
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को भेजे गए ED के नोटिस पर रोक लगा दी है। पार्वती को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) जमीन घोटाला केस में ED ने नोटिस जारी किया था। उन्हें ED के बेंगलुरु ऑफिस में 28 जनवरी को सुबह 11 बजे सबूत और रिकॉर्ड पेश करने के लिए बुलाया गया था। पार्वती और मंत्री भारती सुरेश ने ED के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। जस्टिस नागप्रसन्ना ने 10 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई तक ED के नोटिस पर रोक लगा दी है। ED के अतिरिक्त निदेशक मुरलीकन्नन ने बताया कि पार्वती के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत जांच की जा रही है। दरअसल, MUDA पर कई लोगों को कम कीमत में प्रॉपर्टियां देने का आरोप है। इनमें पार्वती को मैसूर में पॉश इलाके में दी गईं 14 साइट्स भी शामिल हैं। ये साइट्स मैसूर के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले दी गई थीं। 14 साइट्स 3 लाख 24 हजार 700 रुपए में आवंटित की गई थीं। हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले की जांच इंडिपेंडेंट एजेंसी को देने के मामले में फैसला सुरक्षित रखा कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया कि MUDA केस CBI जैसी किसी इंडिपेंडेंट एजेंसी को ट्रांसफर करना चाहिए या नहीं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि पुलिस राज्य सरकार के तहत आती है। ऐसे में उससे उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह मुख्यमंत्री और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ ईमानदारी से जांच करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- CM की पत्नी ED से बच नहीं सकतीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी और बिरथी सुरेश ED से बच नहीं सकते। उन्होंने कहा- खबर है कि लोकायुक्त ने इस मामले में सिद्धारमैया और अन्य को क्लीन चिट देते हुए हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की है। विजयेंद्र ने कहा कि ED का नोटिस सिद्धारमैया के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि वे केस को बंद करवाने की कोशिश में थे। सिद्धारमैया ने कहा था- भाजपा सरकार में पत्नी को जमीन मिली आरोपों पर सिद्धारमैया ने कहा था – 2014 में जब मैं CM था तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। मैंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं CM हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन ना किया जाए। 2020-21 में जब भाजपा की सरकार थी, तब पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई। भाजपा सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है। ED ने 300 करोड़ की संपत्तियां जब्त की थीं ED ने 17 जनवरी को CM सिद्धारमैया और अन्य की 300 करोड़ कीमत की अचल संपत्तियां जब्त की थीं। जांच एजेंसी ने बताया था कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई है। इसके तहत इन लोगों की 142 प्रॉपर्टियां सीज की गई थीं। ED के जारी बयान में कहा था- जब्त की गई संपत्तियां अलग-अलग लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। ये लोग रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के तौर पर रूप में काम कर रहे हैं। MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं ————————————— MUDA स्कैम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… खड़गे के बेटे ने कर्नाटक सरकार को जमीन लौटाई, ट्रस्ट के लिए दी गई थी 5 एकड़ जमीन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल एम खड़गे ने कर्नाटक सरकार को पांच एकड़ जमीन लौटाने का फैसला किया है, जो खड़गे परिवार के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को दी गई थी। राहुल ने यह कदम मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) स्कैम की जांच के बीच उठाया है। पूरी खबर पढ़ें…
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को भेजे गए ED के नोटिस पर रोक लगा दी है। पार्वती को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) जमीन घोटाला केस में ED ने नोटिस जारी किया था। उन्हें ED के बेंगलुरु ऑफिस में 28 जनवरी को सुबह 11 बजे सबूत और रिकॉर्ड पेश करने के लिए बुलाया गया था। पार्वती और मंत्री भारती सुरेश ने ED के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। जस्टिस नागप्रसन्ना ने 10 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई तक ED के नोटिस पर रोक लगा दी है। ED के अतिरिक्त निदेशक मुरलीकन्नन ने बताया कि पार्वती के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत जांच की जा रही है। दरअसल, MUDA पर कई लोगों को कम कीमत में प्रॉपर्टियां देने का आरोप है। इनमें पार्वती को मैसूर में पॉश इलाके में दी गईं 14 साइट्स भी शामिल हैं। ये साइट्स मैसूर के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले दी गई थीं। 14 साइट्स 3 लाख 24 हजार 700 रुपए में आवंटित की गई थीं। हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले की जांच इंडिपेंडेंट एजेंसी को देने के मामले में फैसला सुरक्षित रखा कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया कि MUDA केस CBI जैसी किसी इंडिपेंडेंट एजेंसी को ट्रांसफर करना चाहिए या नहीं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि पुलिस राज्य सरकार के तहत आती है। ऐसे में उससे उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह मुख्यमंत्री और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ ईमानदारी से जांच करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- CM की पत्नी ED से बच नहीं सकतीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी और बिरथी सुरेश ED से बच नहीं सकते। उन्होंने कहा- खबर है कि लोकायुक्त ने इस मामले में सिद्धारमैया और अन्य को क्लीन चिट देते हुए हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की है। विजयेंद्र ने कहा कि ED का नोटिस सिद्धारमैया के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि वे केस को बंद करवाने की कोशिश में थे। सिद्धारमैया ने कहा था- भाजपा सरकार में पत्नी को जमीन मिली आरोपों पर सिद्धारमैया ने कहा था – 2014 में जब मैं CM था तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। मैंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं CM हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन ना किया जाए। 2020-21 में जब भाजपा की सरकार थी, तब पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई। भाजपा सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है। ED ने 300 करोड़ की संपत्तियां जब्त की थीं ED ने 17 जनवरी को CM सिद्धारमैया और अन्य की 300 करोड़ कीमत की अचल संपत्तियां जब्त की थीं। जांच एजेंसी ने बताया था कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई है। इसके तहत इन लोगों की 142 प्रॉपर्टियां सीज की गई थीं। ED के जारी बयान में कहा था- जब्त की गई संपत्तियां अलग-अलग लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। ये लोग रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के तौर पर रूप में काम कर रहे हैं। MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं ————————————— MUDA स्कैम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… खड़गे के बेटे ने कर्नाटक सरकार को जमीन लौटाई, ट्रस्ट के लिए दी गई थी 5 एकड़ जमीन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल एम खड़गे ने कर्नाटक सरकार को पांच एकड़ जमीन लौटाने का फैसला किया है, जो खड़गे परिवार के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को दी गई थी। राहुल ने यह कदम मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) स्कैम की जांच के बीच उठाया है। पूरी खबर पढ़ें…