समस्तीपुर में 1 दिसंबर को एड्स दिवस पर सिविल सर्जन के सामने ‘परदेश नहीं जाना बलम जी, एड्स नहीं लाना बलम जी’, ‘अगर पति आवारा है तो कंडोम ही सहारा है’ जैसे नारे लगाए गए। ये नारे सदर अस्पताल में एचआईवी काउंसलर विजय कुमार मंडल लगवा रहे थे। नर्सिंग स्कूल की छात्राओं की ओर से लगाए गए नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी। कुछ यूजर्स ने इन नारों को घटिया बताया तो कुछ यूजर्स ने मर्दों का इंसल्ट कहा है। दरअसल, सोमवार को विश्व एड्स दिवस पर सदर अस्पताल से जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें एएनएम स्कूल की सैकड़ों छात्राओं, अस्पताल के मेडिकल कर्मियों और स्थानीय नागरिक शामिल हुए थे। यह रैली शहर के गोलंबर चौराहा, समाहरणालय ओवरब्रिज होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए सदर अस्पताल पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान नर्सिंग छात्राओं ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर लोगों को सुरक्षित जीवनशैली अपनाने, समय पर एचआईवी टेस्ट कराने और एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करने का संदेश दिया। सबसे पहले रैली की 2 तस्वीरें देखिए अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो… ये सबके लिए नहीं था नर्सिंग की छात्राओं से नारेबाजी कराने वाले विजय कुमार मंडल से दैनिक भास्कर ने बात की, तो उन्होंने बताया कि, 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया गया था। रैली निकाली गई थी। नारे लगाए गए थे, जिसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था। हमारे पास जो कपल एड्स की शिकायत लेकर आते हैं, उनमें कई ऐसे होते हैं, जो बाहर कमाने जाते हैं। वहां जागरूकता या जानकारी के अभाव में वो एड्स के शिकार होते हैं। फिर उनकी पत्नी भी इस खतरनाक बीमारी के संपर्क में आ जाती है। कभी-कभी बच्चे भी इसके शिकार हो जाते हैं। परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स नहीं लाना बलम जी… स्लोगन बाहर कमाने जाने वाले लोगों के लिए था। अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो… ये सबके लिए नहीं था, जो इस तरह के पति होते हैं, जो जागरूकता के अभाव में दूसरी औरतों के पास चले जाते हैं, उनके लिए इसे यूज किया था। सिविल सर्जन बोले- जब सुना तो मुझे भी अटपटा लगा था सिविल सर्जन डॉक्टर एसके चौधरी ने बताया कि, सोमवार को विश्व एड्स दिवस था। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से हम लोगों को इसे सेलिब्रेट करने का आदेश मिला था, ताकि आम जनता को मैसेज दिया जाए कि आखिर एड्स क्या बीमारी है और इससे कैसे बच जा सकते हैं। इसके तहत हम लोगों ने रैली निकाली थी, जिसमें एएनएम स्कूल की छात्राएं, अस्पताल की कुछ सिस्टर्स मौजूद थीं। स्लोगन की बात जहां तक है, ये उन एनजीओ की ओर से लिखे गए थे, जो रैली में शामिल हुए थे। ये स्लोगन हमारे एड्स सोसाइटी या डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ की तरफ से नहीं आया था। इस घटिया नारों से भागेगा एड्स वायरल वीडियो को लेकर सोशल मीडिया के यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने इन नारों को घटिया बताते हुए लिखा- इन घटिया नारों से AIDS भागेगा? एक अन्य यूजर ने समस्तीपुर सदर अस्पताल में एड्स दिवस पर की गई नारेबाजी को मर्दों का इंसल्ट बताया है। उन्होंने लिखा- ये तो मर्द लोग का खुला इंसल्ट है भाई.! तीसरे यूजर ने लिखा- जागरूकता अभियान बहुत ही सराहनीय कदम है। कम से कम एक व्यक्ति को एड्स है तो दूसरे व्यक्ति में फैलने से तो रोका जा सकता है।
