
मणिपुर के CM बीरेन सिंह ने राज्य में हुई हिंसा और उसमें हुई जनहानि को लेकर माफी मांगी है। बीरेन सिंह ने कहा कि पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। इसका मुझे बहुत दुख है। 3 मई 2023 से लेकर आज तक जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए मैं राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं। CM बीरेन सिंह ने सेक्रेटिएट में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा- कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे वास्तव में खेद है। मैं माफी मांगना चाहता हूं। मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। मैतेई-कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा को 600 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। बीरेन ने बताया, ‘मणिपुर में मई 2023 से अक्टूबर 2023 तक गोलीबारी की 408 घटनाएं दर्ज की गईं। नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 345 घटनाएं हुईं। मई 2024 से अब तक 112 घटनाएं सामने आई हैं।’ हालांकि, राज्य में पिछले महीने से शांति है। हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। छिटपुट प्रदर्शन के लिए भी लोग सड़कों पर नहीं उतरे। सरकारी दफ्तर रोजाना खुल रहे हैं और स्कूल में बच्चों की तादाद बढ़ रही है। CM बोले- केंद्र सरकार कर रही विस्थापितों की मदद बीरेन सिंह ने कहा, ‘अब तक कुल मिलाकर लगभग 200 लोग मारे गए हैं और लगभग 12,247 FIR दर्ज की गई हैं। 625 आरोपियों गिरफ्तार हुए हैं। लगभग 5,600 हथियार और विस्फोटकों समेत लगभग 35,000 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। मुद्दों से निपटने में भी कामयाबी मिली है। केंद्र सरकार ने विस्थापित परिवारों की मदद के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी और धनराशि दी है। विस्थापितों के लिए नए घर बनाने के लिए भी पैसा दिया गया है। सेना के ऑपरेशन क्लीन से शांति, उग्रवादी संगठनों के 20 कैडर पकड़े कश्मीर की तरह राज्य में चल रहे ऑपरेशन क्लीन का ही असर है कि पिछले एक महीने में न केवल हथियार-गोला बारूद की कोई बड़ी खेप जब्त हुई है, बल्कि उग्रवादी संगठनों के 20 से अधिक कैडरों को भी दबोचा गया है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारा फोकस उग्रवाद वाले बफर इलाकों में सबकुछ न्यूट्रल करने पर है। इनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जहां बीते डेढ़ साल में किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई। वहीं, पूरे राज्य में सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज की 288 कंपनियों में करीब 40 हजार जवान तैनात हैं। अफस्पा लागू होने से सेना को पावर मिला, लोग खुद हथियार लौटा रहे पहले सेना राजनीतिक दखल के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी। इससे सेना नाराज थी, लेकिन जब से इंफाल वैली के 5 थाना क्षेत्रों में अफस्पा लागू हुआ, तब से सेना सख्त हुई, अब लोग खुद हथियार जमा करने पहुंच रहे हैं। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। अब तक 11 हजार FIR दर्ज की गईं हैं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया है। सैबोल गांव में कुकी-मैतेई महिलाओं का सुरक्षाबलों से विवाद हुआ, विरोध में नेशनल हाईवे 2 पर जाम कांगपोकपी जिले में कुकी-जो समुदाय की महिलाओं की सुरक्षाबलों के झड़प हुई। मणिपुर पुलिस ने X पोस्ट में कहा, ‘घटना थमनपोकपी के पास उयोकचिंग इलाके में हुई, भीड़ ने सुरक्षाबलों (आर्मी, बीएसएफ और सीआरपीएफ) की तैनाती में बाधा पहुंचाई। पुलिस ने कहा कि हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा गया। इलाके में अब शांति है और स्थिति कंट्रोल में हैं। सुरक्षाबलों को पहाड़ी इलाकों में तैनात किया गया है। घटना के विरोध में आदिवासी एकता समिति (CoTU) ने मांग की है कि सेंट्रल फोर्सेस को गांव से वापस बुलाया जाए। इस मांग के साथ ही CoTU ने अनिश्चितकाल के लिए नेशनल हाईवे 2 पर जाम लगा दिया है। CoTU प्रवक्ता ने कहा- हमारे लोगों ने बहुत कुछ सहा है। निहत्थी महिलाओं पर बल का प्रयोग सहन नहीं किया जाएगा। घटना पर स्वदेशी आदिवासी नेता मंच (ITLF) की