केंद्र सरकार ने बुधवार को साफ किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े निजी कागजात (पेपर्स) प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) से गायब नहीं हैं, बल्कि उनका हमें पता है। सरकार ने कहा कि नेहरू के 51 कार्टन पेपर्स सोनिया गांधी के पास हैं। 2008 में गांधी परिवार के अनुरोध पर ये पेपर्स आधिकारिक तौर पर सौंपे गए थे। अब वे लौटा नहीं रही हैं। वे उनकी निजी संपत्ति नहीं, बल्कि देश की धरोहर हैं। सरकार ने सोनिया से पेपर्स वापस करने की मांग की है, ताकि नेहरू के समय के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रिकॉर्ड तक पहुंच आसान हो सके क्योंकि ये दस्तावेज पब्लिक आर्काइव में होने चाहिए, बंद दरवाजों के पीछे नहीं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने X पर एक पोस्ट में 15 दिसंबर को संसद में सांसद संबित पात्रा के उठाए सवाल का लिखित जवाब दिया। दरअसल, नेहरू पेपर्स भाजपा और कांग्रेस के बीच विवादित मुद्दा रहा है। संबित पात्रा ने संसद में कहा था कि नेहरू से जुड़े कागज प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय से गायब हैं। शेखावत के सोनिया गांधी से सवाल प्रधानमंत्री संग्रहालय में रखे जाने हैं दस्तावेज PMML सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं। संस्कृति मंत्रालय की X पर की गई पोस्ट में लिखा है- “जेएन पेपर्स पर 29.04.2008 के लेटर के मुताबिक सोनिया गांधी के प्रतिनिधि एमवी राजन ने रिक्वेस्ट की थी कि गांधी पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के सभी प्राइवेट पारिवारिक लेटर और नोट्स वापस लेना चाहती हैं। इसी के बाद नेहरू पेपर्स के 51 कार्टन उन्हें भेजे गए थे।” PMML तब से सोनिया गांधी के ऑफिस के साथ इन पेपर्स को वापस लेने के लिए लगातार बातचीत कर रहा है, जिसमें PMML से उन्हें भेजे गए लेटर, जिनकी तारीख 28-01-2025 और 03-07-2025 है, शामिल हैं। PMML के पास इनकी कस्टडी और नागरिकों और विद्वानों को रिसर्च के लिए इनकी पहुंच बहुत जरूरी है। नेहरू के निधन के बाद, राजधानी में तीन मूर्ति भवन नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) बन गया, जिसमें किताबों और दुर्लभ रिकॉर्ड का कलेक्शन था। 2023 में इसका नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय कर दिया गया। जयराम ने कहा था- सराकर माफी मांगे, शेखावत बोले- सोनिया से कहें वादा निभाएं इस पूरे विवाद पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सरकार खुद मान चुकी है कि कोई दस्तावेज गायब नहीं है, इसलिए अब उसे अपने झूठे आरोपों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने X पर लिखा- सच्चाई आखिरकार लोकसभा में सामने आ गई। क्या अब माफी मांगी जाएगी? इस पर शेखावत ने जवाब देते हुए लिखा है- आपके लिए सोनिया गांधी से यह आग्रह करना ज्यादा सही होगा कि वे अपना वादा निभाएं और ये कागजात PMML को लौटा दें। —————- ये खबर भी पढ़ें… नेहरू के कामों की ऑनलाइन लाइब्रेरी लाइव: इस पर 35,000 डॉक्यूमेंट्स, 3000 इलस्ट्रेशन जवाहरलाल नेहरू के चुने हुए कामों का डिजिटाइजेशन हो चुका है। जवाहरलाल नेहरू के चुने हुए काम अब 100 वॉल्यूम के पूरे सेट के साथ https://nehruarchive.in/ पर ऑनलाइन कर दिए गए हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री से जुड़े लगभग 35,000 डॉक्यूमेंट्स और लगभग 3000 इलस्ट्रेशन हैं, जिन्हें डिजिटाइज किया गया है और इन्हें फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। आर्काइव में वॉल्यूम 44 से आगे यानी सितंबर 1958 से उनके भाषण ओरिजिनल हिंदी में और एक इंग्लिश ट्रांसलेशन भी उपलब्ध हैं। उनके लेटर, स्पीच, इंटरव्यू, फाइलों पर एडमिनिस्ट्रेटिव नोटिंग, डायरी एंट्री और यहां तक कि डूडल भी शामिल हैं।पढ़ें पूरी खबर…
