
‘अयोध्या राम मंदिर में अब तक 45 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी कीमत टैक्स छोड़कर करीब 50 करोड़ रुपए है।’ यह दावा शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण समिति चेयरमैन पूर्व IAS नृपेंद्र मिश्र ने किया। उन्होंने बताया, मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां सभी 20 दरवाजों और सिंहासन में सोना मढ़ा गया है। ग्राउंड फ्लोर पर 14 और पहले फ्लोर पर 6 दरवाजे हैं। सभी पर 3-3 किलो सोने की परत चढ़ाई गई है। जन्मभूमि परिसर में बने शेषावतार मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी सोना लगेगा। नृपेंद्र मिश्र ने बातचीत में बताया, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के एक बहुत बड़े कारोबारी हैं, दिलीप जी उनका नाम हैं। उन्होंने सोमनाथ और काशी के विश्वनाथ मंदिर में भी सोना दान किया था। यहां पर उन्होंने करीब 45-50 किलो सोना दान किया है। कारोबारी ने दान कब किया था, नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी नहीं दी है। गुरुवार को राम मंदिर के पहले फ्लोर पर राजा राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई। जिसमें मां सीता, भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न और बजरंगबली की मूर्तियां हैं। अब विस्तार से पढ़िए… राम मंदिर का मुख्य निर्माण काम पूरा
नृपेंद्र मिश्र ने कहा- राम मंदिर का मुख्य निर्माण काम पूरा हो चुका है। अब केवल रामकथा मंडप, संग्रहालय, सभागार और गेस्ट हाउस का काम बाकी है। ये दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राम मंदिर का निर्माण मानव शक्ति से नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम की कृपा और दैविक शक्ति से संभव हुआ है। राम दरबार तक विशेष मार्ग तैयार किया जा रहा
राजाराम की प्रतिष्ठा के बाद आम श्रद्धालुओं को दर्शन कब से मिलेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा- दर्शन व्यवस्था को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। अभी इतने श्रद्धालुओं को एक साथ दर्शन कराना संभव नहीं है। दर्शन पास के माध्यम से कराए जाएंगे। हालांकि, ये पास निशुल्क होंगे। दर्शन के लिए राम दरबार तक विशेष मार्ग तैयार किया जा रहा है। उन्होंने अंत में यह भी बताया कि मंदिर में अब पत्थर का कोई नया काम नहीं बचा है। केवल रामकथा मंडप में कुछ स्थानों पर पत्थर लगाने का काम बचा है। एक दिन पहले राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई अयोध्या के राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून 2025 को हुई। सीएम योगी ने राम दरबार का पूजन किया। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.25 से 11.40 बजे तक चला। रामलला के गर्भगृह के ऊपर यानी फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार बनाया गया है। इसमें श्रीराम, मां सीता, तीनों भाई- लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के साथ हनुमानजी की मूर्तियां हैं। काशी के पुरोहित जय प्रकाश त्रिपाठी ने 101 पंडितों के साथ प्राण प्रतिष्ठा कराई। मंत्रोच्चारण के बाद मूर्तियों की आंखों पर बंधी पटि्टयां खोली गईं, उन्हें आइना दिखाया गया। भगवान राम सहित चारों भाइयों के हाथों में धनुष हैं। जहां गर्भगृह में भगवान राम बालक के रूप में हैं, वहीं राम दरबार में राजा के रूप में विराजमान हैं। श्रद्धालु राम दरबार के दर्शन कब से कर सकेंगे, ट्रस्ट ने अभी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इस मौके पर सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को आधुनिक भारत का भगीरथ बताया। नमामि गंगे परियोजना से पीएम ने गंगा की पवित्रता को फिर से हासिल किया। योगी ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वो अपने-अपने जिले की एक नदी को पुनर्जीवित करें। नदियों में न सीवर डाला जाए, न नाले गिराए जाएं, न मरे हुए जानवर फेंके जाएं। रामदरबार के आभूषण की 2 तस्वीरें वहीं, राम दरबार के लिए सूरत के कारोबारी मुकेश पटेल ने हीरे, सोने-चांदी के आभूषण दान दिए। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया ने कहा- दान दिए आभूषणों में एक हजार कैरेट का हीरा, 30 किलो चांदी, 300 ग्राम सोना, 300 कैरेट रुबी से 11 मुकुट बनाए गए हैं। इनके अलावा, गले का हार, कान के कुंडल, माथे का तिलक, चारों भाइयों के लिए धनुष-बाण हैं। इन आभूषणों को चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या लाया गया। आज से 498 दिन पहले (22 जनवरी, 2024) रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। ——————— ये खबर भी पढ़िए- अयोध्या में एक हजार साल चमकता रहेगा राम दरबार: मूर्तिकार बोले- बजरंगबली ने सपने में आकर रामकाज कराया अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के 498 दिन बाद गुरुवार को भगवान राम सिंहासन पर विराजे। साथ में माता सीता, तीनों भाई और हनुमान की मूर्तियां हैं। सूरत के कारोबारी हीरे के आभूषण दान किए। मूर्तियों को जयपुर में तैयार किया गया है। दावा है कि मूर्तियां एक हजार साल तक सुरक्षित रहेंगी। साल-दर-साल चमक बढ़ती जाएगी। मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने कहा, प्रभु बजरंगबली ने उनसे राम दरबार का भव्य स्वरूप तैयार कराया है। VIDEO में राम दरबार के बारे में जानिए…