महिला शाखा ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों के बल प्रयोग में कई महिलाएं घायल हुई हैं। क्रिसमस-नए साल के दौरान हुई ये घटना परेशान करने वाली है। सुरक्षाबलों की कार्रवाइयों ने लोगों ने भय पैदा किया है। कुकी महिला मानवाधिकार संगठन (KWOHR) ने आरोप लगाया कि सुरक्षाबलों ने कुकी महिलाओं को निशाना बनाया है। वे समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही थीं। संगठन ने कहा- सुरक्षाबल यहां 19 महीने से तैनात है। इसके बाद भी अगर मैतेई समुदाय हम (कुकी) पर हमला कर रहे हैं तो सुरक्षाबलों को बफर जोन छोड़ देना चाहिए। हमारे लोग सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। मणिपुर को देश से जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है नेशनल हाईवे 2
नेशनल हाईवे 2 की लंबाई 1325.6 KM है। ये असम के डिब्रूगढ़ से मिजोरम के तुईपांग तक जाता है। ये असम, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम से होकर गुजरता है। ये हाईवे मणिपुर को देश से जोड़ता है। इसके बंद होने से मणिपुर में जरूरी चीजों की सप्लाई पर असर पड़ेगा। इनमें खासकर इंफाल घाटी के मैतेई इलाके शामिल हैं। …………………………………. मणिपुर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मणिपुर में सुरक्षाबलों ने 4 बंकर नष्ट किए: 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन; 9 हथियार, गोला-बारूद बरामद मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों ने इंफाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों में बने बंकरों को नष्ट किया। ये बंकर थम्नापोकपी और सनसाबी गांवों की सीमा से लगे इलाकों में बनाए गए थे। जहां से पहाड़ियों पर रहने वाले बंदूकधारी निचले इलाकों के गांवों पर हमला कर रहे थे। इसके अलावा 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन भी चल रहा था। सेना ने 23 दिसंबर से 27 दिसंबर तक इंफाल ईस्ट, टेंग्नौपाल, यांगियांगपोकपी और चुराचांदपुर से 9 हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया था। पूरी खबर पढ़ें…
मणिपुर के CM बीरेन सिंह ने राज्य में हुई हिंसा और उसमें हुई जनहानि को लेकर माफी मांगी है। बीरेन सिंह ने कहा कि पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। इसका मुझे बहुत दुख है। 3 मई 2023 से लेकर आज तक जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए मैं राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं। CM बीरेन सिंह ने सेक्रेटिएट में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा- कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे वास्तव में खेद है। मैं माफी मांगना चाहता हूं। मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। मैतेई-कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा को 600 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। बीरेन ने बताया, ‘मणिपुर में मई 2023 से अक्टूबर 2023 तक गोलीबारी की 408 घटनाएं दर्ज की गईं। नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 345 घटनाएं हुईं। मई 2024 से अब तक 112 घटनाएं सामने आई हैं।’ हालांकि, राज्य में पिछले महीने से शांति है। हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। छिटपुट प्रदर्शन के लिए भी लोग सड़कों पर नहीं उतरे। सरकारी दफ्तर रोजाना खुल रहे हैं और स्कूल में बच्चों की तादाद बढ़ रही है। CM बोले- केंद्र सरकार कर रही विस्थापितों की मदद बीरेन सिंह ने कहा, ‘अब तक कुल मिलाकर लगभग 200 लोग मारे गए हैं और लगभग 12,247 FIR दर्ज की गई हैं। 