
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के मोर्चे पर भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है। हमारी सेना उत्तरी और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। हम शांत, बेफिक्र होकर नहीं बैठ सकते। हमारे दुश्मन, चाहे अंदर हों या बाहर, वे हमेशा एक्टिव रहते हैं। रक्षा मंत्री मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में स्थित 200 साल से ज्यादा पुरानी महू छावनी के दो दिन के दौरे पर हैं। आज दूसरे दिन आर्मी वॉर कॉलेज (AWC) में उन्होंने कहा कि देश में बने उपकरण एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। 10 साल पहले डिफेंस एक्सपोर्ट 2 हजार करोड़ रुपए था जो आज बढ़कर 21 हजार करोड़ के पार हो गया है। हमारा लक्ष्य इसे 2029 तक 50 हजार करोड़ करने का है। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया में कई तरीकों से युद्ध हो रहे हैं। आज इंफॉर्मेशन वॉर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड वॉर, प्रॉक्सी वॉर, इलेक्ट्रोमेगनेटिक वॉर, स्पेस वॉर और साइबर अटैक सभी देशों के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। उन्होंने इसके लिए सेना को विशेष रूप से तैयार रहने की बात कही। सिंह ने महू के ट्रेनिंग सेंटर की तारीफ करते हुए कहा कि ट्रेनिंग सिलेबस में लगातार बदलाव करके जवानों को प्रशिक्षित किया गया है। आने वाले समय में सेनाएं एक साथ मिलकर बेहतर तरीके से चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगी। दौरे के पहले दिन राजनाथ ने सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें दुश्मनों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी चाहिए। उनके खिलाफ सही समय पर बेहतर और प्रभावी कदम उठाने चाहिए। अब जानिए चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद के बारे में… चीन के साथ भारत की 3 हजार 488 किमी लंबी सीमा
भारत की चीन के साथ 3 हजार 488 किमी लंबी सीमा लगती है, जो तीन सेक्टर्स- ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में बंटी हुई है। ईस्टर्न सेक्टर में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा चीन से लगती है, जिसकी लंबाई 1 हजार 346 किमी है। मिडिल सेक्टर में हिमाचल और उत्तराखंड है, जिसकी लंबाई 545 किमी है। और वेस्टर्न सेक्टर में लद्दाख आता है, जिसके साथ चीन की 1 हजार 597 किमी लंबी सीमा है। चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार स्क्वायर किमी के हिस्से पर अपनी दावेदारी करता है। जबकि, लद्दाख का करीब 38 हजार स्क्वायर किमी का हिस्सा चीन के कब्जे में है। इसके अलावा 2 मार्च 1963 को चीन-पाकिस्तान के बीच हुए एक समझौते में पाकिस्तान ने PoK का 5 हजार 180 स्क्वायर किमी चीन को दे दिया था। कुल मिलाकर चीन ने भारत के 43 हजार 180 स्क्वायर किमी पर कब्जा जमा रखा है। जबकि, स्विट्जरलैंड का एरिया 41 हजार 285 स्क्वायर किमी है। सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच क्या हुआ? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 3 दिसंबर को भारत-चीन सीमा विवाद पर संसद को जानकारी दी थी। विदेश मंत्री ने सदन में कहा था कि भारत और चीन बातचीत और कूटनीति के जरिए सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट हो चुका है। हालांकि, LAC पर अभी भी कई इलाकों में विवाद है। भारत का मकसद ऐसा समाधान निकालना है, जो दोनों देशों को मंजूर हो। उन्होंने कहा, ‘2020 के बाद से भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हैं। बॉर्डर पर शांति भंग हुई थी, तब से दोनों देशों के रिश्ते ठीक नहीं हैं। हालांकि हाल ही में हुई बातचीत से स्थिति में कुछ सुधार हुआ है।’ पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा की लंबाई 3 हजार 323 किमी
पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा की लंबाई 3 हजार 323 किमी है। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के 78 हजार किमी इलाके पर कब्जा कर रखा है। इसे पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके भी कहते हैं। सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच क्या हुआ?
पाकिस्तान भारत पर 4 बार हमला कर चुका है। पहली बार आजादी के ठीक बाद 1948 में किया था। उसके बाद 1965, 1971 और 1999 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध हो चुके हैं। 1948 की लड़ाई में ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर की 78 हजार किमी जमीन पर कब्जा कर लिया था। अभी ये मामला यूएन में है। पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में आतंकवाद फैलाया जा रहा है। भारत कहता है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर बात नहीं करेगा, तब तक कोई बात नहीं होगी। जबकि, पाकिस्तान आतंकवाद पर बात करने से इनकार करता रहा है। ये खबर भी पढ़ें… 7 दिन में पाकिस्तान को हरा सकता है भारत: बिना एक भी गोली चलाए पाकिस्तान को घुटनों पर ला सकते हैं हम भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियारों से लैस हैं। सैन्य शक्ति में दोनों ही ज्यादा मजबूत होने का दावा करते हैं। फिर सवाल सिर्फ सैन्य शक्ति का ही नहीं है। आखिर पाकिस्तान को 7 दिन में हराने का मतलब क्या होगा? पढ़ें पूरी खबर…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के मोर्चे पर भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है। हमारी सेना उत्तरी और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। हम शांत, बेफिक्र होकर नहीं बैठ सकते। हमारे दुश्मन, चाहे अंदर हों या बाहर, वे हमेशा एक्टिव रहते हैं। रक्षा मंत्री मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में स्थित 200 साल से ज्यादा पुरानी महू छावनी के दो दिन के दौरे पर हैं। आज दूसरे दिन आर्मी वॉर कॉलेज (AWC) में उन्होंने कहा कि देश में बने उपकरण एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। 10 साल पहले डिफेंस एक्सपोर्ट 2 हजार करोड़ रुपए था जो आज बढ़कर 21 हजार करोड़ के पार हो गया है। हमारा लक्ष्य इसे 2029 तक 50 हजार करोड़ करने का है। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया में कई तरीकों से युद्ध हो रहे हैं। आज इंफॉर्मेशन वॉर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड वॉर, प्रॉक्सी वॉर, इलेक्ट्रोमेगनेटिक वॉर, स्पेस वॉर और साइबर अटैक सभी देशों के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। उन्होंने इसके लिए सेना को विशेष रूप से तैयार रहने की बात कही। सिंह ने महू के ट्रेनिंग सेंटर की तारीफ करते हुए कहा कि ट्रेनिंग सिलेबस में लगातार बदलाव करके जवानों को प्रशिक्षित किया गया है। आने वाले समय में सेनाएं एक साथ मिलकर बेहतर तरीके से चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगी। दौरे के पहले दिन राजनाथ ने सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें दुश्मनों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी चाहिए। उनके खिलाफ सही समय पर बेहतर और प्रभावी कदम उठाने चाहिए। अब जानिए चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद के बारे में… चीन के साथ भारत की 3 हजार 488 किमी लंबी सीमा
भारत की चीन के साथ 3 हजार 488 किमी लंबी सीमा लगती है, जो तीन सेक्टर्स- ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में बंटी हुई है। ईस्टर्न सेक्टर में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा चीन से लगती है, जिसकी लंबाई 1 हजार 346 किमी है। मिडिल सेक्टर में हिमाचल और उत्तराखंड है, जिसकी लंबाई 545 किमी है। और वेस्टर्न सेक्टर में लद्दाख आता है, जिसके साथ चीन की 1 हजार 597 किमी लंबी सीमा है। चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार स्क्वायर किमी के हिस्से पर अपनी दावेदारी करता है। जबकि, लद्दाख का करीब 38 हजार स्क्वायर किमी का हिस्सा चीन के कब्जे में है। इसके अलावा 2 मार्च 1963 को चीन-पाकिस्तान के बीच हुए एक समझौते में पाकिस्तान ने PoK का 5 हजार 180 स्क्वायर किमी चीन को दे दिया था। कुल मिलाकर चीन ने भारत के 43 हजार 180 स्क्वायर किमी पर कब्जा जमा रखा है। जबकि, स्विट्जरलैंड का एरिया 41 हजार 285 स्क्वायर किमी है। सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच क्या हुआ? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 3 दिसंबर को भारत-चीन सीमा विवाद पर संसद को जानकारी दी थी। विदेश मंत्री ने सदन में कहा था कि भारत और चीन बातचीत और कूटनीति के जरिए सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट हो चुका है। हालांकि, LAC पर अभी भी कई इलाकों में विवाद है। भारत का मकसद ऐसा समाधान निकालना है, जो दोनों देशों को मंजूर हो। उन्होंने कहा, ‘2020 के बाद से भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हैं। बॉर्डर पर शांति भंग हुई थी, तब से दोनों देशों के रिश्ते ठीक नहीं हैं। हालांकि हाल ही में हुई बातचीत से स्थिति में कुछ सुधार हुआ है।’ पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा की लंबाई 3 हजार 323 किमी
पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा की लंबाई 3 हजार 323 किमी है। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के 78 हजार किमी इलाके पर कब्जा कर रखा है। इसे पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके भी कहते हैं। सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच क्या हुआ?
पाकिस्तान भारत पर 4 बार हमला कर चुका है। पहली बार आजादी के ठीक बाद 1948 में किया था। उसके बाद 1965, 1971 और 1999 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध हो चुके हैं। 1948 की लड़ाई में ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर की 78 हजार किमी जमीन पर कब्जा कर लिया था। अभी ये मामला यूएन में है। पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में आतंकवाद फैलाया जा रहा है। भारत कहता है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर बात नहीं करेगा, तब तक कोई बात नहीं होगी। जबकि, पाकिस्तान आतंकवाद पर बात करने से इनकार करता रहा है। ये खबर भी पढ़ें… 7 दिन में पाकिस्तान को हरा सकता है भारत: बिना एक भी गोली चलाए पाकिस्तान को घुटनों पर ला सकते हैं हम भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियारों से लैस हैं। सैन्य शक्ति में दोनों ही ज्यादा मजबूत होने का दावा करते हैं। फिर सवाल सिर्फ सैन्य शक्ति का ही नहीं है। आखिर पाकिस्तान को 7 दिन में हराने का मतलब क्या होगा? पढ़ें पूरी खबर…