राजस्थान एटीएस के हत्थे चढ़ा सांचौर का मौलवी ओसामा उमर आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लिए स्लीपर सेल तैयार कर चुका था। उसने कई युवाओं को जिहाद की ट्रेनिंग के लिए तैयार कर लिया था। उनमें से 4 को एटीएस ने डीरेडिकलाइज (कट्टरपंथी सोच से बाहर निकालने की प्रक्रिया) के लिए भेज दिया है। पकड़े जाने से पहले अपने मोबाइल का सारा डेटा डिलीट कर चुका था, जिसे एफएसएल ने रिकवर कर लिया है। उसके मोबाइल से करीब 3 लाख से अधिक फोटो रिकवर हुए हैं, जो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाली हैं। लश्कर ए तैयबा के आतंकी सैफुल्लाह से ओसामा उमर बेहद प्रभावित था। उसी के वीडियो देखता था। सैफुल्लाह के कुछ रिश्तेदार ओसामा के टच में थे। लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए ओसामा वॉयस मैसेज के जरिए उनकी बात भी करवाता था। एटीएस के आईजी विकास कुमार के अनुसार, कुछ दिन बाद ओसामा अफगानिस्तान स्थित आतंकी कैंप में ट्रेनिंग लेने के लिए जाने वाला था। उससे पहले ही वो पकड़ा गया। एटीएस ने ओसामा को गिरफ्तार कर 7 दिन के रिमांड पर ले रखा था। उसने पूछताछ में क्या-क्या खुलासे किए हैं पढ़िए इस रिपोर्ट में… 14 नवंबर को एटीएस ने पकड़ा था
आईजी एटीएस विकास कुमार ने बताया कि ओसामा को 4 नवंबर को उसे सांचौर से डिटेन किया था। प्रमाणित होने के बाद 6 नवंबर को गिरफ्तार किया था। तब पूछताछ में सामने आया कि कि वो पकड़े जाने के दो दिन बाद यानी 8 नवंबर को ही दुबई भागने की तैयारी कर रहा था। वहां से उसे अफगानिस्तान जाना था। इसके बाद टीटीपी के बेस कैंप में जिहाद की ट्रेनिंग लेनी थी। यह भी पता चला कि वहां से ट्रेनिंग के बाद भारत लौटकर अपनी स्लीपर सेल को एक्टिवेट करने का भी प्लान बना रखा था। मोबाइल से 4 साल का डेटा रिकवर
ओसामा के मोबाइल की एफएसएल रिपोर्ट सामने आ गई है। 4 साल से वो आतंकी संगठन के टच में था। ऐसे में मोबाइल से करीब 4 साल का डेटा रिकवर किया गया है। उसमें कट्टरपंथ से जुड़ी 3 लाख से अधिक फोटो रिकवर की गई हैं। अधिकांश फोटो पर उर्दू-अरबी या फारसी में कुछ मैसेज लिखे हुए हैं। इनकी लैंग्वेज एक्सपर्ट को बुलाकर जांच की जाएगी। इसके अलावा ओसामा के कब्जे से अफगानिस्तान की एक सिम भी मिली है। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि ओसामा तक यह सिम कैसे पहुंची। एजेंसियां उस सिम की भी जांच कर रही हैं। परनाना रह चुके विधायक, परिवार को भी थी जानकारी
ओसामा के परनाना वली मोहम्मद बाड़मेर से विधायक (दूसरी विधानसभा- 1957 से 1962) रह चुके हैं, जबकि नाना जमीयत उलेमा-ए-हिंद राजस्थान के नायब रहे। ओसामा गलत राह पर था, इसकी पूरी जानकारी परिवार को थी। पूछताछ से पता चला कि परिवार ने ओसामा को कई बार समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। परिवार का कोई सदस्य ओसामा की विचारधारा से प्रभावित हुआ या नहीं, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। आईजी एटीएस विकास कुमार ने बताया कि आरोपी के माता और पिता दोनों ही पक्ष का धार्मिक इतिहास रहा है। अधिकतर लोग धार्मिक शिक्षा और मस्जिदों से जुड़े हैं। कोई इमाम है तो कोई मदरसे में शिक्षक। ओसामा के पिता मदरसे में पढ़ाते हैं। एक चाचा मस्जिद में अजान देते हैं। ओसामा ने करौली में अलीमा की पढ़ाई (धार्मिक शिक्षक बनने की स्टडी) की और फिर सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उसने महाराष्ट्र से अरबी भाषा का कोर्स किया और राजस्थान के कई शहरों अजमेर, करौली, जोधपुर, फलौदी, झुंझुनूं और सांचौर की मस्जिदों में इमाम के रूप में भी काम किया। 2023 में आया कट्टरवाद की गिरफ्त में