625 आरोपियों गिरफ्तार हुए हैं। लगभग 5,600 हथियार और विस्फोटकों समेत लगभग 35,000 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। मुद्दों से निपटने में भी कामयाबी मिली है। केंद्र सरकार ने विस्थापित परिवारों की मदद के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी और धनराशि दी है। विस्थापितों के लिए नए घर बनाने के लिए भी पैसा दिया गया है। सेना के ऑपरेशन क्लीन से शांति, उग्रवादी संगठनों के 20 कैडर पकड़े कश्मीर की तरह राज्य में चल रहे ऑपरेशन क्लीन का ही असर है कि पिछले एक महीने में न केवल हथियार-गोला बारूद की कोई बड़ी खेप जब्त हुई है, बल्कि उग्रवादी संगठनों के 20 से अधिक कैडरों को भी दबोचा गया है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारा फोकस उग्रवाद वाले बफर इलाकों में सबकुछ न्यूट्रल करने पर है। इनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जहां बीते डेढ़ साल में किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई। वहीं, पूरे राज्य में सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज की 288 कंपनियों में करीब 40 हजार जवान तैनात हैं। अफस्पा लागू होने से सेना को पावर मिला, लोग खुद हथियार लौटा रहे पहले सेना राजनीतिक दखल के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी। इससे सेना नाराज थी, लेकिन जब से इंफाल वैली के 5 थाना क्षेत्रों में अफस्पा लागू हुआ, तब से सेना सख्त हुई, अब लोग खुद हथियार जमा करने पहुंच रहे हैं। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। अब तक 11 हजार FIR दर्ज की गईं हैं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया है। सैबोल गांव में कुकी-मैतेई महिलाओं का सुरक्षाबलों से विवाद हुआ, विरोध में नेशनल हाईवे 2 पर जाम कांगपोकपी जिले में कुकी-जो समुदाय की महिलाओं की सुरक्षाबलों के झड़प हुई। मणिपुर पुलिस ने X पोस्ट में कहा, ‘घटना थमनपोकपी के पास उयोकचिंग इलाके में हुई, भीड़ ने सुरक्षाबलों (आर्मी, बीएसएफ और सीआरपीएफ) की तैनाती में बाधा पहुंचाई। पुलिस ने कहा कि हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा गया। इलाके में अब शांति है और स्थिति कंट्रोल में हैं। सुरक्षाबलों को पहाड़ी इलाकों में तैनात किया गया है। घटना के विरोध में आदिवासी एकता समिति (CoTU) ने मांग की है कि सेंट्रल फोर्सेस को गांव से वापस बुलाया जाए। इस मांग के साथ ही CoTU ने अनिश्चितकाल के लिए नेशनल हाईवे 2 पर जाम लगा दिया है। CoTU प्रवक्ता ने कहा- हमारे लोगों ने बहुत कुछ सहा है। निहत्थी महिलाओं पर बल का प्रयोग सहन नहीं किया जाएगा। घटना पर स्वदेशी आदिवासी नेता मंच (ITLF) की महिला शाखा ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों के बल प्रयोग में कई महिलाएं घायल हुई हैं। क्रिसमस-नए साल के दौरान हुई ये घटना परेशान करने वाली है। सुरक्षाबलों की कार्रवाइयों ने लोगों ने भय पैदा किया है। कुकी महिला मानवाधिकार संगठन (KWOHR) ने आरोप लगाया कि सुरक्षाबलों ने कुकी महिलाओं को निशाना बनाया है। वे समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही थीं। संगठन ने कहा- सुरक्षाबल यहां 19 महीने से तैनात है। इसके बाद भी अगर मैतेई समुदाय हम (कुकी) पर हमला कर रहे हैं तो सुरक्षाबलों को बफर जोन छोड़ देना चाहिए। हमारे लोग सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। मणिपुर को देश से जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है नेशनल हाईवे 2
नेशनल हाईवे 2 की लंबाई 1325.6 KM है। ये असम के डिब्रूगढ़ से मिजोरम के तुईपांग तक जाता है। ये असम, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम से होकर गुजरता है। ये हाईवे मणिपुर को देश से जोड़ता है। इसके बंद होने से मणिपुर में जरूरी चीजों की सप्लाई पर असर पड़ेगा। इनमें खासकर इंफाल घाटी के मैतेई इलाके शामिल हैं। …………………………………. मणिपुर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मणिपुर में सुरक्षाबलों ने 4 बंकर नष्ट किए: 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन; 9 हथियार, गोला-बारूद बरामद मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों ने इंफाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों में बने बंकरों को नष्ट किया। ये बंकर थम्नापोकपी और सनसाबी गांवों की सीमा से लगे इलाकों में बनाए गए थे। जहां से पहाड़ियों पर रहने वाले बंदूकधारी निचले इलाकों के गांवों पर हमला कर रहे थे। इसके अलावा 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन भी चल रहा था। सेना ने 23 दिसंबर से 27 दिसंबर तक इंफाल ईस्ट, टेंग्नौपाल, यांगियांगपोकपी और चुराचांदपुर से 9 हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया था। पूरी खबर पढ़ें…