
तमिलनाडु के रामेश्वरम में बने नए पम्बन रेलवे ब्रिज पर शुक्रवार को रामेश्वरम एक्सप्रेस ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया। ट्रेन को मंडपम से रामेश्वरम रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया। इसमें कोई यात्री नहीं था। 2 साल बाद ट्रेन सेवा फिर से शुरू होने से स्थानीय लोगों में खुशी है। इसके अलावा वर्टिकल लिफ्ट अप ब्रिज को पहली बार इंडियन कोस्ट गार्ड की पेट्रोलिंग बोट के लिए ऊपर उठाया गया। इसके बाद बोट ब्रिज के नीचे से गुजरी। पम्बन ब्रिज इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल है। ये ब्रिज 2 किमी लंबा है, जो बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। इसे मौजूदा पम्बन ब्रिज के समानांतर बनाया गया है। इसमें समुद्र के पार 100 स्पैन हैं, जिनमें से 99 स्पैन 18-3 मीटर और एक स्पैन 72-5 मीटर माप का है। पम्बन ब्रिज देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट अप ब्रिज है, जो 531 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। ये ब्रिज रामेश्वरम को तमिलनाडु की मुख्य भूमि से जोड़ता है। पम्बन ब्रिज पर ट्रायल की 3 तस्वीरें… पहले 2 ट्रायल रन हुए
दक्षिण रेलवे ने 12 जुलाई, 2024 को नए पम्बन ब्रिज पर लाइट इंजन ट्रायल रन किया था, जिसमें पुल की संरचनात्मक अखंडता और विश्वसनीयता की पुष्टि की गई।
4 अगस्त, 2024 को आयोजित टावर कार ट्रायल रन के साथ, ब्रिज के पार रामेश्वरम स्टेशन तक एक ओएचई (ओवरहेड उपकरण) टावर कार का संचालन किया गया। 1914 में शुरू हुआ था पुराना पम्बन ब्रिज
पूर्व युग में बनी संरचनाओं में से एक के रूप में माना जाने वाला, पम्बन कैंटिलीवर ब्रिज वर्ष 1914 में चालू किया गया था। प्रायद्वीपीय भारत और मन्नार की खाड़ी को जोड़ते हुए, यह मंडपम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ती है। यह ब्रिज दक्षिण रेलवे के मदुरै मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता है। यह 2.06 किमी लंबा है और इसमें 12-2 मीटर (40 फीट) के 145 स्पैन और 65-23 मीटर (213 फीट) क्लियर स्पैन का एक शेरजर स्पैन है। यह पुल मूलतः मीटर गेज के लिए बनाया गया था और बाद में 2006-07 के दौरान ब्रॉड गेज मानक के अनुसार इसे मजबूत किया गया। नौवहन स्पैन को इसका आविष्कार करने वाले रेल इंजीनियर के नाम पर शेरजर रोलिंग लिफ्रट स्पैन के रूप में भी जाना जाता है। हर साल हजारों पैसेंजर्स विजिट करते हैं
ग्रेट पम्बन ब्रिज दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। दर्शकों को एक शानदार नजारा पेश करते हुए, शेरजर रोलिंग स्पैन खूबसूरती से उठते हैं और क्रूजर और जहाजों को गुजरने की अनुमति देते हैं। यह पुल प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को ले जाता है। 110 साल से ज्यादा पुराना ब्रिज
पुराना ब्रिज 110 साल से ज्यादा समय तक सेवा दे चुका है जो कोडल लाइफ से कहीं ज्यादा है। उच्च ज्वार के स्तर और गर्डर के निचले हिस्से के बीच सिर्फ 1-5 मीटर की जगह उपलब्ध है, जिसके कारण गर्डरों पर समुद्री पानी के छींटे पड़ते हैं। ब्रिज को 23 दिसंबर, 2022 को बंद कर दिया गया था। ————————————- ये खबर भी पढ़ें… रेल मंत्री बोले- अमृत भारत ट्रेन-2.0 में 12 बड़े बदलाव, 10 हजार इंजनों में कवच लगाया रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 10 जनवरी को बताया कि अमृत भारत ट्रेनों के दूसरे वर्जन में 12 बड़े बदलाव किए गए हैं। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) अगले दो सालों में ऐसी 50 ट्रेनें बनाएगी। वैष्णव ने चेन्नई में ICF के निरीक्षण के दौरान ये बात कही। पूरी खबर पढ़ें…
तमिलनाडु के रामेश्वरम में बने नए पम्बन रेलवे ब्रिज पर शुक्रवार को रामेश्वरम एक्सप्रेस ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया। ट्रेन को मंडपम से रामेश्वरम रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया। इसमें कोई यात्री नहीं था। 2 साल बाद ट्रेन सेवा फिर से शुरू होने से स्थानीय लोगों में खुशी है। इसके अलावा वर्टिकल लिफ्ट अप ब्रिज को पहली बार इंडियन कोस्ट गार्ड की पेट्रोलिंग बोट के लिए ऊपर उठाया गया। इसके बाद बोट ब्रिज के नीचे से गुजरी। पम्बन ब्रिज इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल है। ये ब्रिज 2 किमी लंबा है, जो बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। इसे मौजूदा पम्बन ब्रिज के समानांतर बनाया गया है। इसमें समुद्र के पार 100 स्पैन हैं, जिनमें से 99 स्पैन 18-3 मीटर और एक स्पैन 72-5 मीटर माप का है। पम्बन ब्रिज देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट अप ब्रिज है, जो 531 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। ये ब्रिज रामेश्वरम को तमिलनाडु की मुख्य भूमि से जोड़ता है। पम्बन ब्रिज पर ट्रायल की 3 तस्वीरें… पहले 2 ट्रायल रन हुए
दक्षिण रेलवे ने 12 जुलाई, 2024 को नए पम्बन ब्रिज पर लाइट इंजन ट्रायल रन किया था, जिसमें पुल की संरचनात्मक अखंडता और विश्वसनीयता की पुष्टि की गई।
4 अगस्त, 2024 को आयोजित टावर कार ट्रायल रन के साथ, ब्रिज के पार रामेश्वरम स्टेशन तक एक ओएचई (ओवरहेड उपकरण) टावर कार का संचालन किया गया। 1914 में शुरू हुआ था पुराना पम्बन ब्रिज
पूर्व युग में बनी संरचनाओं में से एक के रूप में माना जाने वाला, पम्बन कैंटिलीवर ब्रिज वर्ष 1914 में चालू किया गया था। प्रायद्वीपीय भारत और मन्नार की खाड़ी को जोड़ते हुए, यह मंडपम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ती है। यह ब्रिज दक्षिण रेलवे के मदुरै मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता है। यह 2.06 किमी लंबा है और इसमें 12-2 मीटर (40 फीट) के 145 स्पैन और 65-23 मीटर (213 फीट) क्लियर स्पैन का एक शेरजर स्पैन है। यह पुल मूलतः मीटर गेज के लिए बनाया गया था और बाद में 2006-07 के दौरान ब्रॉड गेज मानक के अनुसार इसे मजबूत किया गया। नौवहन स्पैन को इसका आविष्कार करने वाले रेल इंजीनियर के नाम पर शेरजर रोलिंग लिफ्रट स्पैन के रूप में भी जाना जाता है। हर साल हजारों पैसेंजर्स विजिट करते हैं
ग्रेट पम्बन ब्रिज दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। दर्शकों को एक शानदार नजारा पेश करते हुए, शेरजर रोलिंग स्पैन खूबसूरती से उठते हैं और क्रूजर और जहाजों को गुजरने की अनुमति देते हैं। यह पुल प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को ले जाता है। 110 साल से ज्यादा पुराना ब्रिज
पुराना ब्रिज 110 साल से ज्यादा समय तक सेवा दे चुका है जो कोडल लाइफ से कहीं ज्यादा है। उच्च ज्वार के स्तर और गर्डर के निचले हिस्से के बीच सिर्फ 1-5 मीटर की जगह उपलब्ध है, जिसके कारण गर्डरों पर समुद्री पानी के छींटे पड़ते हैं। ब्रिज को 23 दिसंबर, 2022 को बंद कर दिया गया था। ————————————- ये खबर भी पढ़ें… रेल मंत्री बोले- अमृत भारत ट्रेन-2.0 में 12 बड़े बदलाव, 10 हजार इंजनों में कवच लगाया रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 10 जनवरी को बताया कि अमृत भारत ट्रेनों के दूसरे वर्जन में 12 बड़े बदलाव किए गए हैं। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) अगले दो सालों में ऐसी 50 ट्रेनें बनाएगी। वैष्णव ने चेन्नई में ICF के निरीक्षण के दौरान ये बात कही। पूरी खबर पढ़ें…