एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तारी को अब 75 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। 24 सितंबर को लेह में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद 26 सितंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अब भले ही इस मुद्दे पर शोर कम हो गया हो, लेकिन सवाल अब भी बने हुए हैं। इन्हीं सवालों पर दैनिक भास्कर ने सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो से बात की… सवालः जेल में सोनम कैसे हैं? गीतांजलि: 9 दिसंबर को जोधपुर सेंट्रल जेल में मेरी सोनम से मुलाकात हुई। वह ठीक दिखे, जितना कोई जेल में ठीक दिख सकता है। इस समय शरीर से ज्यादा मानसिक मजबूती जरूरी है। हम दोनों एक-दूसरे से सिर्फ अच्छी बातें ही साझा करते हैं। मैंने उन्हें किताब ‘ओल्ड पाथ व्हाइट क्लाउड्स’ भी दी। सवालः जोधपुर जेल में मुलाकात कितनी बार हो पाती है? गीतांजलि: मैं आमतौर पर लद्दाख में रहती हूं, लेकिन पिछले 75 दिनों से दिल्ली में हूं। इसकी वजह सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला और जोधपुर तक सस्ती यात्रा है। लेह से जोधपुर का एकतरफा हवाई किराया करीब 40 हजार रुपए पड़ता है। सवालः आपने राज्य और एजेंसियों की निगरानी का आरोप लगाया था। क्या आपको किसी तरह का खतरा महसूस हो रहा है? गीतांजलि: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद शुरुआती 3 हफ्तों तक एक कार मेरा पीछा करती रही। इसके बाद जब मैंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया तो यह गतिविधि धीरे-धीरे कम हो गई। फिलहाल मुझे किसी खुली निगरानी का एहसास नहीं है, लेकिन फोन टैप होने को लेकर पूरी तरह भरोसा नहीं है। सवालः NSA में गिरफ्तारी की असली वजह क्या है? गीतांजलि: गिरफ्तारी का आधार बनाए गए 4 वीडियो मुझे 28 दिनों तक नहीं दिए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही ये वीडियो मिले। इन वीडियो को गलत तरीके से पेश किया गया। सोनम ने कभी भी जेन-जी टाइप प्रदर्शन की बात नहीं कही। सवालः सरकार ऐसा क्यों कर रही है? गीतांजलि: यह सब सोनम को चुप कराने के लिए किया गया है, ताकि छठी अनुसूची और लद्दाख के भविष्य से जुड़े फैसले उनके बिना ही लिए जा सकें। सवालः लद्दाख में लोगों का मूड क्या है? गीतांंजलि: लद्दाख में कोई दिन ऐसा नहीं जाता, जब लोग सोनम को याद न करते हों। डर का माहौल है, लोगों को पोस्ट डालने से रोका जा रहा है, पुलिस पूछताछ के फोन आते हैं, फिर भी समर्थन जारी है। लोगों को सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है। सवालः आगे आंदोलन कैसे चलेगा? गीतांजलि: लद्दाख के मुद्दे को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) की है। मेरा काम सोनम के खिलाफ फैलाए जा रहे गलत प्रचार का जवाब देना और उनकी रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई लड़ना है। पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दें…
सवाल: आप विदेश में बस सकते थे, मौके भी थे, लेकिन भारत में रहने का फैसला किया। क्या आपको इस फैसले पर पछतावा है? गीतांजलि: नहीं, बिल्कुल नहीं। भारत एक महान देश है। देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह इसके विकास के लिए काम करे। जैसा सोनम कहते हैं, ‘इस देश को जान नहीं, बल्कि जिंदगी की जरूरत है। मेरी हर सांस और हर बूंद इस देश के उत्थान के लिए समर्पित है। जीवन के रास्ते में अच्छे और बुरे दोनों अनुभव आते हैं। इसी देश ने हमें पहले भी सम्मान दिया है और आज भी हमारे काम की कद्र करता है।’ सवाल: क्या इस लड़ाई में आपको राजनीतिक समर्थन मिल रहा है या आप अकेले हैं? गीतांजलि: हम कभी राजनीतिक रूप से अकेले नहीं रहे। 8 दिसंबर को संसद की शिक्षा समिति ने HIAL (हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख) के काम की सराहना की थी। सभी राजनीतिक दलों का समर्थन इसलिए मिलता है, क्योंकि हम किसी भी पार्टी से नहीं जुड़े और गैर-राजनीतिक हैं। सवाल: इंटरनेट बंदी और मौजूदा हालात को आप कैसे देखती हैं? गीतांजलि: इंटरनेट बंद करना गलत फैसला था, इससे आम लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई। बाहर से हालात सामान्य लगते हैं, लेकिन अंदर डर का माहौल बना हुआ है। अचानक गिरफ्तारियां हो रही हैं और 24 सितंबर की घटनाओं से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप भी सामने आ रहे हैं। सवाल: क्या आपको सोनम के स्वास्थ्य या जान को लेकर कोई खतरा महसूस होता है? गीतांजलि: मुझे नहीं लगता कि सोनम की जान को कोई खतरा है। भारत ऐसा देश है जो व्यक्तिगत आजादी का सम्मान करता है, लेकिन मन में एक डर भी है। जेल में रहना किसी के लिए अच्छा नहीं होता। भरोसा है कि सच जल्द सामने आएगा और सोनम रिहा होंगे। गीतांजलि ने कहा कि देशभर से मिल रही दुआओं पर उन्हें पूरा विश्वास है और अंत में सच और न्याय की ही जीत होगी। सोनम की गिरफ्तारी के बाद पत्नी के 3 रिएक्शन… ——————— ये खबर भी पढ़ें… उद्धव बोले- पाकिस्तान जाने पर वांगचुक देशद्रोही फिर मोदी क्या: न्याय के लिए लड़ना अब देशद्रोह हो गया शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार की आलोचना की। दादर वेस्ट में दशहरा मेला में ठाकरे ने कहा- देश में अधिकारों और न्याय के लिए लड़ना अब देशद्रोह हो गया है। पढ़ें पूरी खबर…
एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तारी को अब 75 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। 24 सितंबर को लेह में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद 26 सितंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अब भले ही इस मुद्दे पर शोर कम हो गया हो, लेकिन सवाल अब भी बने हुए हैं। इन्हीं सवालों पर दैनिक भास्कर ने सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो से बात की… सवालः जेल में सोनम कैसे हैं? गीतांजलि: 9 दिसंबर को जोधपुर सेंट्रल जेल में मेरी सोनम से मुलाकात हुई। वह ठीक दिखे, जितना कोई जेल में ठीक दिख सकता है। इस समय शरीर से ज्यादा मानसिक मजबूती जरूरी है। हम दोनों एक-दूसरे से सिर्फ अच्छी बातें ही साझा करते हैं। मैंने उन्हें किताब ‘ओल्ड पाथ व्हाइट क्लाउड्स’ भी दी। सवालः जोधपुर जेल में मुलाकात कितनी बार हो पाती है? गीतांजलि: मैं आमतौर पर लद्दाख में रहती हूं, लेकिन पिछले 75 दिनों से दिल्ली में हूं। इसकी वजह सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला और जोधपुर तक सस्ती यात्रा है। लेह से जोधपुर का एकतरफा हवाई किराया करीब 40 हजार रुपए पड़ता है। सवालः आपने राज्य और एजेंसियों की निगरानी का आरोप लगाया था। क्या आपको किसी तरह का खतरा महसूस हो रहा है? गीतांजलि: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद शुरुआती 3 हफ्तों तक एक कार मेरा पीछा करती रही। इसके बाद जब मैंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया तो यह गतिविधि धीरे-धीरे कम हो गई। फिलहाल मुझे किसी खुली निगरानी का एहसास नहीं है, लेकिन फोन टैप होने को लेकर पूरी तरह भरोसा नहीं है। सवालः NSA में गिरफ्तारी की असली वजह क्या