’अयोध्या राम मंदिर में अब तक 45 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी कीमत टैक्स छोड़कर करीब 50 करोड़ रुपए है।’ यह दावा शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण समिति चेयरमैन पूर्व IAS नृपेंद्र मिश्र ने किया। उन्होंने बताया, मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां सभी 20 दरवाजों और सिंहासन में सोना मढ़ा गया है। ग्राउंड फ्लोर पर 14 और पहले फ्लोर पर 6 दरवाजे हैं। सभी पर 3-3 किलो सोने की परत चढ़ाई गई है। जन्मभूमि परिसर में बने शेषावतार मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी सोना लगेगा। नृपेंद्र मिश्र ने बातचीत में बताया, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के एक बहुत बड़े कारोबारी हैं, दिलीप जी उनका नाम हैं। उन्होंने सोमनाथ और काशी के विश्वनाथ मंदिर में भी सोना दान किया था। यहां पर उन्होंने करीब 45-50 किलो सोना दान किया है। कारोबारी ने दान कब किया था, नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी नहीं दी है। गुरुवार को राम मंदिर के पहले फ्लोर पर राजा राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई। जिसमें मां सीता, भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न और बजरंगबली की मूर्तियां हैं। अब विस्तार से पढ़िए… राम मंदिर का मुख्य निर्माण काम पूरा
नृपेंद्र मिश्र ने कहा- राम मंदिर का मुख्य निर्माण काम पूरा हो चुका है। अब केवल रामकथा मंडप, संग्रहालय, सभागार और गेस्ट हाउस का काम बाकी है। ये दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राम मंदिर का निर्माण मानव शक्ति से नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम की कृपा और दैविक शक्ति से संभव हुआ है। राम दरबार तक विशेष मार्ग तैयार किया जा रहा
राजाराम की प्रतिष्ठा के बाद आम श्रद्धालुओं को दर्शन कब से मिलेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा- दर्शन व्यवस्था को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। अभी इतने श्रद्धालुओं को एक साथ दर्शन कराना संभव नहीं है। दर्शन पास के माध्यम से कराए जाएंगे। हालांकि, ये पास निशुल्क होंगे। दर्शन के लिए राम दरबार तक विशेष मार्ग तैयार किया जा रहा है। उन्होंने अंत में यह भी बताया कि मंदिर में अब पत्थर का कोई नया काम नहीं बचा है। केवल रामकथा मंडप में कुछ स्थानों पर पत्थर लगाने का काम बचा है। एक दिन पहले राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई अयोध्या के राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून 2025 को हुई। सीएम योगी ने राम दरबार का पूजन किया। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.25 से 11.40 बजे तक चला। रामलला के गर्भगृह के ऊपर यानी फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार बनाया गया है। इसमें श्रीराम, मां सीता, तीनों भाई- लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के साथ हनुमानजी की मूर्तियां हैं। काशी के पुरोहित जय प्रकाश त्रिपाठी ने 101 पंडितों के साथ प्राण प्रतिष्ठा कराई। मंत्रोच्चारण के बाद मूर्तियों की आंखों पर बंधी पटि्टयां खोली गईं, उन्हें आइना दिखाया गया। भगवान राम सहित चारों भाइयों के हाथों में धनुष हैं। जहां गर्भगृह में भगवान राम बालक के रूप में हैं, वहीं राम दरबार में राजा के रूप में विराजमान हैं। श्रद्धालु राम दरबार के दर्शन कब से कर सकेंगे, ट्रस्ट ने अभी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इस मौके पर सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को आधुनिक भारत का भगीरथ बताया। नमामि गंगे परियोजना से पीएम ने गंगा की पवित्रता को फिर से हासिल किया। योगी ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वो अपने-अपने जिले की एक नदी को पुनर्जीवित करें। नदियों में न सीवर डाला जाए, न नाले गिराए जाएं, न मरे हुए जानवर फेंके जाएं। रामदरबार के आभूषण की 2 तस्वीरें वहीं, राम दरबार के लिए सूरत के कारोबारी मुकेश पटेल ने हीरे, सोने-चांदी के आभूषण दान दिए। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया ने कहा- दान दिए आभूषणों में एक हजार कैरेट का हीरा, 30 किलो चांदी, 300 ग्राम सोना, 300 कैरेट रुबी से 11 मुकुट बनाए गए हैं। इनके अलावा, गले का हार, कान के कुंडल, माथे का तिलक, चारों भाइयों के लिए धनुष-बाण हैं। इन आभूषणों को चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या लाया गया। आज से 498 दिन पहले (22 जनवरी, 2024) रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। ——————— ये खबर भी पढ़िए- अयोध्या में एक हजार साल चमकता रहेगा राम दरबार: मूर्तिकार बोले- बजरंगबली ने सपने में आकर रामकाज कराया अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के 498 दिन बाद गुरुवार को भगवान राम सिंहासन पर विराजे। साथ में माता सीता, तीनों भाई और हनुमान की मूर्तियां हैं। सूरत के कारोबारी हीरे के आभूषण दान किए। मूर्तियों को जयपुर में तैयार किया गया है। दावा है कि मूर्तियां एक हजार साल तक सुरक्षित रहेंगी। साल-दर-साल चमक बढ़ती जाएगी। मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने कहा, प्रभु बजरंगबली ने उनसे राम दरबार का भव्य स्वरूप तैयार कराया है। VIDEO में राम दरबार के बारे में जानिए…