
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला करने में इसरो की अहम भूमिका रही। इसरो के सैटेलाइट नेटवर्क के इनपुट के जरिए मिली मदद से भारतीय सेनाओं ने सैन्य राडार सिस्टम नष्ट करने और पाकिस्तान के ड्रोन व मिसाइल हमलों को निष्क्रिय करने में सफलता हासिल की। इसरो का सैटेलाइट नेटवर्क भारतीय सेनाओं को आतंकियों के अड्डों की सटीक पहचान करने, हमले के लिए लक्ष्य तय करने से लेकर पाकिस्तान सेना के ठिकानों , हथियारों व टुकड़ियों के मूवमेंट, राडार स्टेशनों की जानकारी दे रहा है। साथ ही उनके इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों को ट्रैक करने जैसी हर संवेदनशील हरकत को पकड़ने और खुफिया जानकारी हासिल करने में खासा मददगार बन रहा है। इस समय इसरो के कम से कम 7 सैटेलाइट संवेदनशील व खुफिया जानकारी मिल रही है। आतंकियों के लॉन्च पैड्स-पाक सैन्य ठिकानों की तस्वीरें मिल रहीं इसरो के 7 सर्विलांस उपग्रह से सेनाओं को सटीक इनपुट मिल रहा है। कार्टोसेट से 0.6 मीटर से 0.35 मीटर तक की हाई रिजॉल्यूशन इमेजरी मिल सकती है। इसके जरिए पाक के आतंकी लॉन्च पैड्स, सैन्य ठिकानों की सटीक लोकेशन और मूवमेंट की स्पष्ट तस्वीरें मिल पाईं। दिन की अच्छी रोशनी में इस सैटेलाइट से सीमावर्ती इलाकों में रियल टाइम तस्वीरें और वीडियो क्लिप्स तक हासिल की जा सकती हैं। 7 सैटेलाइट की खूबियां 1. आरआईसैट-2बी (राडार इमेजिंग सैटेलाइट): इससे बादल घिरे होने, रात के अंधेरे और धूलभरे मौसम में भी निगरानी संभव है, क्योंकि इसमें सिंथेटिक अपर्चर राडार आधारित निगरानी हो पाती है। भारतीय तटों से लगे इलाके में समुद्र में घुसने वाले किसी भी अवांछित जहाज को ट्रैक करने की क्षमता वाला सैटेलाइट, नौसेना के लिए उपलब्ध। 2. आरआईसैट-2बीआर1: सिंथेटिक अपर्चर राडार आधारित सैटेलाइट है। पाकिस्तान के छिपे हुए मूवमेंट की जानकारियों का पता चल सका और लक्ष्यों की पुष्टि हो सकी। महज 35 सेमी की दूरी पर स्थित दो ऑब्जेक्ट को पहचान लेने की क्षमता वाला खुफिया सैटेलाइट। 3. कार्टोसेट-3: इंडिया रिमोट सेंसिंग प्रोग्राम का हिस्सा। थर्मल इमेजिंग की क्षमता वाला सैटेलाइट। 25 सेमी की वस्तु की हाई रिजॉल्यूशन इमेज लेने वाले पैनक्रोमैटिक कैमरे से लैस। मिशन से जुड़ा। 4. इमिसैट सैटेलाइट: DRDO ने कौटिल्य प्रोजेक्ट के तहत 8 साल में विकसित किया। सीमापार दुश्मन के राडार के इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को पकड़ने की क्षमता। 90 मिनट में धरती की एक परिक्रमा। इमिसैट से इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस हासिल हो सका। इसके जरिए पाक के राडार स्टेशनों, संचार सिग्नल्स और इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों को ट्रैक किया जा सका। इससे यह भी पता लगाया जा सकता है कि कहां क्या सैन्य उपकरण सक्रिय किए जा रहे हैं। राडार सिस्टम को खत्म करने में इसकी अहम भूमिका रही। 5. हायसिस सैटेलाइट: हायसिस के जरिए हाइस्पैक्ट्रल इमेजिंग हासिल हो पा रही है, यानी पाकिस्तान में किसी भी स्ट्रक्चरल बदलाव या सैनिक जमावड़े की पहचान कर पाना संभव हो पा रहा है। पाक के हथियारों और वाहनों की सामग्री के आधार पर भी पहचान करने की क्षमता है। 6. जीसैट-7 (जियो स्टेशनरी सैटेलाइट): नौ सेना और तट रक्षा बल के लिए संचार के लिए उपलब्ध। समूचे महासागर क्षेत्र में रियल टाइम कम्युनिकेशन की क्षमता। 60 जहाज और 75 एयरक्राफ्ट से एक साथ संचार में सक्षम। नौ सेना की सभी संपत्तियों को एक साथ जोड़ने की क्षमता। इसके जरिए सेना के कमांड व यूनिट्स के बीच सुरक्षित संचार सुनिश्चित करने में मदद ली जा रही है। इसे खासकर नौसेना समुद्री निगरानी में इस्तेमाल कर रही है। इस सैटेलाइट का इस्तेमाल वायुसेना और थलसेना अनमैंड एरियल व्हीकल, यानी ड्रोन के संचालन और एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कमांड सिस्टम में किया जा रहा है। पाक से आने वाले ऑब्जेक्ट को ट्रैक करने में मदद। 