हरियाणा में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस अपने बड़बोले नेताओं की आज से सियासी सर्जरी शुरू कर सकती है। पार्टी की नई-नवेली अनुशासन समिति की रविवार को चंडीगढ़ में पहली बैठक होगी। इस बैठक में अनुशासन कमेटी की नए सिरे से गाइडलाइंस तय होंगी। पार्टी में गुटबाजी और बयानबाजी को कैसे रोका जाए और शिकायत मिलने पर किस तरह कार्रवाई की जाए, इन बिंदुओं पर आज विचार होगा। इस बैठक से पहले ही समिति के चेयरमैन पूर्व सांसद धर्मपाल मलिक के पास 3 बड़े नेताओं की शिकायतें भी पहुंच गई हैं। इनमें पूर्व मंत्री संपत सिंह, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव और पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा शामिल हैं। धर्मपाल मलिक ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इन नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। चेयरमैन मलिक ने कहा कि समिति को पार्टी लाइन से हटकर काम करने वाले नेताओं को नोटिस देकर कार्रवाई करने का अधिकार होगा। हाईकमान की ओर से अनुशासन समिति को पूरी तरह छूट दी गई है। समिति का एक ही मकसद है कि पार्टी एकजुट और एक लाइन पर नजर आए। जानिए इन नेताओं पर क्यों हो सकती है कार्रवाई… संपत सिंह इनेलो की रैली में गए थे
कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक संपत सिंह ताऊ देवीलाल के जन्मदिवस पर 25 सितंबर को रोहतक में हुई इनेलो की रैली में गए थे। इसके अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर भी संपत सिंह ने सवाल उठाए थे। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उन्होंने हुड्डा का नाम लिए बिना लिखा- “स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के नेतृत्व में 2005 में 67 सीटें आने के बाद लगातार पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले को फिर से पार्टी सौंप दी गई है। एक साल के मंथन के बाद क्या यही बदलाव है? युवाओं को आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा? सरकार चोरी का जिम्मेदार ही अब पार्टी का झंडा बुलंद करेगा? इस क्षति की पूर्ति होना सिर्फ मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। इस निर्णय से पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हताश हैं और जनता में अविश्वसनीयता की स्थिति है।” संपत सिंह की पोस्ट… कैप्टन अजय ने प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति पर उठाए सवाल
हरियाणा कांग्रेस में नए प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह की नियुक्ति पर कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था- “यह निर्णय राहुल गांधी की इच्छा के विपरीत लिया गया है। कांग्रेस को अपने घटते प्रभाव को देखते हुए आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। राव नरेंद्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो 2014 के बाद से प्रदेश स्तर पर सक्रिय नहीं रहे थे। इसलिए उनकी नियुक्ति पर शंका है।” अजय यादव की पोस्ट… पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा हुड्डा पिता-पुत्र पर निशाना साध रहे
कुलदीप शर्मा लगातार पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, उनके बेटे सांसद दीपेंद्र हुड्डा को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। हालांकि, भाषण में वह सीधा नाम लेने के बजाय इशारों-इशारों में निशाना साध रहे हैं। कुलदीप शर्मा का हाल ही में एक पॉडकास्ट सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा- हरियाणा में कुछ नेता कांग्रेस से बड़े हो गए हैं। आंकड़ों के खेल में कांग्रेस को उलझाने की कोशिशें की जा रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा अच्छे व्यक्ति हैं मगर अच्छे नेता नहीं है। उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा की काबिलियत पर भी सवाल उठाए और दूसरे नेताओं के बेटों को कांग्रेस में तव्वजो न मिलने की बात भी कही। कुलदीप ने कहा- कांग्रेस की कुंडली तो सही थी मगर कर्ताओं के कर्म से पार्टी की कुंडली बदल गई। यही कारण कांग्रेस की हार का रहा। आज हम कुछ के कर्मों का फल ढो रहे हैं। जहां सत्ता की कुर्सियां हमारा इंतजार कर रही थीं, उससे हम दूर हो गए। विधानसभा चुनाव और उसके बाद कई नेता पार्टी से निकाले
अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस कई बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। कई नेता नगर निगम चुनाव के बाद भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निकाले गए हैं।जो नेता पार्टी से बाहर किए जा चुके हैं, उनमें पूर्व सीपीएस शारदा राठौर, पानीपत से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी, विजय जैन, कैथल से सतबीर भाणा, सज्जन सिंह ढुल, राजकुमार वाल्मीकि, सोनीपत से कपूर नरवाल, हिसार से रामनिवास राड़ा, जींद से वीरेंद्र घोघड़िया, दिलबाग संडील, हर्ष कुमार, ललित नागर, सतबीर रतेड़ा, अंबाला से चित्रा सरवारा, सोमवीर घसौला, पटौदी से पूर्व विधायक रामबीर सिंह, करनाल से त्रिलोचन सिंह, सुनीत बत्तान, नरेश ढांढ शामिल हैं। इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगी समिति
कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक राज्य अनुशासनात्मक समिति को केवल प्रदेश स्तर के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। इनमें विधायक, पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य, जिला और ब्लाक स्तर के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, सांसद और राष्ट्रीय पदाधिकारियों को राज्य अनुशासन समिति द्वारा कार्रवाई किए जाने के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन अनुशासन तोड़ने की शिकायत मिलने पर राज्य अनुशासन कमेटी ऐसे मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश पार्टी हाईकमान को भेज सकती है। अब जानिए कौन है कमेटी के चेयरमैन धर्मपाल मलिक…. ————————————— ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा कांग्रेस जिलाध्यक्षों का हर महीने रिव्यू होगा:बताना होगा- क्या किया और आगे क्या करेंगे; परफॉर्मेंस ही प्रमोशन तय करेगी देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी हरियाणा में कमजोर पड़े संगठन को धार देने की कोशिश में है। इसलिए हर महीने जिलाध्यक्षों का रिव्यू किया जाएगा। जिसमें जिलाध्यक्षों को बताना पड़ेगा कि महीने भर में क्या किया और अगले महीने क्या करेंगे। पहली रिव्यू मीटिंग 3 नवंबर को चंडीगढ़ में बुलाई गई है। पढ़ें पूरी खबर…
हरियाणा में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस अपने बड़बोले नेताओं की आज से सियासी सर्जरी शुरू कर सकती है। पार्टी की नई-नवेली अनुशासन समिति की रविवार को चंडीगढ़ में पहली बैठक होगी। इस बैठक में अनुशासन कमेटी की नए सिरे से गाइडलाइंस तय होंगी। पार्टी में गुटबाजी और बयानबाजी को कैसे रोका जाए और शिकायत मिलने पर किस तरह कार्रवाई की जाए, इन बिंदुओं पर आज विचार होगा। इस बैठक से पहले ही समिति के चेयरमैन पूर्व सांसद धर्मपाल मलिक के पास 3 बड़े नेताओं की शिकायतें भी पहुंच गई हैं। इनमें पूर्व मंत्री संपत सिंह, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव और पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा शामिल हैं। धर्मपाल मलिक ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इन नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। चेयरमैन मलिक ने कहा कि समिति को पार्टी लाइन से हटकर काम करने वाले नेताओं को नोटिस देकर कार्रवाई करने का अधिकार होगा। हाईकमान की ओर से अनुशासन समिति को पूरी तरह छूट दी गई है। समिति का एक ही मकसद है कि पार्टी एकजुट और एक लाइन पर नजर आए। जानिए इन नेताओं पर क्यों हो सकती है कार्रवाई… संपत सिंह इनेलो की रैली में गए थे
कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक संपत सिंह ताऊ देवीलाल के जन्मदिवस पर 25 सितंबर को रोहतक में हुई इनेलो की रैली में गए थे। इसके अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर भी संपत सिंह ने सवाल उठाए थे। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उन्होंने हुड्डा का नाम लिए बिना लिखा- “स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के नेतृत्व में 2005 में 67 सीटें आने के बाद लगातार पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले को फिर से पार्टी सौंप दी गई है। एक साल के मंथन के बाद क्या यही बदलाव है? युवाओं को आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा? सरकार चोरी का जिम्मेदार ही अब पार्टी का झंडा बुलंद करेगा? इस क्षति की पूर्ति होना सिर्फ मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। इस निर्णय से पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हताश हैं और जनता में अविश्वसनीयता की स्थिति है।” संपत सिंह की पोस्ट… कैप्टन अजय ने प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति पर उठाए सवाल
