राम मंदिर आंदोलन के संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया गया है। अंतिम दर्शन के लिए हिंदू धाम में पार्थिव देह को रखा गया है। वेदांती महाराज के उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने बताया- अंतिम यात्रा अयोध्या के हिंदू धाम से मंगलवार सुबह निकलेगी और राम मंदिर तक जाएगी। सरयू तट पर सुबह 10 बजे उन्हें जल समाधि दी जाएगी। डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार को निधन हो गया था। मध्य प्रदेश के रीवा में दोपहर 12.20 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 67 साल के थे। वेदांती की रीवा में रामकथा चल रही थी। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। सूत्रों के मुताबिक, अंतिम संस्कार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं। एयरलिफ्ट कर भोपाल लाने की तैयारी थी
डॉ. रामविलास दास वेदांती का दो दिन से रीवा के एक हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। सोमवार सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें एयरलिफ्ट करके भोपाल एम्स ले जाने की तैयारी थी। एयर एम्बुलेंस पहुंच भी गई, लेकिन कोहरे की वजह से लैंड नहीं कर सकी। डॉ. वेदांती का जन्म रीवा के गुढ़वा गांव में 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था। जब वे 12 साल के थे, तब अयोध्या आ गए थे। उनका पूरा जीवन यहीं पर बीता। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और जौनपुर की मछलीशहर सीट से वह दो बार भाजपा के सांसद भी रहे। डॉ. रामविलास वेदांती बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी थे। 2020 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था- विध्वंस के पीछे कोई साजिश नहीं थी। हालांकि मीडिया इंटरव्यू में डॉ. वेदांती बार-बार यही दावा करते रहे कि उन्हें विवादित ढांचा तुड़वाया था। डॉ. वेदांती के निधन से जुड़ी तस्वीरें देखिए- संस्कृत के विशिष्ट विद्वान, कई दशक तक रामकथा की
रामविलास वेदांती हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास के शिष्य थे। वे अयोध्या में हिंदू धाम नया घाट पर रहते थे। उनका एक आश्रम वशिष्ठ भवन भी है। रामलला और हनुमानगढ़ी के सामने उन्होंने कई दशक तक रामकथा की। संस्कृत के विशिष्ट विद्वान माने जाते थे। वे रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य भी रहे। वेदांती जब दो साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था। पिता राम सुमन त्रिपाठी पुरोहित थे। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के गुरु थे। डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…
राम मंदिर आंदोलन के संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया गया है। अंतिम दर्शन के लिए हिंदू धाम में पार्थिव देह को रखा गया है। वेदांती महाराज के उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने बताया- अंतिम यात्रा अयोध्या के हिंदू धाम से मंगलवार सुबह निकलेगी और राम मंदिर तक जाएगी। सरयू तट पर सुबह 10 बजे उन्हें जल समाधि दी जाएगी। डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार को निधन हो गया था। मध्य प्रदेश के रीवा में दोपहर 12.20 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 67 साल के थे। वेदांती की रीवा में रामकथा चल रही थी। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। सूत्रों के मुताबिक, अंतिम संस्कार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं। एयरलिफ्ट कर भोपाल लाने की तैयारी थी
डॉ. रामविलास दास वेदांती का दो दिन से रीवा के एक हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। सोमवार सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें एयरलिफ्ट करके भोपाल एम्स ले जाने की तैयारी थी। एयर एम्बुलेंस पहुंच भी गई, लेकिन कोहरे की वजह से लैंड नहीं कर सकी। डॉ. वेदांती का जन्म रीवा के गुढ़वा गांव में 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था। जब वे 12 साल के थे, तब अयोध्या आ गए थे। उनका पूरा जीवन यहीं पर बीता। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और जौनपुर की मछलीशहर सीट से वह दो बार भाजपा के सांसद भी रहे। डॉ. रामविलास वेदांती बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी थे। 2020 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था- विध्वंस के पीछे कोई साजिश नहीं थी। हालांकि मीडिया इंटरव्यू में डॉ. वेदांती बार-बार यही दावा करते रहे कि उन्हें विवादित ढांचा तुड़वाया था। डॉ. वेदांती के निधन से जुड़ी तस्वीरें देखिए- संस्कृत के विशिष्ट विद्वान, कई दशक तक रामकथा की
रामविलास वेदांती हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास के शिष्य थे। वे अयोध्या में हिंदू धाम नया घाट पर रहते थे। उनका एक आश्रम वशिष्ठ भवन भी है। रामलला और हनुमानगढ़ी के सामने उन्होंने कई दशक तक रामकथा की। संस्कृत के विशिष्ट विद्वान माने जाते थे। वे रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य भी रहे। वेदांती जब दो साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था। पिता राम सुमन त्रिपाठी पुरोहित थे। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के गुरु थे। डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…