
श्रीगंगानगर में शाम को एयर स्ट्राइक की सूचना मिली। 10 मिनट में अधिकारी वहां पहुंच गए और पूरे इलाके को बंद कर दिया। बाड़मेर में सूचना मिली कि ड्रोन के हवाई हमले में दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। बीकानेर में एक ‘घायल’ को छत से रेस्क्यू किया जा रहा था, लेकिन डर के कारण उसने नीचे आने से मना कर दिया। फलोदी में अफसरों की लापरवाही के कारण एनसीसी और स्काउट के मासूम बच्चे साढ़े तीन घंटे तक तपती धूप में खड़े रहे। जैसलमेर में कंट्रोल रूम से एयर अटैक की सूचना मिलते ही पूरा सिस्टम अलर्ट मोड में आ गया। राजस्थान के बॉर्डर वाले जिलों में ये सबकुछ हुआ शनिवार को युद्ध की मॉकड्रिल और ब्लैकआउट के दौरान। राजस्थान और पाकिस्तान बॉर्डर के 5 जिलों में 5 भास्कर रिपोर्टर मॉक ड्रिल के दौरान तैनात रहे। उन्हीं की जुबानी जानिए, इस दौरान कहां-क्या घटा… बीकानेर : धमाके की आवाज के साथ बजा सायरन बीकानेर में मॉक ड्रिल के दौरान सड़क सुरक्षा संगठन (BRO) में ड्रोन अटैक से आग लगने की सूचना मिली। इस दौरान एक जगह धमाके की आवाज होने के साथ ही सायरन बजने लगा। फायर ब्रिगेड ने आग के चारों और पानी डालकर इसे बुझाया। घटना में बीस जवान घायल हुए, जबकि एक की मौत मानी गई। इनके लिए एंबुलेंस पहुंची और घायलों को पीबीएम अस्पताल रैफर किया गया। वहीं, एक घायल को छत से नीचे उतारा गया। घायल ने आने से मना किया : मॉकड्रिल के दौरान पुलिस एक घायल को रेस्क्यू करके नीचे उतार रही थी। ऐन वक्त पर उस व्यक्ति ने नीचे उतरने से मना कर दिया। उसको डर था कि कहीं टीम उसे नीचे उतारते समय गिरा नहीं दे। इस पर छत से ही एक अन्य जवान ने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया- घायल ने नीचे आने से मना कर दिया। बाद में आर्मी के एक जवान को छत पर भेजा गया, जिसके बाद रेस्क्यू किया गया। ब्लैक आउट में चलती रही गाड़ियां : बीकानेर में ब्लैक आउट के दौरान उतना ही अंधेरा हुआ, जितना आम दिनों में बिजली गुल होने पर होता है। ठीक 8 बजे प्रशासन ने बिजली बंद कर दी। रोड पर वाहनों की लाइट्स जगमगाती रही। बाइक सवार, ऑटो चालक, कार चालक किसी ने अपनी गाड़ी को किनारे लगाना तो दूर हेड लाइट तक बंद नहीं की। फलोदी : अफसरों की लापरवाही से बच्चे हुए परेशान फलोदी में मॉक ड्रिल का मकसद आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना था, लेकिन खुद प्रशासनिक लापरवाही की एक ‘आपदा’ बनकर सामने आई। नतीजा एनसीसी और स्काउट के मासूम बच्चे साढ़े तीन घंटे तक तपती धूप में खड़े रहे। जिम्मेदार अफसर सिर्फ ‘लोकेशन आने’ का इंतजार करते रहे। दोपहर 3 बजे एनसीसी और स्काउट के बच्चों को पुलिस थाने बुला लिया गया। किसी को नहीं बताया गया कि मॉक ड्रिल कहां और कब होगी। चार बजे एडीएम अजय, एडीशनल एसपी ब्रजराज सिंह चारण और डीएसपी अचल सिंह देवड़ा खुद थाने पहुंचे, लेकिन उनके पास भी कोई जवाब नहीं था। 