
भारतीय नौसेना 18 जून को विशाखापट्टनम के नेवी डॉकयार्ड में देश के पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) अर्णाला को कमीशन करने वाली है। कमीशन सेरेमनी के चीफ गेस्ट CDS जनरल अनिल चौहान होंगे। INS अर्णाला को 8 मई को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। हालांकि यह कमीशनिंग सेरेमनी 16 ASW-SWC कैटेगरी के जहाजों में से पहले जहाज को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल करने का प्रतीक है। मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) कोलकाता और मेसर्स LT शिपबिल्डर्स के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत डिजाइन और बनाया गया अर्णाला डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत की सफलता का प्रमाण है। महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक अर्णाला किले के नाम पर इसे यह नाम दिया गया है। यह जहाज हिंद महासागर में नौसेना की दमदार मौजूदगी के लिए डिजाइन किया गया है। जो उथले पानी में दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने, ट्रैक और डिएक्टिवेट करेगा। INS अर्णाला की कुछ खासियतें…
भारतीय नौसेना 18 जून को विशाखापट्टनम के नेवी डॉकयार्ड में देश के पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) अर्णाला को कमीशन करने वाली है। कमीशन सेरेमनी के चीफ गेस्ट CDS जनरल अनिल चौहान होंगे। INS अर्णाला को 8 मई को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। हालांकि यह कमीशनिंग सेरेमनी 16 ASW-SWC कैटेगरी के जहाजों में से पहले जहाज को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल करने का प्रतीक है। मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) कोलकाता और मेसर्स LT शिपबिल्डर्स के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत डिजाइन और बनाया गया अर्णाला डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत की सफलता का प्रमाण है। महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक अर्णाला किले के नाम पर इसे यह नाम दिया गया है। यह जहाज हिंद महासागर में नौसेना की दमदार मौजूदगी के लिए डिजाइन किया गया है। जो उथले पानी में दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने, ट्रैक और डिएक्टिवेट करेगा। INS अर्णाला की कुछ खासियतें…