
बीकानेर में रविवार दोपहर 12.58 बजे भूकंप का झटका महसूस हुआ। भूकंप का केंद्र बीकानेर से 72 किलोमीटर दूर जसरासर के महरामसर में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे रहा। भारत के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 थी। अचानक आए भूकंप के झटकों से लोग सहम गए और एक-दूसरे को कॉल किया। अब तक कहीं से भी किसी तरह की जनहानि होने की सूचना नहीं है। मुरलीधर व्यास कॉलोनी में रहने वाली मीनाक्षी ने बताया कि अचानक सब कुछ हिल गया था। रामकुमार हर्ष ने बताया कि उन्हें भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। नोखा और लूणकरणसर में भी भूकंप का एहसास हुआ है। जलदाय विभाग के कर्मचारी श्याम नारायण रंगा ने बताया कि शहर में कई जगह झटके महसूस हुए हैं। सीसीटीवी कैमरे में भी धरती हिलने का नजारा कैद हुआ। भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। ग्राफिक्स से समझिए किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक…
बीकानेर में रविवार दोपहर 12.58 बजे भूकंप का झटका महसूस हुआ। भूकंप का केंद्र बीकानेर से 72 किलोमीटर दूर जसरासर के महरामसर में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे रहा। भारत के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 थी। अचानक आए भूकंप के झटकों से लोग सहम गए और एक-दूसरे को कॉल किया। अब तक कहीं से भी किसी तरह की जनहानि होने की सूचना नहीं है। मुरलीधर व्यास कॉलोनी में रहने वाली मीनाक्षी ने बताया कि अचानक सब कुछ हिल गया था। रामकुमार हर्ष ने बताया कि उन्हें भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। नोखा और लूणकरणसर में भी भूकंप का एहसास हुआ है। जलदाय विभाग के कर्मचारी श्याम नारायण रंगा ने बताया कि शहर में कई जगह झटके महसूस हुए हैं। सीसीटीवी कैमरे में भी धरती हिलने का नजारा कैद हुआ। भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। ग्राफिक्स से समझिए किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक…