
दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को होने वाली परेड में इस बार पंजाब की झांकी देखने को मिलेगी। झांकी में पंजाब की खेती से लेकर फुलकारी तक को जगह दी गई है। झांकी बाबा शेख फरीद को समर्पित है। करीब 21 दिन की मेहनत के बाद यह झांकी तैयार की गई है। परेड की रिहर्सल में पहुंची झांकी हर किसी के दिल को छू रही है। इसे तैयार करने वाली टीम काफी उत्साहित है। वहीं, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी इस झांकी को देखने पहुंचे। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इससे जुड़ी फोटो और जानकारी शेयर की है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि मेरा दिल पंजाब के लिए धड़कता है। झांकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। मैं खुद को इस झांकी की तस्वीरें लेने से नहीं रोक पाया। झांकी में ये चार चीजें रहेंगी खास 1. इस झांकी को लेकर दिल्ली पहुंचे रनदीप सिंह आहलूवालिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पंजाब की झांकी को चार भागों में दिखाया गया है। ट्रेलर के आगे वाले भाग में पंजाब कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए पहले भाग में हल चलाते बैलों की जोड़ी है। जो इस बात का प्रतीक है कि देश को अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब का अहम योगदान है। 2. पंजाब का लोक संगीत पूरी दुनिया में जाना जाता है। परंपरागत पहनावे में लोक संगीत का एक दृश्य दिखाया है। उसमें कलाकारो को पंजाब के पुराने वाद्य यंत्रों के साथ दिखाया है। 3. झांकी का तीसरा हिस्सा भी काफी अहम है। इसमें पंजाब की एक लड़की को अपने घर के बाहर बैठकर फुलकारी निकालते हुए दिखाया गया है। यह पंजाब की पुरानी विरासत को दिखाती है। 4. झांकी की चौथे हिस्से में पंजाब के पहले पंजाबी कवि बाबा शेख फरीद को दिखाया गया है। इनकी वजह से पंजाबी साहित्य बुलंदियां छू रहा है। वहीं, ट्रेलर पार्ट पर पंजाब की औरतों की तरफ से घर में बनाई जानी वाली दरियों को प्रदर्शित किया। इसके अलावा फुलकारी के दृश्य हैं। पिछले साल खारिज हुई थी झांकियां पिछले साल केंद्र सरकार ने 26 जनवरी की झांकियां रद्द कर दी थीं और रक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि पंजाब की झांकी दिल्ली में भारत पर्व में भेजी जाएगी। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि वह पंजाब की झांकी को खारिज श्रेणी में नहीं भेजेंगे। साथ ही पंजाब की झांकियां पंजाब और दिल्ली में ही निकाली जाएंगी। ताकि लोगों को पंजाब की समृद्ध विरासत से अवगत कराया जा सके। सीएम मान ने कहा था कि हम अपने शहीदों भगत सिंह, सुखदेव सिंह, लाला लाजपत राय, उधम सिंह माई भागो, करतार सिंह सराभा, गदरी बेबे और महाराजा रणजीत सिंह की कुर्बानियों का सम्मान करना जानते हैं। गांव-गांव घुमाई गई थी झांकियां बीते साल झांकियों के रिजेक्ट होने के बाद सीएम भगवंत मान ने आदेश दिया था कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाली परेड से बाहर हुई पंजाब की झांकियां आगामी लोकसभा चुनाव तक राज्य के हर गली मोहल्ले में जाएगी। पंजाब सरकार ने योजना बनाई थी कि झांकियों को उसी स्टाइल में पंजाब में घुमाया जाएगा, जिस तरह गणतंत्र दिवस की परेड में उन्हें दिखाया जाता है। इन्हें बाकायदा ट्रॉलियों पर सजाया गया और प्रत्येक विधानसभा हलके के प्रत्येक गांव में इन्हें ले जाया गया।
दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को होने वाली परेड में इस बार पंजाब की झांकी देखने को मिलेगी। झांकी में पंजाब की खेती से लेकर फुलकारी तक को जगह दी गई है। झांकी बाबा शेख फरीद को समर्पित है। करीब 21 दिन की मेहनत के बाद यह झांकी तैयार की गई है। परेड की रिहर्सल में पहुंची झांकी हर किसी के दिल को छू रही है। इसे तैयार करने वाली टीम काफी उत्साहित है। वहीं, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी इस झांकी को देखने पहुंचे। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इससे जुड़ी फोटो और जानकारी शेयर की है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि मेरा दिल पंजाब के लिए धड़कता है। झांकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। मैं खुद को इस झांकी की तस्वीरें लेने से नहीं रोक पाया। झांकी में ये चार चीजें रहेंगी खास 1. इस झांकी को लेकर दिल्ली पहुंचे रनदीप सिंह आहलूवालिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पंजाब की झांकी को चार भागों में दिखाया गया है। ट्रेलर के आगे वाले भाग में पंजाब कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए पहले भाग में हल चलाते बैलों की जोड़ी है। जो इस बात का प्रतीक है कि देश को अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब का अहम योगदान है। 2. पंजाब का लोक संगीत पूरी दुनिया में जाना जाता है। परंपरागत पहनावे में लोक संगीत का एक दृश्य दिखाया है। उसमें कलाकारो को पंजाब के पुराने वाद्य यंत्रों के साथ दिखाया है। 3. झांकी का तीसरा हिस्सा भी काफी अहम है। इसमें पंजाब की एक लड़की को अपने घर के बाहर बैठकर फुलकारी निकालते हुए दिखाया गया है। यह पंजाब की पुरानी विरासत को दिखाती है। 4. झांकी की चौथे हिस्से में पंजाब के पहले पंजाबी कवि बाबा शेख फरीद को दिखाया गया है। इनकी वजह से पंजाबी साहित्य बुलंदियां छू रहा है। वहीं, ट्रेलर पार्ट पर पंजाब की औरतों की तरफ से घर में बनाई जानी वाली दरियों को प्रदर्शित किया। इसके अलावा फुलकारी के दृश्य हैं। पिछले साल खारिज हुई थी झांकियां पिछले साल केंद्र सरकार ने 26 जनवरी की झांकियां रद्द कर दी थीं और रक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि पंजाब की झांकी दिल्ली में भारत पर्व में भेजी जाएगी। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि वह पंजाब की झांकी को खारिज श्रेणी में नहीं भेजेंगे। साथ ही पंजाब की झांकियां पंजाब और दिल्ली में ही निकाली जाएंगी। ताकि लोगों को पंजाब की समृद्ध विरासत से अवगत कराया जा सके। सीएम मान ने कहा था कि हम अपने शहीदों भगत सिंह, सुखदेव सिंह, लाला लाजपत राय, उधम सिंह माई भागो, करतार सिंह सराभा, गदरी बेबे और महाराजा रणजीत सिंह की कुर्बानियों का सम्मान करना जानते हैं। गांव-गांव घुमाई गई थी झांकियां बीते साल झांकियों के रिजेक्ट होने के बाद सीएम भगवंत मान ने आदेश दिया था कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाली परेड से बाहर हुई पंजाब की झांकियां आगामी लोकसभा चुनाव तक राज्य के हर गली मोहल्ले में जाएगी। पंजाब सरकार ने योजना बनाई थी कि झांकियों को उसी स्टाइल में पंजाब में घुमाया जाएगा, जिस तरह गणतंत्र दिवस की परेड में उन्हें दिखाया जाता है। इन्हें बाकायदा ट्रॉलियों पर सजाया गया और प्रत्येक विधानसभा हलके के प्रत्येक गांव में इन्हें ले जाया गया।