जांच में सामने आया है कि ओसामा शुरू से ही पढाई में बहुत अच्छा था। उसे कई भाषाओं का ज्ञान था। लेकिन एक विषय में निरंतर काम करने पर उस का धर्म को लेकर विचार बदलने लगा। इसी बीच वर्ष 2023 में उसका झुकाव सोशल मीडिया पर उभर रहे कट्टर संगठनों की ओर चल गया। वर्ष 2023 में ही ओसामा ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के एक सदस्य को फॉलो करना शुरू किया। वह इस संगठन से इतना प्रभावित हो गया कि ओसामा ने देश में भी इस संगठन को मजबूत करने और संगठन की सोच को युवाओं तक पहुंचाने का काम किया। वह अपने धर्म के लोगों के साथ टीटीपी के वीडियो और अन्य जानकारी साझा करने लगा। इससे युवाओं में कट्टरता फैलाने की कोशिशें की जा रही थीं। ओसामा का गॉड फादर टीटीपी का एक्टिव टेररिस्ट
ओसामा लश्कर आतंकी सैफुल्लाह से बेहद प्रभावित था। वह उसे अपना गॉडफादर मानता था। जून 2025 में सैफुल्लाह मारा गया था। सैफुल्लाह एक्टिव टेररिस्ट होने के साथ-साथ धर्मगुरु भी बना हुआ था। ओसामा पिछले दो साल से लगातार उसके वीडियो और ऑडियो को देख और सुन रहा था। सैफुल्लाह के कई रिश्तेदार जो अभी लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडरों में हैं, उनसे भी ओसामा टच में था। जिन लोगों को ब्रेनवॉश करना होता था, उनकी उनसे वॉयस मैसेज के जरिए बात करवाता था। 4 लोगों को कट्टर बनाने के लिए कर रहा था ब्रेनवॉश
एटीएस ने हाल ही में ओसामा के संपर्क में आए चार संदिग्धों को भी डिटेन किया था। ओसामा इन सभी पर कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़ने का दबाव बना रहा था। एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि चारों का अभी तक किसी भी गतिविधि में सम्मिलित होना नहीं पाया गया है। हालांकि ये 6 महीने से ओसामा के संपर्क में थे। एटीएस ने चारों को 4 दिन तक डीरेडिकलाइज (कट्टर सोच से बाहर निकालने की प्रक्रिया) किया है। डीरेडिकलाइज के लिए एटीएस ने एक टीम बना रखी है, जिसमें हर धर्म के लोग होते हैं। ये लोग रेडिकलाइज (कट्टर सोच से जुड़ चुका व्यक्ति) व्यक्ति की काउंसलिंग करते हैं। उसे कट्टरवाद से दूर करने का प्रयास करते हैं और सही दिशा की ओर ले जाते हैं। ओसामा की रिमांड पूरी
ओसामा को 6 नवंबर को UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार करने के बाद दो बार कोर्ट में पेश कर चार-चार दिन के लिए रिमांड पर लिया गया था। अब उसकी रिमांड अवधि पूरी होने के बाद जेसी कर दिया है। जो लोग आतंकवादी संगठन से जुड़कर फंडिंग करते हैं या उनके क्रियाकलापों में सहयोग करते हैं। दूसरा जो लोग कट्टरवाद फैलाकर विध्वंसक गतिविधियां करना चाहते हैं। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) एक्ट लगाया जाता है। इस संबंध में दर्ज मुकदमे की सूचना केंद्र सरकार को दी जाती है। ऐसे में यदि केंद्र सरकार चाहे ती इन केस की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंप सकती है। — राजस्थान में आतंकी गतिविधियों की यह खबर भी पढ़िए… ATS ने आतंकी संगठन टीटीपी के सदस्य को पकड़ा:4 साल से आतंकी गतिविधियों में जुड़ा था, सांचौर से दबोचा था एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने आतंकी संगठन टीटीपी के सक्रिय सदस्य मौलाना मोहम्मद उसामा को गिरफ्तार किया गया है। ATS ने इसके भाई को संदिग्ध लगने पर पकड़ा है। दोनों को 5 दिन पहले सांचौर से पकड़ा गया था। इसके बाद पूछताछ में टीटीपी से संपर्क सामने आया था…(CLICK कर पढ़ें)