34 एनसीसी और 15 स्काउट्स को लाए : एनसीसी इंचार्ज शशि पुरोहित 34 कैडेट्स को लेकर पहुंचीं, जिनमें 19 लड़कियां थीं। वहीं, स्काउट इंचार्ज शैतानसिंह राजपुरोहित 15 स्काउट्स के साथ मौजूद रहे। बच्चों की उम्र 10 से 18 साल के बीच थी। ये सभी धूप में खड़े-खड़े इंतज़ार करते रहे कि कब मॉक ड्रिल शुरू होगी। थाने में बैठे अफसर, बच्चे बाहर खड़े : जब बच्चों की हालत बिगड़ती नजर आई तो दोनों इंचार्जों ने एडिशनल एसपी से बात की। थोड़ी देर के लिए बच्चों को थाने के अंदर बिठाया गया। पुलिसकर्मियों से कहकर बिस्किट मंगवाए गए। इसके बाद बच्चों को दोबारा बाहर खड़ा कर दिया गया। श्रीगंगानगर : एयर स्ट्राइक की सूचना पर मॉकड्रिल श्रीगंगानगर के साधुवाली क्षेत्र में शाम 7 बजे एयर स्ट्राइक की सूचना मिलने पर पुलिस, प्रशासन, मेडिकल, दमकल सहित अन्य आपदा राहत की टीम एक्टिव हुई। इस दौरान सायरन बजते ही प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल की और निकल पड़े। पूरे बाजार में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अधिकारी 10 मिनट में मौके पर पंहुचे। जिस इलाके में एयर स्ट्राइक हुई, उस इलाके की सड़क को पूरी तरह बन्द कर दिया गया। श्रीगंगानगर में शाम 7 बजे जिला प्रशासन को मिल्ट्री इलाके में हवाई हमले की सूचना मिली। इस पर अचानक सायरन बजे। तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके के लिए रवाना हुए। 7 बजकर 8 मिनट पर प्रशासन के अधिकारी व आपदा राहत बल के सदस्य और मेडिकल टीम मौके पर पंहुची। मिलिट्री स्टेशन में एंट्री कर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। इस दौरान सुरक्षा कारणों के चलते किसी को आर्मी एरिया में इंट्री नही दी गई। ब्लैकआउट में चलती रहीं गाड़ियां : श्रीगंगानगर में शाम 8.30 बजे अचानक सायरन बजा और हवाई हमले का अलर्ट जारी किया गया। इस पर पूरे जिले में ब्लैकआउट घोषित कर दिया। ब्लैक आउट के दौरान पूरा बाजार खुला रहा। लाइट जलती हुई नजर आईं। साथ ही सड़कों पर वाहन चलते रहे। बाड़मेर : ड्राेन से हवाई हमले की सूचना बाड़मेर में प्रशासन को 6 बजे सूचना मिली कि उतरलाई एयरबेस के आवासीय इलाके में ड्रोन से हवाई हमला हो गया। इसमें दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। 10 मिनट में कलेक्टर टीना डाबी, एसपी नरेंद्र सिंह मीना सहित पुलिस व जिला प्रशासन मौके पर पहुंचे। वहीं, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, हेल्थ की टीमों ने पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। 52 जने घायल हो गए। इसमें 6 लोगों को बाड़मेर जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया। मौके पर 6 एम्बुलेंस, नगर परिषद, सिविल डिफेंस, डिफेंस सहित 6 फायर ब्रिगेड पहुंची। एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के जवानों ने मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। मॉक ड्रिल करीब डेढ़ घंटे तक चली। इस दौरान सिविल डिफेंस 100 से ज्यादा जवान मौके पर पहुंचे। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने उतरलाई आने-जाने वाले रास्तों को ब्लॉक कर दिया। 8 बजे शुरू हुआ ब्लैक आउट : मॉक ड्रिल के बाद 8 बजे ब्लैक आउट किया गया। इससे पहले पुलिस प्रशासन ने उतरलाई कस्बे की मार्केट को बंद करने की अपील की गई। दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद किए। उतरलाई में अंधेरा छा गया। इस दौरान आवागमन भी बंद करवाया गया। प्रशासन व पुलिस की गाड़ियों की लाइटें भी बंद रखी गईं। 