
2 जून को जब राजा रघुवंशी की बॉडी मिली तो हमें समझ आ गया था कि ये मामूली मिसिंग केस नहीं है। इसके इन्वेस्टिगेशन के लिए हमने एसआईटी बनाई। हमारी अलग-अलग टीमों ने अलग-अलग सबूत इकट्ठे किए। इन सभी सबूतों को जोड़ने के बाद ही हमने सोनम को इस केस की मुख्य आरोपी कहा है। दैनिक भास्कर से बात करते हुए मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक स्येम आत्मविश्वास से भरे नजर आते हैं। मेघालय पुलिस के पास कुछ ऐसे सबूत हैं, जिनके आधार पर वह सोनम के मुख्य आरोपी होने का दावा कर रही है। एसपी स्येम कहते हैं, ‘हमें यकीन हो गया कि इसमें सोनम का हाथ है, तभी हमने अपनी दो टीमों को एमपी और यूपी रवाना किया।’ बता दें कि 8 और 9 जून की दरमियानी रात यूपी के गाजीपुर के एक ढाबे पर पहुंची सोनम को मेघालय पुलिस ने 3 दिन की रिमांड पर लिया है। अब उससे सिलसिलेवार तरीके से पूछताछ की जाएगी। भास्कर ने इस केस से जुड़े जांच अधिकारियों से बात कर समझा कि आखिर वो कौन से पॉइंट्स हैं, जिनके आधार पर सोनम को इस केस का मुख्य आरोपी कहा जा रहा है? पढ़िए, रिपोर्ट… 3 झूठ से समझिए, मेघालय पुलिस की सोनम पर शक की वजह पहला झूठ: राजा की हत्या के बाद सास को फोन लगाया, झूठ बोला
2 जून को राजा की लाश मिलने के बाद मेघालय पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था। इन्वेस्टिगेशन टीम सोनम की तलाश कर रही थी। इस दौरान टीम को पता चला कि 23 मई को दोपहर 1.43 बजे सोनम ने इंदौर में सास उमा रघुवंशी को कॉल किया था। सास ने सोनम से पूछा था कि बेटा खाना खाया कि नहीं तो सोनम ने जवाब दिया कि मम्मी मेरा उपवास है। पुलिस इन्वेस्टिगेशन: एसआईटी की एक टीम ने शिपारा होम स्टे के संचालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि 23 मई को सोनम लौटी थी और उसने बढ़िया खाना खाया था। उसके साथ राजा नहीं था। सास उमा के साथ हुई सोनम की बातचीत और होम स्टे के संचालक के बयान में विरोधाभास था, जिसकी वजह से पुलिस को शक हुआ। दूसरा झूठ: गाइड के बयान के बाद कॉल डिटेल्स खंगाली
पुलिस को दूसरा क्लू मावलाखियात के गाइड अल्बर्ट पैड ने दिया। उसने बताया- 23 मई की सुबह 10 बजे राजा और सोनम को तीन अन्य पर्यटकों के साथ नोंग्रियात से मावलाखियात के बीच देखा था। तीनों पर्यटक राजा के साथ आगे चल रहे थे, जबकि सोनम पीछे थी। वे सभी हिंदी में बात कर रहे थे। मैं केवल खासी और अंग्रेजी ही जानता हूं, इसलिए मैं समझ नहीं पाया कि वे क्या बोल रहे थे। अल्बर्ट ने पुलिस को बताया था कि वह राजा और सोनम को इसलिए जानता है क्योंकि उसने एक दिन पहले उन्हें नोंग्रियात तक चढ़ने के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उन्होंने दूसरे गाइड वानसाई की सेवाएं ली थीं। पुलिस इन्वेस्टिगेशन: अल्बर्ट के बयान के बाद पुलिस ने राजा और सोनम के मोबाइल की टावर लोकेशन और कॉल डिटेल्स निकालीं। इससे पता चला कि सोनम जिंदा है। राजा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मरने की टाइमिंग और सोनम की सास से बातचीत की टाइमिंग से ये भी पता चला कि जिस समय सोनम ने अपनी सास से बात (23 मई, दोपहर 1.43 बजे) की थी, इसके आधे घंटे के दौरान राजा का कत्ल किया गया था। तीसरा झूठ: हनीमून कपल की सोशल मीडिया पर सेल्फी नहीं
