हरियाणा में आखिर 8 दिन के गतिरोध के बाद DGP पद से शत्रुजीत कपूर की छुट्टी हो गई है। उनकी जगह 1991 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश (ओपी) सिंह को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया है। सिंह की इसी साल 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है। मूलरूप से बिहार के जमुई जिले के नमून गांव के ओपी सिंह हरियाणा में नशे के खिलाफ राहगीरी का कांसेप्ट लाकर चर्चा में आए थे। बाद में राहगीरी को सरकार ने एडॉप्ट किया और काफी पॉपुलर हुआ। यही नहीं CM व मंत्री तक इसमें भाग ले चुके हैं। ओपी सिंह तत्कालीन सीएम मनोहरलाल खट्टर के विशेष सलाहकार के तौर पर भी काम कर चुके हैं। ओपी सिंह दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बहनोई हैं l सुशांत ने अपनी मां के निधन के बाद ओपी सिंह के यहां रह कर ही पढ़ाई-लिखाई की थी। सुशांत राजपूत डेथ मिस्ट्री देश भर में सुर्खियों में रही। ओपी सिंह ने उन्हें न्याय दिलाने की लड़ाई भी लड़ी। सुशांत राजपूत के चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह बबलू बिहार के छातापुर विधान सभा से वर्तमान विधायक एवं नीतीश कुमार सरकार मे पर्यावरण और वन मंत्री हैं l ओपी सिंह की इसी साल 31 दिसंबर को रिटायरमेंट
ओमप्रकाश सिंह (ओपी सिंह) 1991 बैच के आईपीएस हैं। उनकी इसी साल 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है। पहले उनकी रिटायरमेंट नजदीक होने के चलते 1993 बैच के आलोक मित्तल का नाम डीजीपी पद के लिए चर्चा में था। हालांकि एडिशनल चार्ज देते वक्त सरकार ने सिनियोरिटी लिस्ट को अनदेखा नहीं किया। पहले दो अफसरों की सिनियोरिटी नजर अंदाज कर कपूर बने थे डीजीपी
अगस्त 2023 में जब 1990 बैच के आईपीएस शत्रुजीत कपूर को डीजीपी बनाया गया था, उस वक्त खट्टर सरकार ने दो अफसरों की सिनियोरिटी को नजर अंदाज किया था। तब 1989 बैच के आईपीएस मोहम्मद अकील और डॉ. आरसी मिश्रा भी कतार में थे। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजने की चर्चा थी
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक डीजीपी का कार्यकाल कम से कम 2 साल होना चाहिए। ऐसे में शत्रुजीत कपूर का 2 साल का कार्यकाल अगस्त 2025 में पूरा हो गया था। तब चर्चा चली थी कि कपूर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं। हालांकि नायब सरकार ने कपूर को एक तरह से दूसरी टर्म की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद यह माना जा रहा था कि अब कपूर अपने रिटायरमेंट यानी 31 अक्टूबर 2026 तक सूबे के डीजीपी बने रहेंगे। आईपीएस सुसाइड केस में नाम आने पर बदली तस्वीर
7 अक्टूबर को आईपीएस वाई पूरन कुमार ने अपने घर में गोली मारकर सुसाइड कर लिया। उनके 8 पेज के लास्ट नोट में उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर का नाम बोल्ड अक्षरों में लिखा। बस यहीं से कपूर के लिए मुसीबत शुरू हो गई। दिवगंत आईपीएस की पत्नी IAS अमनीत पी कुमार पहले दिन से ही डीजीपी को हटाने की मांग पर अड़ी गईं। डीजीपी कपूर ने जापान से लौटे CM नायब सैनी के साथ बंद कमरे में बात करके अपना पक्ष रखा था। तब एक पक्ष ऐसा भी था जो डीजीपी कपूर को न हटाने की पैरवी कर रहा था। खट्टर सरकार के खास रहे कपूर को हटाने न हटाने को लेकर 8 दिन गतिरोध चलता रहा। नियमित DGP के लिए सिंघल, मित्तल और चावला कतार में
अभी ओपी सिंह को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया है। ऐसे में अभी नियमित डीजीपी लगाने की कवायद बाकी है। ओपी सिंह की तरह 1993 बैच के आईपीएस अजय सिंघल DG रैंक पर हैं। मूलरूप से रेवाड़ी के हैं। इन दिनों डीजी, ह्यूमन राइट्स एंड लिटिगेशन हैं। इनकी 31 अक्टूबर 2028 में रिटायरमेंट है। संयोग है कि ओपी सिंह की तरह सिंघल को भी 2008 में पुलिस मेडल और 2017 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिला। इलाहाबाद के हैं आईपीएस आलोक मित्तल
सीनियोरिटी की लिस्ट में अगला नंबर 1993 बैच के आईपीएस आलोक मित्तल का है। जो मूलरूप से इलाहाबाद के हैं और उनकी रिटायरमेंट 30 जून 2029 को है। वे अभी ADGP रैंक के हैं। उनकी DG रैंक में पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है। उन्हें 2009 में पुलिस मेडल और 2016 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिला। मित्तल अभी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के एडीजीपी हैं। साल 2022 से अगस्त 2023 तक शत्रुजीत कपूर भी इस भूमिका में थे। मधुबन पुलिस अकादमी के डायरेक्टर हैं चावला
डॉ. अर्शदीप चावला भी 1993 बैच के आईपीएस हैं। मूलरूप से अंबाला के हैं। उनकी रिटायरमेंट 30 सितंबर 2027 को है। अभी वो मधुबन पुलिस अकादमी के डायरेक्टर हैं।
