पंजाब के जालंधर के चौगिट्टी चौक के पास बसी अंबेडकर नगर कॉलोनी इन दिनों चर्चा में है। इसका कारण है कि यहां बनाए गए करीब 800 मकानों को पावरकॉम की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसमें इन मकानों को इल्लीगल बताते हुए गिराने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद से कॉलोनी के लोग सहमे हुए है। उनका कहना है कि वे 1947 के बाद से यहां रह रहे हैं, यदि घर टूटे तो वे बेघर हो जाएंगे। वे सरकारी मशीनरी पर भी सवाल उठाते है। कहते है कि जब उनके पास रजिस्ट्री ही नहीं तो कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 150 घरों को बनाने की मंजूरी कैसे मिल गई। PM आवास योजना के तरत पहली जरूरी शर्त जमीन की रजिस्ट्री होना ही है। मगर, कॉलोनी में ऐसा नहीं हुआ। अब पावरकॉम अंबेडकर नगर की आबादी वाली 65 एकड़ जमीन को विभाग की होने का दावा कर रहा है। ऐसे में लोगों ने अब खुद ही ये सवाल उठाया कि अगर ये जमीन सरकारी है तो फिर हमें घर बनाने के लिए ग्रांट कैसे मिल गई। बिजली का ट्रांसफॉर्मर कैसे लग गया। वाटर सप्लाई के पाइप कैसे बिछ गए। गलियों-नालियों के लिए ग्रांट किस आधार पर मिलती रही। जब इतना कुछ हो रहा है तो हम इल्लीगल कैसे हो सकते हैं। दैनिक भास्कर डिजिटल एप की टीम ने कॉलोनी के लोगों से बात कर पूरे मामले की स्थिति जानी। पढ़िए रिपोर्ट… हरभजन कौर बोली-PM योजना के तरह मकान बने, अब कहां जाएं
अंबेडकर नगर की पहली गली के अंदर घुसते ही 6-7 घर छोड़कर हरभजन कौर का घर है। जैसे ही दैनिक भास्कर डिजिटल एप टीम गली में पहुंची तो तेज कदमों से हरभजन कौर अपने घर के बाहर निकली। उसने बताया कि वह यहां पर लगभग 35 साल से रह रही हैं। पुराना घर खंडहर हो चुका है। कमाई के साधन सीमित हैं। बताती है कि दिहाड़ी लगाकर घर का गुजारा चलता है। 3 साल पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना में घर बना है। अब इसे भी गिराने की तैयारी चल रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। इतने और कितने घर हैं? पूछने पर कहने लगीं…आपके सामने जो गली है, इसमें ही लगभग 10 घर हैं। सबके घर प्रधानमंत्री योजना से बने हैं। अंग्रेज सिंह की गली में तीन घर PM आवास योजना के मिले
हरभजन कौर के घर के सामने वाली गली में जैसे ही अंदर घुसे तो पहले ही मकान की दीवार पर अंग्रेज सिंह की नेम प्लेट लगी थी। ये घर भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना है। अंग्रेज सिंह ने बताया कि अभी इसका काम भी पूरा नहीं हो पाया है। घर से अंदर ले जाते हुए बताया कि देखो अभी नई सीढ़ियां चढ़ाई हैं। अंग्रेज सिंह के घर के अंदर अभी सामान भी बिखरा पड़ा था। अंग्रेज सिंह ने कहा कि जब से घर गिराए जाने की बात सुनी है, परिवार सो नहीं पा रहा है। पहली ही मुश्किल से पक्का घर बनाने के लिए ग्रांट मिली है। हर गली में घरों पर PM आवास योजना की प्लेट