राजा और सोनम 21 तारीख को शिलॉन्ग पहुंचे थे। यहां उन्होंने एक होटल में रूम लिया था। 22 मई को दोनों सोहरा के लिए निकले। सोहरा में थाने के पास ही बने एक होटल में कमरा लेने पहुंचे, मगर होटल में जगह नहीं थी। उन्होंने होटल में अपना सामान रखा और घूमने निकल गए। इसी दिन दोनों मावलखियात गांव पहुंचे और सोहरा पुलिस थाना क्षेत्र के नोंग्रियात गांव में लिविंग रूट ब्रिज को देखने के लिए स्कूटर किराए पर लिया। पुलिस के मुताबिक, वे एक रात के लिए होम स्टे में रुके और अगले दिन मावलखियात लौटने के लिए चेक आउट किया। पुलिस इन्वेस्टिगेशन: हनीमून पर आने वाले कपल अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर हनीमून की तस्वीरें अपलोड करते हैं। पुलिस ने जब दोनों के अकाउंट्स खंगाले तो उनकी एक भी तस्वीर नहीं थी। जबकि वे ऐसी कई जगहों पर घूमने गए थे, जहां अक्सर कपल सेल्फी लेते हैं। पुलिस ने जब इसका साइकोलॉजिकल असेसमेंट किया तो पता चला कि सोनम और राजा के बीच सबकुछ अच्छा नहीं था। एक झूठ इंदौर में बोला, दूसरा यूपी में 1. जाने का टिकट कराया, लौटने का नहीं
मेघालय पुलिस के मुताबिक, 11 मई को शादी के बाद 16 मई को मुख्य आरोपी राज कुशवाहा ने ही राजा की हत्या की प्लानिंग कर ली थी। प्लानिंग के तहत सोनम ने 20 तारीख का शिलॉन्ग का टिकट कराया था। सोनम की सास उमा के मुताबिक उसने शिलॉन्ग जाने की कोई बात नहीं की थी। राजा बेहद व्यस्त था, वह घूमने नहीं जाना चाहता था। जब सोनम ने खुद ही टिकट बुक कर दिए और राजा को यह बात बताई तो उसने भी घूमने के लिए हामी भर दी। सास उमा ने कहा कि इस बात की हैरानी हुई कि सोनम ने रिटर्न टिकट नहीं किया था। मैंने यह बात राजा से भी कही। राजा ने बताया कि पांच-छह दिन में आ जाएंगे। उसने राजा से खासकर सोने की चेन पहनकर चलने को कहा था। 2. मैं आरोपी नहीं, पीड़ित हूं
सोनम 8 और 9 जून की दरमियानी रात यूपी के वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर काशी ढाबे पर मिली। उसने ढाबा मालिक साहिल यादव के फोन से अपने भाई को कॉल कर सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सोनम की मेडिकल जांच की और उसे वन स्टॉप सेंटर ले गई। ढाबा मालिक साहिल के मुताबिक, सोनम ने हमें बताया कि शिलॉन्ग में उसके पति की लुटेरों के साथ भिड़ंत हुई। इसमें लुटेरों ने पति को मार दिया। वो जान बचाकर यहां तक पहुंची। थोड़ी देर बाद रात करीब ढाई बजे पुलिस सोनम को अपने साथ ले गई। सोनम ने पुलिस को बताया कि वह निर्दोष है। उसका अपहरण किया गया था। उसने दावा किया कि वह इस मामले में आरोपी नहीं बल्कि पीड़ित है। पोल में शामिल होकर अपनी राय दें… ———————– राजा हत्याकांड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… राजा ने कहा था- सोनम मुझमें इंटरेस्ट नहीं ले रही: मां ने बताया- शादी के लिए मना किया था, समझाने पर राजी हुआ गाजीपुर में मिली सोनम, ढाबे वाले से फोन लगवाया: रोकर बोली- भाई से बात करा दो; बाद में बताया- कई दिन से सोई नहीं सोनम के पिता की दुकान में काम करता था राज:डेढ़ साल पहले मकान छोड़ा, काम नहीं; राजा का शव मिलने के बाद घर आया था सोनम के सामने हुआ पति राजा का मर्डर:हत्या के बाद अकेले गुवाहाटी, फिर यूपी पहुंची; दोस्त राज कुशवाह को प्लान के मुताबिक रखा इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर के आरोपियों की प्रोफाइल:सोनम के पिता की दुकान में कर्मचारी था राज; एक आरोपी रैपिडो ड्राइवर, तीसरा बेरोजगार
