हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई. पूरन कुमार के सुसाइड मामले को लेकर पूरे राज्य में तनाव और अलर्ट का माहौल है। जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए, हरियाणा सरकार ने पुलिस और प्रशासन को सख्त निगरानी रखने और शांति बनाए रखने का निर्देश दिया है। सरकार ने सभी बड़े अधिकारियों (कमिश्नर, डीसी, एसपी) को पत्र लिखकर कहा है कि वे क्षेत्रिय नेताओं के साथ मिलकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी अप्रिय घटना न हो। उन्हें एक्टिव रूप से कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने एक 8 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया समेत आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर “गंभीर जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” का आरोप लगाया है। जानिए हरियाणा सरकार द्वारा भेजे पत्र में क्या लिखा.. मंगलवार को विरोध प्रदर्शन की धमकी दी थी
वहीं रविवार 12 अक्टूबर को आईपीएस अधिकारी पूरन के परिवार को न्याय दिलाने के लिए गठित 31 सदस्यीय समिति ने सरकार को कपूर और बिजारनिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया, ऐसा न करने पर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है। इसको देखते हुए सरकार ने 13 अक्टूबर सोमवार देर रात डीजीपी कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है और उनके स्थान पर ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त कर दिया है। हरियाणा में दलित संगठन व विपक्ष कर रहा विरोध
बता दें कि आईपीएस अधिकारी के सुसाइड मामले को लेकर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कई दलित संगठनों और कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने हर जिला मुख्यालय पर इसको लेकर प्रदर्शन किया है। वहीं दलित संगठन लगातार विरोध जता रहे हैं। इसी को देखते हुए अब पूरे हरियाणा में अलर्ट जारी किया है।
हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई. पूरन कुमार के सुसाइड मामले को लेकर पूरे राज्य में तनाव और अलर्ट का माहौल है। जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए, हरियाणा सरकार ने पुलिस और प्रशासन को सख्त निगरानी रखने और शांति बनाए रखने का निर्देश दिया है। सरकार ने सभी बड़े अधिकारियों (कमिश्नर, डीसी, एसपी) को पत्र लिखकर कहा है कि वे क्षेत्रिय नेताओं के साथ मिलकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी अप्रिय घटना न हो। उन्हें एक्टिव रूप से कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने एक 8 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया समेत आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर “गंभीर जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” का आरोप लगाया है। जानिए हरियाणा सरकार द्वारा भेजे पत्र में क्या लिखा.. मंगलवार को विरोध प्रदर्शन की धमकी दी थी
वहीं रविवार 12 अक्टूबर को आईपीएस अधिकारी पूरन के परिवार को न्याय दिलाने के लिए गठित 31 सदस्यीय समिति ने सरकार को कपूर और बिजारनिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया, ऐसा न करने पर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है। इसको देखते हुए सरकार ने 13 अक्टूबर सोमवार देर रात डीजीपी कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है और उनके स्थान पर ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त कर दिया है। हरियाणा में दलित संगठन व विपक्ष कर रहा विरोध
बता दें कि आईपीएस अधिकारी के सुसाइड मामले को लेकर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कई दलित संगठनों और कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने हर जिला मुख्यालय पर इसको लेकर प्रदर्शन किया है। वहीं दलित संगठन लगातार विरोध जता रहे हैं। इसी को देखते हुए अब पूरे हरियाणा में अलर्ट जारी किया है।