8:25 बजे तक ब्लैक आउट रहा। जैसलमेर : कंट्रोल रूम से मिली एयर अटैक की सूचना जैसलमेर में ऑपरेशन शील्ड के तहत एयर अटैक की मॉक ड्रिल हुई। हॉट लाइन से कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रुम को हवाई हमले की सूचना मिली। सूचना मिलते ही कलेक्टर प्रताप सिंह, एसपी सुधीर चौधरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर परसाराम सैनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान जुगतावत आदि मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड, नागरिक सुरक्षा की रेस्क्यू टीम एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया। 20 घायलों में से 14 घायलों का मौके पर उपचार किया। छह गंभीर घायलों काे एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। 15 मिनट तक ब्लैक आउट : जैसलमेर के आर्मी, बीएसएफ एवं एयरफोर्स स्टेशन के साथ ही सोनार दुर्ग और सूलीडूंगरी इलाकों में शनिवार रात 8ः30 से 8ः45 बजे तक 15 मिनट का ब्लैकआउट रखा गया। इससे पूर्व सायरन और दूसरे तरीकों से ब्लैक आउट की सूचना दी गई। हालांकि कुछ इलाकों में बत्ती जलती रही तो लोग भी सड़कों पर अपनी गाड़ियों को हेड लाइट जलाकर चलते देखे गए। …. राजस्थान में मॉक ड्रिल से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… राजस्थान में ब्लैकआउट, घरों-दुकानों की लाइट बंद रही:सड़क पर गाड़ियां रुकी; झालावाड़ में मॉक ड्रिल के दौरान मधुमक्खियों का हमला राजस्थान में पाकिस्तान की सीमा से सटे जिलों के साथ ही पूरे प्रदेश में शनिवार रात 8 बजे से लेकर अलग-अलग समय पर ब्लैकआउट किया गया। पूरी खबर पढ़िए…
श्रीगंगानगर में शाम को एयर स्ट्राइक की सूचना मिली। 10 मिनट में अधिकारी वहां पहुंच गए और पूरे इलाके को बंद कर दिया। बाड़मेर में सूचना मिली कि ड्रोन के हवाई हमले में दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। बीकानेर में एक ‘घायल’ को छत से रेस्क्यू किया जा रहा था, लेकिन डर के कारण उसने नीचे आने से मना कर दिया। फलोदी में अफसरों की लापरवाही के कारण एनसीसी और स्काउट के मासूम बच्चे साढ़े तीन घंटे तक तपती धूप में खड़े रहे। जैसलमेर में कंट्रोल रूम से एयर अटैक की सूचना मिलते ही पूरा सिस्टम अलर्ट मोड में आ गया। राजस्थान के बॉर्डर वाले जिलों में ये सबकुछ हुआ शनिवार को युद्ध की मॉकड्रिल और ब्लैकआउट के दौरान। राजस्थान और पाकिस्तान बॉर्डर के 5 जिलों में 5 भास्कर रिपोर्टर मॉक ड्रिल के दौरान तैनात रहे। उन्हीं की जुबानी जानिए, इस दौरान कहां-क्या घटा… बीकानेर : धमाके की आवाज के साथ बजा सायरन बीकानेर में मॉक ड्रिल के दौरान सड़क सुरक्षा संगठन (BRO) में ड्रोन अटैक से आग लगने की सूचना मिली। इस दौरान एक जगह धमाके की आवाज होने के साथ ही सायरन बजने लगा। फायर ब्रिगेड ने आग के चारों और पानी डालकर इसे बुझाया। घटना में बीस जवान घायल हुए, जबकि एक की मौत मानी गई। इनके लिए एंबुलेंस पहुंची और घायलों को पीबीएम अस्पताल रैफर किया गया। वहीं, एक घायल को छत से नीचे उतारा गया। घायल ने आने से मना किया : मॉकड्रिल के दौरान पुलिस एक घायल को रेस्क्यू करके नीचे उतार रही थी। ऐन वक्त पर उस व्यक्ति ने नीचे उतरने से मना कर दिया। उसको डर था कि कहीं टीम उसे नीचे उतारते समय