2 जून को जब राजा रघुवंशी की बॉडी मिली तो हमें समझ आ गया था कि ये मामूली मिसिंग केस नहीं है। इसके इन्वेस्टिगेशन के लिए हमने एसआईटी बनाई। हमारी अलग-अलग टीमों ने अलग-अलग सबूत इकट्ठे किए। इन सभी सबूतों को जोड़ने के बाद ही हमने सोनम को इस केस की मुख्य आरोपी कहा है। दैनिक भास्कर से बात करते हुए मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक स्येम आत्मविश्वास से भरे नजर आते हैं। मेघालय पुलिस के पास कुछ ऐसे सबूत हैं, जिनके आधार पर वह सोनम के मुख्य आरोपी होने का दावा कर रही है। एसपी स्येम कहते हैं, ‘हमें यकीन हो गया कि इसमें सोनम का हाथ है, तभी हमने अपनी दो टीमों को एमपी और यूपी रवाना किया।’ बता दें कि 8 और 9 जून की दरमियानी रात यूपी के गाजीपुर के एक ढाबे पर पहुंची सोनम को मेघालय पुलिस ने 3 दिन की रिमांड पर लिया है। अब उससे सिलसिलेवार तरीके से पूछताछ की जाएगी। भास्कर ने इस केस से जुड़े जांच अधिकारियों से बात कर समझा कि आखिर वो कौन से पॉइंट्स हैं, जिनके आधार पर सोनम को इस केस का मुख्य आरोपी कहा जा रहा है? पढ़िए, रिपोर्ट… 3 झूठ से समझिए, मेघालय पुलिस की सोनम पर शक की वजह पहला झूठ: राजा की हत्या के बाद सास को फोन लगाया, झूठ बोला
2 जून को राजा की लाश मिलने के बाद मेघालय पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था। इन्वेस्टिगेशन टीम सोनम की तलाश कर रही थी। इस दौरान टीम को पता चला कि 23 मई को दोपहर 1.43 बजे सोनम ने इंदौर में सास उमा रघुवंशी को कॉल किया था। सास ने सोनम से पूछा था कि बेटा खाना खाया कि नहीं तो सोनम ने जवाब दिया कि मम्मी मेरा उपवास है। पुलिस इन्वेस्टिगेशन: एसआईटी की एक टीम ने शिपारा होम स्टे के संचालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि 23 मई को सोनम लौटी थी और उसने बढ़िया खाना खाया था। उसके साथ राजा नहीं था। सास उमा के साथ हुई सोनम की बातचीत और होम स्टे के संचालक के बयान में विरोधाभास था, जिसकी वजह से पुलिस को शक हुआ। दूसरा झूठ: गाइड के बयान के बाद कॉल डिटेल्स खंगाली
पुलिस को दूसरा क्लू मावलाखियात के गाइड अल्बर्ट पैड ने दिया। उसने बताया- 23 मई की सुबह 10 बजे राजा और सोनम को तीन अन्य पर्यटकों के साथ नोंग्रियात से मावलाखियात के बीच देखा था। तीनों पर्यटक राजा के साथ आगे चल रहे थे, जबकि सोनम पीछे थी। वे सभी हिंदी में बात कर रहे थे। मैं केवल खासी और अंग्रेजी ही जानता हूं, इसलिए मैं समझ नहीं पाया कि वे क्या बोल रहे थे। अल्बर्ट ने पुलिस को बताया था कि वह राजा और सोनम को इसलिए जानता है क्योंकि उसने एक दिन पहले उन्हें नोंग्रियात तक चढ़ने के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उन्होंने दूसरे गाइड वानसाई की सेवाएं ली थीं। पुलिस इन्वेस्टिगेशन: अल्बर्ट के बयान के बाद पुलिस ने राजा और सोनम के मोबाइल की टावर लोकेशन और कॉल डिटेल्स निकालीं। इससे पता चला कि सोनम जिंदा है। राजा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मरने की टाइमिंग और सोनम की सास से बातचीत की टाइमिंग से ये भी पता चला कि जिस समय सोनम ने अपनी सास से बात (23 मई, दोपहर 1.43 बजे) की थी, इसके आधे घंटे के दौरान राजा का कत्ल किया गया था। तीसरा झूठ: हनीमून कपल की सोशल मीडिया पर सेल्फी नहीं
