हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में एक और अनोखी शादी सुर्खियों में आई है। शिलाई विधानसभा के नैनीधार क्षेत्र के दो सगे भाइयों ने बिना किसी कर्मकांड, बिना मंत्रोचारण, बिना पंडित-मौलवी और सात फेरों के बगैर शादी रचाई। हिंदू समुदाय के दोनों भाइयों ने भारत के संविधान को साक्षी मानकर शादी की। शादी के कार्ड पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई। अब इस शादी को लेकर सोशल मीडिया में खूब चर्चाएं हो रही है। कलोग गांव के सुनील और विनोद कुमार की शादी में काफी संख्या में मेहमान शामिल हुए और दोनों नवविवाहित कपल को आशीर्वाद दिया। सुनील कुमार की शादी कटाड़ी गांव की रितु और विनोद कुमार की नया गांव की रीना से शादी हुई। 2 अलग अलग गांव में गई बारात दोनों भाईयों ने बेशक अग्नि को साक्षी मानकर सात नहीं फेरे लिए, लेकिन सभी स्थानीय रीति रिवाज पूरे किए गए। इसमें 25 अक्टूबर को परंपरा के अनुसार मामा का स्वागत किया गया। इस दिन 400 से ज्यादा मेहमान शादी में पहुंचे। 26 अक्टूबर को सुबह 8 बजे दोनों भाईयों की अलग अलग गांव में बारात गई। शाम को दोनों भाई दुल्हन लेकर वापस कलोग गांव लौटे। बारात वापस पहुंचने पर दोनों भाइयों ने संविधान की शपथ ग्रहण की। शाम को घर पर 650 से ज्यादा मेहमान इस शादी के साक्षी बने। दोनों परिवारों ने सहमति जताई सुनील और विनोद दोनों सरकारी नौकरी करते हैं। दोनों ने संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर यह अनूठी पहल की। उनका मानना है कि विवाह दो दिलों का मेल है। इसके लिए, किसी परंपरागत रीति-रिवाज या कर्मकांड का होना आवश्यक नहीं है। दोनों भाइयों की इस सोच में वर व वधु तीनों परिवारों ने भी सहमति जताई। शादी के कार्ड पर भीम राव अंबेडकर व महात्मा बुद्ध की फ़ोटो इस विवाह के लिए छपवाए गए कार्ड (आमंत्रण पत्र) में एक तरफ महात्मा बुद्ध और दूसरी तरफ भीम राव अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई। दोनों भाइयों की साथी में स्थानीय रीति रिवाजों को बाकायदा पालन किया गया। अब यह शादी खूब चर्चा में आ गई है। इससे पहले दो भाइयों की एक लड़की शादी की थी चर्चा इससे पहले शिलाई क्षेत्र में ही दो सगे भाइयों ने एक लड़की से शादी की थी। शिलाई गांव के प्रदीप नेगी और कपिल नेगी ने नजदीकी कुनहाट गांव की सुनीता चौहान से विवाह किया। यह शादी भी पूरे देश में चर्चा का कारण बनी थी। अब बिना मंत्र व फेरे और संविधान की शपथ लेकर परिणय सूत्र में बंधे दो जोड़ों की शादी सुर्खियों में आई है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में एक और अनोखी शादी सुर्खियों में आई है। शिलाई विधानसभा के नैनीधार क्षेत्र के दो सगे भाइयों ने बिना किसी कर्मकांड, बिना मंत्रोचारण, बिना पंडित-मौलवी और सात फेरों के बगैर शादी रचाई। हिंदू समुदाय के दोनों भाइयों ने भारत के संविधान को साक्षी मानकर शादी की। शादी के कार्ड पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई। अब इस शादी को लेकर सोशल मीडिया में खूब चर्चाएं हो रही है। कलोग गांव के सुनील और विनोद कुमार की शादी में काफी संख्या में मेहमान शामिल हुए और दोनों नवविवाहित कपल को आशीर्वाद दिया। सुनील कुमार की शादी कटाड़ी गांव की रितु और विनोद कुमार की नया गांव की रीना से शादी हुई। 2 अलग अलग गांव में गई बारात दोनों भाईयों ने बेशक अग्नि को साक्षी मानकर सात नहीं फेरे लिए, लेकिन सभी स्थानीय रीति रिवाज पूरे किए गए। इसमें 25 अक्टूबर को परंपरा के अनुसार मामा का स्वागत किया गया। इस दिन 400 से ज्यादा मेहमान शादी में पहुंचे। 26 अक्टूबर को सुबह 8 बजे दोनों भाईयों की अलग अलग गांव में बारात गई। शाम को दोनों भाई दुल्हन लेकर वापस कलोग गांव लौटे। बारात वापस पहुंचने पर दोनों भाइयों ने संविधान की शपथ ग्रहण की। शाम को घर पर 650 से ज्यादा मेहमान इस शादी के साक्षी बने। दोनों परिवारों ने सहमति जताई सुनील और विनोद दोनों सरकारी नौकरी करते हैं। दोनों ने संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर यह अनूठी पहल की। उनका मानना है कि विवाह दो दिलों का मेल है। इसके लिए, किसी परंपरागत रीति-रिवाज या कर्मकांड का होना आवश्यक नहीं है। दोनों भाइयों की इस सोच में वर व वधु तीनों परिवारों ने भी सहमति जताई। शादी के कार्ड पर भीम राव अंबेडकर व महात्मा बुद्ध की फ़ोटो इस विवाह के लिए छपवाए गए कार्ड (आमंत्रण पत्र) में एक तरफ महात्मा बुद्ध और दूसरी तरफ भीम राव अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई। दोनों भाइयों की साथी में स्थानीय रीति रिवाजों को बाकायदा पालन किया गया। अब यह शादी खूब चर्चा में आ गई है। इससे पहले दो भाइयों की एक लड़की शादी की थी चर्चा इससे पहले शिलाई क्षेत्र में ही दो सगे भाइयों ने एक लड़की से शादी की थी। शिलाई गांव के प्रदीप नेगी और कपिल नेगी ने नजदीकी कुनहाट गांव की सुनीता चौहान से विवाह किया। यह शादी भी पूरे देश में चर्चा का कारण बनी थी। अब बिना मंत्र व फेरे और संविधान की शपथ लेकर परिणय सूत्र में बंधे दो जोड़ों की शादी सुर्खियों में आई है।