पंजाब के लुधियाना में कबड्डी खिलाड़ी तेजपाल सिंह की हत्या के मामले में पुलिस जिस थ्योरी पर जांच कर रही है परिवार उससे सहमत नहीं है। जगराओं के एसएसपी अंकुर गुप्ता बार-बार कह रहे हैं कि तेजपाल की हत्या पुरानी रंजिश के चलते हुई है। हत्या से पहले भी दोनों पक्ष दो-तीन बार आमने सामने हो चुके हैं। हालांकि इस बारे में कभी किसी ने भी पुलिस कंप्लेंट नहीं की। वहीं परिवार का कहना है कि तेजपाल तो आरोपियों को जानता तक नहीं था। फिर रंजिश की बात कहां से आ गई। 31 अक्टूबर को जगराओं में SSP ऑफिस से 250 मीटर की दूरी पर तेजपाल की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल में रखवा दिया था, जिसका शनिवार को पोस्टमॉर्टम होना था। मगर, परिवार शव को लेकर गांव पहुंच गया है, जिसे सोसाइटी की ओर से लगाए गए फ्रीजर में रखा है। परिवार का कहना कि आरोपियों की गिरफ्तार तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। पहले पढ़िए SSP के 2 बयान… शुक्रवार (31 अक्टूबर) शनिवार (1 नवंबर) अब पढ़िए रंजिशन हत्या पर तेजपाल के परिजन और ग्रामीण क्या बोले: मौसी बोली- अपने दोस्त के साथ आया था
तेजपाल की मौसी कुलविंदर कौर ने कहा कि वह अपने दोस्त के साथ आया था। उसने कहा कि जगराओं में लड़ाई हुई और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। उसकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी। वो तो कभी किसी से ऊंची आवाज में भी बात नहीं करता था। उसके दोस्त का कोई मामला रहा होगा, वो पता नहीं। दोस्त को अब सामने आना चाहिए। मौसेरा भाई बोला- मामला कहीं और मोल्ड मत कर देना
तेजपाल के मौसेरे भाई अनमोल ने कहा कि तेजपाल कबड्डी का खिलाड़ी था। कबड्डी का खिलाड़ी होने के बावजूद उसका स्वभाव बेहद नरम था। वो कभी किसी के साथ नहीं लड़ा। दुश्मनी या रंजिश रखना तो बहुत दूर की बात है। उन्होंने पुलिस को दो टूक कह दिया कि रंजिश की बात कहकर मामले को कहीं और मोल्ड मत कर देना। गांव में भी किसी से भी ऊंची आवाज में नहीं बोलता था
गांव के सरपंच सुखदेव सिंह का कहना है कि तेजपाल की किसी से रंजिश की बात कहना ठीक नहीं है। वो तो अच्छा प्लेयर था। गांव में भी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं करता था। गैंगस्टरों से लिंक की बात पर वो बोले तेजपाल कबड्डी का खिलाड़ी था गैंगस्टरों से संपर्क का कोई सवाल ही नहीं उठता। मां बोली- मेरे बेटे की किसी के साथ नहीं दुश्मनी
तेजपाल की मां जसविंदर कोर 2 दिन से लगातार रो रही है। मां बार-बार कह रही है कि बेटे की किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी। वो घर में था। उसका दोस्त आया और कहा कैपरी उतार लोअर व जूते पहन मेरे साथ चल। वहां रोला दोस्त का था, गोली मेरे बेटे को मार दी। पुलिस जबरन संस्कार न कर दे इसलिए शव अपने कब्जे में लाए
तेजपाल का शव सिविल अस्पताल समराला की मॉर्चरी में रखा गया था। परिवार इस बात पर अड़ा हे कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते तब तक वो संस्कार नहीं करेंगे। उन्हें शक था कि पुलिस कहीं जबरन उसका पोस्टमॉर्टम करवाकर अंतिम संस्कार न करवा दे। इसलिए वो शव को लेकर गांव में चले गए और वहां पर सोसाइटी के फ्रीजर में रख दिया। परिजनों की पुलिस को दो टूक, आरोपियों को पकड़ो तो करेंगे संस्कार
