पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पंचकूला पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) जांच में जुटी हुई है। SIT ने 27 अक्टूबर को मुस्तफा की पंचकूला स्थित कोठी पर तैनात सिक्योरिटी से पूछताछ की। मुस्तफा के पंचकूला स्थित आवास की सुरक्षा में करीब 16 पुलिसकर्मी दो शिफ्टों में ड्यूटी दे रहे हैं। अभी तक 9 पुलिसकर्मियों को जांच में शामिल किया जा चुका है और बाकी को भी जल्द ही जांच में शामिल कर बयान दर्ज किए जाएंगे। SIT ने सुरक्षाकर्मियों से पिता-पुत्र के रिश्ते, परिवार के बीच मनमुटाव, रोजाना के झगड़ों, अकील के व्यवहार, सुरक्षाकर्मियों के साथ अकील के व्यवहार और परिवार के सदस्यों की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाई। यह भी पूछा गया कि कौन-कौन से सुरक्षाकर्मी परिवार के साथ लंबे समय से तैनात हैं और कौन हाल ही में सुरक्षा ड्यूटी पर आए हैं। जो पुलिसकर्मी लंबे समय से परिवार के साथ हैं, उनसे मुस्तफा परिवार को लेकर अलग तरह के सवाल किए गए। इसके अलावा, SIT ने कोठी की भी तलाशी ली। कोठी में साथ वाले किराए के घर में अकील की पत्नी के कमरे से एक लैपटॉप बरामद हुआ। SIT ने लैपटॉप को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है। इससे पहले शनिवार को SIT ने कोठी पर क्राइम सीन का निरीक्षण किया था। पंचकूला लौटी मुस्तफा फैमिली
मुस्तफा परिवार 17 अक्टूबर की सुबह पंचकूला से सहारनपुर चला गया था, जहां अकील के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उसके बाद, 25 अक्टूबर को पंजाब के मलेरकोटला में अंतिम दुआ कार्यक्रम रखा गया, जिसके बाद 27 अक्टूबर को परिवार पंचकूला के एमडीसी सेक्टर-4 स्थित उस आवास पर लौट आया, जहां 16 अक्टूबर को अकील अख्तर की मौत हुई थी। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने की मुलाकात
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने सोमवार को मुस्तफा फैमिली के साथ मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की। राव नरेंद्र से पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग 25 अक्टूबर के अंतिम दुआ में शामिल हुए थे और कहा था कि मुस्तफा फैमिली केस से पाक-साफ होकर निकलेगी। परिवार पर गम का पहाड़ है, लेकिन कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। जिस मुस्तफा फैमिली पर FIR हुई, उनके बारे में जानिए… 1985 बैच के IPS, कैप्टन अमरिंदर के करीबी रहे मुस्तफा
मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के IPS रहे। पंजाब में कांग्रेस सरकार के वक्त मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों में मुस्तफा की गिनती होती थी। हालांकि, जब कैप्टन ने मुस्तफा को पंजाब पुलिस का DGP नहीं बनाया तो उनके रिश्ते बिगड़ गए। कैप्टन ने जब दिनकर गुप्ता को DGP बना दिया तो सिनियरिटी का हवाला देकर मुस्तफा सुप्रीम कोर्ट तक गए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद 2021 में मुस्तफा रिटायर हो गए। कांग्रेस ने साल 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया तो मुस्तफा कांग्रेस में सक्रिय हो गए। उन्होंने खुलकर कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी। इस दौरान वह नवजोत सिद्धू के सलाहकार भी रहे। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं पत्नी रजिया सुल्ताना
मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना ने साल 2000 की शुरुआत में राजनीति में एंट्री ली। इसके बाद 2002 और 2007 में लगातार 2 बार मालेरकोटला से कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहीं। 2012 में वह चुनाव हार गईं, लेकिन 2017 में फिर चुनाव जीतकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई वाली सरकार में मंत्री रहीं। 2021 में कैप्टन की जगह चरणजीत चन्नी सीएम बन गए। फिर से रजिया को मंत्री बनाया गया। इसी बीच चन्नी से नाराज होकर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी पद से इस्तीफा दे दिया। इसके समर्थन में रजिया ने भी मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया। बाद में एक कैबिनेट मीटिंग में शामिल होकर उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया। 2022 के चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से चुनाव हार गईं। पुत्रवधू रह चुकीं पंजाब वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन
मुस्तफा की पुत्रवधू को करीब 4 साल पहले पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन बनाया गया था। ये नियुक्ति काफी सुर्खियों में रही थी। उस वक्त पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरपर्सन का पद एक महीने से खाली था। उनकी नियुक्ति शनिवार यानी छुट्टी वाले दिन हुई थी।
पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पंचकूला पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) जांच में जुटी हुई है। SIT ने 27 अक्टूबर को मुस्तफा की पंचकूला स्थित कोठी पर तैनात सिक्योरिटी से पूछताछ की। मुस्तफा के पंचकूला स्थित आवास की सुरक्षा में करीब 16 पुलिसकर्मी दो शिफ्टों में ड्यूटी दे रहे हैं। अभी तक 9 पुलिसकर्मियों को जांच में शामिल किया जा चुका है और बाकी को भी जल्द ही जांच में शामिल कर बयान दर्ज किए जाएंगे। SIT ने सुरक्षाकर्मियों से पिता-पुत्र के रिश्ते, परिवार के बीच मनमुटाव, रोजाना के झगड़ों, अकील के व्यवहार, सुरक्षाकर्मियों के साथ अकील के व्यवहार और परिवार के सदस्यों की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाई। यह भी पूछा गया कि कौन-कौन से सुरक्षाकर्मी परिवार के साथ लंबे समय से तैनात हैं और कौन हाल ही में सुरक्षा ड्यूटी पर आए हैं। जो पुलिसकर्मी लंबे समय से परिवार के साथ हैं, उनसे मुस्तफा परिवार को लेकर अलग तरह के सवाल किए गए। इसके अलावा, SIT ने कोठी की भी तलाशी ली। कोठी में साथ वाले किराए के घर में अकील की पत्नी के कमरे से एक लैपटॉप बरामद हुआ। SIT ने लैपटॉप को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है। इससे पहले शनिवार को SIT ने कोठी पर क्राइम सीन का निरीक्षण किया था। पंचकूला लौटी मुस्तफा फैमिली
मुस्तफा परिवार 17 अक्टूबर की सुबह पंचकूला से सहारनपुर चला गया था, जहां अकील के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उसके बाद, 25 अक्टूबर को पंजाब के मलेरकोटला में अंतिम दुआ कार्यक्रम रखा गया, जिसके बाद 27 अक्टूबर को परिवार पंचकूला के एमडीसी सेक्टर-4 स्थित उस आवास पर लौट आया, जहां 16 अक्टूबर को अकील अख्तर की मौत हुई थी। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने की मुलाकात
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने सोमवार को मुस्तफा फैमिली के साथ मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की। राव नरेंद्र से पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग 25 अक्टूबर के अंतिम दुआ में शामिल हुए थे और कहा था कि मुस्तफा फैमिली केस से पाक-साफ होकर निकलेगी। परिवार पर गम का पहाड़ है, लेकिन कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। जिस मुस्तफा फैमिली पर FIR हुई, उनके बारे में जानिए… 1985 बैच के IPS, कैप्टन अमरिंदर के करीबी रहे मुस्तफा
मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के IPS रहे। पंजाब में कांग्रेस सरकार के वक्त मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों में मुस्तफा की गिनती होती थी। हालांकि, जब कैप्टन ने मुस्तफा को पंजाब पुलिस का DGP नहीं बनाया तो उनके रिश्ते बिगड़ गए। कैप्टन ने जब दिनकर गुप्ता को DGP बना दिया तो सिनियरिटी का हवाला देकर मुस्तफा सुप्रीम कोर्ट तक गए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद 2021 में मुस्तफा रिटायर हो गए। कांग्रेस ने साल 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया तो मुस्तफा कांग्रेस में सक्रिय हो गए। उन्होंने खुलकर कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी। इस दौरान वह नवजोत सिद्धू के सलाहकार भी रहे। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं पत्नी रजिया सुल्ताना
मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना ने साल 2000 की शुरुआत में राजनीति में एंट्री ली। इसके बाद 2002 और 2007 में लगातार 2 बार मालेरकोटला से कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहीं। 2012 में वह चुनाव हार गईं, लेकिन 2017 में फिर चुनाव जीतकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई वाली सरकार में मंत्री रहीं। 2021 में कैप्टन की जगह चरणजीत चन्नी सीएम बन गए। फिर से रजिया को मंत्री बनाया गया। इसी बीच चन्नी से नाराज होकर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी पद से इस्तीफा दे दिया। इसके समर्थन में रजिया ने भी मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया। बाद में एक कैबिनेट मीटिंग में शामिल होकर उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया। 2022 के चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से चुनाव हार गईं। पुत्रवधू रह चुकीं पंजाब वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन
मुस्तफा की पुत्रवधू को करीब 4 साल पहले पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन बनाया गया था। ये नियुक्ति काफी सुर्खियों में रही थी। उस वक्त पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरपर्सन का पद एक महीने से खाली था। उनकी नियुक्ति शनिवार यानी छुट्टी वाले दिन हुई थी।