केंद्र सरकार ने बुधवार को साफ किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े निजी कागजात (पेपर्स) प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) से गायब नहीं हैं, बल्कि उनका हमें पता है। सरकार ने कहा कि नेहरू के 51 कार्टन पेपर्स सोनिया गांधी के पास हैं। 2008 में गांधी परिवार के अनुरोध पर ये पेपर्स आधिकारिक तौर पर सौंपे गए थे। अब वे लौटा नहीं रही हैं। वे उनकी निजी संपत्ति नहीं, बल्कि देश की धरोहर हैं। सरकार ने सोनिया से पेपर्स वापस करने की मांग की है, ताकि नेहरू के समय के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रिकॉर्ड तक पहुंच आसान हो सके क्योंकि ये दस्तावेज पब्लिक आर्काइव में होने चाहिए, बंद दरवाजों के पीछे नहीं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने X पर एक पोस्ट में 15 दिसंबर को संसद में सांसद संबित पात्रा के उठाए सवाल का लिखित जवाब दिया। दरअसल, नेहरू पेपर्स भाजपा और कांग्रेस के बीच विवादित मुद्दा रहा है। संबित पात्रा ने संसद में कहा था कि नेहरू से जुड़े कागज प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय से गायब हैं। शेखावत के सोनिया गांधी से सवाल प्रधानमंत्री संग्रहालय में रखे जाने हैं दस्तावेज PMML सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं। संस्कृति मंत्रालय की X पर की गई पोस्ट में लिखा है- “जेएन पेपर्स पर 29.04.2008 के लेटर के मुताबिक सोनिया गांधी के प्रतिनिधि एमवी राजन ने रिक्वेस्ट की थी कि गांधी पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के सभी प्राइवेट पारिवारिक लेटर और नोट्स वापस लेना चाहती हैं। इसी के बाद नेहरू पेपर्स के 51 कार्टन उन्हें भेजे गए थे।” PMML तब से सोनिया गांधी के ऑफिस के साथ इन पेपर्स को वापस लेने के लिए लगातार बातचीत कर रहा है, जिसमें PMML से उन्हें भेजे गए लेटर, जिनकी तारीख 28-01-2025 और 03-07-2025 है, शामिल हैं। PMML के पास इनकी कस्टडी और नागरिकों और विद्वानों को रिसर्च के लिए इनकी पहुंच बहुत जरूरी है। नेहरू के निधन के बाद, राजधानी में तीन मूर्ति भवन नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) बन गया, जिसमें किताबों और दुर्लभ रिकॉर्ड का कलेक्शन था। 2023 में इसका नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय कर दिया गया। जयराम ने कहा था- सराकर माफी मांगे, शेखावत बोले- सोनिया से कहें वादा निभाएं इस पूरे विवाद पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सरकार खुद मान चुकी है कि कोई दस्तावेज गायब नहीं है, इसलिए अब उसे अपने झूठे आरोपों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने X पर लिखा- सच्चाई आखिरकार लोकसभा में सामने आ गई। क्या अब माफी मांगी जाएगी? इस पर शेखावत ने जवाब देते हुए लिखा है- आपके लिए सोनिया गांधी से यह आग्रह करना ज्यादा सही होगा कि वे अपना वादा निभाएं और ये कागजात PMML को लौटा दें। —————- ये खबर भी पढ़ें… नेहरू के कामों की ऑनलाइन लाइब्रेरी लाइव: इस पर 35,000 डॉक्यूमेंट्स, 3000 इलस्ट्रेशन जवाहरलाल नेहरू के चुने हुए कामों का डिजिटाइजेशन हो चुका है। जवाहरलाल नेहरू के चुने हुए काम अब 100 वॉल्यूम के पूरे सेट के साथ https://nehruarchive.in/ पर ऑनलाइन कर दिए गए हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री से जुड़े लगभग 35,000 डॉक्यूमेंट्स और लगभग 3000 इलस्ट्रेशन हैं, जिन्हें डिजिटाइज किया गया है और इन्हें फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। आर्काइव में वॉल्यूम 44 से आगे यानी सितंबर 1958 से उनके भाषण ओरिजिनल हिंदी में और एक इंग्लिश ट्रांसलेशन भी उपलब्ध हैं। उनके लेटर, स्पीच, इंटरव्यू, फाइलों पर एडमिनिस्ट्रेटिव नोटिंग, डायरी एंट्री और यहां तक कि डूडल भी शामिल हैं।पढ़ें पूरी खबर…