
आशीष कपूर
बसोहली , 26 दिसंबर:रंजीत सागर झील में मछली चोरी की घटनाओं का लगातार जारी रहना एक गंभीर समस्या है। यह न केवल मत्स्य संपदा के संरक्षण को चुनौती देता है, बल्कि स्थानीय मत्स्य व्यवसाय और पारिस्थितिकी तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
मत्स्य विभाग की ओर से की जाने वाली कार्रवाई का असर न होना यह दर्शाता है कि या तो लागू नियमों में कमी है, या फिर उनके पालन में लापरवाही हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
सख्त निगरानी व्यवस्था: झील में नियमित रूप से गश्त करने के लिए सुरक्षा दलों की नियुक्ति की जाए।
तकनीकी उपाय: झील में सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाए।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी: मछुआरा समुदाय को इस समस्या के समाधान में शामिल किया जाए।
कानूनी सख्ती: मछली चोरी में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
जागरूकता अभियान: स्थानीय लोगों को मत्स्य संपदा के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाए।
अगर मत्स्य विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर ठोस कदम उठाते हैं, तो इस समस्या का समाधान संभव है।