स्थानीय निवासी जगदीप राय ने बताया कि अंबेडकर नगर में एक मेन गली है और इसके अंदर 10 से ज्यादा गलियां हैं। ये गलियां संकरी हैं। हर गली में इंटरलॉकिंग टाइल लगी हैं। इन गलियों में 5 से लेकर 10 घर ऐसे हैं, जिन पर PM आवास योजना की प्लेट लगी हैं। जिन घरों पर PM योजना की प्लेट नहीं हैं, उन पर निगम की प्रापर्टी आईडी की प्लेट लगी हैं। पहला घर ही बनने क्यों दिया, क्या नेता वोट देखते रहे
सुरजन सिंह ने कहा कि नेता यहां वोट बनते देखते रहे। अभी भी आश्वासन दे रहे हैं। हम पर क्या गुजर रही है, ये तो हम ही जानते हैं। हमारा नेताओं से और इसके साथ ही पावरकॉम के अधिकारियों से भी सवाल है कि जब जमीन सरकारी थी, तो यहां पहला घर बनने के बाद आब्जेक्शन क्यों नहीं किया। यहां पर घर बनते रहे और सब देखते रहे। इससे भी बड़ी बात ये है कि पावरकॉम का दफ्तर यहां से 100 मीटर की दूरी पर है। 70 साल से एक भी अधिकारी या नेता को ये पता ही नहीं चला कि ये जमीन सरकारी है। 4 साल पहले कांग्रेसी मेयर के उद्घाटन का पत्थर आज भी
मोहल्ले के अंदर जाते ही पहली गली के कॉर्नर पर एक काले रंग का मार्बल पत्थर लगा है। इस पर 20 मार्च 2021 लिखा है। ये शिला पट्टिका कांग्रेस के मेयर रहे जगदीश राज राजा के नाम की है। इस पर पूर्व MLA रजिंदर बेरी का भी नाम लिखा है। लोगों ने कहा कि नेता यहां पर उद्घाटन करते रहे, लेकिन किसी ने रोका नहीं। अब अचानक से फरमान निकाल दिया है कि घर खाली करने होंगे। CM मान से करेंगे मुलाकात
अंबेडकर नगर के रहने वाले और कोर्ट में जमीन के केस की पैरवी करने वाले पवन कुमार ने बताया कि उनका पहला कदम CM भगवंत मान से मिलकर इस मसले का हल निकलवाना रहेगा। CM चाहें तो इसका हल करवा सकते हैं। यहां लोग जितनी जमीन पर बसे हैं, सरकार उसकी पैमाइश करवा सकती है। वे लोग इसकी कीमत देने को तैयार हैं। कहते है कि सरकार के स्तर पर हल न हुआ तो पावरकॉम के फैसले को चैलेंज करेंगे। उनकी रजिस्ट्री की सत्यता को जानने के लिए भी डीसी को मांग पत्र देंगे। अगर लोकल लेवल पर कोई हल नहीं निकलता है तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। अंबेडकर नगर में घर गिराने की तारीख बढ़ी
जालंधर के अंबेडकर नगर में 800 के करीब घर गिराए जाने को लेकर पावरकॉम अधिकारियों और लोगों ने सेशन कोर्ट का रुख किया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अगली डेट 14 नवंबर मिली है। तब तक के लिए लोगों ने राहत की सांस ली है। कोर्ट में अंबेडकर नगर के लोगों ने अपना पक्ष रखा है। अंबेडकर नगर के जगदीप राय ने बताया कि सोमवार को वह अपने वकील गुरविंदर अरोड़ा और सुशांत शर्मा के माध्यम से कोर्ट में गए थे। इस दौरान उन्होंने अपना वकालतनामा दे दिया है। जालंधर की अदालत ने उनको इस मसले पर सुनवाई के लिए 14 नवंबर की डेट दी है। ————————- ये खबर भी पढ़ें…
जालंधर में 800 मकान गिराने की तैयारी:मंदिर, गुरुद्वारा-चर्च भी शामिल, 24 घंटे का टाइम; लोग बोले- 80 साल से रह रहे, कहां जाएंगे पंजाब में जालंधर के चौगिट्टी चौक के पास बसे अंबेडकर नगर में महिलाएं रो रही हैं। बच्चे, बूढ़े, जवान सब चिंतित हैं, सहमे हुए हैं। कारण यहां के लगभग 800 घरों को गिराने के लिए पावरकॉम ने 24 घंटे का समय दिया है। आज कोर्ट में पावरकॉम के अधिकारी जमीन पर कब्जा लेने के लिए जाएंगे। (पूरी खबर पढ़ें)
