
गीतकार जावेद अख्तर शनिवार को मुंबई में कहा- मुझे भारत और पाकिस्तान दोनों तरफ के कट्टरपंथियों से गालियां मिलती हैं। एक कहते हैं- तू तो काफिर है, जहन्नुम (नर्क) में जाएगा। दूसरे कहते हैं जिहादी पाकिस्तान चला जा। अब अगर मेरे पास सिर्फ चॉइस पाकिस्तान और जहन्नुम यानी नर्क की है, तो मैं नर्क ही जाना पसंद करूंगा, पाकिस्तान नहीं। वे बुक नरकातला स्वर्ग के लॉन्च इवेंट में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- जैसे किसी भी जनतंत्र में एक असेंबली, एक पार्लियामेंट की जरूरत है, अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टी की जरूरत है, ईमानदार मीडिया की जरूरत होती है। उसी तरह ऐसे लोगों भी होनी चाहिए, जो किसी पार्टी के न हों। उन्हें जो सच लगे कहें, जो बात बुरी लगे वो कह सकें। सब पार्टी हमारी और कोई पार्टी हमारी नहीं हो। मैं भी उन्हीं लोगों में से एक हूं। इसका नतीजा ये होता है कि अगर आप एक तरफ से बात कर रहे हैं तो एक ही तरह के लोगों को नाखुश करेंगे, लेकिन अगर हर तरफ से बात कर रहे हैं तो बहुत ज्यादा लोगों को नाखुश करते हैं। आप कभी मिलिएगा तो मैं दिखाऊंगा आपको ट्विटर, अपना वॉट्सएप, जिसमें मुझे दोनों तरफ से गालियां आती हैं। जावेद अख्तर ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि मैं बहुत थैंक लेस होऊंगा और ये न कहूं कि बहुत से लोग तारीफ भी करते हैं, बहुत से लोग हिम्मत भी बढ़ाते हैं, प्रशंसा करते हैं। लेकिन ये भी सच है कि मुझे इधर से भी जो एक्सट्रीमिस्ट है वो गाली देते हैं और उधर के भी एक्सट्रीमिस्ट गाली देते हैं। यही सही है। अगर इनमें से एक ने गाली देना बंद कर दी, तो मुझे परेशानी हो जाएगी कि मैं क्या गड़बड़ कर रहा हूं।’ ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के पर दिए गए जावेद अख्तर के बयान पाकिस्तान को कहा आतंकवाद की जड़ः ऑपरेशन सिंदूर के बाद दिल्ली में फिक्की के एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने कहा- ‘आतंकवादी आखिर आते कहां से हैं? ये कोई जर्मनी से तो नहीं आते। हम उनकी सीमाओं से जुड़े हुए हैं और यह बात नजरअंदाज नहीं की जा सकती। पहलगाम की घटना एक अहम मोड़ होनी चाहिए। जब इस तरह की घटनाएं बार-बार होती हैं, तो तनाव तो लाजमी है। लगभग हर कुछ दिनों में या फिर हर साल में कोई न कोई ऐसी दुखद घटना सामने आती है।’ जावेद अख्तर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ‘पाकिस्तान से संवाद कैसे संभव है, जब उसने कारगिल युद्ध के दौरान अपने ही सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत लोग भारत के प्रति वफादार हैं।’ पाकिस्तानी सेना प्रमुख को कहा था संवेदनहीन आदमीः जावेद अख्तर ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कपिल सिब्बल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने उसका भाषण यूट्यूब पर देखा। बहुत ही संवेदनहीन आदमी है वो। अगर उसको हिंदुस्तानी बुरे लगते हैं तो आप हमें गाली दीजिए, कोई बात नहीं, लेकिन आप हिंदुओं को गाली क्यों दे रहे हैं? आपके देश में भी तो हिंदू रहते हैं, भले ही कम हों। क्या उनकी इज्जत नहीं करनी चाहिए?’ बताते चलें कि इससे पहले भी जावेद अख्तर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के खिलाफ बढ़-चढ़कर आवाज उठाई थी। साथ ही उन्होंने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में बैन लगने के फैसले को भी सही ठहराया था। उन्होंने कहा था कि भारत-पाकिस्तान का रिश्ता एकतरफा है, क्योंकि भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को इज्जत दी गई, लेकिन पाकिस्तान ने कभी इंडियन एक्टर्स को सम्मान नहीं दिया। पाकिस्तानी कलाकारों के बैन को कहा सही फैसलाः जावेद अख्तर ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों पर लगे बैन पर पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि जो कुछ भी मौजूदा समय में हुआ उसके बाद ये सवाल ही नहीं किए जाने चाहिए कि क्या उन्हें बैन करना ठीक है या नहीं। क्योंकि अब पाकिस्तान के लिए फ्रैंडली फीलिंग पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने का मौका देना पूरी तरह से एकतरफा है क्योंकि पाकिस्तान में आज तक लता मंगेशकर की एक परफॉर्मेंस तक नहीं होने दी गई है। उन्होंने इस एकतरफा काम करने के तरीके का पूरी तरह खंडन किया है।
