
आंध्र प्रदेश के श्री तिरुपति मंदिर में बुधवार को भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में आज मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि जिला SP समेत तीन वरिष्ठ अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने DSP समेत दो अधिकारियों को लापरवाही के चलते सस्पेंड करने का आदेश भी दिया है। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर के प्रशासन और निगरानी व्यवस्था में मुझे कुछ कमियां नजर आई हैं, जो नहीं होनी चाहिए थीं। इस हादसे की ज्यूडिशियल इंक्वायरी कराई जाएगी। इसके अलावा उन्होंने मृतकों के परिजन को 25 लाख रुपए और घायलों को 2 लाख रुपए की मदद देने का भी ऐलान किया। दरअसल, शुक्रवार से शुरू होने वाले 10 दिवसीय विशेष वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए बुधवार शाम को टिकट बांटे जा रहे थे। मंदिर कमेटी ने 91 काउंटर खोले थे। इनमें करीब 4 हजार की भीड़ थी। देर रात 9:30 बजे मंदिर के वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास भगदड़ मच गई। इसी दौरान लाइन में लगी एक महिला बेहोश हो गई। इलाज के लिए उसे गेट खोलकर निकाला गया। इस दौरान लोग अंदर घुसने लगे। भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। जिसमें बीमार महिला समेत 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हुए। हादसे की 5 फोटोज… हादसे से जुड़े अपडेट्स… जिस द्वार पर हादसा हुआ, उसे 10 जनवरी को खोला जाना था
एक दिन पहले मंगलवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया था कि 10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ एकादशी पर वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए खोले जाने थे। सुबह 4.30 बजे से प्रोटोकॉल दर्शन से शुरू होगा, उसके बाद सुबह 8 बजे से सर्व दर्शन शुरू होगा। इसके लिए लोग टोकन लेने के लिए लाइन में लगे थे। इन 10 दिनों में करीब 7 लाख भक्तों के आने की संभावना है। तिरुपति भारत का सबसे प्रसिद्ध और अमीर मंदिर
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और अमीर तीर्थस्थलों में से एक है। ये आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर बसा है। भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर का निर्माण राजा तोंडमन ने करवाया था। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 11वीं सदी में रामानुजाचार्य ने की थी। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर जब पद्मावती से अपना विवाह रचा रहे थे तो उन्होंने धन के देवता कुबेर से कर्ज लिया। भगवान पर अब भी वो कर्ज है और श्रद्धालु इसका ब्याज चुकाने में उनकी मदद करने के लिए दान देते हैं। तिरुमाला मंदिर को हर साल लगभग एक टन सोना दान में मिलता है। तिरुपति दर्शन करने जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को यहां का प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में दिया जाता है। यहां रोज करीब 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं। लड्डू को चने के बेसन, मक्खन, चीनी, काजू, किशमिश और इलायची से बनाया जाता है और इसकी रेसिपी करीब 300 साल पुरानी है। भगवान विष्णु को कहते हैं व्यंकटेश्वर इस मंदिर के बारे में कहा जाता हैं कि यह मेरूपर्वत के सप्त शिखरों पर बना हुआ है, इसकी सात चोटियां शेषनाग के सात फनों का प्रतीक कही जाती हैं। इन चोटियों को शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरुड़ाद्रि, अंजनाद्रि, वृषटाद्रि, नारायणाद्रि और व्यंकटाद्रि कहा जाता है। इनमें से व्यंकटाद्रि नाम की चोटी पर भगवान विष्णु विराजित हैं और इसी वजह से उन्हें व्यंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है। सिर्फ शुक्रवार को होते हैं पूरी मूर्ति के दर्शन
मंदिर में बालाजी के दिन में तीन बार दर्शन होते हैं। पहला दर्शन विश्वरूप कहलाता है, जो सुबह के समय होता है। दूसरा दर्शन दोपहर को और तीसरा दर्शन रात को होता है। भगवान बालाजी की पूरी मूर्ति के दर्शन केवल शुक्रवार को सुबह अभिषेक के समय ही किए जा सकते हैं। भगवान बालाजी ने यहीं दिए थे रामानुजाचार्य को साक्षात दर्शन
यहां पर बालाजी के मंदिर के अलावा और भी कई मंदिर हैं, जैसे- आकाश गंगा, पापनाशक तीर्थ, वैकुंठ तीर्थ, जलावितीर्थ, तिरुच्चानूर। ये सभी जगहें भगवान की लीलाओं से जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि श्रीरामानुजाचार्य जी लगभग डेढ़ सौ साल तक जीवित रहे और उन्होंने सारी उम्र भगवान विष्णु की सेवा की, जिसके फलस्वरूप यहीं पर भगवान ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए थे। ——————————————- तिरुपति मंदिर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… तिरुपति मंदिर प्रबंधन ने कहा- प्रसाद अब पवित्र, जांच में एनिमल फैट की पुष्टि आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के लड्डूओं की पवित्रता विवाद के बीच मंदिर प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने 20 सितंबर को कहा कि प्रसादम अब पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र है। इसे आगे भी रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात मानी है। पूरी खबर पढ़ें…
