
हरियाणा के पलवल में पुलिस इंस्पेक्टर को कोर्ट के ऑर्डर न मानने महंगे पड़ गए। कोर्ट ने इंस्पेक्टर को 6 महीने की कैद की सजा सुना दी। साथ में 200 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया गया। इंस्पेक्टर पर आरोप है कि कोर्ट ने उसे एक आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे, लेकिन इंस्पेक्टर ने इसका पालन नहीं किया। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि दोषी इंस्पेक्टर इस समय नूंह में तैनात है। उसका केस 2023 से चल रहा था। हालांकि इंस्पेक्टर जुर्माना भर जेल जाने से बच गए। इंस्पेक्टर का कहना है कि उनकी कोई गलती नहीं है। वह इसको लेकर हाईकोर्ट जाएंगे। 2023 में दर्ज हुआ था केस
पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि इंस्पेक्टर रामचंद्र पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का केस वर्ष 2023 में दर्ज हुआ था। उस समय IPC की धारा 174 के तहत जांच शुरू हुई थी। तब आरोपी इंस्पेक्टर रामचंद्र पलवल के सदर थाने के प्रभारी थे। उससे पहले पलवल जिला कोर्ट में घरेलू झगड़े का केस आया। इसमें सत्यवती नाम की एक महिला थी, जो अपने पति सुभाष से गुजारा भत्ते की मांग कर रही थी। हालांकि, सुभाष उसे कोई पैसा देने को राजी नहीं था। कोर्ट की सुनवाई में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पूनम कंवर ने महिला की मांग को जायज माना। गुजारा भत्ता नहीं दिया तो आरोपी को पकड़ने के आदेश दिए
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) ने मामले में आदेश जारी किए कि सुभाष अपनी पत्नी सत्यवती को प्रतिमाह 3 हजार रुपए गुजारा भत्ता देगा। कोर्ट ने फैसला सुना दिया, लेकिन सुभाष ने अपनी पत्नी को पैसा देना शुरू नहीं किया। यह मामला दोबारा कोर्ट में आया तो CJM ने सुभाष को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि सुभाष कोर्ट में 1 लाख 65 हजार रुपए जमा कर देता है तो उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं होगी। यह आदेश तत्कालीन सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रामचंद्र को ही दिए गए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इंस्पेक्टर ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। सुओ मोटो का इस्तेमाल कर कोर्ट ने इंस्पेक्टर पर केस किया
इसके बाद कोर्ट ने सुओ मोटो का इस्तेमाल कर इंस्पेक्टर पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए। तब से यह मामला चला आ रहा था। सोमवार को CJM सीमा की कोर्ट ने इंस्पेक्टर को सजा सुनाई। हालांकि, वहीं पर मौजूद इंस्पेक्टर ने मौके पर ही 200 रुपए के जुर्माने की पर्ची कटवा ली। साथ ही कोर्ट से जमानत भी ले ली। कोर्ट ने मुचलका भरकर इंस्पेक्टर को कच्ची जमानत दे दी है। उन्हें आदेश दिए गए हैं कि 18 जनवरी तक पक्की जमानत ले लें। इंस्पेक्टर रामचंद्र बोले- हाईकोर्ट जाएंगे
कोर्ट के फैसले पर इंस्पेक्टर रामचंद्र ने कहा कि जिस गांव का मामला है, वह पहले सदर थाना में शामिल था, लेकिन बाद में उसे मुंडकटी थाना में शामिल किया गया। इसके चलते इस मामले की आगे की कार्रवाई मुंडकटी थाना पुलिस को करनी थी। कोर्ट से जो नोटिस भेजे जाते थे, वे मुंडकटी थाना जाते थे और वहां से कार्रवाई कर जांच अधिकारी रिपोर्ट भी अदालत में जमा करा रहा था। इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। कोर्ट ने जब उन्हें बुलाया तो उन्होंने अपना जवाब भी कोर्ट में दिया था, लेकिन अब कोर्ट ने जो कार्रवाई उनके खिलाफ की है वे इसको लेकर हाईकोर्ट में जाएंगे। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
