
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोमवार को जम्मू विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। सत्र में आतंकी हमले की निंदा करने के साथ आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। हमले के बाद केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के समर्थन में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का कहना है कि दहशतगर्दी के खिलाफ यह सत्र खास होगा।
पहलगाम हमले के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था। इस आग्रह को उपराज्यपाल ने स्वीकार करते हुए 28 अप्रैल को विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी। सत्र सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि बीते दिनों हुई सर्वदलीय बैठक में सभी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
दहशतगर्दी पर केंद्र के फैसलों पर सभी समर्थन में खड़े थे। बीते दिनों हुए विधानसभा के बजट सत्र में हमने बहुत सी लड़ाइयां लड़ी हैं। 28 अप्रैल को बुलाया गया विधानसभा का सत्र आम बात नहीं है। जिस तरह से सीमा पर तनाव है, लोगों के मन में दहशत है, हमले में 26 लोगों ने जान गंवाई है, यह शोक का समय है। एक साथ खड़े होने का समय है। हम यही संदेश देने की कोशिश करेंगे कि शोर-शराबे का वक्त नहीं है ये। हमें आतंकियों को सख्त संदेश देना है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता शाम लाल शर्मा ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में पहली बार इस तरह से विशेष सत्र बुलाया गया है। नेकां विधायक हसनैन मसूदी का कहना है कि मेरे सियासी जीवन में शायद पहली बार इस तरह से विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया है। सिंधु जल संधि को स्थगित करने के केंद्र सरकार के फैसले के समर्थन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव लाया जा सकता है।
पूर्व मंत्री अजय सडोत्रा ने कहा कि भूकंप, राज्य की स्वायत्तता समेत कई मुद्दों को लेकर कई विशेष सत्र बुलाए जा चुके हैं। मेरी याद में ऐसा पहली बार है कि दहशतगर्दी पर विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के सियासी इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ सभी दलों की एकजुटता जरूरी भी थी और यह सराहनीय भी है।
आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जरूरी : उमर
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि आतंकवाद और इसकी जड़ों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जरूरी है। उमर ने कश्मीरियों की आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की सराहना की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी पोस्ट में लिखा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद और इसके मूल के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए। कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है, जो स्वतःस्फूर्त और निस्वार्थ भाव से किया गया है। अब इस समर्थन को मजबूत करने का समय है और ऐसी गलत कार्रवाई से बचना चाहिए जो लोगों को अलग-थलग करे। दोषियों को सजा दें, उन पर कोई रहम न दिखाएं, लेकिन निर्दोष लोगों पर उसका साइड इफेक्ट न पड़ने दें। संवाद
सामान्य होते हालात….
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने लगे हैं। तनाव के बीच सुखद एहसास कराती ऐसी ही तस्वीर रविवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से आई है। इसमें सुरक्षा में तैनात बीएसएफ जवानों के बीच न सिर्फ लोग चहलकदमी करते नजर आ रहे हैं बल्कि एक बच्चे को साइकिल चलाने में सेना के जवान मदद करते भी नजर आ रहे हैं। एजेंसी
जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री से की बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी के साथ पहलगाम हमले पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लैमी के साथ फोन पर बातचीत होने की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश विदेश मंत्री के साथ पहलगाम में सीमा पार से आतंकी हमले पर चर्चा की। साथ ही आतंकवाद को किसी सूरत में बर्दाश्त न करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
पहलगाम हमले पर सुप्रीम कोर्ट ने जताया शोक कहा-सभी कानूनी सेवा समितियां करेंगी काम
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपांकर दत्त ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा दुख जताया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संकल्प लिया है कि सभी कानूनी सेवा समितियां अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी। मीडिया से बातचीत में जस्टिस दत्ता ने कहा, हमारी संवेदनाएं शोकग्रस्त परिवारों के साथ हैं।