अधिकारी; ऐसी चूक से 6 साल में 40 से ज्यादा मौतें