हरियाणा के पलवल में पुलिस इंस्पेक्टर को कोर्ट के ऑर्डर न मानने महंगे पड़ गए। कोर्ट ने इंस्पेक्टर को 6 महीने की कैद की सजा सुना दी। साथ में 200 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया गया। इंस्पेक्टर पर आरोप है कि कोर्ट ने उसे एक आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे, लेकिन इंस्पेक्टर ने इसका पालन नहीं किया। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि दोषी इंस्पेक्टर इस समय नूंह में तैनात है। उसका केस 2023 से चल रहा था। हालांकि इंस्पेक्टर जुर्माना भर जेल जाने से बच गए। इंस्पेक्टर का कहना है कि उनकी कोई गलती नहीं है। वह इसको लेकर हाईकोर्ट जाएंगे। 2023 में दर्ज हुआ था केस
पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि इंस्पेक्टर रामचंद्र पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का केस वर्ष 2023 में दर्ज हुआ था। उस समय IPC की धारा 174 के तहत जांच शुरू हुई थी। तब आरोपी इंस्पेक्टर रामचंद्र पलवल के सदर थाने के प्रभारी थे। उससे पहले पलवल जिला कोर्ट में घरेलू झगड़े का केस आया। इसमें सत्यवती नाम की एक महिला थी, जो अपने पति सुभाष से गुजारा भत्ते की मांग कर रही थी। हालांकि, सुभाष उसे कोई पैसा देने को राजी नहीं था। कोर्ट की सुनवाई में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पूनम कंवर ने महिला की मांग को जायज माना। गुजारा भत्ता नहीं दिया तो आरोपी को पकड़ने के आदेश दिए
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) ने मामले में आदेश जारी किए कि सुभाष अपनी पत्नी सत्यवती को प्रतिमाह 3 हजार रुपए गुजारा भत्ता देगा। कोर्ट ने फैसला सुना दिया, लेकिन सुभाष ने अपनी पत्नी को पैसा देना शुरू नहीं किया। यह मामला दोबारा कोर्ट में आया तो CJM ने सुभाष को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि सुभाष कोर्ट में 1 लाख 65 हजार रुपए जमा कर देता है तो उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं होगी। यह आदेश तत्कालीन सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रामचंद्र को ही दिए गए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इंस्पेक्टर ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। सुओ मोटो का इस्तेमाल कर कोर्ट ने इंस्पेक्टर पर केस किया
इसके बाद कोर्ट ने सुओ मोटो का इस्तेमाल कर इंस्पेक्टर पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए। तब से यह मामला चला आ रहा था। सोमवार को CJM सीमा की कोर्ट ने इंस्पेक्टर को सजा सुनाई। हालांकि, वहीं पर मौजूद इंस्पेक्टर ने मौके पर ही 200 रुपए के जुर्माने की पर्ची कटवा ली। साथ ही कोर्ट से जमानत भी ले ली। कोर्ट ने मुचलका भरकर इंस्पेक्टर को कच्ची जमानत दे दी है। उन्हें आदेश दिए गए हैं कि 18 जनवरी तक पक्की जमानत ले लें। इंस्पेक्टर रामचंद्र बोले- हाईकोर्ट जाएंगे
कोर्ट के फैसले पर इंस्पेक्टर रामचंद्र ने कहा कि जिस गांव का मामला है, वह पहले सदर थाना में शामिल था, लेकिन बाद में उसे मुंडकटी थाना में शामिल किया गया। इसके चलते इस मामले की आगे की कार्रवाई मुंडकटी थाना पुलिस को करनी थी। कोर्ट से जो नोटिस भेजे जाते थे, वे मुंडकटी थाना जाते थे और वहां से कार्रवाई कर जांच अधिकारी रिपोर्ट भी अदालत में जमा करा रहा था। इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। कोर्ट ने जब उन्हें बुलाया तो उन्होंने अपना जवाब भी कोर्ट में दिया था, लेकिन अब कोर्ट ने जो कार्रवाई उनके खिलाफ की है वे इसको लेकर हाईकोर्ट में जाएंगे। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।