उत्तराखंड के सांसदों और विधायकों के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में लंबित आपराधिक मामलों की समीक्षा से पता चलता है कि राज्य की राजनीतिक स्थिति बाकी राज्यों के मुकाबले साफ-सुथरी है। 13 में से 9 जिलों में तो किसी भी जनप्रतिनिधि के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है। वहीं, 4 जिले ऐसे हैं जहां पर अभी केस लंबित हैं, इन जिलों में देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर शामिल हैं। सबसे ज्यादा केस उधमसिंह नगर में शामिल हैं। उधर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट ने यह सामने आया है कि राज्य में मुख्यमंत्री से ज्यादा अमीर उनके ही कैबिनेट मंत्री हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की संपत्ति 87 करोड़ से अधिक है, जो देशभर के 39वें सबसे अमीर मंत्री के रूप में दर्ज की गई है। 13 में से 9 जिले पूरी तरह क्लीन उत्तराखंड के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी जिलों में किसी भी सांसद या विधायक के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में कोई केस लंबित नहीं है। यह आंकड़े उत्तराखंड हाईकोर्ट की वेबसाइट से लिए गए हैं जो की 25 अक्टूबर 2024 तक के हैं। 4 जिलों में 16 केस अब भी लंबित देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर में कुल 16 मुकदमे चल रहे हैं। अब पढ़िए पार्टीवार विश्लेषण – भाजपा कांग्रेस बराबरी पर जिन लोगों के केस पेंडिंग हैं उनमें भाजपा के कुल चार नाम हैं, जिनमें मौजूदा विधायक राम सिंह कैड़ा (भीमताल), डॉ. मोहन सिंह बिष्ट (लालकुआं, नैनीताल), शिव कुमार अरोड़ा (रुद्रपुर) और पूर्व विधायक महेश सिंह नेगी (द्वाराहाट, अल्मोड़ा, 2017) शामिल हैं। कांग्रेस के भी कुल चार नाम हैं, जिनमें मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह (चकराता, देहरादून), हरीश धामी (धारचुला), आदेश सिंह (जसपुर, उधमसिंह नगर) और पूर्व विधायक रणजीत सिंह (सल्ट, अल्मोड़ा, 2002-2007) शामिल हैं। इसके अलावा, हरिद्वार की खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा पर भी एक केस है जो पेंडिंग है। अब समझिए क्या है MP/MLA कोर्ट जहां ये केस पेंडिंग… MP/MLA कोर्ट एक विशेष न्यायालय है जिसे सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए बनाया गया है। इसका गठन 2003 में किया गया था ताकि जनप्रतिनिधियों से जुड़े अपराधों की त्वरित सुनवाई हो सके। अगर किसी सांसद या विधायक को किसी भी आपराधिक मामले में 2 साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है, तो उसकी सदस्यता तुरंत समाप्त मानी जाती है। हालांकि उत्तराखंड में अभी तक किसी भी विधायक या सांसद की सदस्यता रद्द नहीं हुई है।
सीएम से ज्यादा अमीर उनके मंत्री… ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहीं ज्यादा संपन्न उनके ही कैबिनेट सहयोगी हैं। सबसे अमीर मंत्री चौबट्टाखाल से विधायक और मौजूदा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज हैं, यह उत्तराखंड के अकेले ऐसे नेता हैं जो देश के टॉप 40 अमीर मंत्रियों में शामिल हैं। इनके बाद नंबर आता है सोमेश्वर से चुनीं गईं रेखा आर्या का जो पूरे देश में 117वें स्थान पर हैं। मसूरी से गणेश जोशी 245वें, जबकि सितारगंज से सौरभ बहुगुणा 283वें स्थान पर हैं। मुख्यमंत्री धामी 371वें स्थान पर आते हैं। इसके अलावा श्रीनगर से डॉ. धन सिंह रावत 464वें और नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल 535वें स्थान पर हैं।