7. जीसैट-7ए (एंग्री बर्ड): इस सैटेलाइट की कुल क्षमता का 30 फीसदी भारतीय सेना और इंडियन एयरफोर्स के लिए उपलब्ध। इस उपग्रह में वायु सेना की सभी संपत्तियों यानी फाइटर प्लेन, एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग कंट्रोल सिस्टम व ड्रोन को एक-दूसरे और जमीनी स्टेशनों से जोड़ने की क्षमता, जिससे वायुसेना को नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमता हासिल हुई। जल्द ही 52 नए सैटेलाइट लॉन्च होंगे अब भारत अंतरिक्ष आधारित अपनी निगरानी क्षमता बढ़ाने के लिए एक-दो नहीं, बल्कि 52 सैटेलाइट का एक समूह लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसरो चेयरमैन के मुताबिक, ये सभी सैटेलाइट अगले पांच साल में लॉन्च होंगे। यह काम निश्चित समय सीमा में पूरा हो, इसके लिए 52 में से आधे उपग्रह निजी क्षेत्र विकसित करेगा और आधे उपग्रह इसरो खुद तैयार करेगा। ————————————– भारत के एयर स्ट्राइक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… ऑपरेशन सिंदूर- जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से फिर फायरिंग:आर्मी ने जवाब दिया; कल भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की, 100 आतंकी मारे पाकिस्तान के गुजरांवाला पर आज फिर ड्रोन अटैक का दावा:PAK अधिकारी ने कहा- एक दिन पहले 125 फाइटर जेट्स की जंग हुई आतंकी मसूद अजहर की बीवी, बहन समेत क्या पूरा कुनबा खत्म; ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने कैसे 25 सालों का बदला लिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से बमबारी:LOC के गांव खाली, बंकरों में छिपे लोग; बोले- हमारे घर तबाह हुए, लेकिन सबक सिखाया
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला करने में इसरो की अहम भूमिका रही। इसरो के सैटेलाइट नेटवर्क के इनपुट के जरिए मिली मदद से भारतीय सेनाओं ने सैन्य राडार सिस्टम नष्ट करने और पाकिस्तान के ड्रोन व मिसाइल हमलों को निष्क्रिय करने में सफलता हासिल की। इसरो का सैटेलाइट नेटवर्क भारतीय सेनाओं को आतंकियों के अड्डों की सटीक पहचान करने, हमले के लिए लक्ष्य तय करने से लेकर पाकिस्तान सेना के ठिकानों , हथियारों व टुकड़ियों के मूवमेंट, राडार स्टेशनों की जानकारी दे रहा है। साथ ही उनके इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों को ट्रैक करने जैसी हर संवेदनशील हरकत को पकड़ने और खुफिया जानकारी हासिल करने में खासा मददगार बन रहा है। इस समय इसरो के कम से कम 7 सैटेलाइट संवेदनशील व खुफिया जानकारी मिल रही है। आतंकियों के लॉन्च पैड्स-पाक सैन्य ठिकानों की तस्वीरें मिल रहीं इसरो के 7 सर्विलांस उपग्रह से सेनाओं को सटीक इनपुट मिल रहा है। कार्टोसेट से 0.6 मीटर से 0.35 मीटर तक की हाई रिजॉल्यूशन इमेजरी मिल सकती है। इसके जरिए पाक के आतंकी लॉन्च पैड्स, सैन्य ठिकानों की सटीक लोकेशन और मूवमेंट की स्पष्ट तस्वीरें मिल पाईं। दिन की अच्छी रोशनी में इस सैटेलाइट से सीमावर्ती इलाकों में रियल टाइम तस्वीरें और वीडियो क्लिप्स तक हासिल की जा सकती हैं। 7 सैटेलाइट की खूबियां 1. आरआईसैट-2बी (राडार इमेजिंग सैटेलाइट): इससे बादल घिरे होने, रात के अंधेरे और धूलभरे मौसम में भी निगरानी संभव है, क्योंकि इसमें सिंथेटिक अपर्चर राडार आधारित निगरानी हो पाती है। भारतीय तटों से लगे इलाके में समुद्र में घुसने वाले किसी भी अवांछित जहाज को ट्रैक करने की क्षमता वाला सैटेलाइट, नौसेना के लिए उपलब्ध। 