
पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को सशस्त्र बलों की प्रशंसा करने वाला प्रस्ताव पेश किया गया। इस दौरान CM ममता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। ममता ने कहा- पहलगाम आतंकी हमला केंद्र की लापरवाही का नतीजा था। ममता ने पूछा- आतंकी हमले वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी क्यों नदारद थे। ममता ने कहा कि भाजपा सशस्त्र बलों की वीरता का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है, भाजपा सरकार को चले जाना चाहिए क्योंकि वह देश के लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि पीएम मोदी केवल अपने बारे में विज्ञापन देने में बिजी हैं। ममता ने कहा- आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता; हम इसका समर्थन नहीं करते। आतंकवादियों को सबक सिखाने की जरूरत थी, हम सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करते हैं। ममता का दावा- हमारे पास PoK वापस लेने का अच्छा मौका था ममता ने विधानसभा में यह भी कहा कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर किया की गई एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को वापस लेने का एक अच्छा मौका था। ममता ने आरोप लगाया कि जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं, तब-तब भाजपा पुलवामा जैसी घटनाएं करवाती है। हालांकि इन सबके बावजूद, राष्ट्र की सुरक्षा में सशस्त्र बलों के साहस की सराहना करते हुए प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे बिना किसी विरोध के पारित कर दिया गया। भाजपा का सवाल- प्रस्ताव में सिंदूर शब्द क्यों नहीं विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायक सदन में खड़े हो गए। सभी नारे लगाने लगे और बनर्जी पर राष्ट्रीय त्रासदी का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण स्पीकर बिमान बनर्जी को हस्तक्षेप करना पड़ा। टकराव के बावजूद, सदन में व्यवस्था बहाल होने के बाद प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पहलगाम हमले में खास तौर पर एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाया गया, जिसका प्रस्ताव में जिक्र नहीं किया गया। भाजपा ने सवाल उठाया कि प्रस्ताव में सिंदूर शब्द क्यों नहीं है। पहलगाम हमले पर पहले भी मोदी सरकार को घेर चुकीं ममता ये खबर भी पढ़ें… शाह बोले- पहलगाम हमला हुआ तो ममता बनर्जी चुप रहीं, अब ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर रहीं, ताकि मुस्लिम वोट बैंक को खुश कर सकें अमित शाह ने 1 जून को कोलकाता में कहा- ममता बनर्जी मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन कानून का विरोध कर रही हैं। ममता ऐसा करके देश की माताओं और बहनों का अपमान कर रही हैं। राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव में मांएं और बहनें ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करने के लिए CM ममता और TMC को सबक सिखाएंगी। पढ़ें पूरी खबर…
पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को सशस्त्र बलों की प्रशंसा करने वाला प्रस्ताव पेश किया गया। इस दौरान CM ममता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। ममता ने कहा- पहलगाम आतंकी हमला केंद्र की लापरवाही का नतीजा था। ममता ने पूछा- आतंकी हमले वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी क्यों नदारद थे। ममता ने कहा कि भाजपा सशस्त्र बलों की वीरता का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है, भाजपा सरकार को चले जाना चाहिए क्योंकि वह देश के लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि पीएम मोदी केवल अपने बारे में विज्ञापन देने में बिजी हैं। ममता ने कहा- आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता; हम इसका समर्थन नहीं करते। आतंकवादियों को सबक सिखाने की जरूरत थी, हम सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करते हैं। ममता का दावा- हमारे पास PoK वापस लेने का अच्छा मौका था ममता ने विधानसभा में यह भी कहा कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर किया की गई एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को वापस लेने का एक अच्छा मौका था। ममता ने आरोप लगाया कि जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं, तब-तब भाजपा पुलवामा जैसी घटनाएं करवाती है। हालांकि इन सबके बावजूद, राष्ट्र की सुरक्षा में सशस्त्र बलों के साहस की सराहना करते हुए प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे बिना किसी विरोध के पारित कर दिया गया। भाजपा का सवाल- प्रस्ताव में सिंदूर शब्द क्यों नहीं विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायक सदन में खड़े हो गए। सभी नारे लगाने लगे और बनर्जी पर राष्ट्रीय त्रासदी का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण स्पीकर बिमान बनर्जी को हस्तक्षेप करना पड़ा। टकराव के बावजूद, सदन में व्यवस्था बहाल होने के बाद प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पहलगाम हमले में खास तौर पर एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाया गया, जिसका प्रस्ताव में जिक्र नहीं किया गया। भाजपा ने सवाल उठाया कि प्रस्ताव में सिंदूर शब्द क्यों नहीं है। पहलगाम हमले पर पहले भी मोदी सरकार को घेर चुकीं ममता ये खबर भी पढ़ें… शाह बोले- पहलगाम हमला हुआ तो ममता बनर्जी चुप रहीं, अब ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर रहीं, ताकि मुस्लिम वोट बैंक को खुश कर सकें अमित शाह ने 1 जून को कोलकाता में कहा- ममता बनर्जी मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन कानून का विरोध कर रही हैं। ममता ऐसा करके देश की माताओं और बहनों का अपमान कर रही हैं। राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव में मांएं और बहनें ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करने के लिए CM ममता और TMC को सबक सिखाएंगी। पढ़ें पूरी खबर…