पंजाब में 1 और 2 नवंबर की दरम्यानी रात पुलिस ने विशेष अभियान चलाया जिसमें अखबार ले जा रहीं गाड़ियों को रोककर उनकी जांच की गई। यह चेकिंग रात दस बजे शुरू हुई जो सुबह तक चलती रही। अलग-अलग अखबारों के प्रिंटिंग सेंटरों से निकलीं गाड़ियों की राज्यभर में नाके लगाकर तलाशी ली गई। कई जगह डॉग स्क्वॉयड बुलवाए गए जबकि कुछ जगह गाड़ियों को थाने ले जाया गया। इसके चलते प्रदेश के ज्यादातर शहरों-कस्बों और गांवों में लोगों को सुबह अखबार समय पर नहीं मिल पाए। लुधियाना, अमृतसर, मोगा, फरीदकोट, कोटकपूरा, पठानकोट, फाजिल्का, अबोहर, बरनाला में न्यूजपेपर कई घंटे लेट पहुंचे। इससे अखबार बांटने वाले हॉकर और डिस्ट्रीब्यूटर नाराज दिखे। कुछ गाड़ियों के ड्राइवरों के मुताबिक, खासतौर पर 2 अखबारों की गाड़ियों की जांच की जा रही थी। कई जगह पुलिसवाले बंडल खोलकर अखबारों में लगी खबरें पढ़ रहे थे। इस पूरी कार्रवाई पर रविवार दोपहर तक पुलिस के किसी सीनियर अधिकारी की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। दोपहर 2.30 बजे पंजाब सरकार के पब्लिक रिलेशन महकमे (DPR) ने पुलिस की तरफ से एक बयान जारी किया। इसमें बताया गया कि इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर राज्यभर में कॉर्मिशयल व्हीकल्स की चेकिंग की गई। इसके कारण कुछ जगह अखबारों की डिलीवरी में देरी हुई। पुलिस भविष्य में ये सावधानी बरतेगी कि ऐसी जांच से आम जनता को कम से कम असुविधा हो। उधर, कांग्रेस और भाजपा ने इस चेकिंग की निंदा की। कांग्रेस विधायक परगट सिंह और बलविंदर सिंह धारीवाल ने इसे प्रेस की आवाज दबाने का प्रयास बताया। पंजाब BJP के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा और पार्टी के ही पूर्व मंत्री व एससी कमीशन के पूर्व चेयरमैन विजय सांपला ने इसे मीडिया का गला घोंटने की कोशिश बताया। अश्वनी शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ में केजरीवाल के शीशमहल की खबरों से AAP सरकार घबरा गई है। पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग ने कॉल करने पर फोन काट दिया। मामले से संबंधित PHOTOS… किस शहर में क्या हुआ… पंजाब पुलिस ने बयान में कहीं 3 बातें… खुफिया जानकारी के आधार पर चेकिंग : पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बयान में कहा- 1 और 2 नवंबर की दरम्यानी रात राज्यभर में सामान ले जाने वाले खासकर कॉमर्शियल व्हीकल्स की चेकिंग की। यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई। यह चेकिंग गजटेड अफसरों की निगरानी में तय स्थानों पर की गई, ताकि जनता को किसी तरह की असुविधा न हो और जांच सुव्यवस्थित ढंग से हो। पाकिस्तान की ओर से अशांति फैलाने की कोशिश : प्रवक्ता ने आगे कहा कि पंजाब सेंसिटिव बॉर्डर स्टेट है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ड्रोन के जरिए देश में ड्रग, हथियार और विस्फोटक भेजकर अशांति फैलाने की कोशिश करती रही है। बॉर्डर एरिया में डिलीवरी के बाद वहां से यह सामान वाहनों के जरिए राज्य के अलग-अलग इलाकों में पहुंचाए जाते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऐसी गतिविधियों में तेजी आई है। अखबारों की डिलीवरी में देरी, आगे ध्यान रखेंगे : प्रवक्ता ने बयान में आगे कहा- पंजाब पुलिस जनता की सुविधा का पूरा ध्यान रखती है। कुछ जगह से रिपोर्ट मिली कि अखबार ले जाने वाले वाहनों की चेकिंग से अखबारों की डिलीवरी में देरी हुई। पुलिस आगे से पूरी सावधानी रखेगी कि ऐसी जांच से आम जनता को न्यूनतम असुविधा हो। मौजूदा हालात में राज्य में मजबूत आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना बेहद जरूरी है। अमृतसर में ड्राइवरों के फोन भी ले लिए
अमृतसर से सुबह करीब 9 बजे अखबार की सप्लाई लेकर पहुंचे जीवन कुमार ने बताया कि पुलिसवालों ने सुबह चार बजे ढिलवां टोल पर उन्हें रोक लिया। ड्राइवरों के मोबाइल फोन ले लिए गए। इसके बाद पुलिसवाले हर गाड़ी में बैठ गए और उन्हें अमृतसर के एंट्री गेट, गोल्डन गेट तक लेकर आए। वहां डॉग स्क्वॉड की टीम बुलाकर गाड़ियों से अखबारों के सभी बंडल नीचे उतरवाने के बाद उन्हें खोल-खोलकर चेक किया गया। अमृतसर जिले के ज्यादातर देहाती एरिया में सुबह 10 बजे तक भी सप्लाई नहीं पहुंच पाई। कोटकपूरा के एजेंट बोले- RDX का इनपुट था
फरीदकोट जिले के सबसे बड़े शहर, कोटकपूरा के न्यूजपेपर एजेंट मनीष मल्होत्रा ने बताया कि उनके यहां भी अखबारों की सप्लाई लेट पहुंची। जालंधर और लुधियाना से अखबार लेकर आ रहे ड्राइवरों ने उन्हें बताया कि गाड़ियों को मोगा में धर्मकोट से पहले सतलुज नदी पर रोका गया। उनके मुताबिक- ड्राइवर ने उन्हें बताया कि पुलिस को किसी गाड़ी में RDX होने का इनपुट था। SHO बोले- गाड़ियां रोकने की वजह सीनियर अफसर बताएंगे
लुधियाना में अखबारों की गाड़ियां रोकने की वजह पूछने पर कोतवाली थाने के कार्यकारी SHO सुलखन सिंह ने बताया कि शनिवार रात 10 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक नाकेबंदी की गई थी। हालांकि, जब पूछा गया कि केवल न्यूजपेपर की गाड़ियां ही रोकी गईं या अन्य वाहन भी रोके? तो उन्होंने कहा कि इस बारे में सीनियर अधिकारी ही बता जाएंगे। हमारे पास इनपुट था। रोकी गई सारी गाड़ियों की लिस्ट बनाई गई है। परगट सिंह बोले- पंजाब में साइलेंट इमरजेंसी
जालंधर कैंट के कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने इस पूरी कार्रवाई की निंदा की। सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर डाली पोस्ट में परगट सिंह ने लिखा- पंजाब में प्रेस की आजादी पर सीधा हमला किया जा रहा है। आज सुबह भगवंत मान सरकार ने राज्यभर में अखबारों की सप्लाई रोक दी ताकि अरविंद केजरीवाल के 50 नंबर सरकारी कोठी में ठहरने की खबर जनता तक न पहुंच पाए। उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली लॉबी के लिए पंजाब के खजाने को लूटने के बाद अब सच्चाई छिपाने के लिए अखबारों का प्रकाशन बंद किया जा रहा है। पंजाब में लगाई जा रही इस साइलेंट इमरजेंसी को पंजाबी बर्दाश्त नहीं करेंगे। MLA धालीवाल ने कहा- प्रेस की आवाज दबाई जा रही
फगवाड़ा से कांग्रेस एमएलए बलविंदर सिंह धारीवाल ने कहा कि पंजाब की AAP सरकार ने 4 साल में पंजाब को नीचे गिराया है। लूट-खसूट चल रही है। सभी वर्ग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। अब प्रेस और सरकार के खिलाफ बोलने वालों की आवाज दबाई जा रही है। हम पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हैं। पूर्व मंत्री सांपला बोले- इमरजेंसी वाले हालात बन गए