गिरा नहीं दे। इस पर छत से ही एक अन्य जवान ने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया- घायल ने नीचे आने से मना कर दिया। बाद में आर्मी के एक जवान को छत पर भेजा गया, जिसके बाद रेस्क्यू किया गया। ब्लैक आउट में चलती रही गाड़ियां : बीकानेर में ब्लैक आउट के दौरान उतना ही अंधेरा हुआ, जितना आम दिनों में बिजली गुल होने पर होता है। ठीक 8 बजे प्रशासन ने बिजली बंद कर दी। रोड पर वाहनों की लाइट्स जगमगाती रही। बाइक सवार, ऑटो चालक, कार चालक किसी ने अपनी गाड़ी को किनारे लगाना तो दूर हेड लाइट तक बंद नहीं की। फलोदी : अफसरों की लापरवाही से बच्चे हुए परेशान फलोदी में मॉक ड्रिल का मकसद आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना था, लेकिन खुद प्रशासनिक लापरवाही की एक ‘आपदा’ बनकर सामने आई। नतीजा एनसीसी और स्काउट के मासूम बच्चे साढ़े तीन घंटे तक तपती धूप में खड़े रहे। जिम्मेदार अफसर सिर्फ ‘लोकेशन आने’ का इंतजार करते रहे। दोपहर 3 बजे एनसीसी और स्काउट के बच्चों को पुलिस थाने बुला लिया गया। किसी को नहीं बताया गया कि मॉक ड्रिल कहां और कब होगी। चार बजे एडीएम अजय, एडीशनल एसपी ब्रजराज सिंह चारण और डीएसपी अचल सिंह देवड़ा खुद थाने पहुंचे, लेकिन उनके पास भी कोई जवाब नहीं था। 34 एनसीसी और 15 स्काउट्स को लाए : एनसीसी इंचार्ज शशि पुरोहित 34 कैडेट्स को लेकर पहुंचीं, जिनमें 19 लड़कियां थीं। वहीं, स्काउट इंचार्ज शैतानसिंह राजपुरोहित 15 स्काउट्स के साथ मौजूद रहे। बच्चों की उम्र 10 से 18 साल के बीच थी। ये सभी धूप में खड़े-खड़े इंतज़ार करते रहे कि कब मॉक ड्रिल शुरू होगी। थाने में बैठे अफसर, बच्चे बाहर खड़े : जब बच्चों की हालत बिगड़ती नजर आई तो दोनों इंचार्जों ने एडिशनल एसपी से बात की। थोड़ी देर के लिए बच्चों को थाने के अंदर बिठाया गया। पुलिसकर्मियों से कहकर बिस्किट मंगवाए गए। इसके बाद बच्चों को दोबारा बाहर खड़ा कर दिया गया। श्रीगंगानगर : एयर स्ट्राइक की सूचना पर मॉकड्रिल श्रीगंगानगर के साधुवाली क्षेत्र में शाम 7 बजे एयर स्ट्राइक की सूचना मिलने पर पुलिस, प्रशासन, मेडिकल, दमकल सहित अन्य आपदा राहत की टीम एक्टिव हुई। इस दौरान सायरन बजते ही प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल की और निकल पड़े। पूरे बाजार में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अधिकारी 10 मिनट में मौके पर पंहुचे। जिस इलाके में एयर स्ट्राइक हुई, उस इलाके की सड़क को पूरी तरह बन्द कर दिया गया। श्रीगंगानगर में शाम 7 बजे जिला प्रशासन को मिल्ट्री इलाके में हवाई हमले की सूचना मिली। इस पर अचानक सायरन बजे। तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके के लिए रवाना हुए। 7 बजकर 8 मिनट पर प्रशासन के अधिकारी व आपदा राहत बल के सदस्य और मेडिकल टीम मौके पर पंहुची। मिलिट्री स्टेशन में एंट्री कर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। इस दौरान सुरक्षा कारणों के चलते किसी को आर्मी एरिया में इंट्री नही दी गई। ब्लैकआउट में चलती रहीं गाड़ियां : श्रीगंगानगर में शाम 8.30 बजे अचानक सायरन बजा और हवाई हमले का अलर्ट जारी किया गया। इस पर पूरे जिले में ब्लैकआउट घोषित कर दिया। ब्लैक आउट के दौरान पूरा बाजार खुला रहा। लाइट जलती हुई नजर आईं। साथ ही सड़कों पर वाहन चलते रहे। बाड़मेर : ड्राेन से हवाई हमले की सूचना बाड़मेर में प्रशासन को 6 बजे सूचना मिली कि उतरलाई एयरबेस के आवासीय इलाके में ड्रोन से हवाई हमला हो गया। इसमें दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। 