
कारगिल में ड्यूटी के दौरान शहीद मनीष कुमार (22) शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। नवादा में उनके पैतृक गांव पांडेय गंगौट में ही राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। दोपहर करीब 1 बजे मनीष का शव घर पहुंचा था। यहां अंतिम दर्शन के बाद पार्थिव देह श्मशान घाट लाई गई। इससे पहले जब पार्थिव शरीर नवादा पुलिस लाइन से घर लाया जा रहा था तब गाड़ी के पीछे 2KM लंबी बाइक रैली चलती रही। हजारों की संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय के नारे लगाते रहे। शहीद को जिस रास्ते से लाया गया, वहां जगह-जगह पर लोग तिरंगा लेकर श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े रहे। अब 3 तस्वीरें देखिए… ड्यूटी के दौरान गिरे, इलाज के दौरान मौत मनीष कुमार कारगिल में ऑपरेशन रक्षक में बतौर नर्सिंग स्टाफ तैनात थे। नवादा DM ने बताया कि ‘ड्यूटी के दौरान 14 मई की सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे गिर गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।’ सेना ने 15 मई को मनीष के शहीद होने की जानकारी उनके घरवालों को दी थी। सेना ने मनीष को शहीद का दर्जा दिया है। 3 महीने पहले हुई थी शादी 3 महीने पहले मनीष की शादी हुई थी। उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद पत्नी खुशबू सदमे में हैं। खुशबू का कहना है कि वे भी सेना में जाना चाहती हैं। पत्नी ने बताया कि वे वादा कर के गए थे कि जल्द लौटूंगा। शहीद जवान के अंतिम संस्कार के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए …
कारगिल में ड्यूटी के दौरान शहीद मनीष कुमार (22) शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। नवादा में उनके पैतृक गांव पांडेय गंगौट में ही राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। दोपहर करीब 1 बजे मनीष का शव घर पहुंचा था। यहां अंतिम दर्शन के बाद पार्थिव देह श्मशान घाट लाई गई। इससे पहले जब पार्थिव शरीर नवादा पुलिस लाइन से घर लाया जा रहा था तब गाड़ी के पीछे 2KM लंबी बाइक रैली चलती रही। हजारों की संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय के नारे लगाते रहे। शहीद को जिस रास्ते से लाया गया, वहां जगह-जगह पर लोग तिरंगा लेकर श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े रहे। अब 3 तस्वीरें देखिए… ड्यूटी के दौरान गिरे, इलाज के दौरान मौत मनीष कुमार कारगिल में ऑपरेशन रक्षक में बतौर नर्सिंग स्टाफ तैनात थे। नवादा DM ने बताया कि ‘ड्यूटी के दौरान 14 मई की सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे गिर गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।’ सेना ने 15 मई को मनीष के शहीद होने की जानकारी उनके घरवालों को दी थी। सेना ने मनीष को शहीद का दर्जा दिया है। 3 महीने पहले हुई थी शादी 3 महीने पहले मनीष की शादी हुई थी। उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद पत्नी खुशबू सदमे में हैं। खुशबू का कहना है कि वे भी सेना में जाना चाहती हैं। पत्नी ने बताया कि वे वादा कर के गए थे कि जल्द लौटूंगा। शहीद जवान के अंतिम संस्कार के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए …