भारत चुनाव आयोग ने तरनतारन की एसएसपी डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई तरनतारन उपचुनाव से ठीक 3 दिन पहले की गई है। उल्लेखनीय है कि डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल तरनतारन की पहली महिला एसएसपी थीं और करीब दो माह पहले ही उन्हें यहां की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पहले वे फतेहगढ़ साहिब में जिम्मेदारी संभाल रही थीं। एक दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) सिबिन सी को एसएसपी डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें डॉ. ग्रेवाल पर आम आदमी पार्टी की कठपुतली बनकर अकाली दल के कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तार करने का आरोप लगाया गया था। अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने SSP डॉ. ग्रेवाल के अलावा 2 DSP का तबादला करने की मांग की थी। अकाली दल के एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने भी दिल्ली में चुनाव आयोग को इस मामले की शिकायत की थी। माना जा रहा है कि इसी शिकायत के चलते आयोग ने कार्रवाई की है। उनकी जगह अमृतसर के सीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर (आईपीएस) को एसएसपी तरनतारन का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। मगर, शाम होते ही सुरेंद्र लांबा को तरनतारन का नया एसएसपी बना दिया गया। अकाली दल की ओर से चुनाव पर्यवेक्षकों को दी शिकायत की 5 बातें… चुनाव आयोग की ओर से जारी किया गया सस्पेंशन और ज्वाइनिंग का पत्र… एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने लेडी ADC को सस्पेंड किया
पंजाब सरकार ने एक दिन पहले ही मोगा की ADC और नगर निगम कमिश्नर चारूमिता को सस्पेंड किया हैं। चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी किए थे। चीफ सेक्रेटरी ने इसके लिए पंजाब सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) रूल्स 1970 के नियमों का हवाला दिया था। चीफ सेक्रेटरी ने कहा था कि सस्पेंशन के दौरान चारूमिता का हेडक्वार्टर चंडीगढ़ रहेगा और वह संबंधित अथॉरिटी की मंजूरी के बगैर यहां से बाहर नहीं जाएंगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक धर्मकोट से बहादुरवाला से गुजरते नेशनल हाईवे के लिए जमीन एक्वायर की गई थी। इस दौरान मुआवजे में ₹3.7 करोड़ रुपयों के लेन–देन में गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने PCS अधिकारी चारुमिता के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी। इस दौरान एक किसान ने उसे जमीन का मुआवजा नहीं मिला, जिस वजह से उसे कोर्ट जाना पड़ा। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। इस मामले में अभी तक चारुमिता का बयान सामने नहीं आया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने इस मामले को गलत करार दिया था। उनका कहना था कि मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है। PCS अफसर से जुड़ा मामला क्या है… पंजाब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने 2014 बैच की पंजाब सिविल सेवा (PCS) अधिकारी चारुमिता की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी थी। चारुमिता पर नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के लिए ₹3.7 करोड़ की जमीन अधिग्रहण में अनियमितता बरतने का आरोप था। मामला उस समय का है, जब चारुमिता मोगा में एसडीएम थीं। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2019 में उस जमीन के लिए मुआवजा जारी कर दिया, जो 1963 में ही लोक निर्माण विभाग (PWD, बीएंडआर) फिरोजपुर द्वारा सड़क निर्माण के लिए अधिगृहीत की जा चुकी थी। जांच में दावा किया गया था कि यह जमीन 5 दशक से सरकारी तौर पर इस्तेमाल हो रही थी लेकिन 2019 में इसका CLU कर मुआवजा दे दिया गया। यही नहीं, यह हिस्सा पहले ही NHAI को दिया जा चुका था। इसके दोबारा अधिग्रहण के लिए ₹3.7 करोड़ का मुआवजा जारी किया गया। यह मामला तब उजागर हुआ, जब कुछ अवार्डी कोर्ट पहुंचे और मुआवजा बढ़ाने की मांग की। जब जांच की गई तो 1963 के अधिग्रहण से जुड़े रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद हाईकोर्ट ने फिरोजपुर के DC को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया। उन्होंने हाईकोर्ट में दी रिपोर्ट में बताया कि इसमें कई गड़बड़ियां हुई हैं। इसके अलावा 2021 से 2025 के बीच विरोधाभासी निशानदेही रिपोर्टें तैयार की गईं। इसके बाद PWD के तत्कालीन प्रिंसिपल सेक्रेटरी रवि भगत ने भी अपने ऑब्जर्वेशन में कहा कि यह जमीन 1963 में ही सरकारी भूमि थी, फिर भी 2021 में इसमें छेड़छाड़ की गई। विभाग ने तत्कालीन SDM चारुमिता की भूमिका पर सवाल उठाते हुए रिपोर्ट विजिलेंस को सौंप दी। —————– ये खबर भी पढ़ें भाजपा महिला पार्षद की हो रही रेकी:तरनतारन चुनावों में प्रचार के बाद से अज्ञात कर रहे पीछा; पुलिस ने जांच शुरू की पंजाब के अमृतसर में भाजपा महिला पार्षद की रेकी अज्ञात युवकों द्वारा की जा रही है। उनके अनुसार बीते दिनों तरनतारन उप-चुनावों में प्रचार पर गई थी। इसके बाद से ही कुछ अज्ञात युवकों की तरफ से उनकी लगातार रेकी हो रही है। महिला पार्षद ने थाना सदर में इसे लेकर शिकायत भी दर्ज करवाई है। (पूरी खबर पढ़ें)
भारत चुनाव आयोग ने तरनतारन की एसएसपी डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई तरनतारन उपचुनाव से ठीक 3 दिन पहले की गई है। उल्लेखनीय है कि डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल तरनतारन की पहली महिला एसएसपी थीं और करीब दो माह पहले ही उन्हें यहां की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पहले वे फतेहगढ़ साहिब में जिम्मेदारी संभाल रही थीं। एक दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) सिबिन सी को एसएसपी डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें डॉ. ग्रेवाल पर आम आदमी पार्टी की कठपुतली बनकर अकाली दल के कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तार करने का आरोप लगाया गया था। अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने SSP डॉ. ग्रेवाल के अलावा 2 DSP का तबादला करने की मांग की थी। अकाली दल के एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने भी दिल्ली में चुनाव आयोग को इस मामले की शिकायत की थी। माना जा रहा है कि इसी शिकायत के चलते आयोग ने कार्रवाई की है। उनकी जगह अमृतसर के सीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर (आईपीएस) को एसएसपी तरनतारन का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। मगर, शाम होते ही सुरेंद्र लांबा को तरनतारन का नया एसएसपी बना दिया गया। अकाली दल की ओर से चुनाव पर्यवेक्षकों को दी शिकायत की 5 बातें… चुनाव आयोग की ओर से जारी किया गया सस्पेंशन और ज्वाइनिंग का पत्र… एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने लेडी ADC को सस्पेंड किया
पंजाब सरकार ने एक दिन पहले ही मोगा की ADC और नगर निगम कमिश्नर चारूमिता को सस्पेंड किया हैं। चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी किए थे। चीफ सेक्रेटरी ने इसके लिए पंजाब सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) रूल्स 1970 के नियमों का हवाला दिया था। चीफ सेक्रेटरी ने कहा था कि सस्पेंशन के दौरान चारूमिता का हेडक्वार्टर चंडीगढ़ रहेगा और वह संबंधित अथॉरिटी की मंजूरी के बगैर यहां से बाहर नहीं जाएंगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक धर्मकोट से बहादुरवाला से गुजरते नेशनल हाईवे के लिए जमीन एक्वायर की गई थी। इस दौरान मुआवजे में ₹3.7 करोड़ रुपयों के लेन–देन में गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने PCS अधिकारी चारुमिता के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी। इस दौरान एक किसान ने उसे जमीन का मुआवजा नहीं मिला, जिस वजह से उसे कोर्ट जाना पड़ा। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। इस मामले में अभी तक चारुमिता का बयान सामने नहीं आया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने इस मामले को गलत करार दिया था। उनका कहना था कि मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है। PCS अफसर से जुड़ा मामला क्या है… पंजाब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने 2014 बैच की पंजाब सिविल सेवा (PCS) अधिकारी चारुमिता की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी थी। चारुमिता पर नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के लिए ₹3.7 करोड़ की जमीन अधिग्रहण में अनियमितता बरतने का आरोप था। मामला उस समय का है, जब चारुमिता मोगा में एसडीएम थीं। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2019 में उस जमीन के लिए मुआवजा जारी कर दिया, जो 1963 में ही लोक निर्माण विभाग (PWD, बीएंडआर) फिरोजपुर द्वारा सड़क निर्माण के लिए अधिगृहीत की जा चुकी थी। जांच में दावा किया गया था कि यह जमीन 5 दशक से सरकारी तौर पर इस्तेमाल हो रही थी लेकिन 2019 में इसका CLU कर मुआवजा दे दिया गया। यही नहीं, यह हिस्सा पहले ही NHAI को दिया जा चुका था। इसके दोबारा अधिग्रहण के लिए ₹3.7 करोड़ का मुआवजा जारी किया गया। यह मामला तब उजागर हुआ, जब कुछ अवार्डी कोर्ट पहुंचे और मुआवजा बढ़ाने की मांग की। जब जांच की गई तो 1963 के अधिग्रहण से जुड़े रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद हाईकोर्ट ने फिरोजपुर के DC को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया। उन्होंने हाईकोर्ट में दी रिपोर्ट में बताया कि इसमें कई गड़बड़ियां हुई हैं। इसके अलावा 2021 से 2025 के बीच विरोधाभासी निशानदेही रिपोर्टें तैयार की गईं। इसके बाद PWD के तत्कालीन प्रिंसिपल सेक्रेटरी रवि भगत ने भी अपने ऑब्जर्वेशन में कहा कि यह जमीन 1963 में ही सरकारी भूमि थी, फिर भी 2021 में इसमें छेड़छाड़ की गई। विभाग ने तत्कालीन SDM चारुमिता की भूमिका पर सवाल उठाते हुए रिपोर्ट विजिलेंस को सौंप दी। —————– ये खबर भी पढ़ें भाजपा महिला पार्षद की हो रही रेकी:तरनतारन चुनावों में प्रचार के बाद से अज्ञात कर रहे पीछा; पुलिस ने जांच शुरू की पंजाब के अमृतसर में भाजपा महिला पार्षद की रेकी अज्ञात युवकों द्वारा की जा रही है। उनके अनुसार बीते दिनों तरनतारन उप-चुनावों में प्रचार पर गई थी। इसके बाद से ही कुछ अज्ञात युवकों की तरफ से उनकी लगातार रेकी हो रही है। महिला पार्षद ने थाना सदर में इसे लेकर शिकायत भी दर्ज करवाई है। (पूरी खबर पढ़ें)