
अरुण त्रिसल
कठुआ, 29 दिसंबर,जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में स्थित बनी क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र घने जंगलों, घास के मैदानों, और ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। बनी को अक्सर “मिनी स्विट्जरलैंड” के रूप में भी संबोधित किया जाता है क्योंकि यहां का नज़ारा विदेशी पर्यटन स्थलों से कम नहीं है।
यहां के आकर्षण में साफ-सुथरी झीलें, ऊंचे देवदार के पेड़, और ठंडी हवा का अहसास शामिल है। यदि आप शहरी जीवन की भाग-दौड़ से दूर शांति और प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं, तो बनी क्षेत्र एक आदर्श गंतव्य है।

ठंड का यह मौसम अपने साथ प्राकृतिक सुंदरता का ऐसा रूप लेकर आता है, जो लोगों को अपनी ओर खींच लेता है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के कारण वहां के पहाड़ और घाटियां एक सफेद चादर से ढक जाते हैं, जो अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
बर्फ से ढके पेड़-पहाड़ और बर्फ में खेलना लोगों के लिए खास आकर्षण है। गुलमर्ग, मनाली, शिमला, औली और मसूरी जैसे लोकप्रिय स्थानों पर पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। ये जगहें स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग और अन्य बर्फ से जुड़े रोमांचक खेलों के लिए भी मशहूर हैं।
हालांकि, इस मौसम में यात्रा करते समय सावधानी बरतनी भी जरूरी है। बर्फबारी के कारण सड़कें फिसलन भरी और खतरनाक हो सकती हैं। ठंड से बचने के लिए गरम कपड़े, अच्छे जूते और जरूरी सामान साथ रखना चाहिए।
कठुआ जिले का बनी क्षेत्र, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन की अपार संभावनाओं के लिए जाना जा सकता है, वाकई में सरकार की अनदेखी का शिकार रहा है। यह इलाका न केवल प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, बल्कि टूरिज्म के लिहाज से भी इसमें काफी संभावनाएं हैं।

बनी क्षेत्र में अभी तक बुनियादी पर्यटन सुविधाओं, जैसे बेहतर सड़कें, गेस्ट हाउस, होम स्टे, और पर्यटन केंद्र, का विकास नहीं हुआ है। बसोहली का अटल सेतु पुल हिमाचल प्रदेश से जुड़ता है, और यह क्षेत्र टूरिज्म का एक अहम केंद्र बन सकता है। हिमाचल प्रदेश के पर्यटक आसानी से इस क्षेत्र की ओर आकर्षित किए जा सकते हैं। बदरवाह की ओर से इस क्षेत्र को जोड़ने वाले मार्ग विकसित किए जा सकते हैं। यह क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और हिमाचल दोनों के पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है। अगर यहां पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है, तो स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। गाइड, होटल व्यवसाय, हस्तशिल्प, और परिवहन जैसे क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न हो सकता है। सरकार को इस क्षेत्र में बेहतर सड़क संपर्क और सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का विकास करना चाहिए। कैंपिंग साइट, एडवेंचर स्पोर्ट्स, और नेचर ट्रेल जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया जा सकता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करना चाहिए। स्थानीय लोगों को टूरिज्म से जुड़े प्रशिक्षण और प्रोत्साहन देकर इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। मौजूदा सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। यदि अटल सेतु पुल और हिमाचल के साथ कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र का विकास किया जाए, तो यह न केवल बनी बल्कि पूरे कठुआ जिले की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत कर सकता है।