
पंजाब सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी करके प्रशासनिक सुधार विभाग के अस्तित्व में न होने का ऐलान किया है। कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल 20 महीने से प्रशासनिक सुधार विभाग के मंत्री थे। उन्हें न कभी इस विभाग कार्यालय मिला, न सचिव। विभाग की कभी मीटिंग भी नहीं हुई। मंत्री खुद अपने विभाग की तलाश कर रहे थे। बताया गया है कि मंत्री ने यह सब मुख्यमंत्री भगवंत मान को बताया तो उन्होंने गलती सुधारी। मुख्यमंत्री की सलाह पर पंजाब के गवर्नर ने 7 फरवरी 2025 को गजट नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि प्रशासनिक सुधार विभाग अब अस्तित्व में नहीं है। 23 सितंबर 2024 को जारी नोटिफिकेशन में संशोधन किया गया। इसके बाद धालीवाल से प्रशासनिक सुधार वापस लेकर सिर्फ NRI अफेयर्स विभाग सौंपा गया। हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक सुधार विभाग सिर्फ सरकारी रिकॉर्ड में ही चल रहा था। पंजाब सरकार का नोटिफिकेशन… 2023 में मिला था प्रशासनिक सुधार विभाग
मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल अजनाला विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनके पास पहले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग था। सरकार ने इसे वापस ले लिया था। 1 जून 2023 को उनके विभागों में बदलाव किए गए। कृषि और कल्याण विभाग गुरमीत सिंह खुडि्डयां को दिया गया। धालीवाल को NRI मामले और प्रशासनिक सुधार विभाग सौंप दिया गया। मामले पर किसने क्या कहा? 2009 में अस्तित्व में आया विभाग
पंजाब का प्रशासनिक सुधार विभाग 8 जनवरी 2009 को पंजाब प्रशासनिक सुधार आयोग की स्थापना के साथ अस्तित्व में आया था। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी कर लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना था। विभाग के ये 6 मुख्य कार्य थे 1. नीतिगत सुधार: प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक सुचारू और प्रभावी बनाने के लिए नई नीतियां बनाना। 2. ई-गवर्नेंस: सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाकर जनता तक तेजी से पहुंचाना सुनिश्चित करना। 3. भ्रष्टाचार उन्मूलन: पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाकर प्रशासन में भ्रष्टाचार को कम करना। 4. लोक प्रशासन में सुधार: सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण और दिशानिर्देश तैयार करना। 5. नीति अनुसंधान और विश्लेषण: प्रशासनिक नीतियों और योजनाओं का अध्ययन कर उन्हें और प्रभावी बनाना। 6. जन शिकायतों का निवारण: नागरिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली विकसित करना।
पंजाब सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी करके प्रशासनिक सुधार विभाग के अस्तित्व में न होने का ऐलान किया है। कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल 20 महीने से प्रशासनिक सुधार विभाग के मंत्री थे। उन्हें न कभी इस विभाग कार्यालय मिला, न सचिव। विभाग की कभी मीटिंग भी नहीं हुई। मंत्री खुद अपने विभाग की तलाश कर रहे थे। बताया गया है कि मंत्री ने यह सब मुख्यमंत्री भगवंत मान को बताया तो उन्होंने गलती सुधारी। मुख्यमंत्री की सलाह पर पंजाब के गवर्नर ने 7 फरवरी 2025 को गजट नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि प्रशासनिक सुधार विभाग अब अस्तित्व में नहीं है। 23 सितंबर 2024 को जारी नोटिफिकेशन में संशोधन किया गया। इसके बाद धालीवाल से प्रशासनिक सुधार वापस लेकर सिर्फ NRI अफेयर्स विभाग सौंपा गया। हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक सुधार विभाग सिर्फ सरकारी रिकॉर्ड में ही चल रहा था। पंजाब सरकार का नोटिफिकेशन… 2023 में मिला था प्रशासनिक सुधार विभाग
मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल अजनाला विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनके पास पहले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग था। सरकार ने इसे वापस ले लिया था। 1 जून 2023 को उनके विभागों में बदलाव किए गए। कृषि और कल्याण विभाग गुरमीत सिंह खुडि्डयां को दिया गया। धालीवाल को NRI मामले और प्रशासनिक सुधार विभाग सौंप दिया गया। मामले पर किसने क्या कहा? 2009 में अस्तित्व में आया विभाग
पंजाब का प्रशासनिक सुधार विभाग 8 जनवरी 2009 को पंजाब प्रशासनिक सुधार आयोग की स्थापना के साथ अस्तित्व में आया था। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी कर लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना था। विभाग के ये 6 मुख्य कार्य थे 1. नीतिगत सुधार: प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक सुचारू और प्रभावी बनाने के लिए नई नीतियां बनाना। 2. ई-गवर्नेंस: सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाकर जनता तक तेजी से पहुंचाना सुनिश्चित करना। 3. भ्रष्टाचार उन्मूलन: पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाकर प्रशासन में भ्रष्टाचार को कम करना। 4. लोक प्रशासन में सुधार: सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण और दिशानिर्देश तैयार करना। 5. नीति अनुसंधान और विश्लेषण: प्रशासनिक नीतियों और योजनाओं का अध्ययन कर उन्हें और प्रभावी बनाना। 6. जन शिकायतों का निवारण: नागरिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली विकसित करना।