दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस में NIA अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही है। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी इस पूरे मामले का केंद्र बनकर उभर रही है। यहां पढ़ाने वाले कुछ प्रोफेसरों के कथित लिंक सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों तक की जांच शुरू हो गई है। इसी कड़ी में, लुधियाना के डॉक्टर जान निसार आलम का नाम भी जांच के दायरे में आ गया है। जान निसार से आज दिल्ली में पूछताछ होगी। NIA ने दो दिन पहले बाल सिंह नगर में डॉक्टर की क्लिनिक और घर पर रेड की थी। डॉक्टर उस समय बंगाल में एक रिश्तेदार के घर था, जहां एजेंसी ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की और शाम को छोड़ दिया। उसका लैपटॉप और मोबाइल अब NIA के कब्जे में है। सूत्रों के मुताबिक, वह ब्लास्ट के दिन ही बंगाल के लिए निकला था। डॉक्टर के पिता का कहना है कि उनका बेटा 2020 में MBBS में दाखिला लेकर अभी इंटर्नशिप पूरी कर चुका है और अब वह लुधियाना में अपना क्लिनिक चला रहा है। उधर, जांच एजेंसियों को शक है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी को मॉड्यूल ने लॉजिस्टिक कवर और रेडिकलाइजेशन सेंटर की तरह इस्तेमाल किया। NIA अब 22 डॉक्टरों और छात्रों की भूमिका खंगाल रही है, जिनमें कई अभी भी अंडरग्राउंड बताए जा रहे हैं। सिलसिलेवार पढ़िए, लुधियाना में रेड और जान निसार से पूछताछ के बारे में.. एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी को बनाया कमांड सेंटर
दिल्ली ब्लास्ट में NIA, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच, जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी ATS मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी को जांच पूरी होने तक अपना अस्थाई कमांड कंट्रोल सेंटर बना लिया है। गेट पर सभी अधिकारियों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है। उनसे यह भी पूछा जा रहा है कि वह किस काम ये यहां आए हैं। वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है। ED पता लगा रही, यूनिवर्सिटी को पैसा कहां से मिल रहा
वहीं, इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) यह पता लगा रही है कि यूनिवर्सिटी को पैसा कहां से मिल रहा था। रविवार को उनकी टीम आई थी, लेकिन अभी जांच शुरू नहीं हुई है। वे यहां जमीन के कागजात, पैसे से जुड़े रिकॉर्ड, हॉस्टल के रिकॉर्ड और प्रोफेसरों की भर्ती से जुड़ी जानकारी भी देखेंगे।
दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस में NIA अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही है। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी इस पूरे मामले का केंद्र बनकर उभर रही है। यहां पढ़ाने वाले कुछ प्रोफेसरों के कथित लिंक सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों तक की जांच शुरू हो गई है। इसी कड़ी में, लुधियाना के डॉक्टर जान निसार आलम का नाम भी जांच के दायरे में आ गया है। जान निसार से आज दिल्ली में पूछताछ होगी। NIA ने दो दिन पहले बाल सिंह नगर में डॉक्टर की क्लिनिक और घर पर रेड की थी। डॉक्टर उस समय बंगाल में एक रिश्तेदार के घर था, जहां एजेंसी ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की और शाम को छोड़ दिया। उसका लैपटॉप और मोबाइल अब NIA के कब्जे में है। सूत्रों के मुताबिक, वह ब्लास्ट के दिन ही बंगाल के लिए निकला था। डॉक्टर के पिता का कहना है कि उनका बेटा 2020 में MBBS में दाखिला लेकर अभी इंटर्नशिप पूरी कर चुका है और अब वह लुधियाना में अपना क्लिनिक चला रहा है। उधर, जांच एजेंसियों को शक है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी को मॉड्यूल ने लॉजिस्टिक कवर और रेडिकलाइजेशन सेंटर की तरह इस्तेमाल किया। NIA अब 22 डॉक्टरों और छात्रों की भूमिका खंगाल रही है, जिनमें कई अभी भी अंडरग्राउंड बताए जा रहे हैं। सिलसिलेवार पढ़िए, लुधियाना में रेड और जान निसार से पूछताछ के बारे में.. एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी को बनाया कमांड सेंटर
दिल्ली ब्लास्ट में NIA, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच, जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी ATS मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी को जांच पूरी होने तक अपना अस्थाई कमांड कंट्रोल सेंटर बना लिया है। गेट पर सभी अधिकारियों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है। उनसे यह भी पूछा जा रहा है कि वह किस काम ये यहां आए हैं। वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है। ED पता लगा रही, यूनिवर्सिटी को पैसा कहां से मिल रहा
वहीं, इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) यह पता लगा रही है कि यूनिवर्सिटी को पैसा कहां से मिल रहा था। रविवार को उनकी टीम आई थी, लेकिन अभी जांच शुरू नहीं हुई है। वे यहां जमीन के कागजात, पैसे से जुड़े रिकॉर्ड, हॉस्टल के रिकॉर्ड और प्रोफेसरों की भर्ती से जुड़ी जानकारी भी देखेंगे।