राजस्थान एटीएस के हत्थे चढ़ा सांचौर का मौलवी ओसामा उमर आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लिए स्लीपर सेल तैयार कर चुका था। उसने कई युवाओं को जिहाद की ट्रेनिंग के लिए तैयार कर लिया था। उनमें से 4 को एटीएस ने डीरेडिकलाइज (कट्टरपंथी सोच से बाहर निकालने की प्रक्रिया) के लिए भेज दिया है। पकड़े जाने से पहले अपने मोबाइल का सारा डेटा डिलीट कर चुका था, जिसे एफएसएल ने रिकवर कर लिया है। उसके मोबाइल से करीब 3 लाख से अधिक फोटो रिकवर हुए हैं, जो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाली हैं। लश्कर ए तैयबा के आतंकी सैफुल्लाह से ओसामा उमर बेहद प्रभावित था। उसी के वीडियो देखता था। सैफुल्लाह के कुछ रिश्तेदार ओसामा के टच में थे। लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए ओसामा वॉयस मैसेज के जरिए उनकी बात भी करवाता था। एटीएस के आईजी विकास कुमार के अनुसार, कुछ दिन बाद ओसामा अफगानिस्तान स्थित आतंकी कैंप में ट्रेनिंग लेने के लिए जाने वाला था। उससे पहले ही वो पकड़ा गया। एटीएस ने ओसामा को गिरफ्तार कर 7 दिन के रिमांड पर ले रखा था। उसने पूछताछ में क्या-क्या खुलासे किए हैं पढ़िए इस रिपोर्ट में… 14 नवंबर को एटीएस ने पकड़ा था
आईजी एटीएस विकास कुमार ने बताया कि ओसामा को 4 नवंबर को उसे सांचौर से डिटेन किया था। प्रमाणित होने के बाद 6 नवंबर को गिरफ्तार किया था। तब पूछताछ में सामने आया कि कि वो पकड़े जाने के दो दिन बाद यानी 8 नवंबर को ही दुबई भागने की तैयारी कर रहा था। वहां से उसे अफगानिस्तान जाना था। इसके बाद टीटीपी के बेस कैंप में जिहाद की ट्रेनिंग लेनी थी। यह भी पता चला कि वहां से ट्रेनिंग के बाद भारत लौटकर अपनी स्लीपर सेल को एक्टिवेट करने का भी प्लान बना रखा था। मोबाइल से 4 साल का डेटा रिकवर
ओसामा के मोबाइल की एफएसएल रिपोर्ट सामने आ गई है। 4 साल से वो आतंकी संगठन के टच में था। ऐसे में मोबाइल से करीब 4 साल का डेटा रिकवर किया गया है। उसमें कट्टरपंथ से जुड़ी 3 लाख से अधिक फोटो रिकवर की गई हैं। अधिकांश फोटो पर उर्दू-अरबी या फारसी में कुछ मैसेज लिखे हुए हैं। इनकी लैंग्वेज एक्सपर्ट को बुलाकर जांच की जाएगी। इसके अलावा ओसामा के कब्जे से अफगानिस्तान की एक सिम भी मिली है। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि ओसामा तक यह सिम कैसे पहुंची। एजेंसियां उस सिम की भी जांच कर रही हैं। परनाना रह चुके विधायक, परिवार को भी थी जानकारी
ओसामा के परनाना वली मोहम्मद बाड़मेर से विधायक (दूसरी विधानसभा- 1957 से 1962) रह चुके हैं, जबकि नाना जमीयत उलेमा-ए-हिंद राजस्थान के नायब रहे। ओसामा गलत राह पर था, इसकी पूरी जानकारी परिवार को थी। पूछताछ से पता चला कि परिवार ने ओसामा को कई बार समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। परिवार का कोई सदस्य ओसामा की विचारधारा से प्रभावित हुआ या नहीं, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। आईजी एटीएस विकास कुमार ने बताया कि आरोपी के माता और पिता दोनों ही पक्ष का धार्मिक इतिहास रहा है। अधिकतर लोग धार्मिक शिक्षा और मस्जिदों से जुड़े हैं। कोई इमाम है तो कोई मदरसे में शिक्षक। ओसामा के पिता मदरसे में पढ़ाते हैं। एक चाचा मस्जिद में अजान देते हैं। ओसामा ने करौली में अलीमा की पढ़ाई (धार्मिक शिक्षक बनने की स्टडी) की और फिर सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उसने महाराष्ट्र से अरबी भाषा का कोर्स किया और राजस्थान के कई शहरों अजमेर, करौली, जोधपुर, फलौदी, झुंझुनूं और सांचौर की मस्जिदों में इमाम के रूप में भी काम किया। 2023 में आया कट्टरवाद की गिरफ्त में