भाजपा के पूर्व मंत्री और एससी कमीशन के पूर्व चेयरमैन विजय सांपला ने कहा कि आज हमें वो वक्त याद रहा है जब इमरजेंसी के वक्त लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म दिया गया था। अब पंजाब में वैसे ही हालात हैं। लोगों की आवाज दुनिया तक न पहुंचे इसके लिए आज सभी न्यूजपेपर की गाड़ियां रोक दी गईं। पंजाब सरकार ने पंजाब के लोगों के साथ धक्का करना शुरू कर दिया है। सबको इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। अश्विनी शर्मा बोले- इमरजेंसी के बाद पहली बार ऐसी कार्रवाई
पंजाब बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि सुबह पुलिस ने अखबारों की गाड़ियां रोककर बंडलों की तलाशी ली, कई जगहों पर गाड़ियों को थानों तक ले जाया गया, और अखबार पढ़ने के बाद ही उन्हें आगे जाने दिया गया। अश्विनी शर्मा ने कहा कि “शीश महल की खबरों से घबराई आम आदमी पार्टी सरकार ने मीडिया पर हमला बोला है।” उनके मुताबिक, इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के बाद पहली बार पंजाब में इस तरह की कार्रवाई हुई है। अमृतसर प्रेस क्लब ने की पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली की निंदा
दी प्रेस क्लब ऑफ अमृतसर ने राज्य के कई जिलों में समाचार पत्र ले जा रही गाड़ियों को रोकने में पंजाब पुलिस के हस्तक्षेप की कड़ी निंदा की। अध्यक्ष राजेश गिल और महासचिव मनिंदर मोंगा ने कहा कि रविवार को पूरे राज्य में समाचार पत्रों का वितरण अधिकारियों द्वारा कड़ी वाहन जांच के कारण बाधित हो गया। कई मामलों में डिलीवरी वैन को पुलिस थानों में रोका गया, जिससे कर्मचारियों को अनावश्यक परेशानी हुई और पाठकों तक पहुंचने में काफी देरी हुई। ये मीडिया स्वतंत्रता पर सीधा हमला हैं। ऐसी चेकिंग को तुरंत रोकने, समाचार पत्रों के सुचारु संचालन की गारंटी देने की मांग की।
पंजाब में 1 और 2 नवंबर की दरम्यानी रात पुलिस ने विशेष अभियान चलाया जिसमें अखबार ले जा रहीं गाड़ियों को रोककर उनकी जांच की गई। यह चेकिंग रात दस बजे शुरू हुई जो सुबह तक चलती रही। अलग-अलग अखबारों के प्रिंटिंग सेंटरों से निकलीं गाड़ियों की राज्यभर में नाके लगाकर तलाशी ली गई। कई जगह डॉग स्क्वॉयड बुलवाए गए जबकि कुछ जगह गाड़ियों को थाने ले जाया गया। इसके चलते प्रदेश के ज्यादातर शहरों-कस्बों और गांवों में लोगों को सुबह अखबार समय पर नहीं मिल पाए। लुधियाना, अमृतसर, मोगा, फरीदकोट, कोटकपूरा, पठानकोट, फाजिल्का, अबोहर, बरनाला में न्यूजपेपर कई घंटे लेट पहुंचे। इससे अखबार बांटने वाले हॉकर और डिस्ट्रीब्यूटर नाराज दिखे। कुछ गाड़ियों के ड्राइवरों के मुताबिक, खासतौर पर 2 अखबारों की गाड़ियों की जांच की जा रही थी। कई जगह पुलिसवाले बंडल खोलकर अखबारों में लगी खबरें पढ़ रहे थे। इस पूरी कार्रवाई पर रविवार दोपहर तक पुलिस के किसी सीनियर अधिकारी की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। दोपहर 2.30 बजे पंजाब सरकार के पब्लिक रिलेशन महकमे (DPR) ने पुलिस की तरफ से एक बयान जारी किया। इसमें बताया गया कि इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर राज्यभर में कॉर्मिशयल व्हीकल्स की चेकिंग की गई। इसके कारण कुछ जगह अखबारों की डिलीवरी में देरी हुई। पुलिस भविष्य में ये सावधानी बरतेगी कि ऐसी जांच से आम जनता को कम से कम असुविधा हो। उधर, कांग्रेस और भाजपा ने इस चेकिंग की निंदा की। कांग्रेस विधायक परगट सिंह और बलविंदर सिंह धारीवाल ने इसे प्रेस की आवाज दबाने का प्रयास बताया। पंजाब BJP