
पानीपत में कल (14 मई) को पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस नौमान इलाही पाकिस्तान में ISI के हैंडलर इकबाल उर्फ काना के लिए मुखबिरी कर रहा था। 24 साल का नौमान उसे वीडियो बनाकर भेजता था। पुलिस जांच के मुताबिक उसने हरियाणा और पंजाब के कई संवेदनशील जगहों की जानकारी आतंकियों को दी। 8वीं तक पढ़ा नौमान का पिता अहसान इलाही पासपोर्ट बनाता था। 5 साल पहले पिता की मौत हुई तो नौमान ने यह काम शुरू कर दिया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना के रहने वाले नौमान ने पहले वहां पाकिस्तान और दूसरे मुस्लिम देशों में जाने वालों के पासपोर्ट बनाए। इसी दौरान वह आतंकियों के टच में आ गया। वह पासपोर्ट भी बनवाता है, इसकी जानकारी उसके बहन और जीजा तक को नहीं थी। बहन जीनत ने कहा कि वह मेरे सामने किसी से बात नहीं करता था। जीजा इरफान ने कहा कि वह कई-कई दिन घर से बाहर रहता था। वह हर वक्त मोबाइल पर लगा रहता था। दैनिक भास्कर ने नौमान इलाही के बारे में पड़ताल की, जिसमें उसकी बहन और जीजा से भी विस्तृत बातचीत की। इसमें नौमान को लेकर कई अहम बातें सामने आईं… बहन बोली- गलत किया तो सजा मिले, आतंकी काना को नही जानती जीजा ने कहा- मुझसे सिर्फ नपी-तुली बात ही करता था नौमान पर आरोप और पुलिस की कार्रवाई 4 पॉइंट्स में पढ़ें… 1. आतंकी काना कैराना का, अब पाकिस्तान में रह रहा
नौमान इलाही ISI हैंडलर इकबाल उर्फ काना के संपर्क में था। वह भारत से सेना समेत अन्य गोपनीय जानकारी वॉट्सऐप पर पाकिस्तान भेज रहा था। इकबाल काना मूल रूप से कैराना का ही निवासी है और अभी पाकिस्तान में रहता है। इसके बाद नौमान ने इकबाल को गोपनीय सूचना भेजनी शुरू की। दिखावे के लिए वह पानीपत में एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। 2. जानकारी देकर जुटा रहा था मोटी रकम
पुलिस सोर्सेज के मुताबिक नौमान का काम देश की हर एक छोटी-बड़ी मूवमेंट के बारे में पाकिस्तान को सूचना देने का था। उसके मोबाइल से इसके सबूत भी मिले हैं, जिनमें अधिकांश सूचनाएं रेलवे स्टेशनों की हैं। जानकारी मिली है कि वह हर फोटो और वीडियो के 4-5 हजार रुपए ले रहा था। पाकिस्तान के कई ग्रुपों को वह यह जानकारी देता था और सबसे अलग-अलग रुपए ले रहा था। हर दूसरे दिन एक वीडियो पाकिस्तान भेज रहा था। 3. कैराना मकान में ताला, जनसेवा केंद्र खंगाला
पानीपत पुलिस नौमान को लेकर कैराना भी पहुंची थी। एक जनसेवा केंद्र संचालक के यहां दबिश दी। आरोप है कि जनसेवा केंद्र संचालक से पाकिस्तान समेत अन्य स्थानों पर रुपए भेजने एवं मंगाने का कार्य किया गया था। टीम ने जन सेवा केंद्र के संचालक को भी समस्त जानकारी के साथ पानीपत में बुलाया है। इसके अलावा नौमान ने अब तक जितने भी लोगों के पासपोर्ट तैयार कराए हैं, वह सभी खुफिया विभाग के निशाने पर हैं। 4. बुआ और मौसी पाकिस्तान में रह रहीं
जासूस नौमान इलाही का सीधे तौर पर पाकिस्तान से भी नाता है। वहां पर उसकी बुआ और मौसी रहती हैं। जिनका पूरा परिवार भी वहीं रहता है। वे भी भारत आते हैं। वहीं, नौमान भी पाकिस्तान जा चुका है। पुलिस जांच में उसकी पाकिस्तान ट्रैवल हिस्ट्री सामने आई है। बराना का रहने वाला जीजा इरफान का परिवार
पानीपत में नौमान के जीजा इरफान और बहन जीनत परिवार के साथ रहते हैं। 70 साल की रशील घर के मुखिया हैं। परिवार में दो बेटे इरफान और इमरान हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। रशील ने 2010 में इरफान की शादी कैराना के मोहल्ला बेगमपुर की जीनत से की थी। इसके बाद वह अपने गांव बराना से मकान बेचकर पानीपत की हाली कॉलोनी में आ गया। यहीं पर उसने लगभग 60-70 गज का मकान खरीद लिया था। रशील की पत्नी करीमा भी घर पर टैक्सटाइल के पीस लाकर उत्पाद तैयार करती है। एक पीस को तैयार करने का एक रुपए मिलता है। इरफान बाइक लेमिनेशन व छोटा भाई इमरान कार वाशिंग का काम करता है। करीमा कहती है कि पूरी हाली कॉलोनी में उनके बारे में किसी से भी पूछ लो। वह बहुत इज्जतदार और शरीफ लोग हैं। उनको बार-बार परेशान न किया जाए, वह बमुश्किल अपना घर चला रहे हैं।
