
हरियाणा के जींद में दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर स्थित खटकड़ टोल प्लाजा पर 5 घंटे बाद किसानों का प्रदर्शन खत्म हो गया है। प्रशासन ने किसान नेताओं और टोल प्लाजा मैनेजमेंट के बीच मीटिंग कराई। जिसके बाद किसान नेता रवि आजाद, विकास सिंसर, बिंद्र नंबरदार और सिक्किम सफा खेड़ी ने बताया कि टोल प्रबंधन ने जिन किसान नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया था और टोल काटा था, उनके 200 रुपए वापस कर दिए। इसके साथ ही यह भी सहमति बनी कि भविष्य में किसान संगठन की किसी भी गाड़ी से टोल नहीं लिया जाएगा। गाड़ी पर झंडा भी लगा होगा तो भी टोल नहीं होगा। किसान अपना आईकार्ड दिखा देंगे। इसके अलावा जिन गाड़ियों पर फास्ट टैग नहीं लगा होगा, वाहनों से दो गुणा की बजाय नार्मल टोल टैक्स लिया जाएगा। 2 हजार से ज्यादा वाहन गुजरे, दो लाख से ज्यादा का नुकसान
खटकड़ टोल पर प्रतिदिन 7 से 8 हजार वाहन गुजरते हैं, जिससे टोल प्रबंधन को साढ़े आठ से 9 लाख रुपए रेवेन्यू आता है। रविवार को 5 घंटे तक टोल फ्री रहने से इस दौरान 2 हजार से ज्यादा वाहन बिना टोल दिए गुजरे और टोल प्रबंधन को दो लाख से ज्यादा की चपत लगी है। किसानों ने यहां सुबह 11 बजे टोल फ्री कर दिया था। किसान दरी बिछाकर टोल पर बैठे हुए थे। उन्होंने लोगों की गाड़ियां बिना टोल दिए ही वहां से निकालीं। जिस वजह से लोगों की गाड़ियां फ्री में निकलीं। किसान नेताओं का कहना था कि टोल के कर्मचारी किसान संगठनों के नेताओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। किसान नेता सिक्किम सफाखेड़ी ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में मीटिंग में जाते वक्त किसान संगठन के नेताओं से टोल कर्मियों ने बदतमीजी की थी। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा के प्रबंधक सुविधाएं भी नहीं दे रहे हैं। हाईवे कई जगह से टूटा हुआ है। जबकि, छोटी गाड़ियों से सिंगल साइड का 120 रुपए और हैवी व्हीकल से 600 रुपए से ज्यादा टोल वसूलते हैं। किसान बोले- 8-9 को सांसदों को मांग पत्र सौंपेंगे
अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष मास्टर बलबीर सिंह, बलजीत मांडी, सतबीर खरल ने बताया कि किसान संगठन और जन संगठन खटकड़ टोल प्लाजा के प्रबंधकों की तानाशाही, राहगीरों से बदतमीजी, अनुशासनहीनता और कुप्रबंधन का विरोध कर रहे थे। नियमानुसार टोल पर जो सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, उन सब सुविधाओं का खटकड़ टोल प्लाजा पर प्रबंधन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सेवा के बदले हमें जो सुविधाएं देने का वादा सरकार और टोल प्रबंधकों ने किया था, उन सभी सेवाओं को प्राप्त करना हमारा अधिकार है। जब तक सारी सुविधाएं हमें नहीं मिलती, संघर्ष जारी रहेगा। टोल फ्री करवाने के बाद किसान संगठन 8 और 9 फरवरी को प्रदेश भर में सभी सांसदों को ज्ञापन सौंपेंगे। किसानों के खटकड़ टोल पर प्रदर्शन से जुड़ी पल-पल की जानकारी पढ़ें…
हरियाणा के जींद में दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर स्थित खटकड़ टोल प्लाजा पर 5 घंटे बाद किसानों का प्रदर्शन खत्म हो गया है। प्रशासन ने किसान नेताओं और टोल प्लाजा मैनेजमेंट के बीच मीटिंग कराई। जिसके बाद किसान नेता रवि आजाद, विकास सिंसर, बिंद्र नंबरदार और सिक्किम सफा खेड़ी ने बताया कि टोल प्रबंधन ने जिन किसान नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया था और टोल काटा था, उनके 200 रुपए वापस कर दिए। इसके साथ ही यह भी सहमति बनी कि भविष्य में किसान संगठन की किसी भी गाड़ी से टोल नहीं लिया जाएगा। गाड़ी पर झंडा भी लगा होगा तो भी टोल नहीं होगा। किसान अपना आईकार्ड दिखा देंगे। इसके अलावा जिन गाड़ियों पर फास्ट टैग नहीं लगा होगा, वाहनों से दो गुणा की बजाय नार्मल टोल टैक्स लिया जाएगा। 2 हजार से ज्यादा वाहन गुजरे, दो लाख से ज्यादा का नुकसान
खटकड़ टोल पर प्रतिदिन 7 से 8 हजार वाहन गुजरते हैं, जिससे टोल प्रबंधन को साढ़े आठ से 9 लाख रुपए रेवेन्यू आता है। रविवार को 5 घंटे तक टोल फ्री रहने से इस दौरान 2 हजार से ज्यादा वाहन बिना टोल दिए गुजरे और टोल प्रबंधन को दो लाख से ज्यादा की चपत लगी है। किसानों ने यहां सुबह 11 बजे टोल फ्री कर दिया था। किसान दरी बिछाकर टोल पर बैठे हुए थे। उन्होंने लोगों की गाड़ियां बिना टोल दिए ही वहां से निकालीं। जिस वजह से लोगों की गाड़ियां फ्री में निकलीं। किसान नेताओं का कहना था कि टोल के कर्मचारी किसान संगठनों के नेताओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। किसान नेता सिक्किम सफाखेड़ी ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में मीटिंग में जाते वक्त किसान संगठन के नेताओं से टोल कर्मियों ने बदतमीजी की थी। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा के प्रबंधक सुविधाएं भी नहीं दे रहे हैं। हाईवे कई जगह से टूटा हुआ है। जबकि, छोटी गाड़ियों से सिंगल साइड का 120 रुपए और हैवी व्हीकल से 600 रुपए से ज्यादा टोल वसूलते हैं। किसान बोले- 8-9 को सांसदों को मांग पत्र सौंपेंगे
अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष मास्टर बलबीर सिंह, बलजीत मांडी, सतबीर खरल ने बताया कि किसान संगठन और जन संगठन खटकड़ टोल प्लाजा के प्रबंधकों की तानाशाही, राहगीरों से बदतमीजी, अनुशासनहीनता और कुप्रबंधन का विरोध कर रहे थे। नियमानुसार टोल पर जो सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, उन सब सुविधाओं का खटकड़ टोल प्लाजा पर प्रबंधन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सेवा के बदले हमें जो सुविधाएं देने का वादा सरकार और टोल प्रबंधकों ने किया था, उन सभी सेवाओं को प्राप्त करना हमारा अधिकार है। जब तक सारी सुविधाएं हमें नहीं मिलती, संघर्ष जारी रहेगा। टोल फ्री करवाने के बाद किसान संगठन 8 और 9 फरवरी को प्रदेश भर में सभी सांसदों को ज्ञापन सौंपेंगे। किसानों के खटकड़ टोल पर प्रदर्शन से जुड़ी पल-पल की जानकारी पढ़ें…