है? गीतांजलि: गिरफ्तारी का आधार बनाए गए 4 वीडियो मुझे 28 दिनों तक नहीं दिए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही ये वीडियो मिले। इन वीडियो को गलत तरीके से पेश किया गया। सोनम ने कभी भी जेन-जी टाइप प्रदर्शन की बात नहीं कही। सवालः सरकार ऐसा क्यों कर रही है? गीतांजलि: यह सब सोनम को चुप कराने के लिए किया गया है, ताकि छठी अनुसूची और लद्दाख के भविष्य से जुड़े फैसले उनके बिना ही लिए जा सकें। सवालः लद्दाख में लोगों का मूड क्या है? गीतांंजलि: लद्दाख में कोई दिन ऐसा नहीं जाता, जब लोग सोनम को याद न करते हों। डर का माहौल है, लोगों को पोस्ट डालने से रोका जा रहा है, पुलिस पूछताछ के फोन आते हैं, फिर भी समर्थन जारी है। लोगों को सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है। सवालः आगे आंदोलन कैसे चलेगा? गीतांजलि: लद्दाख के मुद्दे को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) की है। मेरा काम सोनम के खिलाफ फैलाए जा रहे गलत प्रचार का जवाब देना और उनकी रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई लड़ना है। पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दें…
सवाल: आप विदेश में बस सकते थे, मौके भी थे, लेकिन भारत में रहने का फैसला किया। क्या आपको इस फैसले पर पछतावा है? गीतांजलि: नहीं, बिल्कुल नहीं। भारत एक महान देश है। देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह इसके विकास के लिए काम करे। जैसा सोनम कहते हैं, ‘इस देश को जान नहीं, बल्कि जिंदगी की जरूरत है। मेरी हर सांस और हर बूंद इस देश के उत्थान के लिए समर्पित है। जीवन के रास्ते में अच्छे और बुरे दोनों अनुभव आते हैं। इसी देश ने हमें पहले भी सम्मान दिया है और आज भी हमारे काम की कद्र करता है।’ सवाल: क्या इस लड़ाई में आपको राजनीतिक समर्थन मिल रहा है या आप अकेले हैं? गीतांजलि: हम कभी राजनीतिक रूप से अकेले नहीं रहे। 8 दिसंबर को संसद की शिक्षा समिति ने HIAL (हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख) के काम की सराहना की थी। सभी राजनीतिक दलों का समर्थन इसलिए मिलता है, क्योंकि हम किसी भी पार्टी से नहीं जुड़े और गैर-राजनीतिक हैं। सवाल: इंटरनेट बंदी और मौजूदा हालात को आप कैसे देखती हैं? गीतांजलि: इंटरनेट बंद करना गलत फैसला था, इससे आम लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई। बाहर से हालात सामान्य लगते हैं, लेकिन अंदर डर का माहौल बना हुआ है। अचानक गिरफ्तारियां हो रही हैं और 24 सितंबर की घटनाओं से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप भी सामने आ रहे हैं। सवाल: क्या आपको सोनम के स्वास्थ्य या जान को लेकर कोई खतरा महसूस होता है? गीतांजलि: मुझे नहीं लगता कि सोनम की जान को कोई खतरा है। भारत ऐसा देश है जो व्यक्तिगत आजादी का सम्मान करता है, लेकिन मन में एक डर भी है। जेल में रहना किसी के लिए अच्छा नहीं होता। भरोसा है कि सच जल्द सामने आएगा और सोनम रिहा होंगे। गीतांजलि ने कहा कि देशभर से मिल रही दुआओं पर उन्हें पूरा विश्वास है और अंत में सच और न्याय की ही जीत होगी। सोनम की गिरफ्तारी के बाद पत्नी के 3 रिएक्शन… ——————— ये खबर भी पढ़ें… उद्धव बोले- पाकिस्तान जाने पर वांगचुक देशद्रोही फिर मोदी क्या: न्याय के लिए लड़ना अब देशद्रोह हो गया शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार की आलोचना की। दादर वेस्ट में दशहरा मेला में ठाकरे ने कहा- देश में अधिकारों और न्याय के लिए लड़ना अब देशद्रोह हो गया है। पढ़ें पूरी खबर…