हरियाणा में आखिर 8 दिन के गतिरोध के बाद DGP पद से शत्रुजीत कपूर की छुट्टी हो गई है। उनकी जगह 1991 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश (ओपी) सिंह को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया है। सिंह की इसी साल 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है। मूलरूप से बिहार के जमुई जिले के नमून गांव के ओपी सिंह हरियाणा में नशे के खिलाफ राहगीरी का कांसेप्ट लाकर चर्चा में आए थे। बाद में राहगीरी को सरकार ने एडॉप्ट किया और काफी पॉपुलर हुआ। यही नहीं CM व मंत्री तक इसमें भाग ले चुके हैं। ओपी सिंह तत्कालीन सीएम मनोहरलाल खट्टर के विशेष सलाहकार के तौर पर भी काम कर चुके हैं। ओपी सिंह दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बहनोई हैं l सुशांत ने अपनी मां के निधन के बाद ओपी सिंह के यहां रह कर ही पढ़ाई-लिखाई की थी। सुशांत राजपूत डेथ मिस्ट्री देश भर में सुर्खियों में रही। ओपी सिंह ने उन्हें न्याय दिलाने की लड़ाई भी लड़ी। सुशांत राजपूत के चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह बबलू बिहार के छातापुर विधान सभा से वर्तमान विधायक एवं नीतीश कुमार सरकार मे पर्यावरण और वन मंत्री हैं l ओपी सिंह की इसी साल 31 दिसंबर को रिटायरमेंट
ओमप्रकाश सिंह (ओपी सिंह) 1991 बैच के आईपीएस हैं। उनकी इसी साल 31 दिसंबर को रिटायरमेंट है। पहले उनकी रिटायरमेंट नजदीक होने के चलते 1993 बैच के आलोक मित्तल का नाम डीजीपी पद के लिए चर्चा में था। हालांकि एडिशनल चार्ज देते वक्त सरकार ने सिनियोरिटी लिस्ट को अनदेखा नहीं किया। पहले दो अफसरों की सिनियोरिटी नजर अंदाज कर कपूर बने थे डीजीपी
अगस्त 2023 में जब 1990 बैच के आईपीएस शत्रुजीत कपूर को डीजीपी बनाया गया था, उस वक्त खट्टर सरकार ने दो अफसरों की सिनियोरिटी को नजर अंदाज किया था। तब 1989 बैच के आईपीएस मोहम्मद अकील और डॉ. आरसी मिश्रा भी कतार में थे। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजने की चर्चा थी
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक डीजीपी का कार्यकाल कम से कम 2 साल होना चाहिए। ऐसे में शत्रुजीत कपूर का 2 साल का कार्यकाल अगस्त 2025 में पूरा हो गया था। तब चर्चा चली थी कि कपूर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं। हालांकि नायब सरकार ने कपूर को एक तरह से दूसरी टर्म की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद यह माना जा रहा था कि अब कपूर अपने रिटायरमेंट यानी 31 अक्टूबर 2026 तक सूबे के डीजीपी बने रहेंगे। आईपीएस सुसाइड केस में नाम आने पर बदली तस्वीर
7 अक्टूबर को आईपीएस वाई पूरन कुमार ने अपने घर में गोली मारकर सुसाइड कर लिया। उनके 8 पेज के लास्ट नोट में उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर का नाम बोल्ड अक्षरों में लिखा। बस यहीं से कपूर के लिए मुसीबत शुरू हो गई। दिवगंत आईपीएस की पत्नी IAS अमनीत पी कुमार पहले दिन से ही डीजीपी को हटाने की मांग पर अड़ी गईं। डीजीपी कपूर ने जापान से लौटे CM नायब सैनी के साथ बंद कमरे में बात करके अपना पक्ष रखा था। तब एक पक्ष ऐसा भी था जो डीजीपी कपूर को न हटाने की पैरवी कर रहा था। खट्टर सरकार के खास रहे कपूर को हटाने न हटाने को लेकर 8 दिन गतिरोध चलता रहा। नियमित DGP के लिए सिंघल, मित्तल और चावला कतार में
अभी ओपी सिंह को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया है। ऐसे में अभी नियमित डीजीपी लगाने की कवायद बाकी है। ओपी सिंह की तरह 1993 बैच के आईपीएस अजय सिंघल DG रैंक पर हैं। मूलरूप से रेवाड़ी के हैं। इन दिनों डीजी, ह्यूमन राइट्स एंड लिटिगेशन हैं। इनकी 31 अक्टूबर 2028 में रिटायरमेंट है। संयोग है कि ओपी सिंह की तरह सिंघल को भी 2008 में पुलिस मेडल और 2017 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिला। इलाहाबाद के हैं आईपीएस आलोक मित्तल
सीनियोरिटी की लिस्ट में अगला नंबर 1993 बैच के आईपीएस आलोक मित्तल का है। जो मूलरूप से इलाहाबाद के हैं और उनकी रिटायरमेंट 30 जून 2029 को है। वे अभी ADGP रैंक के हैं। उनकी DG रैंक में पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है। उन्हें 2009 में पुलिस मेडल और 2016 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिला। मित्तल अभी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के एडीजीपी हैं। साल 2022 से अगस्त 2023 तक शत्रुजीत कपूर भी इस भूमिका में थे। मधुबन पुलिस अकादमी के डायरेक्टर हैं चावला
डॉ. अर्शदीप चावला भी 1993 बैच के आईपीएस हैं। मूलरूप से अंबाला के हैं। उनकी रिटायरमेंट 30 सितंबर 2027 को है। अभी वो मधुबन पुलिस अकादमी के डायरेक्टर हैं।