
नीतीश कुमार की अगुआई वाली NDA सरकार को बीते साल गिराने की साजिश रची गई थी। इसको लेकर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दिन (12 फरवरी 2024) को चुना गया था। ताकि सरकार अपना विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए। यह बात आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में सामने आई थी। अब विधायकों के खरीद-फरोख्त के मामले में ठेकेदार और इंजीनियर सुनील सिंह से EOU की टीम पूछताछ कर रही है। आज यानी मंगलवार को सुनील पटना स्थित आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के ऑफिस पहुंचे। सुबह 11 बजे से EOU की एक टीम ने उनसे पूछताछ शुरू की, जो तीन घंटे तक चली। इस मामले में शनिवार को ही EOU की तरफ से एक नोटिस सुनील सिंह को भेजा गया था। जांच में सहयोग कर रहे सुनील सिंह- EOU EOU की टीम ने जांच के क्रम में विधायकों को खरीदने के लिए जो सबूत मिले थे और रुपयों का जिन सोर्स के जरिए इस्तेमाल किया जाना था, उसे आज वेरिफाई कराया। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में बालू माफियाओं के साथ-साथ कई अलग-अलग माफियाओं के माध्यम से रुपयों का इस्तेमाल होना था। जांच एजेंसी के सामने सुनील ने इस बात को माना कि माफियाओं के साथ उसका कनेक्शन है। पहले ही जांच के क्रम में इस बात के सबूत EOU को मिले थे। यही कारण है कि इस केस में सुनील को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इसके बाद वो कोर्ट के शरण में चले गए थे। जांच में सहयोग करने की शर्त पर उन्हें जमानत मिली थी। अब EOU ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल वो जांच में सहयोग कर रहे हैं। सबूतों को आगे वेरिफाई किया जाएगा। इसके लिए सुनिल को फिर से पूछताछ के लिए नोटिस दिया जा सकता है। आगे सहयोग नहीं करने पर जांच एजेंसी उनके जमानत को रद्द कराने के लिए कोर्ट में अपील भी कर सकती है। इंजीनियर सुनील सिंह का RJD से कनेक्शन ठेकेदार और इंजीनियर सुनील का कनेक्शन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से है। इस प्रकरण में पिछले साल पटना के कोतवाली थाने में एक FIR दर्ज हुई थी। दरअसल, 2024 में जब JDU और BJP के गठबंधन की सरकार बनी तो विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में इन्हें विश्वास मत हासिल करना था। EOU की जांच में हॉर्स ट्रेडिंग के लिए रुपयों के लेन-देन के सबूत मिले थे। जांच एजेंसी के अनुसार, फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में रह रहे लोगों के माध्यम से NDA के कई विधायकों को खरीद फरोख्त करने की कोशिश गई थी। सबूत इस बात के भी मिले कि कुछ विधायकों ने एडवांस के रूप में कुछ रुपए भी लिए थे। सरकार गिरने के बाद बाकी रुपए इन्हें हवाला के जरिए मिलने वाले थे। यह दूसरे राज्यों के लोगों के माध्यम से विधायकों को दिए जाते। कोतवाली थाने में दर्ज हुई थी FIR सुधांशु शेखर मधुबनी के हरलाखी से JDU के विधायक हैं। उन्होंने पटना के कोतवाली थाने में 11 फरवरी 2024 को दो विधायक को किडनैप कर रुपए का प्रलोभन देने को लेकर FIR दर्ज कराई थी। कंप्लेन में इन्होंने लिखा था कि ‘बीमा भारती और दिलीप राय का अपहरण कुछ लोगों ने किया है।’ सरकार गिराने के लिए विपक्ष पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस केस के सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम एक्टिव हो गई थी। शुरुआती जांच में मामले की गंभीरता को राज्य पुलिस की इस जांच एजेंसी ने समझ लिया। इसके बाद कोतवाली थाने में दर्ज केस को आर्थिक अपराध इकाई ने टेक ओवर कर लिया और अपनी जांच शुरू कर दी। 10 करोड़ का ऑफर देने का आरोप उस दौरान बीमा भारती JDU की विधायक थीं। अचानक से यह बात सामने आई कि JDU के विधायकों पर महागठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। विधायक कृष्ण मुरारी शरण को मंत्री पद का ऑफर दिया गया है। जबकि, मधुबनी के हरलाखी से विधायक सुधांशु शेखर को महागठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए 10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया है। इसके अलावा विधायक बीमा भारती और दिलीप राय को किडनैप किए जाने का आरोप लगा था। शपथ ग्रहण और फ्लोर टेस्ट के बीच 14 दिनों का मिला समय महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद 28 जनवरी को एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण हुआ था। नीतीश कुमार नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। नीतीश कुमार के साथ दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने शपथ ली थी। लेकिन, नीतीश कुमार की अगुआई में बनी एनडीए की नई सरकार को 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना था। इसके बाद ही तय होना था कि सरकार रहेगी या जाएगी। 