
कठुआ: सुफैन में आतंकियों से मुठभेड़ में राष्ट्र के लिए बलिदान हुए हीरानगर उपमंडल के गांव लौंडी के जसवंत सिंह और कान्हा चक गांव के बलविंदर सिंह चिब को शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई के बाद दूसरे दिन भी दोनों गांवों में मातम पसरा रहा।
दूसरे दिन भी गांव के लोग बलिदानियों के घर के भीतर और बाहर बैठे दिखाई दिए। पीएमओ मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी दोनों बलिदानियों के घर पहुंचकर परिवार के बीच बैठकर उन्हें सांत्वना दी। जितेंद्र सिंह पहले लौंडी में जसवंत सिंह के घर पहुंचे और बाद में बलविंदर सिंह के घर जाकर उन्होंने परिवार के सदस्यों से बातचीत की।
उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से उनकी हर संभव सहायता की जाएगी।इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस के चार जांबाजों ने राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
उन्होंने कहा दोनों बलिदानियों के परिवार के सदस्यों को एसआरओ के तहत सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था की जाएगी। इसी के साथ उन्हें पुलिस विभाग की प्रक्रिया पूरी होने पर विभाग और सरकार की ओर से करीब 70 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की जाएगी।
उन्होंने कहा, सांसद निधि से इन बलिदानियों के लिए गांव में स्मृति स्मारक भी बनाए जाएंगे और इसी के साथ यह प्रस्ताव भी रखा जाएगा कि दोनों बलिदानियों के नाम पर उनके गांव के स्कूलों का नाम रखा जाए। ताकि उनकी वीर गाथा हमेशा स्थानीय युवाओं को राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित करती रहे।वहीं दोनों गांवों के स्थानीय लोगों ने मांग करते हुए कहा कि जिस तरह से दिल्ली, पंजाब और हिमाचल में राष्ट्र के लिए बलिदान होने वालों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार भी इसकी घोषणा करे।