
हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज की नाराजगी के बाद अंबाला के DC का ट्रांसफर कर दिया गया है। पार्थ गुप्ता को हटाकर उनकी जगह अजय सिंह तोमर को जिम्मेदारी सौंपी है। पार्थ गुप्ता को यमुनानगर का DC लगाया गया है। इसको लेकर सरकार ने शुक्रवार को ऑर्डर जारी किया। इसके साथ सरकार ने 7 और अधिकारियों का भी तबादला किया है। उधर अंबाला में मीडिया से बात करते हुए अनिल विज ने सीएम नायब सैनी पर निशाना साधा। विज ने कहा- नायब सैनी जब से मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उड़न खटोले पर हैं। ये सिर्फ उनकी नहीं बल्कि सभी विधायकों और मंत्रियों की आवाज है। पार्थ गुप्ता समेत 8 अधिकारियों के ट्रांसफर का ऑर्डर… विज ने कहीं 3 अहम बातें…. 100 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई विज बोले- जिन लोगों ने मुझे चुनाव हराने की कोशिश की, चाहे वह अधिकारी थे, कर्मचारी थे या छुट भईया नेता थे। मैंने इन सबके बारे में लिखकर दिया। 100 दिन हो चुके हैं, इस मामले में न तो मुझसे पूछा गया, न ही कोई कार्रवाई हुई। तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए थी
विज आगे बोले- मुझे शक था कि मुझे हराने के लिए किसी बड़े नेता के द्वारा ये काम किया गया है। यहां तक कि मुझे मारने का भी प्रयास किया गया। मैं सबसे सीनियर नेता हूं, अगर मैं कह रहा हूं मेरे खिलाफ हराने की कोशिश की है, तो तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। अब मुझे फर्क नहीं पड़ता
100 दिन तक कुछ नहीं किया गया, अब तो वह करें न करें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारे मुख्यमंत्री, जब से मुख्यमंत्री बने हैं तब से उड़नखटोले पर ही हैं। नीचे उतरे तो जनता के प्रति देखें। ये मेरी आवाज नहीं है, सारे एमएलए सारे मंत्रियों की आवाज है। अंबाला छावनी की जनता ने मुझे यहां से जिताया है। उनके कामों के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा वह करूंगा। जान देनी पड़े तो दूंगा। धरना देना पड़े दूंगा। अनशन करना पड़े करूंगा। सीएम बोले- विज हमारे नेता
अनिल विज ने बीते गुरुवार को ही पहली बार अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की थी, हालांकि विज के इन तेवरों पर सीएम नायब सैनी ने कुछ खास रिएक्शन नहीं दिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा था कि अनिल विज हमारे नेता हैं, पार्टी के नेता हैं। तो वहीं आज जब सीएम से अनिल विज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि विज हमारे नेता हैं। ये हैं विज की नाराजगी के कारण… कहे अनुसार तबादले न होने से नाराज
सूत्रों के अनुसार, अनिल विज अंबाला से कुछ अधिकारियों का तबादला कराना चाहते थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद कहा था कि कुछ अधिकारी उन्हें हरवाना चाहते थे। इसके बाद विज ने तबादले के लिए कहा था। इनमें आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारी भी हैं। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में भी विज ने इस मामले को रखा था। यहां सीएमओ के एक सीनियर अधिकारी को लेकर गरमा-गरमी भी हो गई थी। विज बैठक में उठ गए थे। तब से यह मामला बढ़ता जा रहा है। एसएचओ के सस्पेंशन के आदेश नहीं किए
कुछ दिन पहले विज ने एफआईआर से जुड़े एक मामले में अंबाला कैंट सदर थाने के एसएचओ को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। डीजीपी शत्रुजीत कपूर को भी फोन कर कहा था कि सस्पेंशन ऑर्डर चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई। एसएचओ अभी भी तैनात हैं। चुनाव में खिलाफत पर कार्रवाई नहीं हुई
सूत्रों के अनुसार, विज ने चुनाव में पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा सहयोग न करने की बात रखी थी। ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। विज का बयान आने के बाद अंबाला के कोषाध्यक्ष आशीष तायल को पदमुक्त किया गया है। हालांकि, विज खिलाफत करने वाले का निकालना चाहते हैं।
हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज की नाराजगी के बाद अंबाला के DC का ट्रांसफर कर दिया गया है। पार्थ गुप्ता को हटाकर उनकी जगह अजय सिंह तोमर को जिम्मेदारी सौंपी है। पार्थ गुप्ता को यमुनानगर का DC लगाया गया है। इसको लेकर सरकार ने शुक्रवार को ऑर्डर जारी किया। इसके साथ सरकार ने 7 और अधिकारियों का भी तबादला किया है। उधर अंबाला में मीडिया से बात करते हुए अनिल विज ने सीएम नायब सैनी पर निशाना साधा। विज ने कहा- नायब सैनी जब से मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उड़न खटोले पर हैं। ये सिर्फ उनकी नहीं बल्कि सभी विधायकों और मंत्रियों की आवाज है। पार्थ गुप्ता समेत 8 अधिकारियों के ट्रांसफर का ऑर्डर… विज ने कहीं 3 अहम बातें…. 100 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई विज बोले- जिन लोगों ने मुझे चुनाव हराने की कोशिश की, चाहे वह अधिकारी थे, कर्मचारी थे या छुट भईया नेता थे। मैंने इन सबके बारे में लिखकर दिया। 100 दिन हो चुके हैं, इस मामले में न तो मुझसे पूछा गया, न ही कोई कार्रवाई हुई। तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए थी
विज आगे बोले- मुझे शक था कि मुझे हराने के लिए किसी बड़े नेता के द्वारा ये काम किया गया है। यहां तक कि मुझे मारने का भी प्रयास किया गया। मैं सबसे सीनियर नेता हूं, अगर मैं कह रहा हूं मेरे खिलाफ हराने की कोशिश की है, तो तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। अब मुझे फर्क नहीं पड़ता
100 दिन तक कुछ नहीं किया गया, अब तो वह करें न करें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारे मुख्यमंत्री, जब से मुख्यमंत्री बने हैं तब से उड़नखटोले पर ही हैं। नीचे उतरे तो जनता के प्रति देखें। ये मेरी आवाज नहीं है, सारे एमएलए सारे मंत्रियों की आवाज है। अंबाला छावनी की जनता ने मुझे यहां से जिताया है। उनके कामों के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा वह करूंगा। जान देनी पड़े तो दूंगा। धरना देना पड़े दूंगा। अनशन करना पड़े करूंगा। सीएम बोले- विज हमारे नेता
अनिल विज ने बीते गुरुवार को ही पहली बार अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की थी, हालांकि विज के इन तेवरों पर सीएम नायब सैनी ने कुछ खास रिएक्शन नहीं दिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा था कि अनिल विज हमारे नेता हैं, पार्टी के नेता हैं। तो वहीं आज जब सीएम से अनिल विज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि विज हमारे नेता हैं। ये हैं विज की नाराजगी के कारण… कहे अनुसार तबादले न होने से नाराज
सूत्रों के अनुसार, अनिल विज अंबाला से कुछ अधिकारियों का तबादला कराना चाहते थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद कहा था कि कुछ अधिकारी उन्हें हरवाना चाहते थे। इसके बाद विज ने तबादले के लिए कहा था। इनमें आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारी भी हैं। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में भी विज ने इस मामले को रखा था। यहां सीएमओ के एक सीनियर अधिकारी को लेकर गरमा-गरमी भी हो गई थी। विज बैठक में उठ गए थे। तब से यह मामला बढ़ता जा रहा है। एसएचओ के सस्पेंशन के आदेश नहीं किए
कुछ दिन पहले विज ने एफआईआर से जुड़े एक मामले में अंबाला कैंट सदर थाने के एसएचओ को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। डीजीपी शत्रुजीत कपूर को भी फोन कर कहा था कि सस्पेंशन ऑर्डर चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई। एसएचओ अभी भी तैनात हैं। चुनाव में खिलाफत पर कार्रवाई नहीं हुई
सूत्रों के अनुसार, विज ने चुनाव में पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा सहयोग न करने की बात रखी थी। ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। विज का बयान आने के बाद अंबाला के कोषाध्यक्ष आशीष तायल को पदमुक्त किया गया है। हालांकि, विज खिलाफत करने वाले का निकालना चाहते हैं।