2. आरआईसैट-2बीआर1: सिंथेटिक अपर्चर राडार आधारित सैटेलाइट है। पाकिस्तान के छिपे हुए मूवमेंट की जानकारियों का पता चल सका और लक्ष्यों की पुष्टि हो सकी। महज 35 सेमी की दूरी पर स्थित दो ऑब्जेक्ट को पहचान लेने की क्षमता वाला खुफिया सैटेलाइट। 3. कार्टोसेट-3: इंडिया रिमोट सेंसिंग प्रोग्राम का हिस्सा। थर्मल इमेजिंग की क्षमता वाला सैटेलाइट। 25 सेमी की वस्तु की हाई रिजॉल्यूशन इमेज लेने वाले पैनक्रोमैटिक कैमरे से लैस। मिशन से जुड़ा। 4. इमिसैट सैटेलाइट: DRDO ने कौटिल्य प्रोजेक्ट के तहत 8 साल में विकसित किया। सीमापार दुश्मन के राडार के इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को पकड़ने की क्षमता। 90 मिनट में धरती की एक परिक्रमा। इमिसैट से इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस हासिल हो सका। इसके जरिए पाक के राडार स्टेशनों, संचार सिग्नल्स और इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों को ट्रैक किया जा सका। इससे यह भी पता लगाया जा सकता है कि कहां क्या सैन्य उपकरण सक्रिय किए जा रहे हैं। राडार सिस्टम को खत्म करने में इसकी अहम भूमिका रही। 5. हायसिस सैटेलाइट: हायसिस के जरिए हाइस्पैक्ट्रल इमेजिंग हासिल हो पा रही है, यानी पाकिस्तान में किसी भी स्ट्रक्चरल बदलाव या सैनिक जमावड़े की पहचान कर पाना संभव हो पा रहा है। पाक के हथियारों और वाहनों की सामग्री के आधार पर भी पहचान करने की क्षमता है। 6. जीसैट-7 (जियो स्टेशनरी सैटेलाइट): नौ सेना और तट रक्षा बल के लिए संचार के लिए उपलब्ध। समूचे महासागर क्षेत्र में रियल टाइम कम्युनिकेशन की क्षमता। 60 जहाज और 75 एयरक्राफ्ट से एक साथ संचार में सक्षम। नौ सेना की सभी संपत्तियों को एक साथ जोड़ने की क्षमता। इसके जरिए सेना के कमांड व यूनिट्स के बीच सुरक्षित संचार सुनिश्चित करने में मदद ली जा रही है। इसे खासकर नौसेना समुद्री निगरानी में इस्तेमाल कर रही है। इस सैटेलाइट का इस्तेमाल वायुसेना और थलसेना अनमैंड एरियल व्हीकल, यानी ड्रोन के संचालन और एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कमांड सिस्टम में किया जा रहा है। पाक से आने वाले ऑब्जेक्ट को ट्रैक करने में मदद। 7. जीसैट-7ए (एंग्री बर्ड): इस सैटेलाइट की कुल क्षमता का 30 फीसदी भारतीय सेना और इंडियन एयरफोर्स के लिए उपलब्ध। इस उपग्रह में वायु सेना की सभी संपत्तियों यानी फाइटर प्लेन, एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग कंट्रोल सिस्टम व ड्रोन को एक-दूसरे और जमीनी स्टेशनों से जोड़ने की क्षमता, जिससे वायुसेना को नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमता हासिल हुई। जल्द ही 52 नए सैटेलाइट लॉन्च होंगे अब भारत अंतरिक्ष आधारित अपनी निगरानी क्षमता बढ़ाने के लिए एक-दो नहीं, बल्कि 52 सैटेलाइट का एक समूह लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसरो चेयरमैन के मुताबिक, ये सभी सैटेलाइट अगले पांच साल में लॉन्च होंगे। यह काम निश्चित समय सीमा में पूरा हो, इसके लिए 52 में से आधे उपग्रह निजी क्षेत्र विकसित करेगा और आधे उपग्रह इसरो खुद तैयार करेगा। ————————————– भारत के एयर स्ट्राइक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… ऑपरेशन सिंदूर- जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से फिर फायरिंग:आर्मी ने जवाब दिया; कल भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की, 100 आतंकी मारे पाकिस्तान के गुजरांवाला पर आज फिर ड्रोन अटैक का दावा:PAK अधिकारी ने कहा- एक दिन पहले 125 फाइटर जेट्स की जंग हुई आतंकी मसूद अजहर की बीवी, बहन समेत क्या पूरा कुनबा खत्म; ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने कैसे 25 सालों का बदला लिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से बमबारी:LOC के गांव खाली, बंकरों में छिपे लोग; बोले- हमारे घर तबाह हुए, लेकिन सबक सिखाया