गीतकार जावेद अख्तर शनिवार को मुंबई में कहा- मुझे भारत और पाकिस्तान दोनों तरफ के कट्टरपंथियों से गालियां मिलती हैं। एक कहते हैं- तू तो काफिर है, जहन्नुम (नर्क) में जाएगा। दूसरे कहते हैं जिहादी पाकिस्तान चला जा। अब अगर मेरे पास सिर्फ चॉइस पाकिस्तान और जहन्नुम यानी नर्क की है, तो मैं नर्क ही जाना पसंद करूंगा, पाकिस्तान नहीं। वे बुक नरकातला स्वर्ग के लॉन्च इवेंट में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- जैसे किसी भी जनतंत्र में एक असेंबली, एक पार्लियामेंट की जरूरत है, अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टी की जरूरत है, ईमानदार मीडिया की जरूरत होती है। उसी तरह ऐसे लोगों भी होनी चाहिए, जो किसी पार्टी के न हों। उन्हें जो सच लगे कहें, जो बात बुरी लगे वो कह सकें। सब पार्टी हमारी और कोई पार्टी हमारी नहीं हो। मैं भी उन्हीं लोगों में से एक हूं। इसका नतीजा ये होता है कि अगर आप एक तरफ से बात कर रहे हैं तो एक ही तरह के लोगों को नाखुश करेंगे, लेकिन अगर हर तरफ से बात कर रहे हैं तो बहुत ज्यादा लोगों को नाखुश करते हैं। आप कभी मिलिएगा तो मैं दिखाऊंगा आपको ट्विटर, अपना वॉट्सएप, जिसमें मुझे दोनों तरफ से गालियां आती हैं। जावेद अख्तर ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि मैं बहुत थैंक लेस होऊंगा और ये न कहूं कि बहुत से लोग तारीफ भी करते हैं, बहुत से लोग हिम्मत भी बढ़ाते हैं, प्रशंसा करते हैं। लेकिन ये भी सच है कि मुझे इधर से भी जो एक्सट्रीमिस्ट है वो गाली देते हैं और उधर के भी एक्सट्रीमिस्ट गाली देते हैं। यही सही है। अगर इनमें से एक ने गाली देना बंद कर दी, तो मुझे परेशानी हो जाएगी कि मैं क्या गड़बड़ कर रहा हूं।’ ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के पर दिए गए जावेद अख्तर के बयान पाकिस्तान को कहा आतंकवाद की जड़ः ऑपरेशन सिंदूर के बाद दिल्ली में फिक्की के एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने कहा- ‘आतंकवादी आखिर आते कहां से हैं? ये कोई जर्मनी से तो नहीं आते। हम उनकी सीमाओं से जुड़े हुए हैं और यह बात नजरअंदाज नहीं की जा सकती। पहलगाम की घटना एक अहम मोड़ होनी चाहिए। जब इस तरह की घटनाएं बार-बार होती हैं, तो तनाव तो लाजमी है। लगभग हर कुछ दिनों में या फिर हर साल में कोई न कोई ऐसी दुखद घटना सामने आती है।’ जावेद अख्तर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ‘पाकिस्तान से संवाद कैसे संभव है, जब उसने कारगिल युद्ध के दौरान अपने ही सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत लोग भारत के प्रति वफादार हैं।’ पाकिस्तानी सेना प्रमुख को कहा था संवेदनहीन आदमीः जावेद अख्तर ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कपिल सिब्बल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने उसका भाषण यूट्यूब पर देखा। बहुत ही संवेदनहीन आदमी है वो। अगर उसको हिंदुस्तानी बुरे लगते हैं तो आप हमें गाली दीजिए, कोई बात नहीं, लेकिन आप हिंदुओं को गाली क्यों दे रहे हैं? आपके देश में भी तो हिंदू रहते हैं, भले ही कम हों। क्या उनकी इज्जत नहीं करनी चाहिए?’ बताते चलें कि इससे पहले भी जावेद अख्तर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के खिलाफ बढ़-चढ़कर आवाज उठाई थी। साथ ही उन्होंने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में बैन लगने के फैसले को भी सही ठहराया था। उन्होंने कहा था कि भारत-पाकिस्तान का रिश्ता एकतरफा है, क्योंकि भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को इज्जत दी गई, लेकिन पाकिस्तान ने कभी इंडियन एक्टर्स को सम्मान नहीं दिया। पाकिस्तानी कलाकारों के बैन को कहा सही फैसलाः जावेद अख्तर ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों पर लगे बैन पर पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि जो कुछ भी मौजूदा समय में हुआ उसके बाद ये सवाल ही नहीं किए जाने चाहिए कि क्या उन्हें बैन करना ठीक है या नहीं। क्योंकि अब पाकिस्तान के लिए फ्रैंडली फीलिंग पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने का मौका देना पूरी तरह से एकतरफा है क्योंकि पाकिस्तान में आज तक लता मंगेशकर की एक परफॉर्मेंस तक नहीं होने दी गई है। उन्होंने इस एकतरफा काम करने के तरीके का पूरी तरह खंडन किया है।