
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में तीन मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने गुरुवार को कहा कि वे सदन में किसी भी राष्ट्र-विरोधी या असंवैधानिक विधेयक को पेश करने की अनुमति नहीं देंगे। शर्मा ने यहां सिविल सचिवालय में jammu kashmir विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने से पहले संवाददाताओं से कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में हमारा रुख स्पष्ट है। हम बजट सत्र में किसी भी असंवैधानिक और राष्ट्र-विरोधी विधेयक को पेश नहीं होने देंगे। बजट सत्र दो चरणों में तीन से 25 मार्च और सात से 11 अप्रेल तक चलेगा। बैठक में भाजपा नेता सुनील कुमार शर्मा और सुरजीत सिंह सलाथिया, सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस से अली मोहम्मद सागर और मुबारक गुल, सीपीआई (एम) विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, कांग्रेस विधायक गुलाम अहमद मीर, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वहीदुल रहमान पारा और निर्दलीय विधायक मुजफ्फर खान शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष कहा कि जिस तरह से कुछ विधायकों ने निजी सदस्य विधेयकों को अध्यक्ष के संज्ञान में लाने से पहले उन्हें सार्वजनिक अधिकार क्षेत्र में लाया है, हमने उस पर भी आपत्ति जताई है।
सभी दलों की बैठकें आपसी संबंधों को मजबूत करती हैं
इस बीच कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि सभी दलों की बैठकें आपसी संबंधों को मजबूत करती हैं, जिससे राजनीतिक दलों के बीच समन्वय बना होता है।माकपा विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि विपक्षी दलों को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था और जहां तक आम लोगों की चिंताओं का सवाल है, जिन्होंने अपने प्रतिनिधियों को चुना है, उन्हें उम्मीद है कि उनके मुद्दों को आगामी विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा उठाया जाएगा और संबोधित किया जाएगा।
पहला बजट सत्र तीन मार्च को जम्मू में शुरू होगा
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र पिछले साल नवंबर में श्रीनगर में आयोजित किया गया था, जबकि केंद्र शासित प्रदेश की दूसरी विधानसभा और पहला बजट सत्र तीन मार्च को जम्मू में शुरू होगा। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 80,313 करोड़ रुपये का आखिरी बजट 11 जनवरी, 2018 को तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. हसीब द्राबू ने पेश किया था। उल्लेखनीय है कि जून 2018 में भाजपा द्वारा गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिर गई और नवंबर 2018 में विधानसभा भंग कर दी गई। तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता वाली तत्कालीन राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने 15 दिसंबर, 2018 को 2019-2020 के लिए 88,911 करोड़ रुपये का बजट अपनाया। इसके बाद, वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 और 2024-25 सहित केंद्र शासित प्रदेश के बजट जम्मू-कश्मीर में विधान सभा की अनुपस्थिति में संसद द्वारा प्रस्तुत और पारित किए गए। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 1,18,728 करोड़ रुपए का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को संसद में पेश किया था। जबकि वर्ष 2023-24 के लिए जम्मू-कश्मीर का बजट 1,18,500 करोड़ रुपए था।