राजा और सोनम 21 तारीख को शिलॉन्ग पहुंचे थे। यहां उन्होंने एक होटल में रूम लिया था। 22 मई को दोनों सोहरा के लिए निकले। सोहरा में थाने के पास ही बने एक होटल में कमरा लेने पहुंचे, मगर होटल में जगह नहीं थी। उन्होंने होटल में अपना सामान रखा और घूमने निकल गए। इसी दिन दोनों मावलखियात गांव पहुंचे और सोहरा पुलिस थाना क्षेत्र के नोंग्रियात गांव में लिविंग रूट ब्रिज को देखने के लिए स्कूटर किराए पर लिया। पुलिस के मुताबिक, वे एक रात के लिए होम स्टे में रुके और अगले दिन मावलखियात लौटने के लिए चेक आउट किया। पुलिस इन्वेस्टिगेशन: हनीमून पर आने वाले कपल अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर हनीमून की तस्वीरें अपलोड करते हैं। पुलिस ने जब दोनों के अकाउंट्स खंगाले तो उनकी एक भी तस्वीर नहीं थी। जबकि वे ऐसी कई जगहों पर घूमने गए थे, जहां अक्सर कपल सेल्फी लेते हैं। पुलिस ने जब इसका साइकोलॉजिकल असेसमेंट किया तो पता चला कि सोनम और राजा के बीच सबकुछ अच्छा नहीं था। एक झूठ इंदौर में बोला, दूसरा यूपी में 1. जाने का टिकट कराया, लौटने का नहीं
मेघालय पुलिस के मुताबिक, 11 मई को शादी के बाद 16 मई को मुख्य आरोपी राज कुशवाहा ने ही राजा की हत्या की प्लानिंग कर ली थी। प्लानिंग के तहत सोनम ने 20 तारीख का शिलॉन्ग का टिकट कराया था। सोनम की सास उमा के मुताबिक उसने शिलॉन्ग जाने की कोई बात नहीं की थी। राजा बेहद व्यस्त था, वह घूमने नहीं जाना चाहता था। जब सोनम ने खुद ही टिकट बुक कर दिए और राजा को यह बात बताई तो उसने भी घूमने के लिए हामी भर दी। सास उमा ने कहा कि इस बात की हैरानी हुई कि सोनम ने रिटर्न टिकट नहीं किया था। मैंने यह बात राजा से भी कही। राजा ने बताया कि पांच-छह दिन में आ जाएंगे। उसने राजा से खासकर सोने की चेन पहनकर चलने को कहा था। 2. मैं आरोपी नहीं, पीड़ित हूं
सोनम 8 और 9 जून की दरमियानी रात यूपी के वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर काशी ढाबे पर मिली। उसने ढाबा मालिक साहिल यादव के फोन से अपने भाई को कॉल कर सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सोनम की मेडिकल जांच की और उसे वन स्टॉप सेंटर ले गई। ढाबा मालिक साहिल के मुताबिक, सोनम ने हमें बताया कि शिलॉन्ग में उसके पति की लुटेरों के साथ भिड़ंत हुई। इसमें लुटेरों ने पति को मार दिया। वो जान बचाकर यहां तक पहुंची। थोड़ी देर बाद रात करीब ढाई बजे पुलिस सोनम को अपने साथ ले गई। सोनम ने पुलिस को बताया कि वह निर्दोष है। उसका अपहरण किया गया था। उसने दावा किया कि वह इस मामले में आरोपी नहीं बल्कि पीड़ित है। पोल में शामिल होकर अपनी राय दें… ———————– राजा हत्याकांड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… राजा ने कहा था- सोनम मुझमें इंटरेस्ट नहीं ले रही: मां ने बताया- शादी के लिए मना किया था, समझाने पर राजी हुआ गाजीपुर में मिली सोनम, ढाबे वाले से फोन लगवाया: रोकर बोली- भाई से बात करा दो; बाद में बताया- कई दिन से सोई नहीं सोनम के पिता की दुकान में काम करता था राज:डेढ़ साल पहले मकान छोड़ा, काम नहीं; राजा का शव मिलने के बाद घर आया था सोनम के सामने हुआ पति राजा का मर्डर:हत्या के बाद अकेले गुवाहाटी, फिर यूपी पहुंची; दोस्त राज कुशवाह को प्लान के मुताबिक रखा इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर के आरोपियों की प्रोफाइल:सोनम के पिता की दुकान में कर्मचारी था राज; एक आरोपी रैपिडो ड्राइवर, तीसरा बेरोजगार