के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा और पार्टी के ही पूर्व मंत्री व एससी कमीशन के पूर्व चेयरमैन विजय सांपला ने इसे मीडिया का गला घोंटने की कोशिश बताया। अश्वनी शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ में केजरीवाल के शीशमहल की खबरों से AAP सरकार घबरा गई है। पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग ने कॉल करने पर फोन काट दिया। मामले से संबंधित PHOTOS… किस शहर में क्या हुआ… पंजाब पुलिस ने बयान में कहीं 3 बातें… खुफिया जानकारी के आधार पर चेकिंग : पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बयान में कहा- 1 और 2 नवंबर की दरम्यानी रात राज्यभर में सामान ले जाने वाले खासकर कॉमर्शियल व्हीकल्स की चेकिंग की। यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई। यह चेकिंग गजटेड अफसरों की निगरानी में तय स्थानों पर की गई, ताकि जनता को किसी तरह की असुविधा न हो और जांच सुव्यवस्थित ढंग से हो। पाकिस्तान की ओर से अशांति फैलाने की कोशिश : प्रवक्ता ने आगे कहा कि पंजाब सेंसिटिव बॉर्डर स्टेट है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ड्रोन के जरिए देश में ड्रग, हथियार और विस्फोटक भेजकर अशांति फैलाने की कोशिश करती रही है। बॉर्डर एरिया में डिलीवरी के बाद वहां से यह सामान वाहनों के जरिए राज्य के अलग-अलग इलाकों में पहुंचाए जाते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऐसी गतिविधियों में तेजी आई है। अखबारों की डिलीवरी में देरी, आगे ध्यान रखेंगे : प्रवक्ता ने बयान में आगे कहा- पंजाब पुलिस जनता की सुविधा का पूरा ध्यान रखती है। कुछ जगह से रिपोर्ट मिली कि अखबार ले जाने वाले वाहनों की चेकिंग से अखबारों की डिलीवरी में देरी हुई। पुलिस आगे से पूरी सावधानी रखेगी कि ऐसी जांच से आम जनता को न्यूनतम असुविधा हो। मौजूदा हालात में राज्य में मजबूत आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना बेहद जरूरी है। अमृतसर में ड्राइवरों के फोन भी ले लिए
अमृतसर से सुबह करीब 9 बजे अखबार की सप्लाई लेकर पहुंचे जीवन कुमार ने बताया कि पुलिसवालों ने सुबह चार बजे ढिलवां टोल पर उन्हें रोक लिया। ड्राइवरों के मोबाइल फोन ले लिए गए। इसके बाद पुलिसवाले हर गाड़ी में बैठ गए और उन्हें अमृतसर के एंट्री गेट, गोल्डन गेट तक लेकर आए। वहां डॉग स्क्वॉड की टीम बुलाकर गाड़ियों से अखबारों के सभी बंडल नीचे उतरवाने के बाद उन्हें खोल-खोलकर चेक किया गया। अमृतसर जिले के ज्यादातर देहाती एरिया में सुबह 10 बजे तक भी सप्लाई नहीं पहुंच पाई। कोटकपूरा के एजेंट बोले- RDX का इनपुट था
फरीदकोट जिले के सबसे बड़े शहर, कोटकपूरा के न्यूजपेपर एजेंट मनीष मल्होत्रा ने बताया कि उनके यहां भी अखबारों की सप्लाई लेट पहुंची। जालंधर और लुधियाना से अखबार लेकर आ रहे ड्राइवरों ने उन्हें बताया कि गाड़ियों को मोगा में धर्मकोट से पहले सतलुज नदी पर रोका गया। उनके मुताबिक- ड्राइवर ने उन्हें बताया कि पुलिस को किसी गाड़ी में RDX होने का इनपुट था। SHO बोले- गाड़ियां रोकने की वजह सीनियर अफसर बताएंगे
लुधियाना में अखबारों की गाड़ियां रोकने की वजह पूछने पर कोतवाली थाने के कार्यकारी SHO सुलखन सिंह ने बताया कि शनिवार रात 10 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक नाकेबंदी की गई थी। हालांकि, जब पूछा गया कि केवल न्यूजपेपर की गाड़ियां ही रोकी गईं या अन्य वाहन भी रोके? तो उन्होंने कहा कि इस बारे में सीनियर अधिकारी ही बता जाएंगे। हमारे पास इनपुट था। रोकी गई सारी गाड़ियों की लिस्ट बनाई गई है। परगट सिंह बोले- पंजाब में साइलेंट इमरजेंसी
