कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की न्यूयॉर्क के नए मेयर जोहरान ममदानी के साथ व्हाइट हाउस में हुई मीटिंग की तारीफ की है और उनकी मुलाकात का शनिवार को वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा, ‘लोकतंत्र को ऐसे ही काम करना चाहिए। चुनाव में अपने विचारों के लिए पूरी ताकत से लड़िए, लेकिन नतीजे आने के बाद देशहित में साथ मिलकर काम कीजिए। एक-दूसरे के साथ सहयोग करना सीखें। मैं भारत में भी ऐसा ही देखना चाहता हूं।’ थरूर के इस बयान को कांग्रेस के अंदर चल रहे विवादों से जोड़कर देखा जा रहा है। उधर, भाजपा थरूर के इस बयान की तारीफ कर रही है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि थरूर ने पोस्ट के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं को याद दिलाया है कि वे गांधी परिवार के बजाय देश को पहले रखें। अब पढ़िए थरूर का पोस्ट… ट्रम्प और ममदानी के बीच ऐसा क्या हुआ, थरूर ने उदाहरण क्यों दिया दरअसल न्यूयॉर्क मेयर चुनाव के बाद ममदानी 21 नवंबर को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने के लिए पहुंचे थे। मीडिया ने ममदानी से पूछा कि क्या वे अभी भी ट्रम्प को फासिस्ट (तानाशाह) मानते हैं। इस पर ट्रम्प ने कहा- “कोई बात नहीं, हां कह दो। यह समझाने से आसान है। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता।” रिपोर्टर ने पूछा कि ममदानी कार्बन उत्सर्जन पर सवाल उठाते रहे हैं, फिर वह वॉशिंगटन हवाई जहाज में क्यों आये? इस पर ट्रम्प ने कहा कि ममदानी बहुत मेहनत करते हैं और उनका यहां आना जरूरी था, इसमें कुछ गलत नहीं है। यह मोमेंट इसलिए खास था क्योंकि न्यूयॉर्क मेयर इलेक्शन के दौरान दोनों ने एक दूसरे को लेकर काफी तल्ख बयानबाजी की थी। ट्रम्प ने ममदानी को ‘कम्युनिस्ट पागल’ और ‘जिहादी’ कहा था, वहीं ममदानी ने ट्रम्प को ‘तानाशाह’ और ‘फासिस्ट’ बताया था। पूरी खबर पढ़ें वो 8 मौके, जब थरूर ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए 8 नवंबरः आडवाणी को एक घटना तक सीमित करना सही नहीं 8 नवंबर को लाल कृष्ण आडवाणी का 98वां जन्मदिन था। थरूर ने X पर आडवाणी के साथ वाली अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी। उन्होंने लिखा- लालकृष्ण आडवाणी जी को उनके 98वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उनकी विनम्रता और शालीनता और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है। एक सच्चे राजनेता, जिनका सेवामय जीवन अनुकरणीय रहा है। पूरी खबर पढ़ें.. 3 नवंबरः भारत में पॉलिटिक्स फैमिली बिजनेस थरूर ने 3 नवंबर को भारत की वंशवादी राजनीति की आलोचना की। उन्होंने ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन प्रोजेक्ट सिंडिकेट में लिखे अपने लेख में कहा- भारत में राजनीति फैमिली बिजनेस बन गई है। जब तक राजनीति परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी, तब तक लोकतांत्रिक सरकार का असली मतलब पूरा नहीं हो सकेगा। पूरी खबर पढ़ें.. 6 सितंबरः थरूर बोले, PM के नए लहजे का स्वागत- थरूर ने भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की सराहना की थी। थरूर ने केरल के तिरुवनंतपुरम में न्यूज एजेंसी ANI से कहा था- मैं इस नए लहजे का एहतियात के साथ स्वागत करता हूं। 10 जुलाईः थरूर ने इमरजेंसी को काला अध्याय बताया- शशि थरूर ने मलयालम भाषा के अखबार ‘दीपिका’ में प्रकाशित आर्टिकल लिखा था कि इमरजेंसी को सिर्फ भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में याद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इससे सबक लेना जरूरी है। उन्होंने नसबंदी अभियान को मनमाना और क्रूर फैसला बताया। 23 जूनः थरूर ने लिखा, मोदी की ऊर्जा भारत के लिए संपत्ति- थरूर ने द हिंदू में पब्लिश एक आर्टिकल में लिखा था कि मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छा वैश्विक मंच पर भारत के लिए प्रमुख संपत्ति बनी हुई है, लेकिन उन्हें और ज्यादा सपोर्ट मिलना चाहिए। 8 मई: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र की तारीफ की थी- सांसद शशि थरूर ने X पर लिखा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की। 19 मार्च: थरूर ने कहा- मोदी जेलेंस्की-पुतिन को गले लगा सकते हैं- थरूर ने रायसीना डायलॉग में बोलते हुए कहा- भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का विरोध करना उनकी गलती थी। 15 फरवरी 2025: मोदी के अमेरिकी यात्रा की सराहना की थी- कांग्रेस सांसद ने 15-16 फरवरी को PM मोदी के अमेरिका दौरे पर कहा कि इस यात्रा से कुछ अच्छा हासिल हुआ है। व्यापार और सुरक्षा सहयोग में प्रगति हुई। मैं इसे एक भारतीय के रूप में सराहना करता हूं। ———————————– ये खबर भी पढ़ें… थरूर बोले-पहली वफादारी देश के लिए, पार्टी के लिए नहीं:दूसरे दलों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, इसे गद्दारी समझ लिया जाता है कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि किसी भी नेता की पहली वफादारी देश के प्रति होनी चाहिए, पार्टी के प्रति नहीं। थरूर 20 जुलाई को कोच्चि में ‘शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की न्यूयॉर्क के नए मेयर जोहरान ममदानी के साथ व्हाइट हाउस में हुई मीटिंग की तारीफ की है और उनकी मुलाकात का शनिवार को वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा, ‘लोकतंत्र को ऐसे ही काम करना चाहिए। चुनाव में अपने विचारों के लिए पूरी ताकत से लड़िए, लेकिन नतीजे आने के बाद देशहित में साथ मिलकर काम कीजिए। एक-दूसरे के साथ सहयोग करना सीखें। मैं भारत में भी ऐसा ही देखना चाहता हूं।’ थरूर के इस बयान को कांग्रेस के अंदर चल रहे विवादों से जोड़कर देखा जा रहा है। उधर, भाजपा थरूर के इस बयान की तारीफ कर रही है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि थरूर ने पोस्ट के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं को याद दिलाया है कि वे गांधी परिवार के बजाय देश को पहले रखें। अब पढ़िए थरूर का पोस्ट… ट्रम्प और ममदानी के बीच ऐसा क्या हुआ, थरूर ने उदाहरण क्यों दिया दरअसल न्यूयॉर्क मेयर चुनाव के बाद ममदानी 21 नवंबर को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने के लिए पहुंचे थे। मीडिया ने ममदानी से पूछा कि क्या वे अभी भी ट्रम्प को फासिस्ट (तानाशाह) मानते हैं। इस पर ट्रम्प ने कहा- “कोई बात नहीं, हां कह दो। यह समझाने से आसान है। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता।” रिपोर्टर ने पूछा कि ममदानी कार्बन उत्सर्जन पर सवाल उठाते रहे हैं, फिर वह वॉशिंगटन हवाई जहाज में क्यों आये? इस पर ट्रम्प ने कहा कि ममदानी बहुत मेहनत करते हैं और उनका यहां आना जरूरी था, इसमें कुछ गलत नहीं है। यह मोमेंट इसलिए खास था क्योंकि न्यूयॉर्क मेयर इलेक्शन के दौरान दोनों ने एक दूसरे को लेकर काफी तल्ख बयानबाजी की थी। ट्रम्प ने ममदानी को ‘कम्युनिस्ट पागल’ और ‘जिहादी’ कहा था, वहीं ममदानी ने ट्रम्प को ‘तानाशाह’ और ‘फासिस्ट’ बताया था। पूरी खबर पढ़ें वो 8 मौके, जब थरूर ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए 8 नवंबरः आडवाणी को एक घटना तक सीमित करना सही नहीं 8 नवंबर को लाल कृष्ण आडवाणी का 98वां जन्मदिन था। थरूर ने X पर आडवाणी के साथ वाली अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी। उन्होंने लिखा- लालकृष्ण आडवाणी जी को उनके 98वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उनकी विनम्रता और शालीनता और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है। एक सच्चे राजनेता, जिनका सेवामय जीवन अनुकरणीय रहा है। पूरी खबर पढ़ें.. 3 नवंबरः भारत में पॉलिटिक्स फैमिली बिजनेस थरूर ने 3 नवंबर को भारत की वंशवादी राजनीति की आलोचना की। उन्होंने ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन प्रोजेक्ट सिंडिकेट में लिखे अपने लेख में कहा- भारत में राजनीति फैमिली बिजनेस बन गई है। जब तक राजनीति परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी, तब तक लोकतांत्रिक सरकार का असली मतलब पूरा नहीं हो सकेगा। पूरी खबर पढ़ें.. 6 सितंबरः थरूर बोले, PM के नए लहजे का स्वागत- थरूर ने भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की सराहना की थी। थरूर ने केरल के तिरुवनंतपुरम में न्यूज एजेंसी ANI से कहा था- मैं इस नए लहजे का एहतियात के साथ स्वागत करता हूं। 10 जुलाईः थरूर ने इमरजेंसी को काला अध्याय बताया- शशि थरूर ने मलयालम भाषा के अखबार ‘दीपिका’ में प्रकाशित आर्टिकल लिखा था कि इमरजेंसी को सिर्फ भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में याद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इससे सबक लेना जरूरी है। उन्होंने नसबंदी अभियान को मनमाना और क्रूर फैसला बताया। 23 जूनः थरूर ने लिखा, मोदी की ऊर्जा भारत के लिए संपत्ति- थरूर ने द हिंदू में पब्लिश एक आर्टिकल में लिखा था कि मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छा वैश्विक मंच पर भारत के लिए प्रमुख संपत्ति बनी हुई है, लेकिन उन्हें और ज्यादा सपोर्ट मिलना चाहिए। 8 मई: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र की तारीफ की थी- सांसद शशि थरूर ने X पर लिखा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की। 19 मार्च: थरूर ने कहा- मोदी जेलेंस्की-पुतिन को गले लगा सकते हैं- थरूर ने रायसीना डायलॉग में बोलते हुए कहा- भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का विरोध करना उनकी गलती थी। 15 फरवरी 2025: मोदी के अमेरिकी यात्रा की सराहना की थी- कांग्रेस सांसद ने 15-16 फरवरी को PM मोदी के अमेरिका दौरे पर कहा कि इस यात्रा से कुछ अच्छा हासिल हुआ है। व्यापार और सुरक्षा सहयोग में प्रगति हुई। मैं इसे एक भारतीय के रूप में सराहना करता हूं। ———————————– ये खबर भी पढ़ें… थरूर बोले-पहली वफादारी देश के लिए, पार्टी के लिए नहीं:दूसरे दलों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, इसे गद्दारी समझ लिया जाता है कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि किसी भी नेता की पहली वफादारी देश के प्रति होनी चाहिए, पार्टी के प्रति नहीं। थरूर 20 जुलाई को कोच्चि में ‘शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…