
सुप्रीम कोर्ट ने देश में अपराध पीड़ित महिलाओं को शिकायत दर्ज करवाने में होने वाली परेशानी पर चिंता जताई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा, ‘आखिर पीड़ित महिला थाने क्यों जाए? महिलाओं की शिकायतें दर्ज करने के लिए देश में ऑनलाइन प्रणाली क्यों नहीं है?’ बेंच महिला सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस बनाने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं से सामाजिक व्यवहार के नियम, फ्री ऑनलाइन वल्गर कंटेंट पर पाबंदी और दुष्कर्मियों के बधियाकरण की सजा तय करने की मांग की गई है। कोर्ट ने केंद्र से 6 सप्ताह में हलफनामा मांगा है। वहीं, याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह सभी राज्यों में महिलाओं खासतौर पर महिला वकीलों से इस मुद्दे पर सुझाव मांगे। समस्याओं का समाधान एकत्रित कर उन्हें कोर्ट में पेश करे। कोर्ट रूम लाइव सेंट्रल एजेंसी हो, जहां महिलाएं ऑनलाइन शिकायत करें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि एक सेंट्रल एजेंसी होनी चाहिए, जहां महिलाएं ऑनलाइन शिकायतें भेज सकें। यह आप तय करें कि शिकायत पर कहां की पुलिस और कौनसा थाना कार्रवाई करेगा। थाने और जांच अधिकारी की सूचना आप पीड़िता को दे दें। इससे 2 चीजें हमेशा के लिए हल हो जाएंगी। न तो पीड़िताएं थाने जाने को मजबूर होंगी और न ही थानों के क्षेत्र का विवाद होगा। याचिकाकर्ता चाहे तो देश की सभी हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली महिला वकीलों की मदद लेकर इस पर सुझाव व विचार की एक रिपोर्ट कोर्ट को दे। याचिका में ये मांगें भी शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने देश में अपराध पीड़ित महिलाओं को शिकायत दर्ज करवाने में होने वाली परेशानी पर चिंता जताई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा, ‘आखिर पीड़ित महिला थाने क्यों जाए? महिलाओं की शिकायतें दर्ज करने के लिए देश में ऑनलाइन प्रणाली क्यों नहीं है?’ बेंच महिला सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस बनाने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं से सामाजिक व्यवहार के नियम, फ्री ऑनलाइन वल्गर कंटेंट पर पाबंदी और दुष्कर्मियों के बधियाकरण की सजा तय करने की मांग की गई है। कोर्ट ने केंद्र से 6 सप्ताह में हलफनामा मांगा है। वहीं, याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह सभी राज्यों में महिलाओं खासतौर पर महिला वकीलों से इस मुद्दे पर सुझाव मांगे। समस्याओं का समाधान एकत्रित कर उन्हें कोर्ट में पेश करे। कोर्ट रूम लाइव सेंट्रल एजेंसी हो, जहां महिलाएं ऑनलाइन शिकायत करें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि एक सेंट्रल एजेंसी होनी चाहिए, जहां महिलाएं ऑनलाइन शिकायतें भेज सकें। यह आप तय करें कि शिकायत पर कहां की पुलिस और कौनसा थाना कार्रवाई करेगा। थाने और जांच अधिकारी की सूचना आप पीड़िता को दे दें। इससे 2 चीजें हमेशा के लिए हल हो जाएंगी। न तो पीड़िताएं थाने जाने को मजबूर होंगी और न ही थानों के क्षेत्र का विवाद होगा। याचिकाकर्ता चाहे तो देश की सभी हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली महिला वकीलों की मदद लेकर इस पर सुझाव व विचार की एक रिपोर्ट कोर्ट को दे। याचिका में ये मांगें भी शामिल