समस्तीपुर में 1 दिसंबर को एड्स दिवस पर सिविल सर्जन के सामने ‘परदेश नहीं जाना बलम जी, एड्स नहीं लाना बलम जी’, ‘अगर पति आवारा है तो कंडोम ही सहारा है’ जैसे नारे लगाए गए। ये नारे सदर अस्पताल में एचआईवी काउंसलर विजय कुमार मंडल लगवा रहे थे। नर्सिंग स्कूल की छात्राओं की ओर से लगाए गए नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी। कुछ यूजर्स ने इन नारों को घटिया बताया तो कुछ यूजर्स ने मर्दों का इंसल्ट कहा है। दरअसल, सोमवार को विश्व एड्स दिवस पर सदर अस्पताल से जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें एएनएम स्कूल की सैकड़ों छात्राओं, अस्पताल के मेडिकल कर्मियों और स्थानीय नागरिक शामिल हुए थे। यह रैली शहर के गोलंबर चौराहा, समाहरणालय ओवरब्रिज होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए सदर अस्पताल पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान नर्सिंग छात्राओं ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर लोगों को सुरक्षित जीवनशैली अपनाने, समय पर एचआईवी टेस्ट कराने और एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करने का संदेश दिया। सबसे पहले रैली की 2 तस्वीरें देखिए अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो… ये सबके लिए नहीं था नर्सिंग की छात्राओं से नारेबाजी कराने वाले विजय कुमार मंडल से दैनिक भास्कर ने बात की, तो उन्होंने बताया कि, 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया गया था। रैली निकाली गई थी। नारे लगाए गए थे, जिसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था। हमारे पास जो कपल एड्स की शिकायत लेकर आते हैं, उनमें कई ऐसे होते हैं, जो बाहर कमाने जाते हैं। वहां जागरूकता या जानकारी के अभाव में वो एड्स के शिकार होते हैं। फिर उनकी पत्नी भी इस खतरनाक बीमारी के संपर्क में आ जाती है। कभी-कभी बच्चे भी इसके शिकार हो जाते हैं। परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स नहीं लाना बलम जी… स्लोगन बाहर कमाने जाने वाले लोगों के लिए था। अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो… ये सबके लिए नहीं था, जो इस तरह के पति होते हैं, जो जागरूकता के अभाव में दूसरी औरतों के पास चले जाते हैं, उनके लिए इसे यूज किया था। सिविल सर्जन बोले- जब सुना तो मुझे भी अटपटा लगा था सिविल सर्जन डॉक्टर एसके चौधरी ने बताया कि, सोमवार को विश्व एड्स दिवस था। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से हम लोगों को इसे सेलिब्रेट करने का आदेश मिला था, ताकि आम जनता को मैसेज दिया जाए कि आखिर एड्स क्या बीमारी है और इससे कैसे बच जा सकते हैं। इसके तहत हम लोगों ने रैली निकाली थी, जिसमें एएनएम स्कूल की छात्राएं, अस्पताल की कुछ सिस्टर्स मौजूद थीं। स्लोगन की बात जहां तक है, ये उन एनजीओ की ओर से लिखे गए थे, जो रैली में शामिल हुए थे। ये स्लोगन हमारे एड्स सोसाइटी या डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ की तरफ से नहीं आया था। इस घटिया नारों से भागेगा एड्स वायरल वीडियो को लेकर सोशल मीडिया के यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने इन नारों को घटिया बताते हुए लिखा- इन घटिया नारों से AIDS भागेगा? एक अन्य यूजर ने समस्तीपुर सदर अस्पताल में एड्स दिवस पर की गई नारेबाजी को मर्दों का इंसल्ट बताया है। उन्होंने लिखा- ये तो मर्द लोग का खुला इंसल्ट है भाई.! तीसरे यूजर ने लिखा- जागरूकता अभियान बहुत ही सराहनीय कदम है। कम से कम एक व्यक्ति को एड्स है तो दूसरे व्यक्ति में फैलने से तो रोका जा सकता है।