12 फरवरी 2024 तक क्या था सीटों का गणित कांग्रेस ने विधायकों को भेजा था हैदराबाद फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था। कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट से पहले हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) का डर था। इस वजह से सभी विधायक को हैदराबाद के एक होटल में ठहराया गया था। हालांकि, कांग्रेस के तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा था कि तेलंगाना में नई सरकार बनी है। इस वजह से सभी विधायक उन्हें बधाई देने के लिए यहां पहुंचे हैं। फ्लोर टेस्ट के दिन क्या हुआ था आरजेडी विधायक चेतन आनंद विधानसभा में पहुंचे तो एनडीए खेमे की ओर बैठ गए थे। इससे साफ हो गया था कि चेतन आनंद ने खेमा बदल लिया है। इसके बाद राजद विधायक सह बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी एनडीए विधायकों के साथ बैठ गईं। फ्लोर टेस्ट के दिन पार्टी से अलग होने वाले तीसरे विधायक प्रहलाद यादव थे। सूर्यगढ़ा से राजद विधायक प्रहलाद यादव ने भी पाला बदल दिया था। 12 फरवरी को राजद के तीन विधायक ने पाला बदल लिया था। ——————————————————– इसे भी पढ़िए… 4 साल में विधानसभा की 29 सीटों की तस्वीर बदली:5 डिप्टी CM, 3 बार पूरा कैबिनेट बदला, 2 पार्टियों का सदन से सफाया बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होनी है। एनडीए और महागठबंधन की तरफ से कैंडिडेट की घोषणा कर दी गई है। 17वीं विधानसभा में 7वां मौका है, जब बिहार में विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। इससे पहले विधानसभा की 9 सीटों पर 6 बार उपचुनाव हो चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें।
नीतीश कुमार की अगुआई वाली NDA सरकार को बीते साल गिराने की साजिश रची गई थी। इसको लेकर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दिन (12 फरवरी 2024) को चुना गया था। ताकि सरकार अपना विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए। यह बात आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में सामने आई थी। अब विधायकों के खरीद-फरोख्त के मामले में ठेकेदार और इंजीनियर सुनील सिंह से EOU की टीम पूछताछ कर रही है। आज यानी मंगलवार को सुनील पटना स्थित आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के ऑफिस पहुंचे। सुबह 11 बजे से EOU की एक टीम ने उनसे पूछताछ शुरू की, जो तीन घंटे तक चली। इस मामले में शनिवार को ही EOU की तरफ से एक नोटिस सुनील सिंह को भेजा गया था। जांच में सहयोग कर रहे सुनील सिंह- EOU EOU की टीम ने जांच के क्रम में विधायकों को खरीदने के लिए जो सबूत मिले थे और रुपयों का जिन सोर्स के जरिए इस्तेमाल किया जाना था, उसे आज वेरिफाई कराया। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में बालू माफियाओं के साथ-साथ कई अलग-अलग माफियाओं के माध्यम से रुपयों का इस्तेमाल होना था। जांच एजेंसी के सामने सुनील ने इस बात को माना कि माफियाओं के साथ उसका कनेक्शन है। पहले ही जांच के क्रम में इस बात के सबूत EOU को मिले थे। यही कारण है कि इस केस में सुनील को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इसके बाद वो कोर्ट के शरण में चले गए थे। जांच में सहयोग करने की शर्त पर उन्हें जमानत मिली थी। अब EOU ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल वो जांच में सहयोग कर रहे हैं। सबूतों को आगे वेरिफाई किया जाएगा। इसके लिए सुनिल को फिर से पूछताछ के लिए नोटिस दिया जा सकता है। आगे सहयोग नहीं करने पर जांच एजेंसी उनके जमानत को रद्द कराने के लिए कोर्ट में अपील भी कर सकती है। इंजीनियर सुनील सिंह का RJD से कनेक्शन ठेकेदार और इंजीनियर सुनील का कनेक्शन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से है। इस प्रकरण में पिछले साल पटना के कोतवाली थाने में एक FIR दर्ज हुई थी। दरअसल, 2024 में जब JDU और BJP के गठबंधन की सरकार बनी तो विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में इन्हें विश्वास मत हासिल करना था। EOU की जांच में हॉर्स ट्रेडिंग के लिए रुपयों के लेन-देन के सबूत मिले थे। जांच एजेंसी के अनुसार, फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में रह रहे लोगों के माध्यम से NDA के कई विधायकों को खरीद फरोख्त करने की कोशिश गई थी। सबूत इस बात के भी मिले कि कुछ विधायकों ने एडवांस के रूप में कुछ रुपए भी लिए थे। सरकार गिरने के बाद बाकी रुपए इन्हें हवाला के जरिए मिलने वाले थे। यह दूसरे राज्यों के लोगों के माध्यम से विधायकों को दिए जाते। कोतवाली थाने में दर्ज हुई थी FIR सुधांशु शेखर मधुबनी के हरलाखी से JDU के विधायक हैं। उन्होंने पटना के कोतवाली थाने में 11 फरवरी 2024 को दो विधायक को किडनैप कर रुपए का प्रलोभन देने को लेकर FIR दर्ज कराई थी। कंप्लेन में इन्होंने लिखा था कि ‘बीमा भारती और दिलीप राय का अपहरण कुछ लोगों ने किया है।’ सरकार गिराने के लिए विपक्ष पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस केस के सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम एक्टिव हो गई थी। शुरुआती जांच में मामले की गंभीरता को राज्य पुलिस की इस जांच एजेंसी ने समझ लिया। इसके बाद कोतवाली थाने में दर्ज केस को आर्थिक अपराध इकाई ने टेक ओवर कर लिया और अपनी जांच शुरू कर दी। 10 करोड़ का ऑफर देने का आरोप उस दौरान बीमा भारती JDU की विधायक थीं। अचानक से यह बात सामने आई कि JDU के विधायकों पर महागठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। विधायक कृष्ण मुरारी शरण को मंत्री पद का ऑफर दिया गया है। जबकि, मधुबनी के हरलाखी से विधायक सुधांशु शेखर को महागठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए 10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया है। इसके अलावा विधायक बीमा भारती और दिलीप राय को किडनैप किए जाने का आरोप लगा था। शपथ ग्रहण और फ्लोर टेस्ट के बीच 14 दिनों का मिला समय महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद 28 जनवरी को एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण हुआ था। नीतीश कुमार नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। नीतीश कुमार के साथ दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने शपथ ली थी। लेकिन, नीतीश कुमार की अगुआई में बनी एनडीए की नई सरकार को 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना था। इसके बाद ही तय होना था कि सरकार रहेगी या जाएगी। 12 फरवरी 2024 तक क्या था सीटों का गणित कांग्रेस ने विधायकों को भेजा था हैदराबाद फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था। कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट से पहले हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) का डर था। इस वजह से सभी विधायक को हैदराबाद के एक होटल में ठहराया गया था। हालांकि, कांग्रेस के तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा था कि तेलंगाना में नई सरकार बनी है। इस वजह से सभी विधायक उन्हें बधाई देने के लिए यहां पहुंचे हैं। फ्लोर टेस्ट के दिन क्या हुआ था आरजेडी विधायक चेतन आनंद विधानसभा में पहुंचे तो एनडीए खेमे की ओर बैठ गए थे। इससे साफ हो गया था कि चेतन आनंद ने खेमा बदल लिया है। इसके बाद राजद विधायक सह बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी एनडीए विधायकों के साथ बैठ गईं। फ्लोर टेस्ट के दिन पार्टी से अलग होने वाले तीसरे विधायक प्रहलाद यादव थे। सूर्यगढ़ा से राजद विधायक प्रहलाद यादव ने भी पाला बदल दिया था। 12 फरवरी को राजद के तीन विधायक ने पाला बदल लिया था। ——————————————————– इसे भी पढ़िए… 4 साल में विधानसभा की 29 सीटों की तस्वीर बदली:5 डिप्टी CM, 3 बार पूरा कैबिनेट बदला, 2 पार्टियों का सदन से सफाया बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होनी है। एनडीए और महागठबंधन की तरफ से कैंडिडेट की घोषणा कर दी गई है। 17वीं विधानसभा में 7वां मौका है, जब बिहार में विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। इससे पहले विधानसभा की 9 सीटों पर 6 बार उपचुनाव हो चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें।