
महाकुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ की जांच करने शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे न्यायिक आयोग की टीम पहुंची। आयोग में रिटायर्ड जज हर्ष कुमार के अलावा पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह शामिल हैं। सर्किट हाउस में न्यायिक आयोग के तीनों सदस्यों ने बैठक की। इसमें कमिश्नर प्रयागराज जोन विजय विश्वास पंत, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर, डीआईजी वैभव कृष्ण के साथ ही पुलिस के अन्य अफसर शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि मेला से जुड़े अधिकारी आयोग के सवालों का सही से जवाब तक नहीं दे पाए। सभी अधिकारी अपने कामों की वाहवाही करने में ही जुटे थे। इस पर आयोग ने कहा कि अगर सब ठीक था तो भगदड़ कैसे हुई? आयोग ने ये 4 सवाल दागे 1- जब आपको पता था कि इतनी ज्यादा संख्या में भीड़ आने वाली है तो सुरक्षा के इंतजाम क्या किए थे? 2- यह घटना संगम क्षेत्र के अलावा और कहां-कहां हुई? 3- मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनकी क्या हकीकत है? क्या झूंसी में भी कोई घटना हुई है? 4- सभी घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज दिखाइए। भीड़ कंट्रोल के लिए बनाई प्लानिंग का विवरण दीजिए। 31 करोड़ से ज्यादा संगम में डुबकी लगा चुके
महाकुंभ के 19वें दिन शुक्रवार को अब तक 1.40 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक यह आंकड़ा 31 करोड़ को पार कर गया है। आज किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महामंडलेश्वर और श्रीमहंत बनाने के समारोह में नृत्य किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- हादसों की सच्चाई और आंकड़े छिपाना एक अपराध है। हजारों करोड़ रुपए प्रचार और दुर्घटना की खबरें दबाने के लिए बहाए जा रहे हैं। लेकिन, पीड़ितों पर कुछ करोड़ खर्च करने से सरकार पीछे क्यों हट रही? मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को भगदड़ मच गई थी। हादसे में 35 से 40 मौतें हुईं। हालांकि, सरकार ने 30 मौतों की पुष्टि की है। महाकुंभ से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे के ब्लॉग से गुजर जाइए…
महाकुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ की जांच करने शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे न्यायिक आयोग की टीम पहुंची। आयोग में रिटायर्ड जज हर्ष कुमार के अलावा पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह शामिल हैं। सर्किट हाउस में न्यायिक आयोग के तीनों सदस्यों ने बैठक की। इसमें कमिश्नर प्रयागराज जोन विजय विश्वास पंत, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर, डीआईजी वैभव कृष्ण के साथ ही पुलिस के अन्य अफसर शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि मेला से जुड़े अधिकारी आयोग के सवालों का सही से जवाब तक नहीं दे पाए। सभी अधिकारी अपने कामों की वाहवाही करने में ही जुटे थे। इस पर आयोग ने कहा कि अगर सब ठीक था तो भगदड़ कैसे हुई? आयोग ने ये 4 सवाल दागे 1- जब आपको पता था कि इतनी ज्यादा संख्या में भीड़ आने वाली है तो सुरक्षा के इंतजाम क्या किए थे? 2- यह घटना संगम क्षेत्र के अलावा और कहां-कहां हुई? 3- मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनकी क्या हकीकत है? क्या झूंसी में भी कोई घटना हुई है? 4- सभी घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज दिखाइए। भीड़ कंट्रोल के लिए बनाई प्लानिंग का विवरण दीजिए। 31 करोड़ से ज्यादा संगम में डुबकी लगा चुके
महाकुंभ के 19वें दिन शुक्रवार को अब तक 1.40 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक यह आंकड़ा 31 करोड़ को पार कर गया है। आज किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महामंडलेश्वर और श्रीमहंत बनाने के समारोह में नृत्य किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- हादसों की सच्चाई और आंकड़े छिपाना एक अपराध है। हजारों करोड़ रुपए प्रचार और दुर्घटना की खबरें दबाने के लिए बहाए जा रहे हैं। लेकिन, पीड़ितों पर कुछ करोड़ खर्च करने से सरकार पीछे क्यों हट रही? मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को भगदड़ मच गई थी। हादसे में 35 से 40 मौतें हुईं। हालांकि, सरकार ने 30 मौतों की पुष्टि की है। महाकुंभ से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे के ब्लॉग से गुजर जाइए…