देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अपने पद इस्तीफा दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को इसकी वजह बताया। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का था। उन्होंने 10 जुलाई को एक कार्यक्रम में कहा था, ‘ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त, 2027 में रिटायर हो जाऊंगा।’ धनखड़ ने अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा। लिखा- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। उन्होंने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। हालांकि, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही उनका इस्तीफा प्रभावी होगा। पढ़िए त्याग पत्र में धनखड़ ने क्या लिखा माननीय राष्ट्रपति जी .. सेहत को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह को मानने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार अपने पद से इस्तीफा देता हूं। मैं भारत के राष्ट्रपति में गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। आपका समर्थन अडिग रहा, जिनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा। मैं माननीय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। माननीय सांसदों से मुझे जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला है, वह मेरी स्मृति में हमेशा रहेगा। मैं इस बात के लिए आभारी हूं कि मुझे इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में जो अनुभव और ज्ञान मिला, वह अत्यंत मूल्यवान रहा। यह मेरे लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है कि मैंने भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और इस परिवर्तनकारी युग में उसके तेज विकास को देखा और उसमें भागीदारी की। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस महत्वपूर्ण दौर में सेवा करना मेरे लिए सच्चे सम्मान की बात रही। आज जब मैं इस सम्माननीय पद को छोड़ रहा हूं, मेरे दिल में भारत की उपलब्धियों और शानदार भविष्य के लिए गर्व और अटूट विश्वास है। गहरी श्रद्धा और आभार के साथ, जगदीप धनखड़ जानिए जगदीप धनखड़ के बारे में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति 11 अगस्त 2022 को धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले थे। इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। सत्र के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति हैं। साथ ही कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति भी हैं। अगले उपराष्ट्रपति के लिए बिहार से JDU सांसद हरिवंश दौड़ में शामिल धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनके उत्तराधिकारी की अटकलें भी शुरू हाे गई हैं। ऐसे में बिहार से JDU सांसद हरिवंश भी संभावित उम्मीदवारों में देखे जा रहे हैं। वे 2020 से राज्यसभा के उपसभापति पद पर आसीन हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल भी इसी महीने खत्म हो रहा है। उपराष्ट्रपति का इस्तीफा स्वीकार हुआ तो नया उपराष्ट्रपति चुने जाने तक राज्यसभा के उपसभापति ही सभापति (अनुच्छेद 91 के तहत) होंगे, लेकिन उन्हें उपराष्ट्रपति का पदभार नहीं मिलेगा। क्योंकि संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रावधान नहीं है। राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनका पदभार उपराष्ट्रपति को मिलता है। यदि उपराष्ट्रपति का पद खाली है और राष्ट्रपति भी अनुपस्थित हैं यानी देश से बाहर हैं तो ऐसे में राष्ट्रपति का पदभार CJI को दिया जाता है। पद खाली होने पर उपराष्ट्रपति कितने दिन में चुना जाए, इसकी समय-सीमा तय नहीं। जयराम बोले- PM जगदीप धनखड़ से मन बदलने को कहें जगदीश धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने पर विपक्ष सवाल कर रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। PM मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी। शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने कहा- स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की खबर चिंताजनक है। हम उनकी कुशलता की कामना करते हैं। मानसून सत्र का पहला दिन था और उसी दिन उनका इस्तीफा हैरान करने वाला है। इस सरकार में क्या चल रहा है? स्वास्थ्य चिंता का विषय होता तो इस्तीफा सत्र से कुछ दिन पहले या बाद में भी दिया जा सकता था। पूरी खबर पढ़ें… पिछले महीने कार्यक्रम के बाद धनखड़ के सीने में दर्द उठा था 25 जून को उत्तराखंड में एक कार्यक्रम के बाद जगदीप धनखड़ की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें तुरंत नैनीताल राजभवन ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उनका चेकअप किया। धनखड़ नैनीताल में कुमाऊं यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली समारोह में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद धनखड़ पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल के कंधे पर हाथ रखकर बाहर निकले। फिर महेंद्र पाल से गले लगकर रोने लगे। करीब 10 कदम चलने पर धनखड़ के सीने में अचानक दर्द उठा। पूर्व सांसद महेंद्र पाल और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें संभाला था। इससे पहले जगदीप धनखड़ को 9 मार्च 2025 को अचानक सीने में दर्द की शिकायत पर AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 12 मार्च 2025 को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। जब TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने धनखड़ की मिमिक्री की थी 19 दिसंबर 2023 को संसद से सांसदों को निलंबन को लेकर विपक्षी दल मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान श्रीरामपुर से TMC सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे। उन्होंने करीब 5 मिनट मजाक उड़ाया। उनकी मिमिक्री पर वहां मौजूद सांसद ठहाके लगा रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस घटना का वीडियो बना रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें… …………………. संसद का मानसून सत्र पहला दिन… संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार: लोकसभा में 16, राज्यसभा में 9 घंटे बहस होगी; खड़गे बोले-पहलगाम आतंकी नहीं पकड़े गए, जवाब दें संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार हो गई है। अगले हफ्ते इस मुद्दे पर लोकसभा में 16 और राज्यसभा में 9 घंटे बहस होगी। हालांकि विपक्ष का कहना है कि चर्चा सत्र के शुरुआत में होनी चाहिए और PM मोदी जवाब दें। पूरी खबर पढ़ें…
देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अपने पद इस्तीफा दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को इसकी वजह बताया। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का था। उन्होंने 10 जुलाई को एक कार्यक्रम में कहा था, ‘ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त, 2027 में रिटायर हो जाऊंगा।’ धनखड़ ने अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा। लिखा- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। उन्होंने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। हालांकि, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही उनका इस्तीफा प्रभावी होगा। पढ़िए त्याग पत्र में धनखड़ ने क्या लिखा माननीय राष्ट्रपति जी .. सेहत को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह को मानने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार अपने पद से इस्तीफा देता हूं। मैं भारत के राष्ट्रपति में गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। आपका समर्थन अडिग रहा, जिनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा। मैं माननीय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। माननीय सांसदों से मुझे जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला है, वह मेरी स्मृति में हमेशा रहेगा। मैं इस बात के लिए आभारी हूं कि मुझे इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में जो अनुभव और ज्ञान मिला, वह अत्यंत मूल्यवान रहा। यह मेरे लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है कि मैंने भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और इस परिवर्तनकारी युग में उसके तेज विकास को देखा और उसमें भागीदारी की। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस महत्वपूर्ण दौर में सेवा करना मेरे लिए सच्चे सम्मान की बात रही। आज जब मैं इस सम्माननीय पद को छोड़ रहा हूं, मेरे दिल में भारत की उपलब्धियों और शानदार भविष्य के लिए गर्व और अटूट विश्वास है। गहरी श्रद्धा और आभार के साथ, जगदीप धनखड़ जानिए जगदीप धनखड़ के बारे में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति 11 अगस्त 2022 को धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले थे। इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। सत्र के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति हैं। साथ ही कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति भी हैं। अगले उपराष्ट्रपति के लिए बिहार से JDU सांसद हरिवंश दौड़ में शामिल धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनके उत्तराधिकारी की अटकलें भी शुरू हाे गई हैं। ऐसे में बिहार से JDU सांसद हरिवंश भी संभावित उम्मीदवारों में देखे जा रहे हैं। वे 2020 से राज्यसभा के उपसभापति पद पर आसीन हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल भी इसी महीने खत्म हो रहा है। उपराष्ट्रपति का इस्तीफा स्वीकार हुआ तो नया उपराष्ट्रपति चुने जाने तक राज्यसभा के उपसभापति ही सभापति (अनुच्छेद 91 के तहत) होंगे, लेकिन उन्हें उपराष्ट्रपति का पदभार नहीं मिलेगा। क्योंकि संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रावधान नहीं है। राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनका पदभार उपराष्ट्रपति को मिलता है। यदि उपराष्ट्रपति का पद खाली है और राष्ट्रपति भी अनुपस्थित हैं यानी देश से बाहर हैं तो ऐसे में राष्ट्रपति का पदभार CJI को दिया जाता है। पद खाली होने पर उपराष्ट्रपति कितने दिन में चुना जाए, इसकी समय-सीमा तय नहीं। जयराम बोले- PM जगदीप धनखड़ से मन बदलने को कहें जगदीश धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने पर विपक्ष सवाल कर रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। PM मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी। शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने कहा- स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की खबर चिंताजनक है। हम उनकी कुशलता की कामना करते हैं। मानसून सत्र का पहला दिन था और उसी दिन उनका इस्तीफा हैरान करने वाला है। इस सरकार में क्या चल रहा है? स्वास्थ्य चिंता का विषय होता तो इस्तीफा सत्र से कुछ दिन पहले या बाद में भी दिया जा सकता था। पूरी खबर पढ़ें… पिछले महीने कार्यक्रम के बाद धनखड़ के सीने में दर्द उठा था 25 जून को उत्तराखंड में एक कार्यक्रम के बाद जगदीप धनखड़ की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें तुरंत नैनीताल राजभवन ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उनका चेकअप किया। धनखड़ नैनीताल में कुमाऊं यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली समारोह में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद धनखड़ पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल के कंधे पर हाथ रखकर बाहर निकले। फिर महेंद्र पाल से गले लगकर रोने लगे। करीब 10 कदम चलने पर धनखड़ के सीने में अचानक दर्द उठा। पूर्व सांसद महेंद्र पाल और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें संभाला था। इससे पहले जगदीप धनखड़ को 9 मार्च 2025 को अचानक सीने में दर्द की शिकायत पर AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 12 मार्च 2025 को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। जब TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने धनखड़ की मिमिक्री की थी 19 दिसंबर 2023 को संसद से सांसदों को निलंबन को लेकर विपक्षी दल मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान श्रीरामपुर से TMC सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे। उन्होंने करीब 5 मिनट मजाक उड़ाया। उनकी मिमिक्री पर वहां मौजूद सांसद ठहाके लगा रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस घटना का वीडियो बना रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें… …………………. संसद का मानसून सत्र पहला दिन… संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार: लोकसभा में 16, राज्यसभा में 9 घंटे बहस होगी; खड़गे बोले-पहलगाम आतंकी नहीं पकड़े गए, जवाब दें संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार हो गई है। अगले हफ्ते इस मुद्दे पर लोकसभा में 16 और राज्यसभा में 9 घंटे बहस होगी। हालांकि विपक्ष का कहना है कि चर्चा सत्र के शुरुआत में होनी चाहिए और PM मोदी जवाब दें। पूरी खबर पढ़ें…