जांच में सामने आया है कि ओसामा शुरू से ही पढाई में बहुत अच्छा था। उसे कई भाषाओं का ज्ञान था। लेकिन एक विषय में निरंतर काम करने पर उस का धर्म को लेकर विचार बदलने लगा। इसी बीच वर्ष 2023 में उसका झुकाव सोशल मीडिया पर उभर रहे कट्टर संगठनों की ओर चल गया। वर्ष 2023 में ही ओसामा ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के एक सदस्य को फॉलो करना शुरू किया। वह इस संगठन से इतना प्रभावित हो गया कि ओसामा ने देश में भी इस संगठन को मजबूत करने और संगठन की सोच को युवाओं तक पहुंचाने का काम किया। वह अपने धर्म के लोगों के साथ टीटीपी के वीडियो और अन्य जानकारी साझा करने लगा। इससे युवाओं में कट्टरता फैलाने की कोशिशें की जा रही थीं। ओसामा का गॉड फादर टीटीपी का एक्टिव टेररिस्ट
ओसामा लश्कर आतंकी सैफुल्लाह से बेहद प्रभावित था। वह उसे अपना गॉडफादर मानता था। जून 2025 में सैफुल्लाह मारा गया था। सैफुल्लाह एक्टिव टेररिस्ट होने के साथ-साथ धर्मगुरु भी बना हुआ था। ओसामा पिछले दो साल से लगातार उसके वीडियो और ऑडियो को देख और सुन रहा था। सैफुल्लाह के कई रिश्तेदार जो अभी लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडरों में हैं, उनसे भी ओसामा टच में था। जिन लोगों को ब्रेनवॉश करना होता था, उनकी उनसे वॉयस मैसेज के जरिए बात करवाता था। 4 लोगों को कट्टर बनाने के लिए कर रहा था ब्रेनवॉश
एटीएस ने हाल ही में ओसामा के संपर्क में आए चार संदिग्धों को भी डिटेन किया था। ओसामा इन सभी पर कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़ने का दबाव बना रहा था। एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि चारों का अभी तक किसी भी गतिविधि में सम्मिलित होना नहीं पाया गया है। हालांकि ये 6 महीने से ओसामा के संपर्क में थे। एटीएस ने चारों को 4 दिन तक डीरेडिकलाइज (कट्टर सोच से बाहर निकालने की प्रक्रिया) किया है। डीरेडिकलाइज के लिए एटीएस ने एक टीम बना रखी है, जिसमें हर धर्म के लोग होते हैं। ये लोग रेडिकलाइज (कट्टर सोच से जुड़ चुका व्यक्ति) व्यक्ति की काउंसलिंग करते हैं। उसे कट्टरवाद से दूर करने का प्रयास करते हैं और सही दिशा की ओर ले जाते हैं। ओसामा की रिमांड पूरी
ओसामा को 6 नवंबर को UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार करने के बाद दो बार कोर्ट में पेश कर चार-चार दिन के लिए रिमांड पर लिया गया था। अब उसकी रिमांड अवधि पूरी होने के बाद जेसी कर दिया है। जो लोग आतंकवादी संगठन से जुड़कर फंडिंग करते हैं या उनके क्रियाकलापों में सहयोग करते हैं। दूसरा जो लोग कट्टरवाद फैलाकर विध्वंसक गतिविधियां करना चाहते हैं। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) एक्ट लगाया जाता है। इस संबंध में दर्ज मुकदमे की सूचना केंद्र सरकार को दी जाती है। ऐसे में यदि केंद्र सरकार चाहे ती इन केस की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंप सकती है। — राजस्थान में आतंकी गतिविधियों की यह खबर भी पढ़िए… ATS ने आतंकी संगठन टीटीपी के सदस्य को पकड़ा:4 साल से आतंकी गतिविधियों में जुड़ा था, सांचौर से दबोचा था एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने आतंकी संगठन टीटीपी के सक्रिय सदस्य मौलाना मोहम्मद उसामा को गिरफ्तार किया गया है। ATS ने इसके भाई को संदिग्ध लगने पर पकड़ा है। दोनों को 5 दिन पहले सांचौर से पकड़ा गया था। इसके बाद पूछताछ में टीटीपी से संपर्क सामने आया था…(CLICK कर पढ़ें)