
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन को सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष नियुक्त किया। अब कांग्रेस ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस की ओर से जारी किए गए नोट में कहा गया है कि NHRC के चेरयपर्सन की सिलेक्शन कमेटी में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी थे, लेकिन उनकी राय को गंभीरता से नहीं लिया गया। कांग्रेस ने कहा कि चयन समिति की बैठक बुधवार को हुई थी, लेकिन यह पहले से निर्धारित एक्सरसाइज थी। इसमें एक-दूसरे की सहमति लेने की परंपरा को नजरअंदाज कर दिया गया। ऐसे मामलों में यह आवश्यक होता है। यह निष्पक्षता के प्रिंसिपल को कमजोर करता है, जो चयन समिति की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण है। सभी की राय लेने विचार करने को बढ़ावा देने के बजाय समिति ने बहुमत पर भरोसा किया। इस मीटिंग में कई वाजिब चिंताएं उठाई गई थीं, लेकिन उसे दरकिनार कर दिया गया। दरअसल, वी रामासुब्रमण्यन सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष नियुक्त किए गए। उनसे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा आयोग के अध्यक्ष थे। वे इसी साल 1 जून को इस पद से रिटायर हुए थे। तब से ही आयोग की सदस्य विजया भारती स्यानी कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही थीं। कांग्रेस का नोट… 4 पॉइंट में कौन हैं वी. रामासुब्रमण्यम सिलेक्शन पैनल में 6 सदस्य, PM अध्यक्ष आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गठित 6 सदस्यीय समिति की सिफारिश पर की जाती है। समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप- सभापति, संसद के दोनों सदनों के मुख्य विपक्षी दल के नेता और केंद्रीय गृहमंत्री होते हैं। NHRC अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल का होता है ————————————— वी रामासुब्रमण्यन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें….. रेंट अफेयर्स 23 दिसंबर:रिटायर्ड जस्टिस रामासुब्रमण्यम NHRC अध्यक्ष बने; ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष बनाए गए। NHRC के अध्यक्ष का पद एक जून से खाली था। रिटायर्ड न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा का कार्यकाल 1 जून 2024 को पूरा हो जाने के बाद से ही NHRC के अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था। पढ़ें पूरी खबर….
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन को सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष नियुक्त किया। अब कांग्रेस ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस की ओर से जारी किए गए नोट में कहा गया है कि NHRC के चेरयपर्सन की सिलेक्शन कमेटी में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी थे, लेकिन उनकी राय को गंभीरता से नहीं लिया गया। कांग्रेस ने कहा कि चयन समिति की बैठक बुधवार को हुई थी, लेकिन यह पहले से निर्धारित एक्सरसाइज थी। इसमें एक-दूसरे की सहमति लेने की परंपरा को नजरअंदाज कर दिया गया। ऐसे मामलों में यह आवश्यक होता है। यह निष्पक्षता के प्रिंसिपल को कमजोर करता है, जो चयन समिति की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण है। सभी की राय लेने विचार करने को बढ़ावा देने के बजाय समिति ने बहुमत पर भरोसा किया। इस मीटिंग में कई वाजिब चिंताएं उठाई गई थीं, लेकिन उसे दरकिनार कर दिया गया। दरअसल, वी रामासुब्रमण्यन सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष नियुक्त किए गए। उनसे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा आयोग के अध्यक्ष थे। वे इसी साल 1 जून को इस पद से रिटायर हुए थे। तब से ही आयोग की सदस्य विजया भारती स्यानी कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही थीं। कांग्रेस का नोट… 4 पॉइंट में कौन हैं वी. रामासुब्रमण्यम सिलेक्शन पैनल में 6 सदस्य, PM अध्यक्ष आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गठित 6 सदस्यीय समिति की सिफारिश पर की जाती है। समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप- सभापति, संसद के दोनों सदनों के मुख्य विपक्षी दल के नेता और केंद्रीय गृहमंत्री होते हैं। NHRC अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल का होता है ————————————— वी रामासुब्रमण्यन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें….. रेंट अफेयर्स 23 दिसंबर:रिटायर्ड जस्टिस रामासुब्रमण्यम NHRC अध्यक्ष बने; ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष बनाए गए। NHRC के अध्यक्ष का पद एक जून से खाली था। रिटायर्ड न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा का कार्यकाल 1 जून 2024 को पूरा हो जाने के बाद से ही NHRC के अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था। पढ़ें पूरी खबर….