उत्तराखंड के सांसदों और विधायकों के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में लंबित आपराधिक मामलों की समीक्षा से पता चलता है कि राज्य की राजनीतिक स्थिति बाकी राज्यों के मुकाबले साफ-सुथरी है। 13 में से 9 जिलों में तो किसी भी जनप्रतिनिधि के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है। वहीं, 4 जिले ऐसे हैं जहां पर अभी केस लंबित हैं, इन जिलों में देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर शामिल हैं। सबसे ज्यादा केस उधमसिंह नगर में शामिल हैं। उधर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट ने यह सामने आया है कि राज्य में मुख्यमंत्री से ज्यादा अमीर उनके ही कैबिनेट मंत्री हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की संपत्ति 87 करोड़ से अधिक है, जो देशभर के 39वें सबसे अमीर मंत्री के रूप में दर्ज की गई है। 13 में से 9 जिले पूरी तरह क्लीन उत्तराखंड के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी जिलों में किसी भी सांसद या विधायक के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में कोई केस लंबित नहीं है। यह आंकड़े उत्तराखंड हाईकोर्ट की वेबसाइट से लिए गए हैं जो की 25 अक्टूबर 2024 तक के हैं। 4 जिलों में 16 केस अब भी लंबित देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर में कुल 16 मुकदमे चल रहे हैं। अब पढ़िए पार्टीवार विश्लेषण – भाजपा कांग्रेस बराबरी पर जिन लोगों के केस पेंडिंग हैं उनमें भाजपा के कुल चार नाम हैं, जिनमें मौजूदा विधायक राम सिंह कैड़ा (भीमताल), डॉ. मोहन सिंह बिष्ट (लालकुआं, नैनीताल), शिव कुमार अरोड़ा (रुद्रपुर) और पूर्व विधायक महेश सिंह नेगी (द्वाराहाट, अल्मोड़ा, 2017) शामिल हैं। कांग्रेस के भी कुल चार नाम हैं, जिनमें मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह (चकराता, देहरादून), हरीश धामी (धारचुला), आदेश सिंह (जसपुर, उधमसिंह नगर) और पूर्व विधायक रणजीत सिंह (सल्ट, अल्मोड़ा, 2002-2007) शामिल हैं। इसके अलावा, हरिद्वार की खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा पर भी एक केस है जो पेंडिंग है। अब समझिए क्या है MP/MLA कोर्ट जहां ये केस पेंडिंग… MP/MLA कोर्ट एक विशेष न्यायालय है जिसे सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए बनाया गया है। इसका गठन 2003 में किया गया था ताकि जनप्रतिनिधियों से जुड़े अपराधों की त्वरित सुनवाई हो सके। अगर किसी सांसद या विधायक को किसी भी आपराधिक मामले में 2 साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है, तो उसकी सदस्यता तुरंत समाप्त मानी जाती है। हालांकि उत्तराखंड में अभी तक किसी भी विधायक या सांसद की सदस्यता रद्द नहीं हुई है।
सीएम से ज्यादा अमीर उनके मंत्री… ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहीं ज्यादा संपन्न उनके ही कैबिनेट सहयोगी हैं। सबसे अमीर मंत्री चौबट्टाखाल से विधायक और मौजूदा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज हैं, यह उत्तराखंड के अकेले ऐसे नेता हैं जो देश के टॉप 40 अमीर मंत्रियों में शामिल हैं। इनके बाद नंबर आता है सोमेश्वर से चुनीं गईं रेखा आर्या का जो पूरे देश में 117वें स्थान पर हैं। मसूरी से गणेश जोशी 245वें, जबकि सितारगंज से सौरभ बहुगुणा 283वें स्थान पर हैं। मुख्यमंत्री धामी 371वें स्थान पर आते हैं। इसके अलावा श्रीनगर से डॉ. धन सिंह रावत 464वें और नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल 535वें स्थान पर हैं।