शनिवार देर शाम डीएसपी परिवार को मिलने उनके घर गए और परिजनों काे कहा कि पोस्टमॉर्टम करवाकर संस्कार कर लें। जिस पर अनमोल सिंह ने डीएसपी को साफ कह दिया कि जितनी जल्दी आरोपियों को गिरफ्तार करोगे उतनी जल्दी संस्कार हो जाएगा। प्रलाभ सिंह पशुओं का फीड लेकर आया तेजपाल के घर
तेजपाल की मां बार-बार कह रही थी कि प्रलाभ तू क्यों नहीं आ रहा है। दोपहर बाद प्रलाभ उसी कार को लेकर वहां पहुंच गया, जिसमें उन्होंने पशुओं का फीड रखा था। उसने कार में से फीड उतार कर तेजपाल के घर में रखाया और परिजनों से मिला। प्रलाभ सिंह की कार की पिछली लाइट में फंसी है एक गोली
जगराओं में जब आरोपियों ने गोलियां चलाई तो एक गोली तेजपाल के सीने में लगी, जबकि एक गोली प्रलाभ सिंह की कार की पिछली लाइट पर भी लगी। एक गोली अब भी उसकी कार की लाइट पर फंसी हुई है। ट्रॉफियों से भरा है तेजपाल का कमरा
सरपंच सुखदेव सिंह ने बताया कि तेजपाल ने पंजाब का कौन सा ऐसा मेला है जहां पर कबड्डी कप न जीता हो। उसके घर में एक पूरा कमरा कबड्डी कपों व ट्रॉफियों से भरा हुआ है। उसे कबड्डी से बेहद प्यार था। गांव के लड़कों के साथ भी कबड्डी की ही बात करता था। पशुओं से भी था तेजपाल को प्यार
तेजपाल के घर में तीन पशु हैं। उसे पशुओं से भी विशेष प्यार था। रोजाना वो पशुओं की साफ सफाई करके उनके चारे की व्यवस्था व अन्य काम करता था। परिवार के लोग बताते हैं कि कबड्डी के अलावा उसे अपने पशुओं से लगाव था। परिवार की आर्थिक स्थिति नहीं ठीक
तेजपाल की मां बीमार रहती हैं। उसकी मौसी व अन्य रिश्तेदार उसे सपोर्ट करते हैं। उसकी छोटी बहन इंग्लैंड में गई है। वह भी रिश्तेदारों के सहयोग से विदेश गई है। घर का खर्च चलाने की जिम्मेदारी तेजपाल पर ही थी। उसके पिता भी सिर्फ खेतीबाड़ी का ही काम करते हैं। उनके पास छह किले के करीब जमीन है।
पंजाब के लुधियाना में कबड्डी खिलाड़ी तेजपाल सिंह की हत्या के मामले में पुलिस जिस थ्योरी पर जांच कर रही है परिवार उससे सहमत नहीं है। जगराओं के एसएसपी अंकुर गुप्ता बार-बार कह रहे हैं कि तेजपाल की हत्या पुरानी रंजिश के चलते हुई है। हत्या से पहले भी दोनों पक्ष दो-तीन बार आमने सामने हो चुके हैं। हालांकि इस बारे में कभी किसी ने भी पुलिस कंप्लेंट नहीं की। वहीं परिवार का कहना है कि तेजपाल तो आरोपियों को जानता तक नहीं था। फिर रंजिश की बात कहां से आ गई। 31 अक्टूबर को जगराओं में SSP ऑफिस से 250 मीटर की दूरी पर तेजपाल की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल में रखवा दिया था, जिसका शनिवार को पोस्टमॉर्टम होना था। मगर, परिवार शव को लेकर गांव पहुंच गया है, जिसे सोसाइटी की ओर से लगाए गए फ्रीजर में रखा है। परिवार का कहना कि आरोपियों की गिरफ्तार तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। पहले पढ़िए SSP के 2 बयान… शुक्रवार (31 अक्टूबर) शनिवार (1 नवंबर) अब पढ़िए रंजिशन हत्या पर तेजपाल के परिजन और ग्रामीण क्या बोले: मौसी बोली- अपने दोस्त के साथ आया था
तेजपाल की मौसी कुलविंदर कौर ने कहा कि वह अपने दोस्त के साथ आया था। उसने कहा कि जगराओं में लड़ाई हुई और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। उसकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी। वो तो कभी किसी से ऊंची आवाज में भी बात नहीं करता था। उसके दोस्त का कोई मामला रहा होगा, वो पता नहीं। दोस्त को अब सामने आना चाहिए। मौसेरा भाई बोला- मामला कहीं और मोल्ड मत कर देना
तेजपाल के मौसेरे भाई अनमोल ने कहा कि तेजपाल कबड्डी का खिलाड़ी था। कबड्डी का खिलाड़ी होने के बावजूद उसका स्वभाव बेहद नरम था। वो कभी किसी के साथ नहीं लड़ा। दुश्मनी या रंजिश रखना तो बहुत दूर की बात है। उन्होंने पुलिस को दो टूक कह दिया कि रंजिश की बात कहकर मामले को कहीं और मोल्ड मत कर देना। गांव में भी किसी से भी ऊंची आवाज में नहीं बोलता था
गांव के सरपंच सुखदेव सिंह का कहना है कि तेजपाल की किसी से रंजिश की बात कहना ठीक नहीं है। वो तो अच्छा प्लेयर था। गांव में भी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं करता था। गैंगस्टरों से लिंक की बात पर वो बोले तेजपाल कबड्डी का खिलाड़ी था गैंगस्टरों से संपर्क का कोई सवाल ही नहीं उठता। मां बोली- मेरे बेटे की किसी के साथ नहीं दुश्मनी
तेजपाल की मां जसविंदर कोर 2 दिन से लगातार रो रही है। मां बार-बार कह रही है कि बेटे की किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी। वो घर में था। उसका दोस्त आया और कहा कैपरी उतार लोअर व जूते पहन मेरे साथ चल। वहां रोला दोस्त का था, गोली मेरे बेटे को मार दी। पुलिस जबरन संस्कार न कर दे इसलिए शव अपने कब्जे में लाए
तेजपाल का शव सिविल अस्पताल समराला की मॉर्चरी में रखा गया था। परिवार इस बात पर अड़ा हे कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते तब तक वो संस्कार नहीं करेंगे। उन्हें शक था कि पुलिस कहीं जबरन उसका पोस्टमॉर्टम करवाकर अंतिम संस्कार न करवा दे। इसलिए वो शव को लेकर गांव में चले गए और वहां पर सोसाइटी के फ्रीजर में रख दिया। परिजनों की पुलिस को दो टूक, आरोपियों को पकड़ो तो करेंगे संस्कार
शनिवार देर शाम डीएसपी परिवार को मिलने उनके घर गए और परिजनों काे कहा कि पोस्टमॉर्टम करवाकर संस्कार कर लें। जिस पर अनमोल सिंह ने डीएसपी को साफ कह दिया कि जितनी जल्दी आरोपियों को गिरफ्तार करोगे उतनी जल्दी संस्कार हो जाएगा। प्रलाभ सिंह पशुओं का फीड लेकर आया तेजपाल के घर
तेजपाल की मां बार-बार कह रही थी कि प्रलाभ तू क्यों नहीं आ रहा है। दोपहर बाद प्रलाभ उसी कार को लेकर वहां पहुंच गया, जिसमें उन्होंने पशुओं का फीड रखा था। उसने कार में से फीड उतार कर तेजपाल के घर में रखाया और परिजनों से मिला। प्रलाभ सिंह की कार की पिछली लाइट में फंसी है एक गोली
जगराओं में जब आरोपियों ने गोलियां चलाई तो एक गोली तेजपाल के सीने में लगी, जबकि एक गोली प्रलाभ सिंह की कार की पिछली लाइट पर भी लगी। एक गोली अब भी उसकी कार की लाइट पर फंसी हुई है। ट्रॉफियों से भरा है तेजपाल का कमरा
सरपंच सुखदेव सिंह ने बताया कि तेजपाल ने पंजाब का कौन सा ऐसा मेला है जहां पर कबड्डी कप न जीता हो। उसके घर में एक पूरा कमरा कबड्डी कपों व ट्रॉफियों से भरा हुआ है। उसे कबड्डी से बेहद प्यार था। गांव के लड़कों के साथ भी कबड्डी की ही बात करता था। पशुओं से भी था तेजपाल को प्यार
तेजपाल के घर में तीन पशु हैं। उसे पशुओं से भी विशेष प्यार था। रोजाना वो पशुओं की साफ सफाई करके उनके चारे की व्यवस्था व अन्य काम करता था। परिवार के लोग बताते हैं कि कबड्डी के अलावा उसे अपने पशुओं से लगाव था। परिवार की आर्थिक स्थिति नहीं ठीक
तेजपाल की मां बीमार रहती हैं। उसकी मौसी व अन्य रिश्तेदार उसे सपोर्ट करते हैं। उसकी छोटी बहन इंग्लैंड में गई है। वह भी रिश्तेदारों के सहयोग से विदेश गई है। घर का खर्च चलाने की जिम्मेदारी तेजपाल पर ही थी। उसके पिता भी सिर्फ खेतीबाड़ी का ही काम करते हैं। उनके पास छह किले के करीब जमीन है।