जालंधर कैंट के कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने इस पूरी कार्रवाई की निंदा की। सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर डाली पोस्ट में परगट सिंह ने लिखा- पंजाब में प्रेस की आजादी पर सीधा हमला किया जा रहा है। आज सुबह भगवंत मान सरकार ने राज्यभर में अखबारों की सप्लाई रोक दी ताकि अरविंद केजरीवाल के 50 नंबर सरकारी कोठी में ठहरने की खबर जनता तक न पहुंच पाए। उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली लॉबी के लिए पंजाब के खजाने को लूटने के बाद अब सच्चाई छिपाने के लिए अखबारों का प्रकाशन बंद किया जा रहा है। पंजाब में लगाई जा रही इस साइलेंट इमरजेंसी को पंजाबी बर्दाश्त नहीं करेंगे। MLA धालीवाल ने कहा- प्रेस की आवाज दबाई जा रही
फगवाड़ा से कांग्रेस एमएलए बलविंदर सिंह धारीवाल ने कहा कि पंजाब की AAP सरकार ने 4 साल में पंजाब को नीचे गिराया है। लूट-खसूट चल रही है। सभी वर्ग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। अब प्रेस और सरकार के खिलाफ बोलने वालों की आवाज दबाई जा रही है। हम पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हैं। पूर्व मंत्री सांपला बोले- इमरजेंसी वाले हालात बन गए
भाजपा के पूर्व मंत्री और एससी कमीशन के पूर्व चेयरमैन विजय सांपला ने कहा कि आज हमें वो वक्त याद रहा है जब इमरजेंसी के वक्त लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म दिया गया था। अब पंजाब में वैसे ही हालात हैं। लोगों की आवाज दुनिया तक न पहुंचे इसके लिए आज सभी न्यूजपेपर की गाड़ियां रोक दी गईं। पंजाब सरकार ने पंजाब के लोगों के साथ धक्का करना शुरू कर दिया है। सबको इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। अश्विनी शर्मा बोले- इमरजेंसी के बाद पहली बार ऐसी कार्रवाई
पंजाब बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि सुबह पुलिस ने अखबारों की गाड़ियां रोककर बंडलों की तलाशी ली, कई जगहों पर गाड़ियों को थानों तक ले जाया गया, और अखबार पढ़ने के बाद ही उन्हें आगे जाने दिया गया। अश्विनी शर्मा ने कहा कि “शीश महल की खबरों से घबराई आम आदमी पार्टी सरकार ने मीडिया पर हमला बोला है।” उनके मुताबिक, इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के बाद पहली बार पंजाब में इस तरह की कार्रवाई हुई है। अमृतसर प्रेस क्लब ने की पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली की निंदा
दी प्रेस क्लब ऑफ अमृतसर ने राज्य के कई जिलों में समाचार पत्र ले जा रही गाड़ियों को रोकने में पंजाब पुलिस के हस्तक्षेप की कड़ी निंदा की। अध्यक्ष राजेश गिल और महासचिव मनिंदर मोंगा ने कहा कि रविवार को पूरे राज्य में समाचार पत्रों का वितरण अधिकारियों द्वारा कड़ी वाहन जांच के कारण बाधित हो गया। कई मामलों में डिलीवरी वैन को पुलिस थानों में रोका गया, जिससे कर्मचारियों को अनावश्यक परेशानी हुई और पाठकों तक पहुंचने में काफी देरी हुई। ये मीडिया स्वतंत्रता पर सीधा हमला हैं। ऐसी चेकिंग को तुरंत रोकने, समाचार पत्रों के सुचारु संचालन की गारंटी देने की मांग की।