10 मिनट में कलेक्टर टीना डाबी, एसपी नरेंद्र सिंह मीना सहित पुलिस व जिला प्रशासन मौके पर पहुंचे। वहीं, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, हेल्थ की टीमों ने पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। 52 जने घायल हो गए। इसमें 6 लोगों को बाड़मेर जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया। मौके पर 6 एम्बुलेंस, नगर परिषद, सिविल डिफेंस, डिफेंस सहित 6 फायर ब्रिगेड पहुंची। एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के जवानों ने मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। मॉक ड्रिल करीब डेढ़ घंटे तक चली। इस दौरान सिविल डिफेंस 100 से ज्यादा जवान मौके पर पहुंचे। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने उतरलाई आने-जाने वाले रास्तों को ब्लॉक कर दिया। 8 बजे शुरू हुआ ब्लैक आउट : मॉक ड्रिल के बाद 8 बजे ब्लैक आउट किया गया। इससे पहले पुलिस प्रशासन ने उतरलाई कस्बे की मार्केट को बंद करने की अपील की गई। दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद किए। उतरलाई में अंधेरा छा गया। इस दौरान आवागमन भी बंद करवाया गया। प्रशासन व पुलिस की गाड़ियों की लाइटें भी बंद रखी गईं। 8:25 बजे तक ब्लैक आउट रहा। जैसलमेर : कंट्रोल रूम से मिली एयर अटैक की सूचना जैसलमेर में ऑपरेशन शील्ड के तहत एयर अटैक की मॉक ड्रिल हुई। हॉट लाइन से कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रुम को हवाई हमले की सूचना मिली। सूचना मिलते ही कलेक्टर प्रताप सिंह, एसपी सुधीर चौधरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर परसाराम सैनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान जुगतावत आदि मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड, नागरिक सुरक्षा की रेस्क्यू टीम एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया। 20 घायलों में से 14 घायलों का मौके पर उपचार किया। छह गंभीर घायलों काे एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। 15 मिनट तक ब्लैक आउट : जैसलमेर के आर्मी, बीएसएफ एवं एयरफोर्स स्टेशन के साथ ही सोनार दुर्ग और सूलीडूंगरी इलाकों में शनिवार रात 8ः30 से 8ः45 बजे तक 15 मिनट का ब्लैकआउट रखा गया। इससे पूर्व सायरन और दूसरे तरीकों से ब्लैक आउट की सूचना दी गई। हालांकि कुछ इलाकों में बत्ती जलती रही तो लोग भी सड़कों पर अपनी गाड़ियों को हेड लाइट जलाकर चलते देखे गए। …. राजस्थान में मॉक ड्रिल से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… राजस्थान में ब्लैकआउट, घरों-दुकानों की लाइट बंद रही:सड़क पर गाड़ियां रुकी; झालावाड़ में मॉक ड्रिल के दौरान मधुमक्खियों का हमला राजस्थान में पाकिस्तान की सीमा से सटे जिलों के साथ ही पूरे प्रदेश में शनिवार रात 8 बजे से लेकर अलग-अलग समय पर ब्लैकआउट किया गया। पूरी खबर पढ़िए…