आंध्र प्रदेश के श्री तिरुपति मंदिर में बुधवार को भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में आज मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि जिला SP समेत तीन वरिष्ठ अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने DSP समेत दो अधिकारियों को लापरवाही के चलते सस्पेंड करने का आदेश भी दिया है। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर के प्रशासन और निगरानी व्यवस्था में मुझे कुछ कमियां नजर आई हैं, जो नहीं होनी चाहिए थीं। इस हादसे की ज्यूडिशियल इंक्वायरी कराई जाएगी। इसके अलावा उन्होंने मृतकों के परिजन को 25 लाख रुपए और घायलों को 2 लाख रुपए की मदद देने का भी ऐलान किया। दरअसल, शुक्रवार से शुरू होने वाले 10 दिवसीय विशेष वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए बुधवार शाम को टिकट बांटे जा रहे थे। मंदिर कमेटी ने 91 काउंटर खोले थे। इनमें करीब 4 हजार की भीड़ थी। देर रात 9:30 बजे मंदिर के वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास भगदड़ मच गई। इसी दौरान लाइन में लगी एक महिला बेहोश हो गई। इलाज के लिए उसे गेट खोलकर निकाला गया। इस दौरान लोग अंदर घुसने लगे। भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। जिसमें बीमार महिला समेत 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हुए। हादसे की 5 फोटोज… हादसे से जुड़े अपडेट्स… जिस द्वार पर हादसा हुआ, उसे 10 जनवरी को खोला जाना था
एक दिन पहले मंगलवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया था कि 10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ एकादशी पर वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए खोले जाने थे। सुबह 4.30 बजे से प्रोटोकॉल दर्शन से शुरू होगा, उसके बाद सुबह 8 बजे से सर्व दर्शन शुरू होगा। इसके लिए लोग टोकन लेने के लिए लाइन में लगे थे। इन 10 दिनों में करीब 7 लाख भक्तों के आने की संभावना है। तिरुपति भारत का सबसे प्रसिद्ध और अमीर मंदिर
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और अमीर तीर्थस्थलों में से एक है। ये आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर बसा है। भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर का निर्माण राजा तोंडमन ने करवाया था। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 11वीं सदी में रामानुजाचार्य ने की थी। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर जब पद्मावती से अपना विवाह रचा रहे थे तो उन्होंने धन के देवता कुबेर से कर्ज लिया। भगवान पर अब भी वो कर्ज है और श्रद्धालु इसका ब्याज चुकाने में उनकी मदद करने के लिए दान देते हैं। तिरुमाला मंदिर को हर साल लगभग एक टन सोना दान में मिलता है। तिरुपति दर्शन करने जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को यहां का प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में दिया जाता है। यहां रोज करीब 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं। लड्डू को चने के बेसन, मक्खन, चीनी, काजू, किशमिश और इलायची से बनाया जाता है और इसकी रेसिपी करीब 300 साल पुरानी है। भगवान विष्णु को कहते हैं व्यंकटेश्वर इस मंदिर के बारे में कहा जाता हैं कि यह मेरूपर्वत के सप्त शिखरों पर बना हुआ है, इसकी सात चोटियां शेषनाग के सात फनों का प्रतीक कही जाती हैं। इन चोटियों को शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरुड़ाद्रि, अंजनाद्रि, वृषटाद्रि, नारायणाद्रि और व्यंकटाद्रि कहा जाता है। इनमें से व्यंकटाद्रि नाम की चोटी पर भगवान विष्णु विराजित हैं और इसी वजह से उन्हें व्यंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है। सिर्फ शुक्रवार को होते हैं पूरी मूर्ति के दर्शन
मंदिर में बालाजी के दिन में तीन बार दर्शन होते हैं। पहला दर्शन विश्वरूप कहलाता है, जो सुबह के समय होता है। दूसरा दर्शन दोपहर को और तीसरा दर्शन रात को होता है। भगवान बालाजी की पूरी मूर्ति के दर्शन केवल शुक्रवार को सुबह अभिषेक के समय ही किए जा सकते हैं। भगवान बालाजी ने यहीं दिए थे रामानुजाचार्य को साक्षात दर्शन
यहां पर बालाजी के मंदिर के अलावा और भी कई मंदिर हैं, जैसे- आकाश गंगा, पापनाशक तीर्थ, वैकुंठ तीर्थ, जलावितीर्थ, तिरुच्चानूर। ये सभी जगहें भगवान की लीलाओं से जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि श्रीरामानुजाचार्य जी लगभग डेढ़ सौ साल तक जीवित रहे और उन्होंने सारी उम्र भगवान विष्णु की सेवा की, जिसके फलस्वरूप यहीं पर भगवान ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए थे। ——————————————- तिरुपति मंदिर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… तिरुपति मंदिर प्रबंधन ने कहा- प्रसाद अब पवित्र, जांच में एनिमल फैट की पुष्टि आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के लड्डूओं की पवित्रता विवाद के बीच मंदिर प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने 20 सितंबर को कहा कि प्रसादम अब पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र है। इसे आगे भी रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात मानी है। पूरी खबर पढ़ें…