हरियाणा कांग्रेस में नए प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह की नियुक्ति पर कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था- “यह निर्णय राहुल गांधी की इच्छा के विपरीत लिया गया है। कांग्रेस को अपने घटते प्रभाव को देखते हुए आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। राव नरेंद्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो 2014 के बाद से प्रदेश स्तर पर सक्रिय नहीं रहे थे। इसलिए उनकी नियुक्ति पर शंका है।” अजय यादव की पोस्ट… पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा हुड्डा पिता-पुत्र पर निशाना साध रहे
कुलदीप शर्मा लगातार पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, उनके बेटे सांसद दीपेंद्र हुड्डा को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। हालांकि, भाषण में वह सीधा नाम लेने के बजाय इशारों-इशारों में निशाना साध रहे हैं। कुलदीप शर्मा का हाल ही में एक पॉडकास्ट सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा- हरियाणा में कुछ नेता कांग्रेस से बड़े हो गए हैं। आंकड़ों के खेल में कांग्रेस को उलझाने की कोशिशें की जा रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा अच्छे व्यक्ति हैं मगर अच्छे नेता नहीं है। उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा की काबिलियत पर भी सवाल उठाए और दूसरे नेताओं के बेटों को कांग्रेस में तव्वजो न मिलने की बात भी कही। कुलदीप ने कहा- कांग्रेस की कुंडली तो सही थी मगर कर्ताओं के कर्म से पार्टी की कुंडली बदल गई। यही कारण कांग्रेस की हार का रहा। आज हम कुछ के कर्मों का फल ढो रहे हैं। जहां सत्ता की कुर्सियां हमारा इंतजार कर रही थीं, उससे हम दूर हो गए। विधानसभा चुनाव और उसके बाद कई नेता पार्टी से निकाले
अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस कई बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। कई नेता नगर निगम चुनाव के बाद भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निकाले गए हैं।जो नेता पार्टी से बाहर किए जा चुके हैं, उनमें पूर्व सीपीएस शारदा राठौर, पानीपत से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी, विजय जैन, कैथल से सतबीर भाणा, सज्जन सिंह ढुल, राजकुमार वाल्मीकि, सोनीपत से कपूर नरवाल, हिसार से रामनिवास राड़ा, जींद से वीरेंद्र घोघड़िया, दिलबाग संडील, हर्ष कुमार, ललित नागर, सतबीर रतेड़ा, अंबाला से चित्रा सरवारा, सोमवीर घसौला, पटौदी से पूर्व विधायक रामबीर सिंह, करनाल से त्रिलोचन सिंह, सुनीत बत्तान, नरेश ढांढ शामिल हैं। इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगी समिति
कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक राज्य अनुशासनात्मक समिति को केवल प्रदेश स्तर के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। इनमें विधायक, पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य, जिला और ब्लाक स्तर के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, सांसद और राष्ट्रीय पदाधिकारियों को राज्य अनुशासन समिति द्वारा कार्रवाई किए जाने के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन अनुशासन तोड़ने की शिकायत मिलने पर राज्य अनुशासन कमेटी ऐसे मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश पार्टी हाईकमान को भेज सकती है। अब जानिए कौन है कमेटी के चेयरमैन धर्मपाल मलिक…. ————————————— ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा कांग्रेस जिलाध्यक्षों का हर महीने रिव्यू होगा:बताना होगा- क्या किया और आगे क्या करेंगे; परफॉर्मेंस ही प्रमोशन तय करेगी देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी हरियाणा में कमजोर पड़े संगठन को धार देने की कोशिश में है। इसलिए हर महीने जिलाध्यक्षों का रिव्यू किया जाएगा। जिसमें जिलाध्यक्षों को बताना पड़ेगा कि महीने भर में क्या किया और अगले महीने क्या करेंगे। पहली रिव्यू मीटिंग 3 नवंबर को चंडीगढ़ में बुलाई गई है। पढ़ें पूरी खबर…