बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन संसद में वक्फ संशोधित बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश करने को लेकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में JPC चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस रिपोर्ट को पेश किया। इसे लेकर दोनों सदनों में विपक्ष ने आपत्ति जताई। इनका आरोप है कि जेपीसी रिपोर्ट में उनकी असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। ये असंवैधानिक है।’ आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘हमने अपना पक्ष रखा। इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं।’ इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई थी कि उनकी राय को इसमें नहीं जोड़ा गया। मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के सदस्य संसदीय कार्य प्रणाली के तहत जो कुछ भी जोड़ना चाहते हैं, वो जोड़ सकते हैं। उनकी पार्टी को इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है।’ जानिए रिपोर्ट पर सवाल कहां से और कैसे उठा… 2 फरवरी: कांग्रेस सांसद का दावा- रिपोर्ट से कुछ हिस्से डिलीट किए गए
कर्नाटक से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने 2 फरवरी को सोशल मीडिया X पर अपना असहमति नोट और फाइनल रिपोर्ट के कुछ पेज शेयर किए थे। उन्होंने लिखा- वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर जेपीसी के सदस्य के रूप में मैंने विधेयक का विरोध करते हुए एक असहमति नोट प्रस्तुत किया था। चौंकाने वाली बात यह है कि मेरे असहमति नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना एडिट किया गया है। JPC पहले ही तमाशा बनकर रह गई थी, लेकिन अब वे और भी नीचे गिर गए हैं। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर बिल पेश
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर बिल पेश किया। सरकार का दावा है कि यह मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट-1961 को सरल बनाकर आयकर कानून को आम लोगों के समझने योग्य बनाएगा और इससे जुड़ी मुकदमेबाजी घटेगी। नया इनकम टैक्स बिल मौजूदा इनकम टैक्स-1961 से आकार में छोटा है। हालांकि धाराएं और शेड्यूल ज्यादा हैं। 622 पन्नों के नए बिल में 23 चैप्टर में 536 धाराएं हैं और 16 शेड्यूल हैं, जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम में 298 धाराएं, 14 शेड्यूल हैं और यह 880 से अधिक पन्नों का है।
बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन संसद में वक्फ संशोधित बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश करने को लेकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में JPC चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस रिपोर्ट को पेश किया। इसे लेकर दोनों सदनों में विपक्ष ने आपत्ति जताई। इनका आरोप है कि जेपीसी रिपोर्ट में उनकी असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। ये असंवैधानिक है।’ आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘हमने अपना पक्ष रखा। इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं।’ इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई थी कि उनकी राय को इसमें नहीं जोड़ा गया। मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के सदस्य संसदीय कार्य प्रणाली के तहत जो कुछ भी जोड़ना चाहते हैं, वो जोड़ सकते हैं। उनकी पार्टी को इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है।’ जानिए रिपोर्ट पर सवाल कहां से और कैसे उठा… 2 फरवरी: कांग्रेस सांसद का दावा- रिपोर्ट से कुछ हिस्से डिलीट किए गए
कर्नाटक से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने 2 फरवरी को सोशल मीडिया X पर अपना असहमति नोट और फाइनल रिपोर्ट के कुछ पेज शेयर किए थे। उन्होंने लिखा- वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर जेपीसी के सदस्य के रूप में मैंने विधेयक का विरोध करते हुए एक असहमति नोट प्रस्तुत किया था। चौंकाने वाली बात यह है कि मेरे असहमति नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना एडिट किया गया है। JPC पहले ही तमाशा बनकर रह गई थी, लेकिन अब वे और भी नीचे गिर गए हैं। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर बिल पेश
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर बिल पेश किया। सरकार का दावा है कि यह मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट-1961 को सरल बनाकर आयकर कानून को आम लोगों के समझने योग्य बनाएगा और इससे जुड़ी मुकदमेबाजी घटेगी। नया इनकम टैक्स बिल मौजूदा इनकम टैक्स-1961 से आकार में छोटा है। हालांकि धाराएं और शेड्यूल ज्यादा हैं। 622 पन्नों के नए बिल में 23 चैप्टर में 536 धाराएं हैं और 16 शेड्यूल हैं, जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम में 298 धाराएं, 14 शेड्यूल हैं और यह 880 से अधिक पन्नों का है।