पानीपत में कल (14 मई) को पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस नौमान इलाही पाकिस्तान में ISI के हैंडलर इकबाल उर्फ काना के लिए मुखबिरी कर रहा था। 24 साल का नौमान उसे वीडियो बनाकर भेजता था। पुलिस जांच के मुताबिक उसने हरियाणा और पंजाब के कई संवेदनशील जगहों की जानकारी आतंकियों को दी। 8वीं तक पढ़ा नौमान का पिता अहसान इलाही पासपोर्ट बनाता था। 5 साल पहले पिता की मौत हुई तो नौमान ने यह काम शुरू कर दिया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना के रहने वाले नौमान ने पहले वहां पाकिस्तान और दूसरे मुस्लिम देशों में जाने वालों के पासपोर्ट बनाए। इसी दौरान वह आतंकियों के टच में आ गया। वह पासपोर्ट भी बनवाता है, इसकी जानकारी उसके बहन और जीजा तक को नहीं थी। बहन जीनत ने कहा कि वह मेरे सामने किसी से बात नहीं करता था। जीजा इरफान ने कहा कि वह कई-कई दिन घर से बाहर रहता था। वह हर वक्त मोबाइल पर लगा रहता था। दैनिक भास्कर ने नौमान इलाही के बारे में पड़ताल की, जिसमें उसकी बहन और जीजा से भी विस्तृत बातचीत की। इसमें नौमान को लेकर कई अहम बातें सामने आईं… बहन बोली- गलत किया तो सजा मिले, आतंकी काना को नही जानती जीजा ने कहा- मुझसे सिर्फ नपी-तुली बात ही करता था नौमान पर आरोप और पुलिस की कार्रवाई 4 पॉइंट्स में पढ़ें… 1. आतंकी काना कैराना का, अब पाकिस्तान में रह रहा
नौमान इलाही ISI हैंडलर इकबाल उर्फ काना के संपर्क में था। वह भारत से सेना समेत अन्य गोपनीय जानकारी वॉट्सऐप पर पाकिस्तान भेज रहा था। इकबाल काना मूल रूप से कैराना का ही निवासी है और अभी पाकिस्तान में रहता है। इसके बाद नौमान ने इकबाल को गोपनीय सूचना भेजनी शुरू की। दिखावे के लिए वह पानीपत में एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। 2. जानकारी देकर जुटा रहा था मोटी रकम
पुलिस सोर्सेज के मुताबिक नौमान का काम देश की हर एक छोटी-बड़ी मूवमेंट के बारे में पाकिस्तान को सूचना देने का था। उसके मोबाइल से इसके सबूत भी मिले हैं, जिनमें अधिकांश सूचनाएं रेलवे स्टेशनों की हैं। जानकारी मिली है कि वह हर फोटो और वीडियो के 4-5 हजार रुपए ले रहा था। पाकिस्तान के कई ग्रुपों को वह यह जानकारी देता था और सबसे अलग-अलग रुपए ले रहा था। हर दूसरे दिन एक वीडियो पाकिस्तान भेज रहा था। 3. कैराना मकान में ताला, जनसेवा केंद्र खंगाला
पानीपत पुलिस नौमान को लेकर कैराना भी पहुंची थी। एक जनसेवा केंद्र संचालक के यहां दबिश दी। आरोप है कि जनसेवा केंद्र संचालक से पाकिस्तान समेत अन्य स्थानों पर रुपए भेजने एवं मंगाने का कार्य किया गया था। टीम ने जन सेवा केंद्र के संचालक को भी समस्त जानकारी के साथ पानीपत में बुलाया है। इसके अलावा नौमान ने अब तक जितने भी लोगों के पासपोर्ट तैयार कराए हैं, वह सभी खुफिया विभाग के निशाने पर हैं। 4. बुआ और मौसी पाकिस्तान में रह रहीं
जासूस नौमान इलाही का सीधे तौर पर पाकिस्तान से भी नाता है। वहां पर उसकी बुआ और मौसी रहती हैं। जिनका पूरा परिवार भी वहीं रहता है। वे भी भारत आते हैं। वहीं, नौमान भी पाकिस्तान जा चुका है। पुलिस जांच में उसकी पाकिस्तान ट्रैवल हिस्ट्री सामने आई है। बराना का रहने वाला जीजा इरफान का परिवार
पानीपत में नौमान के जीजा इरफान और बहन जीनत परिवार के साथ रहते हैं। 70 साल की रशील घर के मुखिया हैं। परिवार में दो बेटे इरफान और इमरान हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। रशील ने 2010 में इरफान की शादी कैराना के मोहल्ला बेगमपुर की जीनत से की थी। इसके बाद वह अपने गांव बराना से मकान बेचकर पानीपत की हाली कॉलोनी में आ गया। यहीं पर उसने लगभग 60-70 गज का मकान खरीद लिया था। रशील की पत्नी करीमा भी घर पर टैक्सटाइल के पीस लाकर उत्पाद तैयार करती है। एक पीस को तैयार करने का एक रुपए मिलता है। इरफान बाइक लेमिनेशन व छोटा भाई इमरान कार वाशिंग का काम करता है। करीमा कहती है कि पूरी हाली कॉलोनी में उनके बारे में किसी से भी पूछ लो। वह बहुत इज्जतदार और शरीफ लोग हैं। उनको बार-बार परेशान न किया जाए, वह बमुश्किल अपना घर चला रहे हैं।