पंजाब के जालंधर के चौगिट्टी चौक के पास बसी अंबेडकर नगर कॉलोनी इन दिनों चर्चा में है। इसका कारण है कि यहां बनाए गए करीब 800 मकानों को पावरकॉम की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसमें इन मकानों को इल्लीगल बताते हुए गिराने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद से कॉलोनी के लोग सहमे हुए है। उनका कहना है कि वे 1947 के बाद से यहां रह रहे हैं, यदि घर टूटे तो वे बेघर हो जाएंगे। वे सरकारी मशीनरी पर भी सवाल उठाते है। कहते है कि जब उनके पास रजिस्ट्री ही नहीं तो कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 150 घरों को बनाने की मंजूरी कैसे मिल गई। PM आवास योजना के तरत पहली जरूरी शर्त जमीन की रजिस्ट्री होना ही है। मगर, कॉलोनी में ऐसा नहीं हुआ। अब पावरकॉम अंबेडकर नगर की आबादी वाली 65 एकड़ जमीन को विभाग की होने का दावा कर रहा है। ऐसे में लोगों ने अब खुद ही ये सवाल उठाया कि अगर ये जमीन सरकारी है तो फिर हमें घर बनाने के लिए ग्रांट कैसे मिल गई। बिजली का ट्रांसफॉर्मर कैसे लग गया। वाटर सप्लाई के पाइप कैसे बिछ गए। गलियों-नालियों के लिए ग्रांट किस आधार पर मिलती रही। जब इतना कुछ हो रहा है तो हम इल्लीगल कैसे हो सकते हैं। दैनिक भास्कर डिजिटल एप की टीम ने कॉलोनी के लोगों से बात कर पूरे मामले की स्थिति जानी। पढ़िए रिपोर्ट… हरभजन कौर बोली-PM योजना के तरह मकान बने, अब कहां जाएं
अंबेडकर नगर की पहली गली के अंदर घुसते ही 6-7 घर छोड़कर हरभजन कौर का घर है। जैसे ही दैनिक भास्कर डिजिटल एप टीम गली में पहुंची तो तेज कदमों से हरभजन कौर अपने घर के बाहर निकली। उसने बताया कि वह यहां पर लगभग 35 साल से रह रही हैं। पुराना घर खंडहर हो चुका है। कमाई के साधन सीमित हैं। बताती है कि दिहाड़ी लगाकर घर का गुजारा चलता है। 3 साल पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना में घर बना है। अब इसे भी गिराने की तैयारी चल रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। इतने और कितने घर हैं? पूछने पर कहने लगीं…आपके सामने जो गली है, इसमें ही लगभग 10 घर हैं। सबके घर प्रधानमंत्री योजना से बने हैं। अंग्रेज सिंह की गली में तीन घर PM आवास योजना के मिले
हरभजन कौर के घर के सामने वाली गली में जैसे ही अंदर घुसे तो पहले ही मकान की दीवार पर अंग्रेज सिंह की नेम प्लेट लगी थी। ये घर भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना है। अंग्रेज सिंह ने बताया कि अभी इसका काम भी पूरा नहीं हो पाया है। घर से अंदर ले जाते हुए बताया कि देखो अभी नई सीढ़ियां चढ़ाई हैं। अंग्रेज सिंह के घर के अंदर अभी सामान भी बिखरा पड़ा था। अंग्रेज सिंह ने कहा कि जब से घर गिराए जाने की बात सुनी है, परिवार सो नहीं पा रहा है। पहली ही मुश्किल से पक्का घर बनाने के लिए ग्रांट मिली है। हर गली में घरों पर PM आवास योजना की प्लेट
स्थानीय निवासी जगदीप राय ने बताया कि अंबेडकर नगर में एक मेन गली है और इसके अंदर 10 से ज्यादा गलियां हैं। ये गलियां संकरी हैं। हर गली में इंटरलॉकिंग टाइल लगी हैं। इन गलियों में 5 से लेकर 10 घर ऐसे हैं, जिन पर PM आवास योजना की प्लेट लगी हैं। जिन घरों पर PM योजना की प्लेट नहीं हैं, उन पर निगम की प्रापर्टी आईडी की प्लेट लगी हैं। पहला घर ही बनने क्यों दिया, क्या नेता वोट देखते रहे
सुरजन सिंह ने कहा कि नेता यहां वोट बनते देखते रहे। अभी भी आश्वासन दे रहे हैं। हम पर क्या गुजर रही है, ये तो हम ही जानते हैं। हमारा नेताओं से और इसके साथ ही पावरकॉम के अधिकारियों से भी सवाल है कि जब जमीन सरकारी थी, तो यहां पहला घर बनने के बाद आब्जेक्शन क्यों नहीं किया। यहां पर घर बनते रहे और सब देखते रहे। इससे भी बड़ी बात ये है कि पावरकॉम का दफ्तर यहां से 100 मीटर की दूरी पर है। 70 साल से एक भी अधिकारी या नेता को ये पता ही नहीं चला कि ये जमीन सरकारी है। 4 साल पहले कांग्रेसी मेयर के उद्घाटन का पत्थर आज भी
मोहल्ले के अंदर जाते ही पहली गली के कॉर्नर पर एक काले रंग का मार्बल पत्थर लगा है। इस पर 20 मार्च 2021 लिखा है। ये शिला पट्टिका कांग्रेस के मेयर रहे जगदीश राज राजा के नाम की है। इस पर पूर्व MLA रजिंदर बेरी का भी नाम लिखा है। लोगों ने कहा कि नेता यहां पर उद्घाटन करते रहे, लेकिन किसी ने रोका नहीं। अब अचानक से फरमान निकाल दिया है कि घर खाली करने होंगे। CM मान से करेंगे मुलाकात
अंबेडकर नगर के रहने वाले और कोर्ट में जमीन के केस की पैरवी करने वाले पवन कुमार ने बताया कि उनका पहला कदम CM भगवंत मान से मिलकर इस मसले का हल निकलवाना रहेगा। CM चाहें तो इसका हल करवा सकते हैं। यहां लोग जितनी जमीन पर बसे हैं, सरकार उसकी पैमाइश करवा सकती है। वे लोग इसकी कीमत देने को तैयार हैं। कहते है कि सरकार के स्तर पर हल न हुआ तो पावरकॉम के फैसले को चैलेंज करेंगे। उनकी रजिस्ट्री की सत्यता को जानने के लिए भी डीसी को मांग पत्र देंगे। अगर लोकल लेवल पर कोई हल नहीं निकलता है तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। अंबेडकर नगर में घर गिराने की तारीख बढ़ी
जालंधर के अंबेडकर नगर में 800 के करीब घर गिराए जाने को लेकर पावरकॉम अधिकारियों और लोगों ने सेशन कोर्ट का रुख किया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अगली डेट 14 नवंबर मिली है। तब तक के लिए लोगों ने राहत की सांस ली है। कोर्ट में अंबेडकर नगर के लोगों ने अपना पक्ष रखा है। अंबेडकर नगर के जगदीप राय ने बताया कि सोमवार को वह अपने वकील गुरविंदर अरोड़ा और सुशांत शर्मा के माध्यम से कोर्ट में गए थे। इस दौरान उन्होंने अपना वकालतनामा दे दिया है। जालंधर की अदालत ने उनको इस मसले पर सुनवाई के लिए 14 नवंबर की डेट दी है। ————————- ये खबर भी पढ़ें…
जालंधर में 800 मकान गिराने की तैयारी:मंदिर, गुरुद्वारा-चर्च भी शामिल, 24 घंटे का टाइम; लोग बोले- 80 साल से रह रहे, कहां जाएंगे पंजाब में जालंधर के चौगिट्टी चौक के पास बसे अंबेडकर नगर में महिलाएं रो रही हैं। बच्चे, बूढ़े, जवान सब चिंतित हैं, सहमे हुए हैं। कारण यहां के लगभग 800 घरों को गिराने के लिए पावरकॉम ने 24 घंटे का समय दिया है। आज कोर्ट में पावरकॉम के अधिकारी जमीन पर कब्जा लेने के लिए जाएंगे। (पूरी खबर पढ़ें)