
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि BJP दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है।
समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी प्रस्तावित संशोधन को वक्फ की स्वतंत्रता-कामकाज के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा, ‘इसमें कलेक्टर को मनमानी शक्तियां दी गई हैं। आदेश देकर और रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में दर्ज एंट्रीज को बदलकर वक्फ प्रॉपर्टीज को सरकारी प्रॉपर्टी दर्शाने का पूरा अधिकार दिया गया है।’ उन्होंने कहा- ये संशोधन पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं। इससे वक्फ अधिनियम का मूल उद्देश्य कमजोर होगा। ये मुस्लिम पर्सनल लॉ का उल्लंघन है। इनसे मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा और अविश्वास बढ़ेगा। क्योंकि उनकी धार्मिक प्रॉपर्टीज अब सरकारी हस्तक्षेप से सुरक्षित नहीं रहेंगी। पाल बोले- विपक्षी सांसद नहीं चाहते रिपोर्ट पेश की जाए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने JPC से 10 विपक्षी सदस्यों कों सस्पेंड पर सवाल खड़ा किया। इस पर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई बैठक में मौजूद ही नहीं थे। मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की, तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद) बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए। भाजपा सांसद बोले- मीरवाइज ने आपत्तियां दर्ज कराईं ये अच्छी बात मीरवाइज के वक्फ (संशोधन) बिल पर जताई आपत्तियों का भाजपा ने स्वागत किया। JPC सदस्य भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा- मीरवाइज ने अपनी बात मजबूती से रखी। विधेयक के अलग-अलग भागों पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। ये सबसे अच्छी बात है। TMC सांसद बोले- बैठक का समय बदला जाए लखनऊ में हुई बैठक करने के बाद अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि 24 जनवरी को JPC की आखिरी बैठक होगी। इसके बाद वे 31 जनवरी को होने वाले बजट सत्र के दौरान संसद में रिपोर्ट पेश होगी। पाल ने कहा- पिछले 6 महीने में हमने अकेले दिल्ली में 34 बैठकें की हैं। JPC सभी चर्चाएं अच्छे माहौल में हुई हैं। मुझे उम्मीद है हमारी रिपोर्ट से लोगों को फायदा होगा। विपक्ष ने बैठक स्थगित करने की मांग की विपक्ष की ओर से लोकसभा में DMK के मुख्य सचेतक ए राजा ने 24 और 25 जनवरी की बैठक स्थगित करने की मांग की है। जगदंबिका पाल को लिखे लेटर में राजा ने कहा- “यह कहने की जरूरत नहीं है कि पटना, कोलकाता और लखनऊ में जेपीसी के दौरे 21 जनवरी को ही पूरे हो गए थे। अजीब बात यह है कि तारीखों की घोषणा बिना जेपीसी की अगली बैठक जल्दबाजी में की गई, जबकि जेपीसी पहले से ही दौरे पर थी।” शीतकालीन सत्र में बढ़ा था कार्यकाल वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जॉइंटर पार्लियामेंट्री कमेटी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। वक्फ संपत्तियों को रेगुलराइज करने के लिए बने वक्फ एक्ट 1995 की मिसमैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है। 22 अगस्त को हुई थी पहली बैठक संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। अकेले दिल में 34 बैठकें हो चुकी हैं। बिल में 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होनी थी। ———————————— JPC से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… यूपी सरकार का दावा- वक्फ की 78% जमीन हमारी, अयोध्या का बहू-बेगम मकबरा भी लखनऊ में वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बैठक हुई। जिसमें यूपी सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया- यूपी में वक्फ की 14 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 11 हजार (करीब 78 प्रतिशत) सरकारी जमीन है। लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या में स्थित बहू-बेगम का मकबरा सरकार का है। हालांकि, शिया वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया। पढ़ें पूरी खबर…
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि BJP दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है।
समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी प्रस्तावित संशोधन को वक्फ की स्वतंत्रता-कामकाज के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा, ‘इसमें कलेक्टर को मनमानी शक्तियां दी गई हैं। आदेश देकर और रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में दर्ज एंट्रीज को बदलकर वक्फ प्रॉपर्टीज को सरकारी प्रॉपर्टी दर्शाने का पूरा अधिकार दिया गया है।’ उन्होंने कहा- ये संशोधन पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं। इससे वक्फ अधिनियम का मूल उद्देश्य कमजोर होगा। ये मुस्लिम पर्सनल लॉ का उल्लंघन है। इनसे मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा और अविश्वास बढ़ेगा। क्योंकि उनकी धार्मिक प्रॉपर्टीज अब सरकारी हस्तक्षेप से सुरक्षित नहीं रहेंगी। पाल बोले- विपक्षी सांसद नहीं चाहते रिपोर्ट पेश की जाए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने JPC से 10 विपक्षी सदस्यों कों सस्पेंड पर सवाल खड़ा किया। इस पर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई बैठक में मौजूद ही नहीं थे। मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की, तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद) बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए। भाजपा सांसद बोले- मीरवाइज ने आपत्तियां दर्ज कराईं ये अच्छी बात मीरवाइज के वक्फ (संशोधन) बिल पर जताई आपत्तियों का भाजपा ने स्वागत किया। JPC सदस्य भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा- मीरवाइज ने अपनी बात मजबूती से रखी। विधेयक के अलग-अलग भागों पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। ये सबसे अच्छी बात है। TMC सांसद बोले- बैठक का समय बदला जाए लखनऊ में हुई बैठक करने के बाद अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि 24 जनवरी को JPC की आखिरी बैठक होगी। इसके बाद वे 31 जनवरी को होने वाले बजट सत्र के दौरान संसद में रिपोर्ट पेश होगी। पाल ने कहा- पिछले 6 महीने में हमने अकेले दिल्ली में 34 बैठकें की हैं। JPC सभी चर्चाएं अच्छे माहौल में हुई हैं। मुझे उम्मीद है हमारी रिपोर्ट से लोगों को फायदा होगा। विपक्ष ने बैठक स्थगित करने की मांग की विपक्ष की ओर से लोकसभा में DMK के मुख्य सचेतक ए राजा ने 24 और 25 जनवरी की बैठक स्थगित करने की मांग की है। जगदंबिका पाल को लिखे लेटर में राजा ने कहा- “यह कहने की जरूरत नहीं है कि पटना, कोलकाता और लखनऊ में जेपीसी के दौरे 21 जनवरी को ही पूरे हो गए थे। अजीब बात यह है कि तारीखों की घोषणा बिना जेपीसी की अगली बैठक जल्दबाजी में की गई, जबकि जेपीसी पहले से ही दौरे पर थी।” शीतकालीन सत्र में बढ़ा था कार्यकाल वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जॉइंटर पार्लियामेंट्री कमेटी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। वक्फ संपत्तियों को रेगुलराइज करने के लिए बने वक्फ एक्ट 1995 की मिसमैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है। 22 अगस्त को हुई थी पहली बैठक संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। अकेले दिल में 34 बैठकें हो चुकी हैं। बिल में 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होनी थी। ———————————— JPC से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… यूपी सरकार का दावा- वक्फ की 78% जमीन हमारी, अयोध्या का बहू-बेगम मकबरा भी लखनऊ में वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बैठक हुई। जिसमें यूपी सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया- यूपी में वक्फ की 14 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 11 हजार (करीब 78 प्रतिशत) सरकारी जमीन है। लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या में स्थित बहू-बेगम का मकबरा सरकार का है। हालांकि, शिया वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया। पढ़ें पूरी खबर…